NCERT Solution Class 6th Science Chapter – 16 कचरा-संग्रहण एवं निपटान (Garbage In, Garbage Out) Notes in Hindi

NCERT Solution Class 6th Science Chapter - 16 कचरा-संग्रहण एवं निपटान (Garbage In, Garbage Out) Notes in Hindi
Last Doubt

NCERT Solution Class 6th Science Chapter – 16 कचरा-संग्रहण एवं निपटान (Garbage In, Garbage Out)

Textbook NCERT
Class 6th
Subject विज्ञान (Science)
Chapter16th
Chapter Nameकचरा-संग्रहण एवं निपटान(Garbage In, Garbage Out)
CategoryClass 6th विज्ञान (Science)
MediumHindi
Source Last Doubt
NCERT Solution Class 6th Science Chapter – 16 कचरा-संग्रहण एवं निपटान (Garbage In, Garbage Out) Notes in Hindi  जिसमे हम, कचरा, कचरे का निपटान, कचरे में दो प्रकार के पदार्थ होते हैं, कचरा-संग्रहण एवं निपटान, कचरा संग्रहण एवं निपटान, कचरा संग्रहण एवं निपटान प्रश्न उत्तर, कचरा संग्रहण एवं उसका निपटारा कम्पोस्ट, वर्मीकम्पोसट या कृमिकम्पोस्ट, कचरा कम करने के तरीके, कम उपयोग, कचरा संग्रहण और निपटान क्या है, कचरा संग्रहण एवं उसका निपटान यदि हमारे घरों एवं आस पास के क्षेत्र से कूड़ा न हटाया जाए तो क्या होगा, कचरा संग्रहण का समय क्या है, कचरा का प्रबंधन कैसे करें, कचरे का उचित निपटान क्यों महत्वपूर्ण है, डस्टबिन कितने प्रकार के होते हैं, कचरा का उदाहरण क्या है, भारत में कितने कचरा है, कचरा कब बनाया जाता है, कचरा कहां से उत्पन्न होता है, नीले डस्टबिन में कौन सा कचरा डालते हैं, लाल डस्टबिन में क्या डाला जाता है, Black डस्टबिन में कौन सा कचरा डाला जाता है, आदि के बारे में पढ़ेंगे।

NCERT Solution Class 6th Science Chapter – 16 कचरा-संग्रहण एवं निपटान (Garbage In, Garbage Out)

Chapter – 16

कचरा संग्रहण एवं निपटान

Notes

कचरा (Garbage) किसे कहते है

कचरा – हम प्रतिदिन ढ़ेर सारा कचरा अपने घर से लेके बाहर तक उत्पन्न करते हैं। जो चीज हमारे किसी उपयोग की नहीं होती है उसे कचरा कहते हैं। घर से निकले हुए कू‌ड़े कचरे में सब्जियों और फलों के छिलके, बचा हुआ खाना, कागज, प्लास्टिक और कई अन्य वस्तु भी होते हैं। हमारे घरों और आसपास स्वच्छता रखने के लिए कचरे का सही तरीके से साफ़ सफाई करना जरूरी होता है। क्योंकि यदि हम सही तरीके से इन कचरों को साफ नहीं करते हैं तो हमारे घर के आस-पास कई तरह के बीमारी के फैलाव होने का समस्या उत्पन्न हो सकता है

कचरे की सफाई (Garbage Cleaning) कैसे की जाती है

कचरे का सफाई – हम अक्सर सड़क के किनारे रखे कूड़ेदान में कचरा डालते हैं। कुछ बड़े शहरों में सफाई कर्मचारी हर घर जाकर कचरा इकट्ठा करते हैं। उसके बाद सफाई कर्मचारी उस कचरे को किसी जगह पे इकट्ठा करते हैं। फिर वहाँ से नगरपालिका का ट्रक कचरा उठाकर ले जाता है। इस कचरे को भराव स्थल पर पहुँचा दिया जाता है। भराव स्थल अक्सर रिहायशी इलाके से दूर बनाये जाते हैं। ताकि आसपास किसी भी प्रकार की समस्या उत्पन्न ना हो सके और वहां के रहने वाले लोगों के लिए किसी भी प्रकार की समस्या कचरे से उत्त्पन्न न हो

