NCERT Solutions Class 7th Science Chapter – 8 पादप में जनन (Reproduction in Plants)
Textbook | NCERT |
Class | 7th |
Subject | Science |
Chapter | 8th |
Chapter Name | पादप में जनन (Reproduction in Plants) |
Category | Class 7th Science |
Medium | Hindi |
Source | Last Doubt |
NCERT Solutions Class 7th Science Chapter – 8 पादप में जनन (Reproduction in Plants) Question & Answer in Hindi में हम, पादप का जनन अंग कौन सा है?, पादपों में जनन का क्या अर्थ है?, पौधों में कौन सा जनन होता है?, पादपों कक्षा 7 में जनन क्या है?, पौधों में जनन कितने प्रकार के होते हैं?, महिला प्रजनन अंग कौन सा है?, पादप प्रजनन में जननद्रव्य क्या है?, पुष्प में नर जनन कोशिका क्या है?, नर और मादा में निषेचन कैसे होता है?, जनन की कितनी विधियां पाई जाती है?, स्त्री में अंड का निषेचन कहाँ होता है?, शुक्राणु के अंडे से मिलने के बाद क्या होता है?, मादा हार्मोन का क्या नाम है?, डेली स्पर्म गिरने से क्या होता है?, प्रेगनेंसी में स्पर्म अंदर जाने से क्या होता है?, एक बार में कितने स्पर्म निकलते हैं? इत्यादि के बारें में पढ़ेंगे। |
NCERT Solutions Class 7th Science Chapter – 8 पादप में जनन (Reproduction in Plants)
Chapter – 8
पादप में जनन
प्रश्न – उत्तर
अभ्यास के प्रश्न-उत्तर
प्रश्न 1. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(क) जनक पादप के कायिक भागों से नए पादप के उत्पादन का प्रक्रम …….कहलाता है।
उत्तर – कायिक जनन
(ख) ऐसे पुष्पों को, जिनमें केवल नर अथवा मादा जनन अंग होता है ……….. पुष्प कहते हैं।
उत्तर – द्विलिंगी
(ग) परागकणों का उसी अथवा उसी प्रकार के अन्य पुष्प के परागकोश से वर्तिकाग्र पर स्थानांतरण का प्रक्रम ………. कहलाता है।
उत्तर – परागण
(घ) नर और मादा युग्मकों का युग्मन ……. कहलाता है।
उत्तर – निषेचन
(च) बीज प्रकीर्णन …………… , ………….और ……….के द्वारा होता है।
उत्तर – वायु, पानी, कीट।
प्रश्न 2. अलैंगिक जनन की विभिन्न विधियों का वर्णन कीजिए। प्रत्येक का उदाहरण दीजिए।
उत्तर – अलैंगिक जनन में नर तथा मादा की आवश्यकता नहीं होती। इसमें जीव स्वयं अपनी संख्या में वृद्धि करते। हैं। अलैंगिक जनन की विभिन्न विधियाँ निम्नलिखित हैं।
1. मुकुलन – पूर्ण विकसित पौधे के शरीर पर एक उभार की तरह की संरचना बन जाती है, जिसे मुकुल कहते हैं। शरीर की कोशिका में से केंद्रक दो भागों में विभाजित हो जाता है तथा इनमें से एक केंद्रक मुकुल में आ जाता है। मुकुल पैतृक जीव के शरीर से पृथक् हो जाते हैं तथा वृद्धि करके पूर्ण विकसित जीव बन जाता है।
2. खंडन विधि – जलीय पादप जैसे शैवाल में खंडन विधि द्वारा गुणन होता है। शैवाल दो या दो से अधिक खंडों में विखंडित हो जाते हैं और प्रत्येक खंड, नए जीवन के रूप में वृद्धि करने लगता है। यह प्रक्रम निरंतर चलता रहता है।
3. कायिक प्रवर्धन – बीजों के बिना पौधों के किसी कायिक बहुकोशिक भाग से नए पौधे उत्पन्न करके वंश चलाना कायिक प्रवर्धन कहलाता है। यह मुख्यतः दो प्रकार का है – (1) प्राकृतिक कायिक प्रवर्धन तथा (2) कृत्रिम कायिक प्रवर्धन।
