NCERT Solutions Class 7th Science Chapter – 6 जीवों में श्वसन (respiration in organisms) Notes in Hindi

NCERT Solutions Class 7th Science Chapter – 6 जीवों में श्वसन (respiration in organisms)

TextbookNCERT
Class 7th
Subject Science
Chapter6th
Chapter Nameजीवों में श्वसन (respiration in organisms)
CategoryClass 7th Science
Medium Hindi
SourceLast Doubt
NCERT Solutions Class 7th Science Chapter – 6 जीवों में श्वसन (respiration in organisms) Notes in Hindi जीवों में श्वसन की प्रक्रिया कैसे होती है?,श्वसन से आप क्या समझते हैं?,श्वसन की प्रक्रिया कौन सी है?,श्वसन तंत्र कितने प्रकार के होते हैं?,श्वसन अंग कितने होते हैं?,श्वसन तंत्र में कितने अंग होते हैं?,मनुष्य में मुख्य श्वसन अंग कौन है?,सांप का श्वसन अंग कौन सा है?, श्वसन तंत्र का पहला अंग क्या है?,मनुष्य में श्वसन कैसे होता है?,पौधों में श्वसन कैसे होता है?,फेफड़े के कार्य क्या है?,फेफड़ों का दूसरा नाम क्या है?,फेफड़े कहाँ स्थित है?, मानव शरीर में कितने फेफड़े होते हैं?, जीवों में श्वसन कब होता है?,

NCERT Solutions Class 7th Science Chapter – 6 जीवों में श्वसन (respiration in organisms)

Chapter – 6

जीवों में श्वसन

Notes

श्वसन – हर जीव कोशिकाओं से बना होता है। हर कोशिका कई तरह के काम करती रहती है। इन कामों के लिए कोशिका को ऊर्जा की जरूरत होती है। कोशिका को यह ऊर्जा भोजन के ऑक्सीकरण द्वारा मिलती है।

कोशिका में ऑक्सीजन द्वारा भोजन के विखंडन की प्रक्रिया को श्वसन कहते हैं। इस प्रक्रिया के अंत में कार्बन डाइऑक्साइड गैस मुक्त होती है और ऊर्जा निकलती है। कोशिका में होने वाले श्वसन के इस चरण को कोशिकीय श्वसन कहते हैं।

असल में श्वसन के दो मुख्य भाग होते हैं। पहले भाग में जीव ऑक्सीजन गैस को लेता है और कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ता है। इस प्रक्रिया को साँस लेना कहते हैं। कोशिकीय श्वसन दूसरे भाग में आता है।

श्वसन दो प्रकार के होते हैं – वायवीय श्वसन और अवायवीय श्वसन।  

वायवीय श्वसन – जब भोजन का विखंडन ऑक्सीजन की उपस्थिति में होता है तो इसे वायवीय श्वसन कहते हैं। अधिकतर जीवों में वायवीय श्वसन होता है। इसे निम्नलिखित समीकरण द्वारा दिखाया जा सकता है।

ग्लूकोज + ऑक्सीजन → कार्बन डाइऑक्साइड + जल + ऊर्जा

C6H12O6 + 6O2 → 6CO2 + 6H2O + Energy

अवायवीय श्वसन – जब भोजन का विखंडन ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में होता है तो इसे अवायवीय श्वसन कहते हैं। कई एककोशिकीय जीवों में अवायवीय श्वसन होता है। अवायवीय श्वसन के अंत में अल्कोहल बनता है और ऊर्जा निकलती है। इस प्रक्रिया का उपयोग शराब बनाने के लिए किया जाता है। कुछ अन्य स्थितियों में अवायवीय श्वसन के अंत में लैक्टिक एसिड बनता है।

