NCERT Solutions Class 7th Science Chapter -11 प्रकाश (Light)
Textbook | NCERT |
Class | 7th |
Subject | Science |
Chapter | 11th |
Chapter Name | प्रकाश |
Category | Class 7th Science |
Medium | Hindi |
Source | Last Doubt |
NCERT Solutions Class 7th Science Chapter -11 प्रकाश Notes in Hindi प्रकाश क्या है यह कितने प्रकार के होते हैं?,प्रकाश का क्या कार्य है?,प्रकाश कैसे चलता है?,प्रकाश का स्रोत क्या है?,प्रकाश की प्रकृति कौन है?,प्रकाश वर्ष की इकाई क्या है?,प्रकाश की विशेषता क्या है?,प्रकाश का जनक कौन है?,प्रकाश तरंग क्यों है?,पृथ्वी से 1 प्रकाश वर्ष दूर कितना है?,प्रकाश का मात्रक क्या होता है?,एक प्रकाश वर्ष में कितने दिन होते हैं?,हिंदी के पिता का क्या नाम है?,प्रकाश कण है या तरंग? इस अध्यये को पढ़ेंगे |
NCERT Solutions Class 7th Science Chapter -11 प्रकाश (Light)
Chapter – 11
प्रकाश
Notes
प्रकाश क्या होता है – प्रकाश एक प्रकार की ऊर्जा है, जिसकी मदद से हम अपने आस पास की दुनिया को देख पाते हैं। प्रकाश के बिना देखना असंभव है। जब आप बिलकुल अंधेरे कमरे में होते हैं तो उस कमरे में रखी किसी चीज को नहीं देख पाते हैं। ऐसा इसलिए होता है कि अंधेरे कमरे में प्रकाश नहीं होता है।
प्रकाश का गमन किसे कहते है – प्रकाश हमेशा सीधी रेखा में चलता है। इसे समझने के लिए एक प्रयोग कीजिए।
- एक मोमबत्ती लीजिए और गत्ते या कार्डबोर्ड से बनी एक खोखली पाइप लीजिए।
- मोमबत्ती को जला दीजिए।
- अब मोमबत्ती की लौ को खोखली पाइप के एक सिरे से देखने की कोशिश कीजिए।
- एक बार सीधी पाइप से देखिए और फिर पाइप को मोड़कर करके देखने की कोशिश कीजिए।
- आप गौर करेंगे कि सीधी पाइप से मोमबत्ती की लौ दिखाई देती है।
- लेकिन मुड़ी हुई पाइप से मोमबत्ती की लौ दिखाई नहीं देती है। इससे साबित होता है कि प्रकाश सीधी रेखा में चलता है।
परावर्तन किसे कहते है
जब प्रकाश किसी चमकदार सतह पर पड़ता है तो यह वापस मुड़ जाता है। इस घटना को प्रकाश का परावर्तन कहते हैं। पानी या दर्पण में हम किसी वस्तु का प्रतिबिम्ब परावर्तन के कारण देख पाते हैं।
परावर्तन के नियम – परावर्तन के दो नियम हैं जो नीचे दिए गए हैं।
- आपतित किरण, परावर्तित किरण और आपतन बिंदु पर बना लम्ब, ये तीनों एक ही तल में होते हैं।
- आपतन का कोण और परावर्तन के कोण बराबर होते हैं।
जब भी किसी दर्पण या चमकदार सतह पर प्रतिबिम्ब बनता है तो परावर्तन के नियमों का पालन होता है। दर्पण या किसी अन्य चीज से बने प्रतिबिम्ब दो प्रकार के होते हैं।
वास्तविक प्रतिबिम्ब किसे कहते है – जिस प्रतिबिम्ब को किसी परदे पर प्राप्त किया जा सकता है उसे वास्तविक प्रतिबिम्ब कहते हैं। वास्तविक प्रतिबिम्ब हमेशा दर्पण के सामने बनता है। हमारी आँखों की रेटिना पर और कैमरे की फिल्म पर वास्तविक प्रतिबिम्ब बनते हैं।
आभासी प्रतिबिम्ब किसे कहते है – जब प्रतिबिम्ब को किसी परदे पर प्राप्त नहीं किया जा सकता है तो उसे आभासी प्रतिबिम्ब कहते हैं। आभासी प्रतिबिम्ब हमेशा दर्पण के पीछे बनता है।
