NCERT Solutions Class 7th Science Chapter – 1 पादपों में पोषण (Nutrition in Plants)
Textbook | NCERT |
Class | 7th |
Subject | Science |
Chapter | 1st |
Chapter Name | पादपों में पोषण (Nutrition in Plants) |
Category | Class 7th Science |
Medium | Hindi |
Source | Last Doubt |
NCERT Solutions Class 7th Science Chapter – 1 पादपों में पोषण (Nutrition in Plants) Notes in Hindi जैसे की सातवीं कक्षा में हर साल लाखो उम्मीदवार पढ़ते और अपनी परीक्षा की तैयारी करते है जो उम्मीदवार 7th कक्षा में पढ़ रहे है उन्हें विज्ञान पादपों में पोषण के बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी है. इसके बारे में 7th कक्षा के विज्ञान एग्जाम में काफी प्रश्न पूछे जाते है .इसलिए यहां पर हमने एनसीईआरटी कक्षा 7th विज्ञान अध्याय 1 (पादपों में पोषण) का सलूशन दिया गया है, इस NCERT Solutions for Class 7 Science Chapter 1 Nutrition in Plants की मदद से विद्यार्थी अपनी परीक्षा की तैयारी कर सकता है और परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकता है. इसलिए आप Ch.1 पादपों में पोषण के प्रश्न उत्तरों ध्यान से पढिए ,यह आपके लिए फायदेमंद होंगे |
NCERT Solutions Class 7th Science Chapter – 1 पादपों में पोषण (Nutrition in Plants)
Chapter – 1
पादपों में पोषण
Notes
पोषक किसे कहते हैं – पोषक हमारे खाद्य पदार्थों की कच्ची सामग्री में हमारे शरीर के लिए कुछ आवश्यक घटक होते हैं जिन्हें पोषक कहते हैं। और पोषक हमारे शरीर की वृद्धि, विकास एवं विभिन्न क्रियाओं के लिए पोषक पदार्थ आवश्यक है।
पोषण किसे कहते हैं – हमारे शरीर को पोषण की बहुत आवश्यकता होती है। जो भोजन या पोषण मनुष्य द्वारा ग्रहण किए जाते हैं, उस क्रिया को पोषण कहा जाता है। आसान भाषा में समझे तो जो भोजन को ग्रहण करते हैं और हमारे शरीर को शक्ति तथा ऊर्जा प्राप्त होता है जिससे हमारे शरीर स्वस्थ रहता है उसे हम पोषण कहते हैं। पोषक से हमारे शरीर को अलग-अलग प्रकार की चीजें मिलती है।
जैसे – उर्जा, शरीर का विकास, दिमाग तेज करना, शरीर को तंदुरुस्त बनाए रखना, रोगों से लड़ना, आदि। इसके अतिरिक्त हमारे खाने में अलग-अलग प्रकार का पोषक तत्व मिलता है जैसे कि कार्बोहाइड्रेट, वसा, प्रोटीन, खनिज, लवण और जल है।, जिसे हम पोषण कहते हैं। अलग-अलग प्रकार के पोषक तत्वों को अपने भोजन के माध्यम से प्राप्त करना ही पोषण कहलाता है। पोषण को संतुलित आहार भी बोला जाता है। हमारे खाने में अलग-अलग प्रकार का पोषक तत्व मिलता है।
जाइलम और फ्लोएम किसे कहते हैं – जाइलम और फ्लोएम पूरे पौधे में पानी खनिज और भोजन को पहुंचाने की सुविधा प्रदान करती है। जाइलम जड़ों से पत्तियों तक पानी और खनिज को पहुंचाने का कार्य करता है जबकि फ्लोएम पतियों द्वारा तैयार भोजन को पौधों के विभिन्न भागों में पहुंचाता है। यही जाइलम और फ्लोएम का कार्य है।
पादपों में पोषण विधि – सभी जीवों को भोजन की आवश्यकता होती है।
(पौधे) स्वयं भोजन बना सकते हैं, परंतु जंतु अपना भोजन स्वयं नहीं बना सकते।
जंतु अपना भोजन पौधों से प्राप्त करते है।
अतः मानव तथा अन्य प्राणी प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से पौधों पर निर्भर रहते हैं।
कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, विटामिन एवं खनिज भोजन के घटक होते हैं। ये घटक पोषक पदार्थ कहलाते हैं।
स्वपोषी किसे कहते हैं – इस प्रकार के पद जीव जो अपना जीवन चलाने के लिए सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में सरल कार्बनिक पदार्थों जैसे कार्बन डाइऑक्साइड और पानी की मदद से अपना भोजन स्वयं बनाते हैं। उसे स्वपोषी (Autotrophic) प्रणाली कहते हैं। जैसे कि हरे भरे पेड़ पौधे अपना भोजन स्वयं बनाते हैं।
