NCERT Solution Class 6th Science Chapter – 4 पौधों को जानिए (Get to know the plants) Notes in Hindi

NCERT Solution Class 6th Science Chapter - 7 पौधों को जानिए (Get to know the plants) Notes in Hindi
Last Doubt

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NCERT Solution Class 6th Science Chapter – 4 पौधों को जानिए (Get to know the plants)

TextbookNCERT
Class6th
Subjectविज्ञान (Science)
Chapter4th
Chapter Nameपौधों को जानिए (Get to know the plants)
CategoryClass 6th विज्ञान (Science)
MediumHindi
SourceLast Doubt
NCERT Solution Class 6th Science Chapter – 4 पौधों को जानिए (Get to know the plants) Notes in Hindi जिसमे हम – पौधे के भोजन का स्रोत क्या है, कक्षा 7 पौधों के लिए जानवर कैसे महत्वपूर्ण हैं, पौधों में पोषण से आप क्या समझते हैं, पौधों का क्या महत्व है, पौधे हमारे लिए क्यों महत्वपूर्ण हैं, कक्षा 7 के पौधे पौधों पर कैसे निर्भर होते हैं, पौधे क्या लाभ देते हैं, पौधे हमें क्या क्या देता है, पौधे में हमें क्या मिलता है, ऐसा कौन सा पेड़ है जो 3 फल देता है, सुख शांति का पौधा कौन सा होता है, पौधों को जानिए Notes, पौधों को जानिए प्रश्न उत्तर, कक्षा 6 विषय विज्ञान पाठ 4 के प्रश्न उत्तर, कक्षा 6 विज्ञान नोट्स Chapter 4, कृषि विज्ञान कक्षा 6 पाठ 4, Class 6 Science Chapter 4 Hindi Medium विज्ञान पाठ के प्रश्न उत्तर, कक्षा विज्ञान पाठ 4 आदि इसके बारे में हम विस्तार से पढ़ेंगे।

NCERT Solution Class 6th Science Chapter – 4 पौधों को जानिए (Get to know the plants)

Chapter – 4

पौधों को जानिए

Notes

शाक (Herb) – शाक का आकार बहुत छोटा होता है और इनके तने मुलायम होते हैं। शाक की उँचाई मानव के उँचाई से कम होती है उदाहरण के लिए – पालक, सरसों, बंदगोभी, घास, पुदीना, आदि।
झाड़ी (Bush) – झाड़ी ये मध्यम आकार का होता हैं। झाड़ी की ऊँचाई मानव के ऊँचाई के बराबर होती है। झाड़ी के तने में शाखाएँ जमीन से थोड़े ऊपर से ही निकलती हैं। उदाहरण के लिए – नींबू, गुलाब, मेंहदी, नीलकाँटा, गुलाब, उड़हुल, आदि।
वृक्ष (Tree) – वृक्ष का आकार बहुत बड़ा होता है और वृक्ष की उँचाई मानव के उँचाई से बहुत अधिक होती है। वृक्ष में एक मुख्य तना होता है जिससे शाखाएँ निकलती हैं। इन शाखाओं पर पत्तियाँ, फूल और फल लगते हैं। उदाहरण – आम, बबूल, नीम, नारियल, जामुन, आदि।
विसर्पी लता – विसर्पी लता पौधों का तना कमजोर होता है ये तना अपने आप खड़े नहीं हो पाते हैं। जब इस तरह के पौधे जमीन पर ही आगे बढ़ते हैं तो उन्हें विसर्पी लता कहते हैं। उदाहरण के लिए – कद्दू, लौकी, तरबूज, करेला, खीरा, आदि।
आरोही लता – आरोही लता जब कमजोर तने वाला पौधा किसी सहारे पर चढ़ जाता है तो इसे आरोही लता कहते हैं। उदाहरण के लिए – अंगूर, खीरा, मनी प्लांट, आदि।
पादप संरचना – पादप संरचना एक प्रारूपी पादप के दो मुख्य भाग होते हैं: जड़ और तना। जड़ जमीन के नीचे रहती है जबकि तना जमीन के ऊपर रहता है। वे विशिष्ट ऊतकों के समूहों से बने होते हैं और जिनकी संरचनाएं उनके द्वारा किए जाने वाले कार्यों के अनुकूल होती हैं।
जड़ (Root) – जड़ हल्के पीले या मटमैले रंग की होती है। जड़ का काम होता है की पौधे को मिट्टी में जमाए रखना। दूसरे शब्दों में कहा जाये तो जड़ एक लंगर की तरह काम करती है। जड़ का दूसरा काम है मिट्टी से पानी और खनिज लवन का अवशोषण करना। जड़ें दो प्रकार की होती हैं मूसला जड़ और दूसरा रेशेदार जड़
मूसला जड़ – इस प्रकार की जड़ में एक मुख्य जड़ होती है और उससे कई शाखाएँ और उपशाखाएँ निकलती हैं। मूसला जड़ जमीन में अधिक गहराई तक जाती है। उदाहरण के लिए – मटर, मूली, गाजर, आम, गेंदा, सरसों, आदि।
रेशेदार जड़ – इस प्रकार की जड़ में तने के आधार से कई पतली-पतली जड़ें निकलती हैं। इस प्रकार के जड़ें जमीन में चारों तरफ फैल जाती हैं, लेकिन गहराई में नहीं जाती हैं। उदाहरण – धान, गेहूँ, मक्का, घास, ज्वार, आदि।
तना (Trunk) – तने द्वारा पादप का मुख्य ढ़ाँचा बनता है। तने पर शाखाएँ, पत्तियाँ, फूल और फल लगते हैं। तने के जिस बिंदु से कोई शाखा या पत्ती निकलती है उसे नोड कहते हैं। दो नोड के बीच के भाग को इंटरनोड कहते हैं।
तने के कार्य