समतल दर्पण में प्रतिबिम्ब किसे कहते है – समतल दर्पण में प्रतिबिम्ब का आकार बिम्ब (वस्तु) के आकार के बराबर होता है। प्रतिबिम्ब सीधा और आभासी होता है। दर्पण से वस्तु की दूरी और प्रतिबिम्ब की दूरी बराबर होती है।
समतल दर्पण द्वारा बना प्रतिबिम्ब वस्तु की तुलना में पार्श्व (बगल) से उलटा होता है। वस्तु का दाहिना भाग प्रतिबिम्ब का बायाँ भाग लगता है, तथा वस्तु का बायाँ भाग प्रतिबिम्ब का दाहिना भाग लगता है। आपने यदि कभी एम्बुलेंस देखी होगी तो गौर किया होगा कि उस वाहन पर एम्बुलेंस शब्द बगल से उलटा लिखा रहता है यानि जैसे मुहर पर लिखते हैं। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि आगे चलने वाले वाहन का ड्राइवर अपनी रियर व्यू मिरर में आसानी से एंबुलेंस लिखा हुआ पढ़ ले और सही समय पर एम्बुलेंस को रास्ता दे दे।
गोलीय दर्पण किसे कहते है – जब किसी गोले के भाग से दर्पण बनता है तो उसे गोलीय दर्पण या स्फेरिकल मिरर कहते हैं। गोलीय दर्पण दो तरह के होते हैं: अवतल और उत्तल। अवतल दर्पण की परावर्तन सतह गोले के भीतर होती है यानि भीतर की ओर धँसी होती है। उत्तल दर्पण की परावर्तन सतह गोले के बाहर होती है यानि ऊपर की ओर उठी होती है।
अवतल दर्पण में प्रतिबिंब कैसा दिखता है – अवतल दर्पण में बनने वाला प्रतिबिंब अक्सर वास्तविक, उल्टा और वस्तु से छोटा होता है। जब वस्तु को दर्पण के बहुत नजदीक रखा जाता है तो प्रतिबिंब आभासी, सीधा और वस्तु से बड़ा होता है।
अवतल दर्पण के उपयोग कहा होता है – डेंटिस्ट और ENT (कान नाक और गला) के विशेषज्ञ डॉकटर अवतल दर्पण का उपयोग करते हैं। अवतल दर्पण की सहायता से ये डॉक्टर मरीज के कान में या मुँह में प्रकाश की बीम डालते हैं ताकि सब कुछ साफ दिखाई पड़े। डेंटिस्ट एक लंबी डंडी में लगे अवतल दर्पण को दाँत के पास ले जाते हैं जिससे दाँत का आवर्धित प्रतिबिम्ब दिखता है।सौर भट्ठी में अवतल दर्पण का इस्तेमाल सूर्य की किरणों को एक बिंदु पर फोकस करने के लिए होता है जिससे बहुत अधिक ऊष्मा निकलती है।नाई भी अवतल दर्पण का इस्तेमाल करते हैं। इसकी मदद से उन्हें आवर्धित प्रतिबिम्ब देखने को मिलता है जिससे उन्हें हजामत बनाने में सहूलियत होती है।
FAQ
प्रश्न 1. प्रकाश कैसे चलता है ?
प्रश्न 2. प्रकाश का क्या कार्य है ?
प्रश्न 3. प्रकाश का स्रोत क्या है ?
प्रश्न 4. प्रकाश का मात्रक क्या होता है ?
प्रश्न 5. प्रकाश की दो विशेषताएं क्या हैं ?
प्रश्न 6. प्रकाश की विशेषता क्या है ?
प्रश्न 8. प्रकाश तरंग क्यों है ?
प्रश्न 7. प्रकाश की खोज कब हुई थी ?
प्रश्न 8. प्रकाश की आवृत्ति कितनी होती है ?
प्रश्न 9. प्रकाश तरंगों को कैसे मापा जाता है ?
प्रश्न 10. प्रकाश की तरंग दैर्ध्य क्या है?
प्रश्न 11. सबसे कम तरंग धैर्य वाला प्रकाश कौन सा है?
प्रश्न 12. सबसे बड़ी तरंग धैर्य कौन सी है?
प्रश्न 13. P कौन सी तरंग है?
प्रश्न 14. प्रकाश क्या है
प्रश्न 15. प्रकाश के गुण
प्रकाश विद्युत चुंबकीय विकिरण के रूप में चलता है
अधिक चमकदार पृष्ठों से प्रकाश परिवर्तित होता है
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