विषमपोषी किसे कहते हैं – वह जीव जंतु जो अपना भोजन स्वयं नहीं बना सकते हैं। और दूसरों पर निर्भर रहते हैं उसे विषमपोषी कहते है। जैसे कि पादप को छोड़कर अन्य सारे जीव जंतु दूसरे प्राणी दूसरों पर निर्भर रहते हैं।
प्रकाश संश्लेषण – पादपों में खाद्य संश्लेषण का प्रक्रम – पत्तियाँ पादप की खाद्य फैक्ट्रियाँ हैं ।
खाद्य संश्लेषण के लिए आवश्यक कच्चे सामग्रियाँ हैं- जल, खनिज एवं कार्बन डाइऑक्साइड गैस ।
मुदा में उपस्थित जल एवं खनिज जड़ द्वारा अवशोषित किए जाते हैं तथा तने के माध्यम से पत्तियों तक पहुँचाए जाते हैं।
पत्ती की सतह पर उपस्थित सूक्ष्म छिद्रों द्वारा वायु में उपस्थित कार्बन डाइऑक्साइड प्रवेश करती है।
प्रकाश संश्लेषण किसे कहते हैं – क्लोरोफ़िल सूर्य के प्रकाश (सौर प्रकाश ) की ऊर्जा का संग्रहण करने में पत्ती की सहायता करता है। इस ऊर्जा का उपयोग जल एवं कार्बन डाइऑक्साइड से खाद्य संश्लेषण में होता है. क्योंकि खाद्य संश्लेषण सूर्य प्रकाश की उपस्थिति में होता है। इसलिए इसे प्रकाश संश्लेषण कहते हैं।
पादप की रसोई किसे कहते हैं – प्रकाश संश्लेषण हरी पत्तियों में होता है, यानि पादप अपना भोजन हरी पत्तियों में बनाते हैं। इसलिए पत्तियों को पादप की रसोई या भोजन की फैक्ट्री कहते हैं।
पादपों में अन्य पोषकों का संश्लेषण – कार्बोहाइड्रेट के अलावा पादप को अन्य पोषकों की भी जरूरत पड़ती है। कार्बोहाइड्रेट के घटक है कार्बन, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन। प्रोटीन बनाने के लिए नाइट्रोजन की भी जरूरत पड़ती है।
परजीवी किसे कहते हैं – कुछ पादपों में क्लोरोफिल नही होता है। ऐसे पादप अपना भोजन नही बना सकते है। ऐसे पादप किसी अन्य पादप पर निर्भर रहते है ताकि उससे भोजन ले सके। ऐसे पादपो को परजीवी कहते है। अमरबेल इसका अच्छा उदाहरण है।
कीटभक्षी पादप किसे कहते हैं – कुछ पादप कार्बोहाइड्रेट तो बना लेते है क्योंकि उनमे क्लोरोफिल होता है। लेकिन ऐसे पादप जिस वातावरण में रहते है वहाँ की मिट्टी में नाइट्रोजन नही होता है। इसलिए नाइट्रोजन की जरूरत पूरा करने के लिए ऐसे पादप कीटो को खाते हैं। इसे समझने के लिए घटपर्णी (Pitcher plant) एक अच्छा ऊदाहरण माना जाता हैं।
मृतजीवी किसे कहते हैं – कुछ जीव मृत और विघटनकारी (सड़ने वाली) वस्तुओ से भोजन लेते है। इन जीवो को मृतजीवी कहते है। कवक या फंजाई इसका उदाहरण है। कुकुरमुत्ता (मशरूम) एक कवक है। कवक मृत और विघटनकारी वस्तु पर एंजाइम छोड़ते है जिससे सड़ने वाली चीज एक विलयन (घोल) में बदल जाती है। फिर उस विलयन को कवक चूस लेता है।
सहजीवी किसे कहते हैं – सहजीविता दो जीवों का ऐसा संबंध होता है जिसमे दोनो एक दूसरे को फायदा पहुँचाते हैं। लाइकेन (Lichen) इसका अच्छा उदाहरण है। लाइकेन दो जीवो (शैवाल और कवक) से मिलकर बना होता है। लाइकेन पेड़ो के तनों पर पनपते हैं। लाइकेन की निचली परत कवक से बनी होती है और ऊपरी परत शैवाल से। कवक जल और खनिज मुहैया कराता है। शैवाल प्रकाश संश्लेषण करके भोजन प्रदान करता है।
पर्णहरित किसे कहते हैं – क्लोरोफिल एक वर्णक है जो पौधो को उनका हरा रंग देता है , और यह पौधों को प्रकाश संश्लेषण के माध्यम से अपना भोजन बनाने में मदद करता है। इसी कारण से हमे पेड़ पौधे के पत्ते के दिखाई देते है।
परपोषी किसे कहते हैं – क्लोरोफिल की अनुपस्थिति के कारण समस्त जंतु तथा कवक पौधो की तरह अपना भोजन स्वयं संश्लेषित करने में सफल नहीं होते हैं। अतः भोजन के लिए ये सभी पूर्ण रूप से अन्य जीवो पर निर्भर होते है। ऐसे जीव जो अपने भोजन के लिए किसी-न-किसी रूप में अन्य जीवो पर आश्रित होते हैं, परपोषी या हेटेरोट्रॉफ्स (Heterotroph) कहलाते हैं।
