NCERT Solutions Class 7th Science Chapter – 10 विद्युत धारा और इसके प्रभाव (Electric Current and its Effects) Notes in Hindi

NCERT Solutions Class 7th Science Chapter – 10 विद्युत धारा एवं इसके प्रभाव (Electric Current and its Effects)

TextbookNCERT
Class 7th
Subject Science
Chapter10th
Chapter Nameविद्युत धारा एवं इसके प्रभाव (Electric Current and its Effects)
CategoryClass 7th Science
Medium Hindi
SourceLast Doubt
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NCERT Solutions Class 7th Science Chapter – 10 विद्युत धारा एवं इसके प्रभाव (Electric Current and its Effects)

Chapter – 10

विद्युत धारा एवं इसके प्रभाव

Notes

विद्युत सर्किटविद्युत सर्किट एक ऐसा विद्युत तंत्र है जो विद्युत को एक जगह से दूसरे जगह तक बहने में सहायता प्रदान करती है। यह एक अन्य प्रकार की तार से निर्मित सर्किट है जो विद्युत की ऊर्जा को उसके लक्ष्य तक पहुंचाने का काम करती है। जिसे हम विद्युत परिपथ या विद्युत सर्किट कहते हैं।

विद्युत परिपथ के प्रतीकविद्युत परिपथ के विभिन्न घटक होते है जिन्हे हम कुछ निश्चित प्रतीकों द्वारा प्रस्तुत करते है। इन चिह्नों की मदद से विद्युत सर्किट को दिखाना काफी आसान हो जाता है। इनमे मानक प्रतीकों का इस्तेमाल होता है इसलिए यह हर किसी को आसानी से समझ में आ जाता है। उदाहरण के लिए, कोई टीवी मैकेनिक टीवी का सर्किट डायग्राम देखकर आसानी से उसके अवयवों को पहचान सकता है।

बैटरीबैटरी एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण होता है जो विद्युत की ऊर्जा को संचित करता है और इसका उपयोग बिजली से चलने वाले उपकरणों को चलाने के लिए किया जाता है। बैटरी को आमतौर पर उस उपकरण के साथ आपस में संबद्ध किया जाता है जिसे यह चलाने के लिए बनाया गया होता है, जैसे कि मोबाइल फोन, लैपटॉप, टॉय, वाहन आदि।

बंद सर्किटजब कोई सर्किट पूरी होती है तो इसे बंद सर्किट कहते हैं। पूरी सर्किट का मतलब यह है कि विद्युत सर्किट में कोई भी गैप न हो। बंद सर्किट से होकर ही विद्युत करेंट का प्रवाह होता है।

खुली सर्किटजब कोई सर्किट पूरी नहीं होती है यानि उसमें कोई गैप रहता है तो इसे खुली सर्किट कहते हैं। खुली सर्किट से होकर विद्युत करेंट का प्रवाह नहीं होता है।

विद्युत करेंट – जब किसी तार से विद्युत करेंट बहता है तो तार का तापमान बढ़ जाता है। इस प्रभाव को विद्युत करेंट का तापीय प्रभाव कहते हैं।

विद्युत करेंट के तापीय प्रभाव के कारण कई उपकरण काम करते हैं। जैसे हमारे घरों में इस्तेमाल होने वाले बल्ब, ट्यूबलाइट, आदि विद्युत करेंट के तापीय प्रभाव पर काम करते हैं। बल्ब के अंदर बहुत ही पतले तार की स्प्रिंग जैसी रचना लगी होती है, जिसे बल्ब का फिलामेंट कहते हैं। बल्ब का फिलामेंट टंगस्टेन का बना होता है। फिलामेंट गर्म होकर लाल हो जाता है जिससे रोशनी निकलती है।

हीटिंग एप्लाएंस का एलीमेंटकिसी भी हीटिंग उपकरण में स्प्रिंग जैसी कुंडलित तार या एक धातु का रॉड लगा होता है, जिसे उस उपकरण का एलीमेंट कहते हैं। तार को स्प्रिंग की तरह कुंडलित कर देने से पृष्ठ क्षेत्र बढ़ जाता है जिससे अधिक ऊष्मा मिलती है। ये एलीमेंट अक्सर कॉन्स्टैंटैन नामक धातु के बने होते हैं, जिसका गलनांक बहुत अधिक होता है।

