NCERT Solutions Class 7th History Chapter – 8 अठारहवीं शताब्दी में नए राजनीतिक गठन (Eighteenth century political formation) Question & Answer in Hindi

NCERT Solutions Class 7th History Chapter – 8 अठारहवीं शताब्दी में नए राजनीतिक गठन (Eighteenth century political formation)

TextbookNCERT/CBSE
Class 7th
Subject Social Science (इतिहास)
Chapter8th
Chapter Nameईश्वर से अनुराग (Devotional Paths to the Divine)
CategoryClass 7th Social Science (इतिहास)
Medium Hindi
SourceLast Doubt
NCERT Solutions Class 7th History Chapter – 8 अठारहवीं शताब्दी में नए राजनीतिक गठन (Eighteenth century political formation) Question & Answer in Hindi हम इस अध्याय में 18 वीं शताब्दी में सिखों को कैसे संगठित किया गया?, अठारहवीं शताब्दी में मुख्य विकास क्या थे?, अठारहवीं शताब्दी में क्या हुआ था?, 18वीं शताब्दी में भारत की क्या स्थिति थी?, नायब क्लास 7 कौन है?, अठारवीं शताब्दी में भारत के मुख्य उद्योग कौन कौन से थे?, क्या भारत में अठारहवीं शताब्दी परिवर्तन के बजाय निरंतरता का काल था?, अठारहवीं शताब्दी तक संसार के कौन से देश सबसे धनी देश माने जाते थे?, बेस ग्रेड 7 क्या है?, दूर देश से लोग सूरत क्यों जाते थे?, कक्षा 7 में कितने त्रिभुज हैं?, गणित में आधार 2 क्या है?, क्लास 7 के लिए बेसिक क्या है?, कक्षा 7 वीं के लिए नंबर सिस्टम क्या है?, मैं कक्षा 7 में टॉप कैसे कर सकता हूं?, अम्ल क्षार और लवण परिभाषा कक्षा 7 क्या है? आदि के बारे में पढ़ेंगे।

NCERT Solutions Class 7th History Chapter – 8 अठारहवीं शताब्दी में नए राजनीतिक गठन (Eighteenth century political formation)

Chapter – 8

अठारहवीं शताब्दी में नए राजनीतिक गठन

प्रश्न – उतर

प्रश्न 1. निम्नलिखित में मेल बैठाए –

सूबेदारएक राजस्व कृषक
फ़ौजदारउच्च अभिजात
इजारादारप्रांतीय सूबेदार
मिस्लमराठा कृषक योद्धा
चौथएक मुग़ल सैन्य कमांडर
कुनबीसिख योद्धाओं का समूह
उमरामराठो द्वारा लगाया गया कर

उत्तर 

सूबेदारप्रांतीय सूबेदार
फ़ौजदारएक मुग़ल सैन्य कमांडर
इजारादारएक राजस्व कृषक
मिस्लसिख योद्धाओं का समूह
चौथमराठो द्वारा लगाया गया कर
कुनबीमराठा कृषक योद्धा
उमराउच्च अभिजात

प्रश्न 2. रिक्त स्थान की पूर्ति करें

(क) औरंगज़ेब ने _______में एक लंबी लड़ाई लड़ी।
उत्तर – दक्कन 

(ख) उमरा और जागीरदार मुग़ल _______ के शक्तिशाली अंग थे।
उत्तर – साम्राज्य 

(ग) आसफ़ शाह ने हैदराबाद राज्य की स्थापना ______ में की।
उत्तर – अठारहवीं शताब्दी 

