NCERT Solution Class- 6 Science Chapter 13 चुंबको द्वारा मनोरंजन Notes in hindi

NCERT Solution Class – 6 Science Chapter 13 चुंबको द्वारा मनोरंजन (Fun with Magnets) Notes in hindi

TextbookNCERT
Class6th
Subjectविज्ञान (Science)
ChapterChapter 13
Chapter Nameचुंबको द्वारा मनोरंजन (Fun with Magnets)
CategoryClass 6th विज्ञान (Science) Note  in Hindi
Medium Hindi
Source Last Doubt

Class 6 Science Chapter 13 चुंबको द्वारा मनोरंजन (Fun with Magnets) Notes in Hindi जिसमे हम चुम्बक, चुम्बक की खोज, प्राकृतिक चुम्बक, कृत्रिम चुम्बक, चुम्बकीय पदार्थ, चुम्बक के ध्रुव, चुम्बक के उपयोग, घर में चुम्बक बनाना, आदि के बारे में पढ़ेंगे।  

NCERT Solution Class 6 Science Chapter 13 चुंबको द्वारा मनोरंजन (Fun with Magnets) Notes in Hindi

?Chapter 13?

✍चुंबको द्वारा मनोरंजन

चुम्बक

जो वस्तु चुम्बकीय पदार्थों को अपनी ओर आकर्षित करती है उसे चुम्बक कहते हैं। लोहा, कोबाल्ट और निकेल चुम्बकीय पदार्थ हैं।

चुम्बक की खोज

चुम्बक की खोज संयोग से हुई थी। प्राचीन काल में ग्रीस में मैग्नस नाम का एक गरेड़िया रहता था। एक दिन जब वह अपनी भेड़ें चरा रहा था तो समय काटने के लिए अपनी छड़ी से खेल रहा था। अचानक उस छड़ी का दूसरा सिरा (जिस पर धातु चढ़ी हुई थी‌) किसी पत्थर से चिपक गया।

वे चट्टानें प्राकृतिक चुम्बक से बनी थीं। इसे मैग्नेटाइट कहते हैं। उसके बाद मैग्नेटाइट चट्टानों की ख्याति दूर दूर तक फैल गई। कुछ लोगों का मानना है कि मैग्नेटाइट की खोज मैग्नेशिया नामक स्थान पर हुई थी।

प्राकृतिक चुम्बक: प्रकृति में पाये जाने वाले चुम्बक को प्राकृतिक चुम्बक कहते हैं।

कृत्रिम चुम्बक: मानव द्वारा निर्मित चुम्बक को कृत्रिम चुम्बक कहते हैं।

चुम्बक के प्रकार

चुम्बक को विभिन्न आकार में बनाया जाता है और आकार के आधार पर इसका नामकरण भी होता है। उदाहरण: छड़ चुम्बक, नाल चुम्बक, बेलनाकार चुम्बक, गोलांत चुम्बक, आदि।

चुम्बकीय पदार्थ

चुम्बक जिन पदार्थों को अपनी ओर खींचता है उन्हें चुम्बकीय पदार्थ कहते हैं। उदाहरण: लोहा, निकेल और कोबाल्ट।

अचुम्बकीय पदार्थ

चुम्बक जिन पदार्थों को अपनी ओर आकर्षित नहीं करता है उन्हें अचुम्बकीय पदार्थ कहते हैं। उदाहरण: अलमुनियम, जस्ता, लकड़ी, रबड़, आदि।

चुम्बक के ध्रुव

किसी भी चुम्बक के दो ध्रुव होते हैं: उत्तरी ध्रुव और दक्षिणी ध्रुव। किसी भी चुम्बक की शक्ति उसके ध्रुवों में सबसे अधिक होती है। जब किसी छड़ चुम्बक को लटकाकर मुक्त रूप से घूमने के लिए छोड़ दिया जाता है तो विराम की अवस्था में आने पर चुम्बक हमेशा उत्तर-दक्षिण दिशा की ओर सूचित करता है। चुम्बक का उत्तरी ध्रुव उत्तर की ओर तथा दक्षिणी ध्रुव दक्षिण की ओर सूचित करते हैं।

समान ध्रुव एक दूसरे को विकर्षित करते हैं, जबकि असमान ध्रुव एक दूसरे को आकर्षित करते हैं। जब आप दो चुम्बक के उत्तरी ध्रुवों को एक दूसरे के निकट लायेंगे तो दोनों चुम्बक एक दूसरे से दूर जाने की कोशिश करेंगे। लेकिन जब आप एक चुम्बक के उत्तरी ध्रुव को दूसरे चुम्बक के दक्षिणी ध्रुव के निकट लायेंगे तो दोनों चुम्बक एक दूसरे को अपनी ओर खींचेंगे।

चुम्बक के उपयोग

चुम्बकीय कम्पास या कुतुबनुमा के इस्तेमाल से हम दिशा का पता कर सकते हैं। चुम्बकीय कम्पास का दिशा जानने के लिए उपयोग हजारों वर्षों से मुसाफिरों द्वारा होता रहा है। कम्पास की खोज प्राचीन काल में चीन में हुई थी।

कम्पास में एक छोटी डिबिया रहती है जिसके ऊपर काँच का ढ़क्कन लगा रहता है। डिब्बी के भीतर एक पिवट पर एक चुम्बकीय सुई इस तरह लगी रहती है ताकि सुई फ्री होकर घूम सके। कम्पास के भीतर एक डायल रहता है जिसपर दिशाओं के नाम लिखे रहते हैं।

घर में चुम्बक बनाना

•  एक स्थाई चुम्बक की मदद से आप किसी लोहे के टुकड़े से चुम्बक बना सकते हैं।} ऐसा करने के लिए लोहे के टुकड़े को किसी समतल सतह पर रखें।

•  उसके बाद स्थाई चुम्बक को लोहे के टुकड़े पर कई बार रगड़ें। ऐसा करते समय आपके हाथों की गति एक ही दिशा में होनी चाहिये। यानि उत्तर से दक्षिण ध्रुव की ओर , या दक्षिण से उत्तर ध्रुव की ओर। ऐसा कुछ देर तक करने के बाद लोहे का टुकड़ा एक चुम्बक बन जाता है।

चुम्बक को संभालकर रखना

•  चुम्बक को बहुत संभालकर रखना चाहिए, ताकि उसकी शक्ति लम्बे समय तक बनी रहे। छड़ चुम्बक को हमेशा जोड़े में रखा जाता है। उनके विपरीत ध्रुवों को एक साथ रखना चाहिए।

•  दोनों चुम्बकों के बीच एक लकड़ी का टुकड़ा रखना चाहिए। उनके सिरों पर ढ़लुवा लोहे का टुकड़ा रखना चाहिए। घोड़े के नाल के आकार के चुम्बक को रखते समय दोनों ध्रुवों के साथ साथ लोहे की एक पट्टी रखनी चाहिए।

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