NCERT Solutions Class 7th Science Chapter – 3 ऊष्मा (Heat)
Textbook | NCERT |
Class | 7th |
Subject | विज्ञान (Science) |
Chapter | 3rd |
Chapter Name | ऊष्मा (Heat) |
Category | Class 7th Science |
Medium | Hindi |
Source | Last Doubt |
NCERT Solutions Class 7th विज्ञान Chapter – 3 ऊष्मा (Heat) Notes in Hindi जिसमे हम ऊष्मा कितने प्रकार के होते हैं?, ऊष्मा क्या है उदाहरण सहित?, ऊष्मा की मात्रा मापने का सूत्र क्या है?, ऊष्मा किसे कहते हैं?, ऊष्मा के 4 प्रकार कौन से हैं?, सबसे अधिक ऊष्मा किसकी होती है?, ऊष्मा के 10 स्रोत क्या हैं?, ऊष्मा के 3 स्रोत कौन से हैं?, ऊष्मा का क्या कार्य है?, ऊष्मा का SI मात्रक क्या है?, ऊष्मा कैसे उत्पन्न होती है?, ऊष्मा को मापने वाला यंत्र कौन सा है?, ऊष्मा के स्रोत क्या हैं, ऊष्मा का तापमान क्या है?, ऊष्मा की प्रकृति क्या है?, ऊष्मा ऊर्जा कहां जाती है?, ताप और ऊष्मा में क्या अंतर है?, ऊष्मा का अंतिम स्रोत क्या है?, ऊष्मा ऊर्जा क्या है?, वायु ऊष्मा का क्या होता है?, सबसे कम ऊष्मा किसकी होती है?, कौन सी धातु ऊष्मा की सर्वाधिक?, ऊष्मा का सबसे अच्छा चालक कौन सा है?, ऊष्मा का सुचालक कौन सा है?, पृथ्वी को प्राप्त ऊष्मा को क्या कहते हैं?, पृथ्वी को ऊष्मा का सबसे बड़ा स्रोत क्या है? इत्यादि के बारे में विस्तार से पढेंगें |
NCERT Solutions Class 7th Science Chapter – 3 ऊष्मा (Heat)
Chapter – 3
ऊष्मा
Notes
ऊष्मा – एक प्रकार की ऊर्जा है। किसी भी वस्तु में कितनी ऊष्मा है इसका अंदाजा इस बात से लगता है कि वह वस्तु कितनी गर्म अथवा ठंडी है।
गर्म या ठंडा हम कैसे पता लगाते हैं? – कोई वस्तु गर्म है या ठंडी, इसका पता हम छूकर लगा सकते हैं। लेकिन स्पर्श के द्वारा या छू कर पता लगाने में दो समस्याएँ हैं। पहली समस्या है कि छूकर हम बिलकुल सटीक नहीं बता सकते। दूसरी समस्या है कि कुछ चीजें इतनी गर्म होती हैं कि उन्हें छूने से हमारा हाथ जल सकता है।
किसी वस्तु का तापमान बताने के लिए हमारी स्पर्श की इंद्रिय कारगर नहीं है इसे समझने के लिए एक प्रयोग करते हैं। तीन नाद लीजिए जिन्हें A, B और C नाम रख दीजिए। नाद A में गर्म पानी रखिए, नाद B में ठंडा पानी रखिए और नाद C में गुनगुना पानी रखिए (पहले दोनों नादों के पानी को मिलाकर)।
अब अपना दाहिना हाथ नाद A में रखिए और बाँया हाथ नाद B में रखिए। उसके बाद दोनों हाथों को नाद C में रखिए। आप देखेंगे कि आपके दाहिने हाथ को नाद का पानी ठंडा लग रहा है, जबकि आपके बाएँ हाथ को यही पानी गर्म लग रहा है। इस प्रयोग से आपको ताप बताने के लिए स्पर्श की सीमित क्षमता का पता चल जाएगा।तापमापन – हमारे शरीर का तापमान ज्ञात करने के लिए जिस तापमापी का उपयोग किया जाता है, उसे डॉक्टरी तापमापी कहते हैं।
(i) इस थर्मामीटर में एक लंबी, बारीक तथा एक समान व्यास की काँच की नली होती है।
(ii) इसके एक सिरे पर एक बल्ब होता है।
(iii) बल्ब में पारा भरा होता है। बल्ब के बाहर नली में पारे की एक पतली चमकीली धारी दिखाई देती है।
(iv) थर्मामीटर पर ताप मापने का मापक्रम (स्केल) भी बना होता है। यह मापक्रम सेल्सियस स्केल है, जिसे °C द्वारा दर्शाते है।
(v) डॉक्टरी थर्मामीटर से हम 35°C से 42°C तक के ताप को ही माप सकते है।
(vi) इसमें दो बड़े चिह्नों के बीच 1°C का अंतर होता है तथा इन चिह्नों के बीच पाँच भाग होते हैं। एक छोटे भाग का मान 1/5°C है अर्थात् 0.2°C होता है।