विद्युत फ्यूजयह एक सुरक्षा युक्ति है जो घरों की वायरिंग और कई विद्युत उपकरणों में लगी होती है। विद्युत फ्यूज का ढ़ाँचा सेरामिक का बना होता है जिसमें फ्यूज वाली तार को फँसाने के लिए दो प्वाइंट रहते हैं।

जब वायरिंग में ओवरलोड (जरूरत से अधिक करेंट) होता है तो फ्यूज की तार पिघल कर सर्किट को तोड़ देती है। इससे वायरिंग या महँगे उपकरणों को होने वाले नुकसान से बचाया जाना संभव होता है। कई उपकरणों में काँच का फ्यूज लगा होता है। इस युक्ति में काँच की एक छोटी ट्यूब होती है जिसके भीतर फ्यूज वायर होता है।

विद्युत फ्यूज का उपयोग – विद्युत फ्यूज एक विद्युतीय सुरक्षा उपकरण है जो अचानक उच्च विद्युत धारा के विद्युत परिपथ में प्रवाहित होने से परिपथ की क्षति से सुरक्षा प्रदान करता है। एक यंत्र, जिसे लघु परिपथ विच्छेदक कहते हैं, स्वत: ही परिपथ को बंद कर देता है जब विद्युत धारा का प्रवाह अधिकतम विशिष्ट सीमा को पार करता है। अत: चालक में जब विद्युत धारा का प्रवाह होता है तब ताप की उत्पत्ति, विद्युत प्रवाह के तापीय प्रभाव के कारण ही होती है।

विद्युत चुंबकजब विद्युत धारा प्रवाह एक तार के माध्यम से बहता है यह इसके चारों ओर चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करता है। इस प्रभाव को विद्युत धारा का चुंबकीय प्रभाव कहा जाता है। विद्युत धारा के चुंबकीय प्रभाव के कई अनुप्रयोग होते हैं। जैसे: बिजली का लिफ्ट, बिजली की घंटी, बिजली का पंखा आदि।

MCB (मिनियेचर सर्किट ब्रेकर)आजकल के समय में अधिकतर मकानों और दफ्तरों के स्विचबोर्ड पर आपको फ्यूज की जगह MCB दिखाई देंगे। क्योंकि विद्युत फ्यूज के साथ एक बड़ी समस्या होती थी। जब भी फ्यूज उड़ जाता था तो पूरे घर की बिजली चली जाती थी। किसी न किसी को तुरंत फ्यूज का तार बदलना पड़ता था।

रात बिरात ऐसा होने से लोगों को बड़ी परेशानी होती थी। मिनियेचर सर्किट ब्रेकर ऑटोमेटिक तरीके से काम करता है। आपको बस जाकर दोबारा उसका स्विच ऑन करना पड़ता है। MCB के कई नये मॉडल तो इतने कुशल होते हैं कि वे अपने आप ही ऑन या ऑफ हो जाते हैं और किसी को हाथ लगाने की जरूरत नहीं पड़ती।

विद्युत करेंट का चुम्बकीय प्रभावसबसे पहले हैंस क्रिश्चियन ओर्स्टेड (1777-1851) नाम के वैज्ञानिक ने विद्युत करेंट के चुम्बकीय प्रभाव का पता लगाया था। उन्होंने विद्युत धारा प्रवाहित हो रहे चालक के पास चुम्बकीय सूई को लाया, तो चुम्बकीय सूई विक्षेपित हुई, यह चालक से प्रवाहित हो रहे विद्युत धारा के द्वारा चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न करने के कारण हुआ यह बताया इसे ही विद्युत धारा का चुम्बकीय प्रभाव कहा जाता है।

विद्युत चुम्बकलोहे के किसी टुकड़े पर विद्युतरोधी तार से लिपटी विद्युत धारावाही कुंडली को विद्युत चुंबक कहते हैं।

विद्युत घंटीइसमें लोहे के टुकड़े पर ताँबे के तार की कुंडली लिपटी होती है। विद्युत चुंबक के निकट लोहे की एक पत्ती लगी होती है, जिसके एक सिरे से हथौड़ा जुड़ा होता है। लोहे की पत्ती के समीप एक संपर्क पेंच होता है।