कचरे में दो प्रकार के पदार्थ होते हैं

कचरे के प्रकार – उपयोगी और अनुपयोगी। उपयोगी पदार्थ का पुन: चक्रण करके नये सामान का निर्माण किया जाता हैं। अनुपयोगी पदार्थ को भराव स्थल पर डाल दिया जाता है और फिर मिट्टी से ढ़क दिया जाता है। इस कचरे को कम से कम 20 वर्षों के लिए छोड़ दिया जाता है।  उसके बाद ही भराव स्थल पर कोई निर्माण कार्य किया जा सकता है। ऐसे स्थानों पर अक्सर पार्क बनाये जाते हैं। दिल्ली का मिलेनियम पार्क (Millennium Park) ऐसे ही भराव स्थल पर बना हुआ है।

कम्पोस्ट (Compost) क्या होता है

कचरे में दो प्रकार के पदार्थ होते हैं जैव निम्नीकरणीय और जैव अनिम्नीकरणीय जो पदार्थ सूक्ष्म जीवों द्वारा विगलित हो जाते हैं उन्हें जैव निम्नीकरणीय पदार्थ कहते हैं। सजीवों स्रोतों से मिलने वाले अपशिष्ट जैव निम्नीकरणीय होते हैं। ऐसे पदार्थों से कम्पोस्ट बनाया जा सकता है। किसान अक्सर खेती के अपशिष्ट, पत्तियों, फसलों की डंठलो और गोबर से कम्पोस्ट बनाते हैं। इसके लिए जमीन पर एक गड्ढ़ा खोदा जाता है। इस गड्ढ़े की तली में एक जाली या रेत की एक परत बिछाई जाती है। उसके बाद कचरे की परतें बिछाई जाती हैं। लगभग दो महीने के बाद, कचरा मिट्टी जैसे पदार्थ में बदल जाता है, जिसे कम्पोस्ट कहते हैं। कम्पोस्ट एक बहुत अच्छी खाद का काम करता है, जिससे मिट्टी अधिक उपजाऊ बनती है।

कचरा कम करने के तरीके को बताये

कचरा कम करने के लिए हम कुछ कदम उठा सकते हैं। इसके लिये हमें तीन R के सिद्धांत का पालन करना होगा। तीन R का मतलब होता है REDUCE (कम उपयोग), RECYCLE (पुन: चक्रण), REUSE (पुन: उपयोग)

कचरा कम करने के तरीके निम्नलिखित हो सकते है

पुनर्चक्रण – अपने घर या कार्यालय में उत्पादों को पुनर्चक्रण करें। इससे हम अपनी पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचा सकते है

कम्पोस्टिंग – अपने घर या घर के आस पास कचरे को कम करने के लिए कम्पोस्टिंग का उपयोग करें। कम्पोस्टिंग खाद को बनाने के लिए किचन वेस्ट, पत्तियां, गोबर और अन्य अपशिष्टों का उपयोग किया जा सकता हैं।

इसके अलावा आप अपने घर या कार्यालय में ऐसे सामान का उपयोग दुबारा कर सकते हैं, जिसे कुछ मरम्मत करने के बाद पुनः उपयोग किया जा सकता है कचरे को अपने घर या कार्यालय से उठाने से पहले उन्हें अलग-अलग कंटेनर में इकट्ठा करें। इससे आप अलग-अलग प्रकार के कचरे को अलग-अलग ढंग से वितरित कर सकते हैं और उन्हें सही ढंग से बरामद कर सकते हैं।

पुन: चक्रण (Recycling) क्या होता है

कई चीजों के पुन चक्रण से नये सामान बनाये जा सकते हैं। काँच, अखबार, अलमुनियम, आदि का पुन: चक्रण किया जा सकता है। कुछ खास तरह के प्लास्टिक का भी पुन: चक्रण किया जा सकता है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें किसी भी वस्तु को दुबारा किसी अन्य वस्तु में परिवर्तित किया जा सकता है पुनर्चक्रण कहलाता है