(1) प्राकृतिक कायिक प्रवर्धन – प्रकृति में पौधों की जड़, तना, पत्तों आदि पर उपस्थित कलिकाओं से नए पौधे पैदा करना प्राकृतिक कायिक़ जनन कहलाता है; जैसे आलू, अदरक, पत्थरचट्ट आदि।
(2) कृत्रिम कायिक प्रवर्धन – रोपण द्वारा, कलम लगाकर या दाब कलम लगाकर मनुष्य स्वयं भी अपने प्रयत्नों से पौधों को तैयार करता रहता है। इस प्रक्रिया को कृत्रिम कायिक प्रवर्धन कहते हैं; जैसे गुलाब, आम आदि।
बीजाणु निर्माण विधि – कवकों में बीजाणुओं द्वारा जनन होता है। कवकों के बीजाणु वायु में उपस्थित रहते हैं। ये उच्च ताप व निम्न आर्द्रता जैसी प्रतिकूल परिस्थिति को भी झेलने के लिए अनुकूल होते हैं। इनकी रक्षा एक कठोर सुरक्षात्मक कवच (आवरण) करता है। जीवाणु लंबे समय तक जीवित रह सकते हैं। अनुकूल परिस्थितियों को पाकर जीवाणु अंकुरित होते हैं और नए जीव को जन्म देते हैं। मॉस और फर्न में बीजाणुओं द्वारा जनन होता है।
प्रश्न 3. पादपों में लैंगिक जनन के प्रक्रम को समझाइए।
उत्तर – पौधों में नर युग्मक पुंकेसर में और मादा युग्मक स्त्रीकेस्र में विद्यमान होता है। परागण क्रिया में नर युग्मक, मादा युग्मक के संपर्क में आता है और दोनों युग्मकों का संयुक्त होना निषेचन कहलाता है। निषेचन के उपरांत युग्मनज बनता है। जो बीज बनने की प्रथम अवस्था है। बीज से नए पादप का जन्म होता है। इन बीजों से विकसित पादपों में अपने पैतृक पादपों के समान गुणधर्म होते हैं। लैंगिक जनन में जनन के उपरांत भी माता-पिता अपने शिशु के रूप में जीवित रहते हैं।
प्रश्न 4. अलैंगिक और लैंगिक जनन के बीच प्रमुख अंतर बताइए।
उत्तर – अलैंगिक और लैंगिक जनन में निम्नलिखित अंतर हैं।
अलैंगिक जनन | लैंगिक जनन |
1. इसमें जीव अकेला ही वंश वृद्धि करता है। | 1. इसमें नर और मादा दोनों जीवों की आवश्यकता पड़ती है। |
2. इसमें निषेचन की क्रिया नहीं होती। | 2. इसमें निषेचन की क्रिया होती है। |
3. इससे उत्पन्न संतान में नए गुण उत्पन्न नहीं हो सकते है | 3. इससे उत्पन्न संतान में नए गुण पैदा हो सकते हैं। |
4. यह जनन निम्न श्रेणी के पादपों में पाया जाता है। | 4. यह जननं उच्च श्रेणी के पादपों में पाया जाता है। |
5. इनमें बीजों की आवश्यकता नहीं होती। | 5. इनमें बीजों की आवश्यकता होती है। |
6. प्रायः पैतृक पादप जनन उपरांत अदृश्य हो रहता है। | 6. पैतृक पादप जनन उपरांत संतान के रूप में जीवित जाता है। |
प्रश्न 5. किसी पुष्प का चित्र खींचकर उसमें जनन अंगों को नामांकित कीजिए।
उत्तर –
प्रश्न 6. स्व-परागण और पर-परागण के बीच अंतर बताइए।
उत्तर – स्व-परागण और पर-परागण में अंतर निम्नलिखित हैं
स्व-परागण | पर-परागण |
1. इसमें परागकण उसी फूल के या उसी पौधे के दूसरे फूल के स्त्रीकेसर के वर्तिकाग्र तक पहुँचते हैं। | 1. इसमें परागकण किसी दूसरे पौधे के फल के वर्तिकाग्र, पर पहुँचते हैं। |
2. परागकणों के नष्ट होने की संभावना कम होती है। | 2. परागकणों के नष्ट होने की संभावना अधिक होती है। |
3. इस विधि द्वारा उत्पन्न बीज अधिक स्वस्थ नहीं होते हैं | 3. इस विधि द्वारा उत्पन्न बीज अधिक स्वस्थ होते। |
4. इनमें नई जातियाँ उत्पन्न नहीं होतीं। | 4. इनमें नई जातियाँ उत्पन्न होती हैं। |
प्रश्न 7. पुष्पों में निषेचन का प्रक्रम किस प्रकार संपन्न होता है?
