NCERT Solution Class 6th Science Chapter – 3 पदार्थों का पृथक्करण (Separation of Substances) Notes in Hindi

Class 6th Science Chapter - 5 पदार्थों का पृथक्करण (Separation of Substances)
Last Doubt

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NCERT Solution Class 6th Science Chapter – 3 पदार्थों का पृथक्करण (Separation of Substances)

TextbookNCERT
Class6th
Subjectविज्ञान (Science)
Chapter3th
Chapter Nameपदार्थों का पृथक्करण (Separation of Substances)
CategoryClass 6th विज्ञान (Science)
MediumHindi
SourceLast Doubt
NCERT Solution Class 6th Science Chapter – 3 पदार्थों का पृथक्करण (Separation of Substances) Notes in Hindi जिसमे हम पदार्थों का पृथक्करण, मिश्रण, शुद्ध पदार्थ, ठोसों के मिश्रण, थ्रेशिंग, मवेशी से थ्रेशिंग, चालन, कम्बाइन हार्वेस्टर, अवसादन, निस्तारण, निस्यंदन, वाष्पन और संघनन पदार्थ का पृथक्करण क्या है, पदार्थों का पृथक्करण कक्षा 6 क्या है, पृथक्करण कितने प्रकार के होते हैं, पृथक्करण की फ्रॉस्टेशन विधि क्या है, पृथक्करण का नियम किसका है, पृथक्करण का नियम कौन सा है, मेंडल के पृथक्करण का नियम क्या है, मेंडल के 3 नियम कौन कौन से हैं, आदि के बारे में पढ़ेंगे।

NCERT Solution Class 6th Science Chapter – 3 पदार्थों का पृथक्करण (Separation of Substances)