1. यह शाखाओं, पत्तियों, पुष्प व फलो को धारण करता है।
2. यह जल, खनिज लवण व खाद्य पदार्थो का संवहन भी करता है।
3. विशेष परिस्थितियों में भोजन का संचय, प्रकाश संश्लेषण, सुरक्षा व सहारा प्रदान करने का कार्य भी करता है।
पर्णवृन्त (Petiole) – पत्ती का वह भाग जिसके द्वारा वह तने से जूडी होती है पर्णवृंत कहलाती हैं 
फलक (vane) – फलक पत्ती के चपटे हरे भाग को फलक कहते हैं
शिरा (Vein) – शिरा पत्ती की इन रेखित संरचना को शिरा कहते हैं
मध्य शिरा (Middle Vein) – पत्ती के मध्य में एक मोती शिरा दिखाई देती है जैसे जिसे मध्य शिरा भी कहते हैं।
शिरा-विन्यास – पत्तियों पर शिराओं द्वारा बनाए गए डिजाइन को शिरा – विन्यास कहते हैं। यदि यह डिजाइन मध्य शिरा के दोनों ओर जाल जैसा है, तो यह शिरा-विन्यास, जालिका रूपी कहलाता है
समांतर शिरा-विन्यास – आपने देखा होगा कि घास की पत्तियों में यह शिराएँ एक दूसरे के समांतर हैं। ऐसे शिरा – विन्यास को समांतर शिरा – विन्यास कहते हैं
वाष्पोत्सर्जन (Transpiration) – जल की यह बूंदें पत्ती से जल वाष्प के रूप में निकली है। इस क्रिया को वाष्पोत्सर्जन कहते हैं। इस प्रक्रम के द्वारा पौधे बड़ी मात्रा में जल को वायुमंडल में छोड़ते हैं।
प्रकाश-संश्लेषण – सजीव कोशिकाओं के द्वारा प्रकाशीय उर्जा को रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित करने की क्रिया, द्वारा सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में वायु से कार्बन डाइऑक्साइड तथा भूमि से जल लेकर जटिल कार्बनिक खाद्य पदार्थों जैसे कार्बोहाइड्रेट्स का निर्माण करते हैं तथा आक्सीजन गैस (O2) को जल से बाहर निकालते और वायुमंडल में मुक्त कर देते हैं।
पार्श्व जड़ (Lateral Roots) – पौधों की मूसला जड़ से निकली छोटी जड़ों को पार्श्व जड़ कहते हैं।
झकड़ा जड़ें – एक बीज पत्री पौधों में मूसला जड़ अल्पजीवी होती है, इसके स्थान पर तने के आधार से अनेक समान मोटाई की जड़ें निकलती हैं, इन्हें झकड़ा जड़ें कहते हैं, जैसे – गेहूं, धान, जौ आदि में।
पुष्प (Flower) – पुष्प, अथवा फूल, जनन संरचना है जो पौधों में पाए जाते हैं। ये (मेग्नोलियोफाईटा प्रकार के पौधों में पाए जाते हैं, जिसे एग्नियो शुक्राणु भी कहा जाता है। एक फूल की जैविक क्रिया यह है कि वह पुरूष शुक्राणु और मादा बीजाणु के संघ के लिए मध्यस्तता करे।
बाह्यदल (External Party) – पुष्प के सबसे भारी भाग को बाह्यदल कहते हैं। यह पुष्प के आंतरिक भागों की रक्षा करता है जब वह कालिका अवस्था में होता है। बाह्यदल के लक्षण-यह आमतौर पर हरे रंग का होता है।
स्त्रीकेसर (Pistil) – आवृतबीजी पादपों में पुष्प का सबसे भीतरी चक्र स्त्री जननांग को निरुपित करता है जिसे जायांग कहते है। अंडाशय अंडप का आधारी फूला हुआ भाग होता है, जिसके ऊपर कोमल नलिका सदृश संरचना वर्तिका निकला रहता है। वर्तिका का दूरस्थ सिरा वर्तिकाग्र कहलाता है
बीजाण्ड (Ovule) – बीजाण्ड का शाब्दिक अर्थ हैं बीज का अंडा, किसी भी बीज उत्पन्न करने वाले पादप मे बीजाण्ड वह संरचनायें होती हैं जहाँ, मादा प्रजननात्मक कोशिकाओं का निर्माण व भंडारण होता है।
पंखुड़ियाँ (Sepals) – खिले हुए पुष्प का प्रमुख भाग पंखुड़ियाँ हैं विभिन्न पुष्पों की पंखुड़ियाँ अलग-अलग रंगों की होती हैं।
स्थिरक (Anchor) – जड़ें पौधे को मिटटी में मजबूती से जमाये रखती हैं इन्हें मिटटी में का स्थिरक कहा जाता हैं।