रंध्र किसे कहते हैं – पौधो की पत्तियों की सतहों पर छोटे-छोटे छिद्र पाए जाते हैं जो पादपो में गैसो का आदान-प्रदान करते है, रंध्र कहलाते हैं।
सहजीवी संबंध किसे कहते हैं – सहजीवी उसे कहते हैं जो एक दूसरे के साथ रहते हैं तथा अपना आवास और पोषण तत्व एक दूसरे के साथ बांटते हैं। यह सहजीवी संबंध कहते हैं।
उदाहरण – जैसे कि चीजों के कुछ प्रजातियों और काबुल के पैर के बीच का संबंध है। काबुल के पेड़ के खोखले काँटों में रहती हैं और पत्तियों या छाल खाने की कोशिश करने वाले किसी भी व्यक्ति पर हमला करके वृक्ष को मनुष्य से बचाने में मदद करती है। बदले में काबुल का पेड़ अपनी पतियों की तर्क से चुआया हुआ अमृत के रूप में चीटियों को भोजन प्रदान करता है।
कवक किसे कहते हैं – कवक एक प्रकार का जीव है जो अपना भोजन सड़े गले मृत कार्बनिक पदार्थों से प्राप्त करता हैं। जो कि पृथ्वी के आरंभ से ही जगत में उपस्थित हैं इसका सबसे बड़ा लाभ इनका पृथ्वी में अपमार्जक के रूप में कार्य करता है इसके द्वारा जगत में से कचरा हटा दिया जाता है।
क्लोरोफिल किसे कहते हैं – क्लोरोफिल एक प्रकार का पिगमेंट होता है जो पौधों द्वारा पैदा किया जाता है। यह हरे रंग की पत्तियों और तने में पाई जाती है और फोटोसिंथेसिस के दौरान उष्मा को उर्जा में रूपांतरित करने में मदद करता है।
कोशिका झिल्ली किसे कहते हैं – कोशिका झिल्ली अर्ध पारगम्य सजीव झिल्ली है जो प्रत्येक सजीव कोशिका के जीवन द्रव्य को घेर कर रखती है कोशिका झिल्ली का निर्माण 3 परतों से मिलकर होता है इसमें से बाहरी और भीतरी परतें प्रोटीन द्वारा तथा मध्य वाली परत का निर्माण लिपिड या वसा द्वारा होता है और इसे हम प्लाज्मा झिल्ली भी कहते हैं।
पादपों में कार्बोहाइड्रेट के अतिरिक्त अन्य खाद्य का संश्लेषण – प्रकाश संश्लेषण प्रक्रम द्वारा पौधे कार्बोहाइड्रेट का संश्लेषण करते हैं।
कार्बोहाइड्रेट में कार्बन, हाइड्रोजन एवं ऑक्सीजन होते हैं। कार्बोहाइड्रेट से पौधे प्रोटीन और वसा का भी संश्लेषण करते हैं।
प्रोटीन में कार्बन, हाइड्रोजन एवं ऑक्सीजन के अलावा नाइट्रोजन भी होता है।
पौधे नाइट्रोजन कैसे प्राप्त करते हैं ? – वायु में प्रचुर मात्रा में नाइट्रोजन गैसीय अवस्था में मौजूद है।
परंतु पौधे इसके अवशोषण इसी रूप में नहीं कर सकते हैं।
मिट्टी में कुछ विशेष जीवाणु होते हैं जो वायुमंडलीय नाइट्रोजन को उपयोगी यौगिकों में बदल देते है और मिट्टी में स्थिर कर देते है।
नाइट्रोजन यौगिकों को पौधे घुली हुई अवस्था में जड़ों से अवशोषित करते है ।
इसाक सोधे नाइटोजन प्राप्त करते हैं
FAQ
प्रश्न 1. रंध्र ( Stoma )किसे कहते हैं
प्रश्न 2. पौधों में कौन सा विटामिन पाया जाता है?
प्रश्न 3. पादप किसकी बनी होती है
प्रश्न 4. पादप में क्या नहीं पाया जाता है?
प्रश्न 5. पादप कोशिका में क्या पाया जाता है?
प्रश्न 6. पादप की रसोई किसे कहते हैं
प्रश्न 7. पादप में कितने भाग होते हैं?
प्रश्न 8. पादप में भारत कौन से स्थान पर है
प्रश्न 9. राइजोबियम कहाँ पाए जाते है?
प्रश्न 10. मृदा में उर्वरक वे खाद क्यों मिलाए जाते है?
प्रश्न 11. कवक किस ऋतु में सर्वाधिक उगती है?
प्रश्न 12. कीटभक्षी पौधों के दो नाम लिखें।
प्रश्न 13. पौधे नाइट्रोजन को किस रूप में ही ग्रहण कर सकते है?
प्रश्न 14. शैवाल अपना भोजन कैसे बनाते है?
प्रश्न 15. कौन-से जीव अपना भोजन स्वयं बना सकते है?
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NCERT Solution Class 7th विज्ञान Question Answer in Hindi |
NCERT Solution Class 7th विज्ञान MCQ in Hindi |
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