Chapter – 3

पदार्थों का पृथक्करण

Notes

पदार्थों का पृथक्करण – हमारे दैनिक जीवन में कई बार हमें किसी मिश्रण से उपयोगी पदार्थ को अलग करने की जरूरत पड़ती है। जब हम उपयोगी पदार्थ को अलग करते है यानि पृथक् करते है उस विधि को पदार्थों का पृथक्करण कहते है।
शुद्ध पदार्थ – जब किसी पदार्थ के हर कण के गुण एक ही होते हैं तो उसे हम शुद्ध पदार्थ कहते हैं। उदाहरण आसुत जल शुद्ध जल होता है क्योंकि इसका एक एक बूंद जल के अणु से ही बना होता है।
पदार्थों को अलग क्यों करते है – ऐसा हम किसी मिश्रण से बेकार चीजों को हटाने के लिए करते हैं। कई बार दो उपयोगी चीजों के मिश्रण में से एक उपयोगी चीज निकालने के लिए भी चीजों को अलग किया जाता है। जैसे चावल से कंकड़ या बेकार दानों को हाथ से बीनकर निकाला जाता है।
हस्तचयन – पदार्थों को अलग करने का यह सबसे सरल तरीका है। जब मिश्रण की मात्रा कम हो और पदार्थों का आकार इतना ही बड़ा हो कि उन्हें हाथों से आसानी से उठाया जा सके तो हाथों से चुनना ही सबसे सही तरीका होता है।  जैसे अगर किसी टोकरी में सेब और केले रखे हों और आपको सेब अलग करने हों तो आप आसानी से हाथों से सेब को अलग कर सकते हैं। आपने अपनी माँ को चावल या दाल में से कंकड़ बीनते हुए जरूर देखा होगा।
थ्रेशिंग – कटी हुई फसल की डंडियों से अनाज को निकालने के लिए थ्रेशिंग (दौनी) का इस्तेमाल किया जाता है। थ्रेशिंग तीन तरीके से की जाती है।
हाथ से थ्रेशिंग – जब कटी हुई फसल का गट्ठर छोटा होता है तो उसे किसी कठोर सतह पर हाथ से पीटा जाता है। इससे अनाज अलग हो जाता है।
थ्रेशिंग मशीन – आजकल थ्रेशिंग मशीन या थ्रेशर का इस्तेमाल बढ़ गया है। इस मशीन को डीजल इंजन या फिर बिजली से चलाया जाता है। इस मशीन की सहायता से बहुत बड़ी मात्रा की थ्रेशिंग बहुत कम समय में हो जाती है। इससे समय और मेहनत की बचत होती है।
मवेशी से थ्रेशिंग – जब फसल की मात्रा अधिक होती है तो थ्रेशिंग के लिए मवेशियों की मदद ली जाती है। बांस के एक खूँटे के चारों ओर फसल की गट्ठरों को फैला दिया जाता है। फिर उस खूँटे से एक कतार में कई बैलों या भैंसों को बांधकर फसल पर चलवाया जाता है। मवेशियों के खुरों से रौंदे जाने के कारण अनाज अलग हो जाता है।
चालन – जब कणों का आकार बहुत छोटा होता है या मात्रा बहुत बड़ी होती है तो चालन का इस्तेमाल किया जाता है। इसके लिए सही आकार के छेदों वाली चालनी (चलनी) का इस्तेमाल होता है। चालनी में लोहे या नायलॉन की जाली लगी होती है। आटे से चोकर को अलग करने के लिए चालनी का इस्तेमाल होता है। निर्माण स्थल पर रेत से कंकड़ अलग करने के लिए लोहे की बड़ी – बड़ी चालनी का इस्तेमाल होता है।
निष्पावन – जब पवन की मदद से हल्के कणों को भारी कणों से अलग किया जाता है तो इसे निष्पावन कहते हैं। अनाज से भूसे को अलग करने के लिए इस विधि का प्रयोग किया जाता है। इसके लिये किसान अनाज और भूसे के मिश्रण को किसी सूप में लेकर सिर के ऊपर से धीरे धीरे नीचे गिराता है। पवन के कारण भूसा थोड़ा आगे गिरता है, जबकि अनाज (भारी होने के कारण) पास में गिरता है।
कम्बाइन हार्वेस्टर – आजकल बड़े बड़े खेतों में इस मशीन का इस्तेमाल होने लगा है। यह मशीन कटाई, थ्रेशिंग और निष्पावन सब एक ही साथ कर देती है। अमेरिका जैसे विकसित देशों में तो यही मशीन इस्तेमाल होती है। भारत में भी यह मशीन आपको पंजाब के किसानों के पास मिल जायेगी।
अवसादन, निस्तारण, निस्यंदन से क्या अभिप्राय है – इन तीनों विधियों को एक साथ इस्तेमाल किया जाता है। जब किसी द्रव में घुलनशीन और अघुलनशील ठोसों के मिश्रण को अलग करना होता है तो इन विधियों का प्रयोग किया जाता है।
अवसादन – किसी मिश्रण में अघुलनशील कणों के तल में बैठने की प्रक्रिया को अवसादन (सेडिमेंटेशन) कहते हैं। जैसे मटमैले पानी में मिट्टी और रेत होती है। मिट्टी और रेत जल में अविलेय होते हैं। इसलिए इनके कण कुछ देर बाद तल में बैठ जाते हैं।
निस्तारण – इस विधि का इस्तेमाल अवसादन के बाद होता है। निस्तारण (डिकैंटेशन) की प्रक्रिया में अवसादित पदार्थ को छेड़े बिना ऊपर से द्रव को किसी दूसरे पात्र में डाला जाता है।
विलयन – पदार्थ को द्रव में घोलने से विलयन बनता है यदि विलयन में और पदार्थ न घुल सकें तो यह संतृप्त विलयन कहलाता है।
निस्यंदन – निस्तारण के बाद भी द्रव में कुछ महीन कण रह जाते हैं। इन कणों को अलग करने के लिए मिश्रण को एक फिल्टर के ऊपर डाला जाता है। द्रव फिल्टर से आगे निकल जाता है, और ठोस कण फिल्टर में रह जाते हैं।
वाष्पन – किसी पदार्थ को खुला छोड़ देने पर उसका गैस में परिवर्तित होकर उड़ जाना वाष्पन कहलाता है। वाष्पन एक भौतिक रासायनिक क्रिया है। वाष्पन की क्रिया जल में अधिक देखने को मिलती है क्योंकि यह बहुत जल्दी भाप बनकर पड़ जाता है।
संघनन – जलवाष्प के जल में बदलने की प्रक्रिया को संघनन कहते हैं। किसी भी घुलनशील ठोस को जल से अलग करने के लिए वाष्पन और संघनन की विधि का प्रयोग होता है। जैसे – नमक के घोल से नमक प्राप्त करने के लिए इस विधि का इस्तेमाल होता है। वाष्पन और संघनन की प्रक्रिया द्वारा ही समुद्र के पानी से नमक बनाया जाता है। समुद्र के खारे पानी को उथले गड्ढों जमा कर के उसे सूखने के लिए छोड़ दिया जाता है। जब सारा पानी भाप बनकर उड़ जाता है तो गड्ढ़ों में नमक के ढ़ेर बन जाते हैं। इस नमक को कारखानों में आगे की शुद्धिकरण के लिए भेज दिया जाता है।
सांद्र विलयन – जब किसी विलयन में और अधिक विलेय नहीं मिलाया जा सकता है तो ऐसे विलयन को सांद्र विलयन कहते हैं। लेकिन यदि किसी विलयन में और अधिक विलेय मिलाया जा सकता है तो ऐसे विलयन को तनु विलयन कहते हैं।

प्रश्न 1. मिश्रण के घटकों का पृथक्करण कैसे करते हैं ?