ग्लूकोज → अल्कोहल + कार्बन डाइऑक्साइड + ऊर्जा

हमारी पेशियों में अवायवीय श्वसन  जब हम बहुत अधिक कसरत करते हैं या तेज दौड़ते हैं तो पैरों में ऐंठन होने लगती है। आइए इसका कारण जानने की कोशिश करते हैं। जब मांसपेशियों को अत्यधिक काम करना पड़ता है तो उन्हें अधिक ऊर्जा की जरूरत होती है। यह जरूरत जब वायवीय श्वसन से पूरी नहीं होती है तो पेशी की कोशिकाओं में अवायवीय श्वसन होने लगता है। अवायवीय श्वसन के फलस्वरूप पेशियों में लैक्टिक एसिड जमा होने लगता है। इसलिए पेशियों में ऐंठन होती है। थोड़ी देर आराम करने या गर्म पानी से सिकाई करने पर दर्द गायब हो जाता है।

ग्लूकोज → लैक्टिक एसिड + ऊर्जा

श्वसन या साँस लेना –

साँस लेने के प्रक्रम में दो प्रक्रिया शामिल हैं – अंत:श्वसन और उच्छ्श्वसन।

अंत:श्वसन – ऑक्सीजन से भरपूर हवा को शरीर के अंदर लेने की प्रक्रिया को अंत:श्वसन कहते हैं।

उच्छ्श्वसन – कार्बन डाइऑक्साइड से भरपूर हवा को शरीर के बाहर छोड़ने की प्रक्रिया को उच्छ्श्वसन कहते हैं।

श्वसन दर – प्रति मिनट अंत:श्वसन और उच्छ्श्वसन की संख्या को श्वसन दर कहते हैं। मनुष्य की औसत श्वसन दर 15 से 18 प्रति मिनट होती है। जब हम दौड़ते या कसरत करते हैं तो हमारी श्वसन दर बढ़ जाती है। आराम करते समय या सोते समय हमारी श्वसन दर कम हो जाती है।

साँस लेने की प्रक्रिया – जब हम साँस लेते हैं तो हवा हमारी नाक से होकर, श्वास नली से गुजरते हुए फेफड़े में जाती है। हमारे फेफड़े वक्ष गुहा में स्थित होते हैं। फेफड़ों के ठीक नीचे पेशियों से बनी एक पट्टी होती है जिसे डायफ्राम कहते हैं।

अंत:श्वसन की प्रक्रिया – वक्ष के पास स्थित पेशियों की गति के कारण हमारी पसली बाहर की ओर फूल जाती है जिससे डायफ्राम नीचे की ओर गति करता है। इससे फेफड़ों के भीतर निम्न दाब बनता है। निम्न दाब के कारण बाहर की हवा फेफड़ों में प्रवेश करती है।

उच्छ्श्वसन की प्रक्रिया – वक्ष के पास स्थित पेशियों की गति के कारण हमारी पसली भीतर की ओर पिचक जाती है जिससे डायफ्राम ऊपर की ओर गति करता है। इससे फेफड़ों के भीतर उच्च दाब बनता है। उच्च दाब के कारण फेफड़ों की हवा बाहर निकल जाती है।

अन्य जंतुओं में श्वसन – स्तनधारी, पक्षी, और सरीसृप फेफड़ों से साँस लेते हैं। मेढ़क तथा अन्य उभयचर जब जमीन पर होते हैं तो फेफड़ों से साँस लेते हैं। लेकिन जब मेढ़क पानी में रहते हैं तो अपनी त्वचा से साँस लेते हैं।

कॉक्रोच में श्वसन – कॉक्रोच के शरीर पर असंख्य सूक्ष्म छिद्र होते हैं, जिन्हें रंध्र (स्पाईरैकल्स) कहते हैं। ये रंध्र खोखली नलियों से बने एक जाल में खुलते हैं। इन नलियों को वातक या श्वासप्रणाल या ट्रैकिया कहते हैं। रंध्र से हवा भीतर श्वासप्रणाल में जाती है। श्वासप्रणाल से ऑक्सीजन कोशिकाओं तक पहुँचती है