थर्मामीटर – ताप से हमें किसी वस्तु में मौजूद ऊष्मा का पता चलता है। दूसरे शब्दों में, किसी वस्तु में मौजूद ऊष्मा के मापन को ताप या तापमान कहते हैं। किसी वस्तु का तापमान बताने के लिए जिस युक्ति का इस्तेमाल करते हैं उसे थर्मामीटर कहते हैं।
(i) थर्मामीटर काँच से बनी बेलनाकार नली होती है जिसके अंदर पारा भरा रहता है।
(ii) थर्मामीटर को गौर से देखने पर उसके भीतर का पारा एक पतली चमकीली लाइन जैसा दिखता है।
(iii) थर्मामीटर के एक सिरे पर एक चमकदार बल्ब होता है जो पारे के कारण चमकता है।
(iv) थर्मामीटर के ऊपर तापमान को दिखाने के लिए स्केल बना होता है। यह स्केल सेंटीग्रेड (सेल्सियस) या फारेनहाइट में हो सकता है।
(v) थर्मामीटर दो प्रकार के होते हैं: डॉक्टरी थर्मामीटर और प्रयोगशाला थर्मामीटर।
डॉक्टरी थर्मामीटर – डॉक्टरी थर्मामीटर में तापमान की रेंज 35 से 42 डिग्री सेल्सियस होती है। डॉक्टरी थर्मामीटर की रेंज इन दो तापमानों के बीच इसलिए रखी जाती है क्योंकि मानव शरीर का तापमान 35°C से कम और 42°C से अधिक नहीं होता है। डाक्टरी थर्मामीटर में बल्ब से थोड़ी दूर पर एक किंक होता है जो पारे के लेवेल को अपने आप नीचे गिरने से रोकता है।
डॉक्टरी थर्मामीटर के इस्तेमाल के कौन-कौन से तरीका है?
(i) सबसे पहले थर्मामीटर के बल्ब को किसी एंटीसेप्टिक से साफ कीजिए।
(ii) उसके बाद थर्मामीटर को हाथ से दो तीन बार झटके दीजिए।
(iii) इससे पारे का लेवेल 35°C पर आ जाएगा।
(iv) उसके बाद थर्मामीटर के बल्ब को अपनी जीभ के नीचे लगभग एक मिनट तक रखिए।थर्मामीटर को मुँह से निकाल लीजिए और तापमान पढ़ने की कोशिश कीजिए।
प्रयोगशाला थर्मामीटर किसे कहते है? – प्रयोगशाला थर्मामीटर की रेंज अक्सर 10°C से 110°C होती है। प्रयोगशाला थर्मामीटर में किंक नहीं होता है, इसलिए इसमें पारे का स्तर अपने आप नीचे गिर जाता है। इसलिए प्रयोगशाला थर्मामीटर का पठन लेते समय यह उस वस्तु के सम्पर्क में होना चाहिए जिसका तापमान लेने की कोशिश हो रही है।
अंकीय तापमापी – तापमापी में पारे के प्रयोग से अत्यन्त सावधानी आवश्यक होती है। पारा एक विषाक्त पदार्थ है और यदि तापमापी टूट जाए, तो इसका निपटान अत्यन्त कठिन है। आजकल तापमान मापने के लिए अंकीय तापमापी (डिजिटल थर्मामीटर) का उपयोग किया जाता है, जिनमें पारे का उपयोग नहीं होता।
ऊष्मा का स्थानांतरण – जब किसी बर्तन को ज्वाला पर रखते है तो वह गर्म हो जाता है क्योंकि ऊष्मा ज्वाला में से बर्तन की ओर चली जाती है। जब बर्तन को ज्वाला से हटा देते हैं तो यह धीरे-धीरे ठण्डा हो जाता है क्योंकि ऊष्मा बर्तन से परिवेश की ओर स्थानांतरित हो जाती है। दोनों स्थितियों में ऊष्मा गर्म वस्तु से ठण्डी वस्तु की ओर प्रवाहित होती है। अमतलब ऊष्मा का स्थानांतरण हमेशा गर्म वस्तु से ठण्डी वस्तु की ओर ही होता है।
सर्दियों तथा गर्मियों में हमारे पहनने के वस्त्रों के प्रकार – गर्मियों में हम हल्के रंग के वस्त्र तथा सर्दियों में गहरे रंग के वस्त्र पहनना पसंद करते हैं। हल्के रंग के कपड़े ऊष्मीय विकिरणों के अधिकांश भाग को परावर्तित कर देते है, जिससे गर्मी कम अनुभव होती है। गहरे रंग के पृष्ठ अपेक्षाकृत अधिक ऊष्मा अवशोषित करते हैं और ऊष्मा के अवशोषित भाग के कारण ताप बढ़ जाता है।
सर्दियों में ऊनी वस्त्र हमें उष्ण बनाए रखते है – सर्दियों में हम ऊनी वस्त्र पहनते है, ऊन ऊष्मारोधी होती है। ऊन के रेशों के बीच में वायु फंसी (ट्रैप) रहती है। यह वायु हमारे शरीर की ऊष्मा को ठण्डे परिवेश की ओर विकिरित होने से रोकती है। अतः हमें उष्णता का अनुभव होता है।