मिश्रण के घटकों का पृथक्कीकरण-
1. पृथक्करण कीप – इस युक्ति द्वारा दो घुलनशील द्रवों के मिश्रण को अलग किया जाता है।
2. क्रोमैटोग्राफी – इस विधि में अवयवों को अलग करने के लिए छन्ना पत्र या सोख्ता पत्र का इस्तेमाल होता है।
3. आसवन – दो घुलनशील द्रवों के मिश्रण के अवयवों को अलग करने के लिए इस विधि का प्रयोग होता है।

प्रश्न 2. पृथक्करण की विधियाँ कितने प्रकार की होती हैं ?

पृथक्करण की विधियाँ विभिन्न प्रकार की होती हैं-
मणिभीकरण, निस्यंदन, निस्तारण, उर्ध्वपतन, वाष्पीकरण, सरल आसवन, आंशिक आसवन, क्रोमैटोग्राफी आदि।

प्रश्न 3. पृथक्करण के नियम को क्या कहते हैं ?

पृथक्करण का नियम – इस नियम के अनुसार युग्मक बनने के समय कारकों के जोड़े अथवा एलील के सदस्य विसंयोजित अथवा पृथक्कृत हो जाते है। और प्रत्येक युग्मक को दो में से एक कारक प्राप्त होता है, इसे ही विसंयोजन का नियम अथवा पृथक्करण का नियम कहते है।

प्रश्न 4. पृथक्करण की तुषारीकरण विधि क्या है ?

तुषारीकरण – विशेष रूप से धातु विज्ञान में उपयोग की जाने वाली प्रक्रिया, पाउडर अयस्क के द्रव्यमान में विभिन्न खनिजों को अलग करने के लिए, किसी दिए गए तरल में डूबने या तैरने की प्रवृत्ति के आधार पर।

प्रश्न 5. पदार्थ का पृथक्करण क्या है ?

किसी भी दो अलग अलग प्रकार की वस्तुओं को एक दूसरे से अलग अलग करना ही पदार्थ का पृथक्करण कहलाता है।

प्रश्न 6. पदार्थों के पृथक्करण की कितनी विधियाँ हैं ?

मुख्यतः हम सभी अपने दैनिक जीवन में हस्तचयन, निष्पावन, चालन, अवसादन, निस्तारण तथा निस्यंदन विधियों का उपयोग कर पदार्थों के पृथक्करण करते है।

प्रश्न 7. हमें पदार्थों के पृथक्करण की आवश्यकता क्यों है ?

खाद पदार्थ के अंदर अवांछनीय वस्तुओं को अलग करने के लिए पृथक्करण को अपनाया जाता है क्योंकी कुछ ऐसे पदार्थ खाद पदार्थ के अंदर मौजूद होते है जिन्हे यदि हम भोजन के रूप में ग्रहण करते है तो हमारे शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है इस लिए हमारे जीवन में पृथक्करण कई प्रकार से महत्वपूर्ण हो सकता है उदाहरण के लिए दाल से कंकर को हटाना चावल से गंदगी को हटाना गेंहू से भूसे को हटाना इत्यादि।

प्रश्न 8. पदार्थों के पृथक्करण से आप क्या समझते हैं ?

इस प्रक्रिया का उद्देश्य एक से अधिक तत्वों को अलग करना है ताकि उन्हें अलग-अलग उपयोगों के लिए उपलब्ध कराया जा सके।

प्रश्न 9. पदार्थ क्या हैं ?

आसान शब्दों में कहा जाये तो पदार्थ उसे कहते हैं जिसका वजन होता हैं और जो जगह घेरती हैं।

प्रश्न 10. पृथक्करण के नियम को और क्या कहते हैं ?

पृथक्करण के नियम को विसंयोजन का नियम भी कहते है।

प्रश्न 11. पृथक्करण कैसे करते हैं ?