प्लास्टिक हमारे लिए वरदान या अभिशाप है (Plastic boon or Curse)

प्लास्टिक हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा बन गया है। यह निम्नलिखित कारणों से हमारे जीवन में वरदान बन गया है

प्लास्टिक हल्के वजन, लचीले, कम लागत और पानी प्रतिरोधी हैं
प्लास्टिक के कंटेनरों ने कांच और कागज के कंटेनरों को बदल दिया है।
प्लास्टिक की थैलियां पुन: प्रयोज्य हैं और इन्हें पुनर्नवीनीकरण किया जा सकता है।
प्लास्टिक की नलियों, बोतलों का प्रयोग बड़े पैमाने पर प्रयोगशाला के उपकरणों, सीरिंजों, बोतलों आदि में किया जाता है।
प्लास्टिक का उपयोग हल्के वजन के फर्नीचर, खिलौने, बक्से बनाने के लिए किया जाता है! और कई अन्य घरेलू उपकरण।
यह आसानी से उपलब्ध होने के साथ-साथ सस्ता भी है।
प्लास्टिक के कंटेनर हमारी रसोई में हो गए हैं क्योंकि उन्हें संभालना आसान है और जल्दी से धोना है। वास्तव में, हम प्लास्टिक के बिना जीवन की कल्पना नहीं कर सकते।

प्लास्टिक एक उपयोगी मानव आविष्कार है, जिसने हमारे जीवन को बहुत सुविधाजनक बनाया है। हम प्लास्टिक का उपयोग अपने घरों, दफ्तरों, वाहनों, उपकरणों और अन्य बस्तुओं में करते हैं। यह स्थायी और सुविधाजनक होता है। हालांकि, प्लास्टिक का बढ़ता उपयोग और उसके अनियंत्रित विसर्जन के कारण, वह एक विशाल वातावरणिक समस्या बन गया है।

प्लास्टिक की बर्बादी धरती, वातावरण, जलवायु और जीवन के लिए बहुत नुकसानदायक हो सकती है। इसलिए, प्लास्टिक एक अभिशाप भी हो सकता है यदि हम उसे अधिक मात्रा में उपयोग करते हैं और उसे सही ढंग से नष्ट नहीं करते हैं।

इसलिए, हमें प्लास्टिक के उपयोग पर नजर रखने की आवश्यकता है और इसके उपयोग को सही ढंग से व्यवस्थित करना जरुरी है। इसके लिए हमें उसे पुनर्चक्रण करना चाहिए।

कागज का पुनर्चक्रण कैसे होता है (Paper Recycling)

बेकार कागज की रिसाइक्लिंग Recycling की प्रक्रिया में अक्सर पुराने कागज को तोड़ने के लिए पानी और रसायन मिलाए जाते हैं। यदि हम सभी बेकार कागज की रिसाइक्लिंग करते है तो इससे हमें कई तरह के फायदे देखने को मिलता है इससे पेड़ की कटाई भी काम हो जाएगी और हम अपने पर्यावरण को सुरक्षित रख सकते है। 

कागज का पुनर्चक्रण दो तरीकों से हो सकता है

मैकेनिकल पुनर्चक्रण और धातुरूपी पुनर्चक्रण

यांत्रिक पुनर्चक्रण- यांत्रिक पुनर्चक्रण में पुराने कागज को रीसायकल किया जाता है जिससे नये कागज का निर्माण होता है। इस प्रक्रिया में पहले पुराने कागज को जमा किया जाता है और फिर इसे यंत्र में डाला जाता है। इस यन्त्र के माध्यम से पुराने कागज को गैर-कागजी तत्वों से अलग किया जाता है और फिर इसे चक्की में पिसा जाता है। इस प्रक्रिया में पुराने कागज को अन्य तत्वों के साथ मिलाकर नए कागज का निर्माण किया जाता है।