प्रश्न 1. पेड़ में जीवन होता है?

हाँ, वृक्ष में जीवन होता है। वृक्ष द्वारा प्रदूषण को कम किया जाता है। और ध्वनि प्रदूषण को भी रोका जा सकता है।

प्रश्न 2. भारत में पौधों की संख्या कितनी है?

भारत प्रकृति से संपन्न वह देश है जहां पौधों की 40,000 से अधिक प्रजातियां मौजूद है।

प्रश्न 3. मूसला जड़ क्या होती है?

इस प्रकार की जड़ में एक मुख्य जड़ होती है और उससे कई शाखाएँ और उपशाखाएँ निकलती हैं। मूसला जड़ जमीन में अधिक गहराई तक जाती है।

प्रश्न 4. विसर्पी लता क्या है?

कुछ पौधों का तना इतना कमजोर होता है कि ये अपने आप खड़े नहीं होते हैं। जब इस तरह के पौधे जमीन पर ही आगे बढ़ते हैं तो उन्हें विसर्पी लता कहते हैं।

प्रश्न 5. प्रकाश-संश्लेषण क्या होता है ?

सजीव कोशिकाओं के द्वारा प्रकाशीय उर्जा को रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित करने की क्रिया को प्रकाश-संश्लेषण कहते हैं।

प्रश्न 6. स्थिरक के बारे में बताएं?

जड़ें पौधे को मिट्टी में मजबूती से जमाये रखती हैं इन्हें मिट्टी का स्थिरक कहा जाता हैं।

प्रश्न 7. रेशेदार जड़ों के 3 उदाहरण क्या हैं?

केला, गेहूं, मक्का, चावल, गेंदा और सभी एकबीजपत्री रेशेदार जड़ के उदाहरण हैं।

प्रश्न 8. मूसला जड़ का उदाहरण क्या है?

मूली, गाजर, चुकंदर, इत्यादि मूसला जड़ के उदाहरण है।

प्रश्न 9. जड़ों के दो मुख्य कार्य क्या हैं?

जड़ें निम्नलिखित कार्य करती हैं – जड़ें मिट्टी में से पोषक तत्व को खींचती है। तथा वह पौधे को मजबूत बनाने में सहायता करती है।

प्रश्न 10. बीज पुष्प के कौन-से भाग से बनता है?

बीज पुष्प बीजांड से बीज बनता है।

प्रश्न 11. आरोही पौधे किसे कहते हैं ?

आरोही पौधे उसे कहते है – जो पौधे किसी सहारे की सहायता से ऊपर चढ़ जाते हैं, उन्हें आरोही पौधे कहते हैं। उदाहरण के लिए – अंगूर, खीरा, मनी प्लांट, आदि।

प्रश्न 12. दो आरोही लताओं के नाम लिखिए।

खीरा और अंगूर

प्रश्न 13. पत्ती तने से किस भाग से जुड़ी होती है ?

पत्ती तने से पर्णवृंत से जुड़ी होती है।

प्रश्न 14. किन पौधों के पुष्प रंग-बिरंगे नहीं होते ?