उत्तर – सभी परागकणों की भीतरी रचना प्रायः मिलती-जुलती होती है। प्रत्येक परागकण के दो चोल होते हैं-आंतरिक चोल तथा बाह्य चोल। जब परागकण वर्तिकाग्र पर गिरता है तो अंकुरित होने लगता है और तब बाह्य चोल टूट जाता है। इस नलिका को परागनली कहते हैं। परागनली बीजाणु द्वारा बीजांड में प्रवेश करती है और भ्रूणकोश तक पहुँच जाती है। जनन नाभिक दो नर नाभिकों में बँट जाता हैं। इनमें से एक नर नाभिक अंड कोशिका के साथ मिलता है, इसे निषेचन कहते हैं।
प्रश्न 8. बीजों के प्रकीर्णन की विभिन्न विधियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर – बीजों का प्रकीर्णन-प्रकृति में बीजों का एक स्थान से दूसरे स्थान पर बिखरना बीज प्रकीर्णन कहलाता है। बीज प्रकीर्णन निम्नलिखित विधियों द्वारा होला है
1. वायु द्वारा-कुछ हल्के रोमयुक्त बीज; जैसे आक (मदार), सूरजमुखी, सेहिजन (ड्रमस्टिक) तथा द्विफल (मैपिल) के बीज़ हल्के होने के कारण बहती वायु के साथ दूर-दूर तक फैल जाते हैं।
2. जल द्वारा-जिन फलों का आवरण स्पंजी तथा तंतुमयी होता है। वे जल में तैरते हुए एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुँच जाते हैं, जैसे नारियल।
3. जंतुओं द्वारा–कुछ काँटेदार बीज जिनमें हुक जैसी संरचना होती है, जंतुओं के शरीर से चिपक जाते हैं और जंतु इन्हें दूर स्थानों तक बिखेर देते हैं; जैसे यूरेना एवं जैन्थियम।
4. फलों के फटने द्वारा-एरंड और बाल्सम के फल तेज झटके के साथ फटते हैं और इनमें स्थित बीजों का प्रकीर्णन | हो जाता है। बीज जनक पौधे से दूर जाकर गिरते हैं।
प्रश्न 9. कॉलम A में दिए गए शब्दों का कॉलम B में दिए गए जीवों से मिलान कीजिए
कॉलम A | कॉलम B |
(क) कली/मुकुल | (i) मैपिल |
(ख) आँख | (ii) स्पाइरोगाइरा |
(ग) खंडन | (iii) यीस्ट |
(घ) पंख | (iv) डबलरोटी की फफूद |
(च) बीजाणु | (V) आलू |
(Vi) गुलाब |
उत्तर –
कॉलम A | कॉलम B |
(क) कली/मुकुल | (ii) यीस्ट |
(ख) आँख | (V) आलू |
(ग) खंडन | (iii) स्पाइरोगाइरा |
घ) पंख | (i) मैपिल |
(च) बीजाणु | (iV) डबलरोटी की फफूद |
प्रश्न 10. सही विकल्प पर (C) निशान लगाइए –
(क) पादप का जनन भाग होता है, उसका
(i) पत्ती/पर्ण
(ii) तना
(iii) मूल
(iv) पुष्प
उत्तर – (iv) पुष्प
(ख) नर और मादा युग्मक के युग्मन का प्रक्रम कहलाता है
(i) निषेचन
(ii) परागण
(iii) जनन
(iv) बीज निर्माण
उत्तर – (i) निषेचन
(घ) बीजाणु उत्पन्न करने वाला एक पादप जीव है
(i) गुलाब
(ii) डबलरोटी की फफूंद
(iii) आलू
(iv) अदरक
उत्तर – (ii) डबलरोटी की फफूंद
(च) ब्रायोफिलम अपने जिस भाग द्वारा जनन करता है, वह है
(i) तना
(ii) पत्ती
(iii) मूल
(iv) पुष्प
उत्तर – (ii) पत्ती
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