इसी प्रकार सर्दियों में एक मोटे कम्बल की अपेक्षा, एक के ऊपर एक जुड़े दो पतले कंबलों का चुनाव अच्छा होता है। दो कंबलों के बीच वायु की एक परत विद्यमान होती है, जिससे ठण्ड का अनुभव कम होता है।
अध्याय के महत्वपूर्ण बिंदुएं-
सेल्सियस स्केल – थर्मामीटर पर ताप मापने का मापक्रम (स्केल) भी बना होता है। यह मापक्रम सेल्सियस स्केल है, जिसे °C द्वारा दर्शाते है। डॉक्टरी थर्मामीटर से हम 35°C से 42°C तक के ताप को ही माप सकते है।
चालन – वह प्रक्रम जिसमें ऊष्मा किसी वस्तु के गर्म सिरे से ठंडे सिरे की ओर स्थानांतरित होती है, चालन कहलाता है।
चालक – जो पदार्थ अपने से होकर ऊष्मा को आसानी से जाने देते हैं उन्हें ऊष्मा का चालक कहते हैं। उदाहरण हैं, ऐलुमिनियम, आयरन (लोहा) तथा कॉपर
संवहन – यह प्रक्रिया तब तक चलती रहती है, जब तक कि सारा जल गर्म न हो जाए। ऊष्मा स्थानांतरण की इस विधि को संवहन कहते हैं।
ऊष्मा – रोधी – जैसे प्लास्टिक तथा लकड़ी।
कुचालकों को ऊष्मा – रोधी भी कहते हैं, जल तथा वायु ऊष्मा के कुचालक हैं।
कुचालक – जो पदार्थ अपने से होकर ऊष्मा को आसानी से नहीं जाने देते, उन्हें ऊष्मा का कुचालक कहते हैं,
अधिकतम न्यूनतम तापमापी – विभिन्न प्रयोजनों के लिए विभिन्न प्रकार के तापमापी उपयोग किए जाते हैं। मौसम की रिपोर्ट में दिए गए अधिकतम तथा न्यूनतम तापों की जानकारी देने के लिए अधिकतम न्यूनतम तापमापी का उपयोग किया जाता है।
समुद्र समीर – चक्र को पूरा करने के लिए स्थल की ओर से गर्म वायु समुद्र की ओर बह जाती है ( चित्र 3.11 ) । समुद्र की ओर से आने वाली वायु को समुद्र समीर कहते हैं।
थल समीर – रात्रि में यह प्रक्रम ठीक विपरीत हो जाता है। समुद्र का जल, की अपेक्षा धीमी गति से ठंडा होता है। इसलिए, स्थल की ओर से ठंडी वायु समुद्र की ओर बहती है यह थल समीर कहलाती है।
विकिरण – चूँकि पृथ्वी तथा सूर्य के बीच के अधिकांश स्थान में कोई माध्यम, जैसे वायु नहीं है अतः सूर्य से हम तक ऊष्मा एक अन्य प्रक्रम द्वारा आती है जिसे विकिरण कहते हैं।
ताप – किसी वस्तु का अन्य वस्तु की तुलना में गर्म अथवा ठण्डा होने की स्थिति का पता जिस गुण से चलता है, उसे वस्तु का ताप कहते है।
तापमापी (थर्मामीटर) – वस्तु का ताप मापने के लिए उपयोग की जाने वाली युक्ति को तापमापी (थर्मामीटर) कहते है।
FAQ
प्रश्न 1. ऊष्मा किसे कहते है?
प्रश्न 2. क्या स्पर्श की इंद्रिय विश्वसनीय होती है?
प्रश्न 3. मानव शरीर का तापमान परिसर कितना होता है?
प्रश्न 4.किस तापमापी में पारे का उपयोग नहीं किया जाता?
प्रश्न 5. ठोस किस विधि से गर्म होते हैं?
प्रश्न 6. घरों में रोशनदान क्यों होते हैं?
प्रश्न 7. कौन-से तल ऊष्मा के अच्छे अवशोषक होते हैं?
प्रश्न 8. हमारे शरीर का सामान्य तापमान कितना होता है?
प्रश्न 9. हम अपने शरीर का ताप मापते हैं- (प्रयोगशाला तापमापी से/डॉक्टरी थर्मामीटर से)
प्रश्न 10. समुद्री समीर कब चलती हैं?
प्रश्न 11. सेल्सियस स्केल किस वैज्ञानिक ने खोजा?
प्रश्न 12. डॉक्टरी तापमापी को उपयोग करने से पहले किससे धो लेना चाहिए ?
प्रश्न 13. कौन-से यंत्र में ऊष्मा संचरण की तीनों विधियों का प्रयोग किया जाता है?
प्रश्न 14. रजाई गर्म क्यों होती है?
NCERT Solution Class 7th विज्ञान Notes in Hindi |
NCERT Solution Class 7th विज्ञान Question Answer in Hindi |
NCERT Solution Class 7th विज्ञान MCQ in Hindi |
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