धान, गेहूँ, मक्का, आम के फूल रंग-बिरंगे नहीं होते।

प्रश्न 15. किन पौधों के पुष्प रंग-बिरंगे होते हैं ?

सरसों, गुलमोहर, गुलाब और डेलिया के पुष्प रंग-बिरंगे होते हैं।

प्रश्न 16. विसर्पी लता किसे कहते हैं ?

विसर्पी लता उसे कहते है जो कमज़ोर तने वाले पौधे, सीधे खड़े नहीं हो पाते और भूमि पर फैल जाते हैं उन्हें विसर्पी लता कहते हैं।

प्रश्न 17. पौधे के मुख्यतः कौन-से भाग हैं ?

पौधे के मुख्य भाग होते है -जड़, तना, पत्ती, फूल और फल।

प्रश्न 18. शिरा विन्यास किसे कहते हैं ?

शिरा विन्यास उसे कहते है जो पत्तियों पर शिराओं द्वारा बनाये गए डिज़ाइन को शिरा विन्यास कहते हैं।

प्रश्न 19. शिरा-विन्यास कितने प्रकार का होता है ?

शिरा-विन्यास दो प्रकार के होते है जालिका शिरा-विन्यास और दूसरा समांतर शिरा-विन्यास।

प्रश्न 20. जालिका शिरा-विन्यास वाले चार पौधों के नाम लिखिए।

जालिका शिरा-विन्यास वाले पौधों के नाम है – आम, तुलसी, अमरूद और पीपल।

प्रश्न 21. समांतर शिरा-विन्यास वाले चार पौधों के नाम लिखो।

समांतर शिरा-विन्यास वाले पौधों के नाम है- घास, गेहूँ, मक्की और केला।

प्रश्न 22. प्रकाश-संश्लेषण प्रक्रम किसे कहते हैं ?

जो हरे पौधों द्वारा सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में कार्बन डाइऑक्साइड और जल से भोजन बनाने की क्रिया को प्रकाश-संश्लेषण प्रक्रम कहते हैं।

प्रश्न 23. शिरा किसे कहते हैं ?

पत्ती की रेखित संरचनाओं को शिरा कहते हैं।

प्रश्न 24. खरपतवार किसे कहते हैं ?

खरपतवार (Weeds) उसे कहते है जो खेतों में फसलों के साथ जो अवांछित या फालतू जंगली पौधे उग जाते हैं, उन्हें खरपतवार कहते हैं।

प्रश्न 25. पुंकेसर के कौन-कौन से भाग हैं ?

पुंकेसर के दो मुख्य भाग हैं परागकोण और पुतं

प्रश्न 26. पुष्प के जनन अंग कौन-से हैं ?

स्त्रीकेसर और पुंकेसर पुष्प के जनन अंग हैं।

प्रश्न 27. पौधे के दो मुख्य भाग कौन से हैं?

पौधे के दो मुख्य भाग है – जड़ और तना। जड़ पौधे के मुख्य भाग के रूप में भी जाना जाता है जड़, मिट्टी से पोषक तत्व को शोषित करता है।

NCERT Solutions Class 6th Science All Chapters Notes In Hindi
Chapter 1 – भोजन के घटक
Chapter 2 – वस्तुओं के समूह बनाना
Chapter 3 – पदार्थों का पृथक्करण
Chapter 4 – पौधो को जानिए
Chapter 5 – शरीर में गति
Chapter 6 – सजीव – विशेषताएँ एवं आवास
Chapter 7 – गति एवं दूरियों का मापन
Chapter 8 – प्रकाश – छायाएं एवं परिवर्तन
Chapter 9 – विद्युत् तथा परिपथ
Chapter 10 – चुंबको द्वारा मनोरंजन
Chapter 11 – हमारे चारो ओर वायु
NCERT Solutions Class 6th Science All Chapters Question & Answer In Hindi
NCERT Solutions Class 6th Science All Chapters MCQ In Hindi
Chapter 1 – भोजन के घटक
Chapter 2 – वस्तुओं के समूह बनाना
Chapter 3 – पदार्थों का पृथक्करण
Chapter 4 – पौधो को जानिए
Chapter 5 – शरीर में गति
Chapter 6 – सजीव – विशेषताएँ एवं आवास
Chapter 7 – गति एवं दूरियों का मापन
Chapter 8 – प्रकाश – छायाएं एवं परिवर्तन
Chapter 9 – विद्युत् तथा परिपथ
Chapter 10 – चुंबको द्वारा मनोरंजन
Chapter 11 – हमारे चारो ओर वायु

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