धातुरूपी पुनर्चक्रण – धातुरूपी पुनर्चक्रण में पुराने कागज को अलग-अलग धातुओं से मिलाकर नए कागज का निर्माण किया जाता है। इस प्रक्रिया में पहले पुराने कागज को अलग अलग टुकड़ों में काटा जाता है और फिर इसे सोडियम हाइड्रॉक्साइड Sodium hydroxide और अन्य रसायनों के साथ मिलाया जाता है। इस प्रक्रिया में नए कागज का निर्माण किया जाता है

कचरे से होने वाले दुष्प्रभाव के बारे में बातये (Side Effects of Waste)

आज के समय में प्रकृति के लिए सबसे बड़ा खतरा कचरा है। वे वस्तुए जिनकी उपयोगिता खत्म हो गई हो इन्हें हम कचरे की श्रेणी में शामिल करते है। जैसा की आप सभी जानते है आज के समय में सभी अपनी मनमानी करते हुए कचरे को फैलाते है जिससे हमारे चारो तरफ गन्दगी फैलती है। आज के लोग कचरे को अलग अलग जगह पर फेंक देते है। जगह जगह पर कचरे के होने से अनेक बीमारियां जन्म लेती है। इसलिए सरकार ने कचरे के निस्तारण के लिए कचरा प्रबंध भी किया है। पर आज के समय में लोगो की जागरूकता के अभाव में कचरे के निस्तारण की तरफ किसी का भी ध्यान नहीं जाता है इसलिए हमें ऐसे लोगो को कचरा प्रबंध के लिए जागरुक करना होगा। कचरे के इधर उधर डालने से कचरे पर अनेक जीवाणु तथा विषाणु पनपते है जिससे अनेक बीमारियों से खतरा बना रहता है।

स्वच्छ भारत अभियान से क्या समझते है (Swachh Bharat Mission)

स्वच्छ भारत अभियान भारत सरकार द्वारा चलाया गया सबसे महत्वपूर्ण स्वच्छता अभियान है। स्वच्छ भारत अभियान भारत सरकार द्वारा आरम्भ किया गया राष्ट्रीय स्तर का अभियान है जिसका उद्देश्य गलियों, सड़कों तथा गलियों को साफ-सुथरा करना और कूड़ा साफ रखना है। यह अभियान 2 अक्टूबर, 2014 को आरम्भ किया गया। राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने देश को दासता से मुक्त कराया, परन्तु ‘स्वच्छ भारत’ का उनका सपना पूरा नहीं हुआ। इसी कारण से हम सभी भारत के लोगो का ये कर्तव्य बनता है की  देश को साफ़ रखे।

अपशिष्ट क्या होता है

जब किसी भी पदार्थ का इस्तेमाल करने या इस्तेमाल होने के बाद जो भी पदार्थ शेष बच जाता हैं उसे अपशिष्ट या अवांछित पदार्थ कहते है। उदाहरण के लिए फल व सब्जियों का शेष बचा हुआ छिल्का, नगरपालिका द्वारा (घरेलु कचरा), शारीरिक मल-मूत्र इत्यादि।

भराव क्षेत्र से क्या समझते है

सफाई कर्मचारी कूड़ा एकत्र करके ट्रकों द्वारा निचले खुले क्षेत्रों में, जहाँ गहरे गड्ढे (गर्त) होते हैं उन जगहों में दाल देते है इन खुले क्षेत्रों को भराव क्षेत्र कहते हैं।

वर्मीकंपोस्टिंग (Vermi compost) से क्या समझते है

किसानो के मित्र माने जाने वाले केंचुए जिसकी एक प्रजाति जो की लाल केंचुए है। इन्हीं केंचुए की सहायता से एक किस्म का कंपोस्ट यानी खाद को तैयार किया जाता है। जिसे हम वर्मीकंपोस्टिंग (Vermicompost) के नाम से जानते है। इसका दूसरा नाम जो की कृमि कम्पोस्टिंग भी है।
महत्वपूर्ण बातें
भराव क्षेत्र वह स्थान है, जहाँ शहर अथवा नगर के कचरे को एकत्र करके पाटा जाता है। कालांतर में इस क्षेत्र में पार्क बना देते हैं।