जब लोहे की पत्ती इस पेंच के संपर्क में आती है, तो विद्युत परिपथ पूरा हो जाता है तथा कुंडली से विद्युत धारा प्रवाहित होती है, जिससे वह विद्युत चुंबक बन जाती है। तब यह लोहे की पत्ती अपनी ओर खींचता है, तो यह परिपथ को भी तोड़ देता है। इससे कुंडली से विद्युत धारा का प्रवाह समाप्त हो जाता है।

विद्युत घंटी का कार्य – विद्युत घंटी की कार्यशैली विद्युत चुम्बक के प्रभाव के सिद्‌धांत पर आधारित होती है। विद्युत घंटी के बटन को दबाते ही, जैसे ही परिपथ पूर्ण होता है, धारा प्रवाहित होना आरंभ कर देती है, इससे मुलायम लौह आर्मेचर विद्युत-चुम्बक की ओर आकर्षित हो जाती है जिसके फलस्वरूप हथौड़ा घंटी पर आघात करता है।

जैसे ही यह होता है, परिपथ बिदु ‘क’ पर टूट जाता है और धारा का प्रवाह बंद हो जाता है। विद्युत चुम्बक अपनी चुम्बकीय शक्ति को खो देता है। यह प्रक्रिया पुन: आरंभ होती है जैसे ही स्प्रिंग, आर्मेचर को विद्युत चुम्बक के संपर्क में आने के लिए पुन: खींचता है। फिर से या प्रकिया चलती रहती है

कुछ महत्वपूर्ण बातें

  • विद्युत अवयवों को उनके प्रतीकों द्वारा निरूपित करना सुविधाजनक होता है। इनका उपयोग करके किसी विद्युत परिपथ को परिपथ आरेख द्वारा निरूपित किया जा सकता है।
  • जब किसी तार से कोई विद्युत धारा प्रवाहित होती है, तो वह तार तप्त हो जाता है। यह विद्युत धारा का तापीय प्रभाव कहलाता है। इस प्रभाव के बहुत से अनुप्रयोग हैं।
  • कुछ विशेष पदार्थों के बने तारों में से जब उच्च विद्युत धारा प्रवाहित होती है, तो वे गर्म होने से पिघलकर टूट जाते हैं। इन पदार्थों का उपयोग विद्युत फ़्यूज़ के निर्माण में किया जाता है, जो विद्युत परिपथों को क्षति तथा आग से बचाते हैं।
  • जब किसी तार से विद्युत धारा प्रवाहित होती है, तो वह चुम्बक की भाँति व्यवहार करता है। इसे विद्युत धारा का चुम्बकीय प्रभाव कहते हैं।
  • लोहे के किसी टुकड़े पर विद्युतरोधी तार से लिपटी विद्युत धारावाही कुंडली को विद्युत चुंबक कहते हैं।
  • विद्युत चुंबक बहुत-सी युक्तियों में उपयोग किए जाते हैं।

प्रश्न 1. फिलामेंट किसे कहते है?

उत्तर – फिलामेंट बल्ब के अंदर बहुत ही पतले तार की स्प्रिंग जैसी रचना लगी होती है जिसे बल्ब का फिलामेंट कहते हैं।

प्रश्न 2. बल्ब से रोशनी कैसे बाहर निकलती है?

उत्तर – फिलामेंट गर्म होकर लाल हो जाता है जिसके कारण बल्ब का रोशनी बाहर निकलती है।

प्रश्न 3. बैटरी किन-किन चीज में उपयोग की जाती है?

उत्तर – टॉर्च, ट्रॉज़िस्टर, रेडियो, खिलौने, टीवी रिमोट कंट्रोल जैसी कई युक्तियों में बैटरी का उपयोग की जाती हैं।

प्रश्न 4. सेल के कितने टर्मिनल होते हैं?

उत्तर – सेल में दो टर्मिनल होते है और उन्हें सकारात्मक (+) और नकारात्मक (-) टर्मिनल कहा जाता है।

प्रश्न 5. सेल किसे कहते हैं?

उत्तर – जिस से विद्युत धारा प्राप्त की जा सके, उसे सेल कहते है।

प्रश्न 6. बैटरी किसे कहते हैं?