पृथक्करण की निम्नलिखित विधियाँ होती है जिसके द्वारा इस का उपयोग किया जाता है- निस्यंदन, अवसादन, हस्तचयन, निस्तारण, चालन, तथा निष्पावन पृथककरण करने की विधि है।

प्रश्न 12. पदार्थों से आप क्या समझते हैं ?

पदार्थ उसे कहते है जिसका वजन होता है और जो जगह घेरता है पदार्थ तीन प्रकार का होता है-
1. ठोस (Solid), तरल (Liquid), गैस (Gas)।

प्रश्न 13. पदार्थ कितने प्रकार के होते हैं ?

पदार्थ को तीन वर्गों में बांटा गया है- 1. ठोस (Solid), तरल (Liquid), गैस (Gas)।

प्रश्न 14. पदार्थ की 3 अवस्थाएं कौन कौन सी है ?

पदार्थ की तीन अवस्था – ठोस (Solid), तरल (Liquid), गैस (Gas)।

प्रश्न 15. दूध में नमक मिलाकर खाने से क्या होता है ?

दूध के साथ नमक या नमक वाली चीजें खाने से हमें चमड़ी के रोग, सोरायसिस, खाज, एक्जिमा, खुजली, दाद, आदि का खतरा हो सकता है।

प्रश्न 16. मेंडल के 3 नियम कौन कौन से हैं ?

मेंडल के तीन नियम-
1. प्रभुत्व का नियम।
2. जीनों के पृथक्करण का नियम।
3. स्वतंत्र वर्गीकरण का नियम।

प्रश्न 17. पृथक का दूसरा शब्द क्या है ?

पृथक का दूसरा नाम निम्नलिखित हैं – अलग, भिन्न आदि है ।

प्रश्न 18. मिश्रणों का पृथक्करण क्यों आवश्यक है ?

पदार्थ को शुद्ध करने के लिए मिश्रणों को पृथक्करण की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 19. जब कपड़े पर दूध को उड़ेलते हैं तो कपड़े पर मलाई रह जाती है इस प्रक्रिया में पृथक्करण की कौन सी विधि उपयोग की जा रही है ?

जब कपड़े पर दूध को उड़ेलते हैं तो कपड़े पर मलाई रह जाती है इस प्रक्रिया में पृथक्करण की चालन विधि का उपयोग करके कपडे पे लगी मलाई को हटाया जाता है।

प्रश्न 20. कपड़े से दूध को छान कर मलाई को अलग करने की प्रक्रिया को क्या कहते हैं ?

कपडे से दूध को छान कर मलाई निकलने की विधि को निस्यंदन कहते है।

प्रश्न 21. चावल और दालों से पत्थर कैसे अलग होते हैं ?

चावल और दालों से पत्थर को अलग करने के लिए हस्त चयन की विधि का उपयोग किया जाता हैं।

प्रश्न 22. शुद्ध पदार्थ क्या है ?

जब कोई पदार्थ किसी एक प्रकार के कणो से बना होता है उसे शुद्ध पदार्थ कहते है।

NCERT Solutions Class 6th Science All Chapters Notes In Hindi
Chapter 1 – भोजन के घटक
Chapter 2 – वस्तुओं के समूह बनाना
Chapter 3 – पदार्थों का पृथक्करण
Chapter 4 – पौधो को जानिए
Chapter 5 – शरीर में गति
Chapter 6 – सजीव – विशेषताएँ एवं आवास
Chapter 7 – गति एवं दूरियों का मापन
Chapter 8 – प्रकाश – छायाएं एवं परिवर्तन
Chapter 9 – विद्युत् तथा परिपथ
Chapter 10 – चुंबको द्वारा मनोरंजन
Chapter 11 – हमारे चारो ओर वायु
NCERT Solutions Class 6th Science All Chapters Question & Answer In Hindi
NCERT Solutions Class 6th Science All Chapters MCQ In Hindi
Chapter 1 – भोजन के घटक
Chapter 2 – वस्तुओं के समूह बनाना
Chapter 3 – पदार्थों का पृथक्करण
Chapter 4 – पौधो को जानिए
Chapter 5 – शरीर में गति
Chapter 6 – सजीव – विशेषताएँ एवं आवास
Chapter 7 – गति एवं दूरियों का मापन
Chapter 8 – प्रकाश – छायाएं एवं परिवर्तन
Chapter 9 – विद्युत् तथा परिपथ
Chapter 10 – चुंबको द्वारा मनोरंजन
Chapter 11 – हमारे चारो ओर वायु

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