रसोई घर के अपशिष्ट सहित पौधों एवं जंतु अपशिष्टों को खाद में परिवर्तित करना कंपोस्टिंग कहलाता है।

रसोई घर के कचरे को कृमि अथवा लाल केंचुओं द्वारा से कंपोस्ट में परिवर्तित करना, वर्मीकंपोस्टिंग कहलाता है।

कागज़ का पुन:चक्रण संभव है तथा पुन:चक्रण द्वारा बने कागज़ से उपयोगी चीजें बनाई जा सकती हैं।

कंपोस्टिंग द्वारा प्लास्टिक को कम हानिकारक पदार्थों में परिवर्तित करना संभव नहीं है।

हमें कम से कम अपशिष्ट उत्पन्न करने की आवश्यकता है। हमें अपने चारों ओर कचरे की बढ़ती मात्रा से निपटने के उपाय खोजने चाहिए।

प्रश्न 1. कचरा क्या है इसका निपटान कैसे किया जाता है?

कचरे में दो प्रकार के पदार्थ होते हैं: उपयोगी और अनुपयोगी। उपयोगी पदार्थ का पुन:चक्रण करके नये सामान बनाये जा सकते हैं।

प्रश्न 2. कचरा संग्रहण एवं उसका निपटान यदि हमारे घरों एवं आस पास के क्षेत्र से कूड़ा न हटाया जाए तो क्या होगा?

अगर हमारे घरों एवं आस-पास से कूड़ा न हटाया जायेगा, तो इस कचरे से चारों तरफ दुर्गंध फैल जायेगी। इससे पर्यावरण प्रदूषण भी बढ़ेगा और हम अनेक प्रकार की बीमारियों से ग्रसित हो जायेंगे।

प्रश्न 3. कचरे के निपटान का सबसे सस्ता तरीका क्या है?

अनुपयोगी पदार्थ को भराव स्थल पर डाल दिया जाता है और फिर मिट्टी से ढ़क दिया जाता है। इस कचरे को कम से कम 20 वर्षों के लिए छोड़ दिया जाता है। तो उसके बाद ही भराव स्थल पर कोई निर्माण कार्य किया जा सकता है। ऐसे स्थानों पर अक्सर पार्क बनाये जाते हैं।

प्रश्न 4. कचरे का निपटान क्यों आवश्यक है?

कूड़े-कचरे का सही प्रकार से निष्पादन न होने से पर्यावरण गन्दा होता है। दुर्गन्ध फैलने के अतिरिक्त इसमें कीटाणु भी पनपते हैं जो कि विभिन्न रोगों के कारक होते हैं। ऐसे स्थानों पर मच्छर, मक्खियाँ और चूहे भी पनपते हैं।

प्रश्न 5. कचरे से निपटने का सबसे अच्छा तरीका क्या है?

उपयोगी पदार्थ का पुन:चक्रण करके नये सामान बनाये जा सकते हैं। अनुपयोगी पदार्थ को भराव स्थल पर डाल दिया जाता है और फिर मिट्टी से ढ़क दिया जाता है। इस कचरे को कम से कम 20 वर्षों के लिए छोड़ दिया जाता है। उसके बाद ही भराव स्थल पर कोई निर्माण कार्य किया जा सकता है।

प्रश्न 6. कचरा संग्रहण से आप क्या समझते हैं?

कचरे में दो प्रकार के पदार्थ होते हैं: उपयोगी और अनुपयोगी। उपयोगी पदार्थ का पुन:चक्रण करके नये सामान बनाये जा सकते हैं। अनुपयोगी पदार्थ को भराव स्थल पर डाल दिया जाता है और फिर मिट्टी से ढ़क दिया जाता है। इस कचरे को कम से कम 20 वर्षों के लिए छोड़ दिया जाता है।

प्रश्न 7. कचरा प्रबंधन के लिए सर्वप्रथम क्या उपाय किया जाना चाहिए?