उत्तर – बैटरी दो या दो से अधिक सेलों के संयोजन को बैटरी कहते हैं।

प्रश्न 7. बैटरी का प्रतीक लिखें।

उत्तर – बैटरी का प्रतीक है। HE

प्रश्न 8. बैटरी में सेलों के टर्मिनल को सही रूप में जोड़ने का कौन-सा ढंग है?

उत्तर – एक सेल का धन टर्मिनल दूसरे सेल के ऋण टर्मिनल से जोड़ा जाता है।

प्रश्न 9. ट्रक व इनवर्टरों में प्रयुक्त होने वाली बैटरियों को बैटरी क्यों कहते हैं?

उत्तर – क्योंकि इनमें दो से अधिक सेल प्रयुक्त किए जाते हैं।

प्रश्न 10. स्विच को परिपथ में कहाँ जोड़ा जाता है?

उत्तर – स्विच को परिपथ में कहीं पर भी। जोड़ा जाता हैं।

प्रश्न 11. परिपथ अधूरा कब होता है?

उत्तर – परिपथ अधूरा स्विच ऑफ की स्थिति में। होता हैं।

प्रश्न 12. बल्ब में लगी पतली तार को क्या कहते है?

उत्तर – बल्ब में लगी पतली तार को फिलामेंट या तंतु कहते हैं।

प्रश्न 13. क्या फिलामेंट के टूटने की स्थिति में परिपथ पूरा होता है?

उत्तर – नहीं, क्योकि फिलामेंट के टूटने की स्थिति में परिपथ अधूरा होता है।

प्रश्न 14. विद्युत धारा के तापीय प्रभाव पर आधारित एक उपकरण का नाम लिखें।

उत्तर – विद्युत हीटर।

प्रश्न 15. विद्युत तार का ऊष्मीय प्रभाव किन बातों पर निर्भर करता है?

उत्तर – विद्युत तार का ऊष्मीय प्रभाव तार की लंबाई और मोटाई पर।

प्रश्न 16. CFL का पूरा नाम लिखें।

उत्तर – CFL का पूरा नाम है संहत प्रतिदीप्त लैंप (Compact Fluorescent Lamp)।

प्रश्न 17. CFL उपयोग करने का क्या लाभ है?

उत्तर – CFL उपयोग करने से विद्युत की क्षति को कम किया जा सकता है।

प्रश्न 18. विद्युत फ्यूज किसे कहते हैं?

उत्तर – विद्युत फ्यूज परिपथ की सुरक्षा की युक्ति को विद्युत फ्यूज कहते हैं।

प्रश्न 19. शॉर्ट सर्किट की एक हानि लिखें।

उत्तर – शॉर्ट सर्किट से विद्युत परिपथ नष्ट हो जाता है और आग लग सकती है।

प्रश्न 20. आजकल फ्यूज के स्थान पर किस युक्ति का उपयोग किया जाता है?

उत्तर – आजकल फ्यूज के स्थान पर परिपथ विच्छेदक (MCBS) का उपयोग किया जाता हैं।

प्रश्न 21. हमें हमेशा किस प्रकार के फ्यूजों का उपयोग करना चाहिए?

उत्तर – हमें हमेशा ISI चिह्न वाले फ्यूजों का उपयोग करना चाहिए।

प्रश्न 22. विद्युत चुंबक के दो उपयोग लिखें।

उत्तर – विद्युत चुंबक का उपयोग विद्युत घंटी व विद्युत क्रेन में किया जाता है
NCERT Solution Class 7th विज्ञान Notes in Hindi
Chapter – 1 पादपों में पोषण
Chapter – 2 प्राणियों में पोषण
Chapter – 3 ऊष्मा
Chapter – 4 अम्ल, क्षारक और लवण
Chapter – 5 भौतिक एवं रासायनिक परिवर्तन
Chapter – 6 जीवों में श्वसन
Chapter – 7 जंतु एवं पादप में परिवहन
Chapter – 8 पादप में जनन
Chapter – 9 गति एवं समय
Chapter – 10 विद्युत धारा एवं इसके प्रभाव
Chapter – 11 प्रकाश
Chapter – 12 वन हमारी जीवन रेखा
Chapter – 13 अपशिष्ट जल की कहानी
NCERT Solution Class 7th विज्ञान Question Answer in Hindi
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