केंचुए में श्वसन – केंचुए अपनी त्वचा से साँस लेते हैं। नम त्वचा से विसरण द्वारा गैसों का आदान प्रदान होता है।

मछली में श्वसन मछलियों में गिल (क्लोम) का जोड़ा होता है। गिल से होकर जब पानी गुजरता है तो पानी में उपस्थित ऑक्सीजन मछली के रक्त में मिल जाता है।

पादप में श्वसन – पादपों के हर अंग में श्वसन की अपनी व्यवस्था होती है। पत्तियों में वात रंध्र से होकर गैसों का विनिमय होता है। तने में लेंटिसेल के द्वारा यह काम होता है। जड़ों में भी छिद्र होते हैं जिनसे गैसों का विनिमय होता है।

FAQ

प्रश्न 1. श्वसन क्या है और इसके प्रकार

वायवीय और अवायवीय ।

प्रश्न 2. जीवों में श्वसन की प्रक्रिया कैसे होती है?

ऑक्सीजन की उपस्थिति में (एरोबिक श्वसन), और ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में (एनारोबिक श्वसन)।

प्रश्न 3. श्वसन के 4 प्रकार कौन से हैं?

श्वसन का वर्गीकरण
(1) जलीय श्वसन
(2) बुक्कल पम्पिंग
(3) त्वचीय श्वसन
(4) श्वसन प्रणाली

प्रश्न 4. श्वसन का मुख्य अंग क्या है?

फेफड़े है।

प्रश्न 5. श्वसन कहाँ होता है?

श्वसन की क्रिया प्रत्येक जीवित कोशिका के कोशिका द्रव्य (साइटोप्लाज्म) एवं माइटोकाण्ड्रिया में

प्रश्न 5. पौधे सांस कैसे लेते हैं?

गैसें पत्तियों में हजारों छोटे छिद्रों के माध्यम से प्रवेश करती हैं जिन्हें स्टोमेटा ( स्टोमा) कहा जाता है।

प्रश्न 6. रात में पौधों का क्या होता है?

रात में, प्रकाश संश्लेषण बंद हो जाता है लेकिन श्वसन जारी रहता है ,

प्रश्न 7. पानी के नीचे के पौधे कैसे सांस लेते हैं?

पानी की सतह पर तैरने वाले पौधों का रंध्र ऊपर होता है, जहां से उन्हें हवा मिलती है।

प्रश्न 8. मछली के श्वसन अंग का नाम क्या है?

गलफड़े मछली के श्वसन अंग होते हैं। वे गैस के आदान-प्रदान की मध्यस्थता में मदद करते हैं।

प्रश्न 9. बच्चों में श्वसन दर कितनी होती है?

नवजात: 44 श्वसन/मिनट शिशु: 20-40 श्वसन/मिनट बच्चे (1-7 वर्ष): 18-30 श्वसन/मिनट

प्रश्न 10. मछली और मेंढक का श्वसन अंग क्या है?

श्वसन गुहा (लंग्स) के माध्यम से होता है, जो उसके शरीर के बादी भाग में स्थित होते हैं
NCERT Solution Class 7th विज्ञान Notes in Hindi
Chapter – 1 पादपों में पोषण
Chapter – 2 प्राणियों में पोषण
Chapter – 3 ऊष्मा
Chapter – 4 अम्ल, क्षारक और लवण
Chapter – 5 भौतिक एवं रासायनिक परिवर्तन
Chapter – 6 जीवों में श्वसन
Chapter – 7 जंतु एवं पादप में परिवहन
Chapter – 8 पादप में जनन
Chapter – 9 गति एवं समय
Chapter – 10 विद्युत धारा एवं इसके प्रभाव
Chapter – 11 प्रकाश
Chapter – 12 वन हमारी जीवन रेखा
Chapter – 13 अपशिष्ट जल की कहानी
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