कचरा प्रबन्धन के लिए सर्वप्रथम कूड़े-करकट को घर से बाहर निकालने की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए।

प्रश्न 8. कचरा प्रबंधन के तीन ‘आर’ क्या है?

कचरे से छुटकारा पाने के लिए 3 ”R” के नियम में Reduce, Reuse और Recycle शामिल हैं।

प्रश्न 9. कचरे की देखभाल करना क्यों महत्वपूर्ण है?

कचरे की देखभाल करना बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे हमारी पृथ्वी को स्वच्छ और सुरक्षित बनाए रखा जा सकता है। कचरा जमा होने से न केवल हमारे आसपास के वातावरण को अधिक गन्दा बनाता है, बल्कि यह प्रदूषण, जैव उपघाटन, वायु प्रदूषण, जल संकट और अन्य समस्याओं को भी बढ़ाता है।

प्रश्न 10. अनाज, दालें, बिस्कुट, दूध अथवा तेल जिन्हें हम दुकानों से खरीदते हैं प्रायः किस पदार्थों में पैक होते हैं?

प्लास्टिक की थैलियों (Plastic Bags) अथवा टिनों (Tins) में।

प्रश्न 11. पैकिंग की वस्तुओं को हम क्या करते हैं?

पैकिंग की वस्तुओं को हम कचरे में फेंक देते हैं।

प्रश्न 12. हम कौन-से घरेलू अपशिष्ट को बाहर फेंकते हैं?

टूटे खिलौने, पुराने कपड़े, जूते और चप्पल आदि।

प्रश्न 13. पहेली और बूझो के विद्यालयों में बच्चों के लिए कौन-सी परियोजना प्रारंभ की है?

कचरे का निपटान नामक परियोजना।

प्रश्न 14. भूमि भराव किसे कहते हैं?

निचले खुले क्षेत्र जहाँ गहरे गढे (खड्डे) होते हैं, वहां कचरा फेंकने को भूमि भराव कहते हैं।

प्रश्न 15 . कचरे में कितने अवयव होते हैं?

कचरे में उपयोगी और अनुपयोगी दो तरह के अवयव होते हैं।

प्रश्न 16. कचरे के किस अवयव को भराव क्षेत्र में फैलाकर मिट्टी से ढक दिया जाता है?

अनुपयोगी अवयव को पृथक कर लेते हैं और फिर इसे भराव क्षेत्र में फैलाकर मिट्टी की परत से ढक देते हैं।

प्रश्न 17. जब भराव क्षेत्र पूरी तरह से भर जाता है तब प्रायः इस पर क्या बना देते हैं?

इस पर पार्क अथवा खेल का मैदान बना देते हैं। इस मैदान में अगले 20 वर्षों तक किसी प्रकार के भवन का निर्माण नहीं किया जाता है। इसके अतिरिक्त कचरे के उपयोगी अवयवों के निपटान के लिए भराव क्षेत्रों के पास कम्पोस्ट बनाने वाले क्षेत्र विकसित किए जाते हैं।

प्रश्न 18. उपयोगी अवयव का निपटान कैसे किया जाता है?

कंपोस्ट बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है।

प्रश्न 19. दो प्रकार के कचरे को एकत्र करने वाले कूड़ेदानों के रंग कैसे होते हैं?

नीला कूड़ेदान, हरा कूड़ेदान

प्रश्न 20. नीले कूड़ेदान में किस प्रकार का कचरा डाला जाता है?

नीले कूड़ेदान में पुनः उपयोग किए जा सकने वाले पदार्थ जैसे प्लास्टिक धातुएं एवं कांच आदि डाले जाते हैं।

प्रश्न 21. हरे कूड़ेदान में किस प्रकार का कचरा डाला जाता है?

हरे कूड़ेदान में विघटित होने वाला कचरा जैसे फलों, सब्जियों के छिलके आदि डाले जाते हैं।

प्रश्न 22. सूखी पत्तियां, फसली पादपों के अपशिष्टों को जलाना क्यों नहीं चाहिए?

इन्हें जलाने से हानिकारक गैसें और धुआँ उत्पन्न होता है।

प्रश्न 23. सूखी पत्तियाँ, फसली पादपों के अपशिष्टों को क्या करना चाहिए?

सूखी पत्तियाँ, फसली पादपों के अपशिष्टों से कंपोस्ट खाद तैयार करनी चाहिए।

प्रश्न 24. किसान के मित्र कौन-से कीड़े होते हैं? कक्षा 6

केंचुआ किसान का मित्र कीड़ा होता है।

प्रश्न 25. कृमि कम्पोस्ट अथवा वर्मी कंपोस्टिंग किसे कहते हैं?

लाल केंचुओं की सहायता से कंपोस्ट बनाने की विधि को कृमि कंपोस्टिंग अथवा वर्मी कंपोस्टिग कहते हैं।

NCERT Solutions Class 6th Science Notes All Chapter 
Chapter 1- भोजन यह कहाँ से आता है
Chapter 2 – भोजन के घटक
Chapter 3 – तंतु से वस्त्र तक
Chapter 4 – वस्तुओं के समूह बनाना
Chapter 5 – पदार्थों का पृथक्करण
Chapter 6 – हमारे चारो ओर के परिवर्तन
Chapter 7 – पौधो को जानिए
Chapter 8 – शरीर में गति
Chapter 9 – सजीव एवं उनका परिवेश
Chapter 10 – गति एवं दूरियों का मापन
Chapter 11 – प्रकाश – छायाएं एवं परिवर्तन
Chapter 12 – विद्युत् तथा परिपथ
Chapter 13 – चुंबको द्वारा मनोरंजन
Chapter 14 – जल
Chapter 15 – हमारे चारो ओर वायु
Chapter 16 – कचरा- संग्रहण एवं निपटान
NCERT Solutions Class 6th Science All Chapters Question & Answer in Hindi
Chapter 1- भोजन : यह कहाँ से आता है
Chapter 2 – भोजन के घटक
Chapter 3 – तंतु से वस्त्र तक
Chapter 4 – वस्तुओं के समूह बनाना
Chapter 5 – पदार्थों का पृथक्करण
Chapter 6 – हमारे चारो ओर के परिवर्तन
Chapter 7 – पौधो को जानिए
Chapter 8 – शरीर में गति
Chapter 9 – सजीव एवं उनका परिवेश
Chapter 10 – गति एवं दूरियों का मापन
Chapter 11 – प्रकाश – छायाएं एवं परिवर्तन
Chapter 12 – विद्युत् तथा परिपथ
Chapter 13 – चुंबको द्वारा मनोरंजन
Chapter 14 – जल
Chapter 15 – हमारे चारो ओर वायु
Chapter 16 – कचरा- संग्रहण एवं निपटान
Class 6th Science All Chapters MCQ With Answer In Hindi
Chapter 1 – भोजन : यह कहाँ से आता है
Chapter 2 – भोजन के घटक
Chapter 3 – तंतु से वस्त्र तक
Chapter 4 – वस्तुओं के समूह बनाना
Chapter 5 – पदार्थों का पृथक्करण
Chapter 6 – हमारे चारो ओर के परिवर्तन
Chapter 7 – पौधो को जानिए
Chapter 8 – शरीर में गति
Chapter 9 – सजीव एवं उनका परिवेश
Chapter 10 – गति एवं दूरियों का मापन
Chapter 11 – प्रकाश – छायाएं एवं परिवर्तन
Chapter 12 – विद्युत् तथा परिपथ
Chapter 13 – चुंबको द्वारा मनोरंजन
Chapter 14 – जल
Chapter 15 – हमारे चारो ओर वायु
Chapter 16 – कचरा- संग्रहण एवं निपटान

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