(घ) अवध राज्य का संस्थापक _______ था।
उत्तर – सआदत

प्रश्न 3. बताए सही या गलत।

(क) नादिरशाह ने बंगाल पर आक्रमण किया।

उत्तर – गलत

(ख) सवाई राजा जयसिंह इंदौर का शासक था।
उत्तर –
गलत

(ग) गुरु गोबिंद सिंह सिक्खों के दसवें गुरु थे।
उत्तर –
सही

(घ) पुणे अठारवीं शताब्दी में मराठों की राजधानी बना।
उत्तर –
सही

प्रश्न 4. सआदत ख़ान के पास कौन-कौन से पद थे ?     
उत्तर सआदत खान 1722 में अवध का सूबेदार बना। सआदत खान बेशक बेहद काबिल थे इसी कारण कौम में उन्हें कई पदों से नवाजा गया था जैसे कि सूबेदारी, फ़ौजदारी एवं दीवानी।

प्रश्न 5. अवध और बंगाल के नवाबों ने जागीरदारी प्रथा को हटाने की कोशिश क्यों की ?
उत्तर अवध और बंगाल के नवाबों ने जागीरदारी प्रथा को हटाने की कोशिश निम्नलिखित प्रकार से की जैसे बुरहान–उल–मुल्क ने अवध क्षेत्र में मुग़ल प्रभाव को कम करने के लिए मुग़ल द्वारा नियुक्त अधिकारियों की संख्या में कटौती की। जागीरों के आकार में भी कटौती की। नवाब के दरबार द्वारा नियुक्त अधिकारियों द्वारा सभी जिलों के राजस्व का फिर से निर्धारण किया क्योंकि अवध का नवाब इन राजस्व को अपने अधीन लाना चाहता था। कृषि भूमियों को अपने राज्यों में मिला लिया। साहुकारों और महाजनों जैसे कई नए सामाजिक समूहों राज्य की राजस्व प्रणाली के प्रबंध को प्रभावित किया।

प्रश्न 6. अठारहवीं शताब्दी में सिक्खों को किस प्रकार संगठित किया गया ?
उत्तर अठारहवीं शताब्दी में कई योग्य नेताओं के नेतृत्व में सिक्खों ने अपने आप को पहले जत्थों में और बाद मिस्लों में संगठित किया। इन जत्थों और मिस्लों की मिली–जुली सेनाओं को दल खालसा कहा जाता था। उन दिनों दल खालसा बैसाखी और दीवाली के त्यौहारों पर अमृतसर में मिलते थे। इस बैठक में सिक्खों के लिए सामूहिक निर्णय लिए जाते थे जिन्हें गुरमत्ता (गुरु के प्रस्ताव) कहा जाता था।

सिक्खों ने राखी व्यवस्था स्थापित की जिसके अंतर्गत किसानों से उपज का 20 प्रतिशत कर के रूप में लिया जाता था। खालसा ने सन 1765 में अपना सिक्का गढ़ कर अपने स्वतंत्र राज्य की घोषणा की। एक मिसल के नेता महाराजा रणजीत सिंह ने विभिन्न मिसलों को एकत्रित करके 1799 में विशाल सिक्ख साम्राज्य की स्थापना की और सिक्खों को संगठित किया।

प्रश्न 7. मराठा शासक दक्कन के पार विस्तार क्यों करना चाहते थे ?
उत्तर –  मराठा राज्य एक अन्य शक्तिशाली राज्य था जो मुग़ल शासन का लगातार विरोध करके उत्पन्न हुआ था। आगे चलकर वे अपने शासन को दक्कन के पार विस्तार करना चाह्ते थे क्योकि वे अपनी सेनाएँ समृद्ध बनाने के लिए सबके सामने खड़ा करने के लिए संसाधन जुटाना चाहते थे। उत्तरी मैदानी भागों के उपजाऊ क्षेत्रों पर नियंत्रण स्थापित करने के लिए। वे अधिक से अधिक क्षेत्रों से सरदेशमुखी कर वसूलना चाहते थे। और एक बड़े श्रेत्र पर अपना शासन स्थापित करना चाह्ते थे।

प्रश्न 8. आसफजाह ने अपनी स्थिति को मज़बूत बनाने के लिए क्या-क्या नीतियाँ अपनाई ?
उत्तर आसफजाह ने अपने लिए कुशल सैनिकों तथा प्रशासकों को उत्तरी भारत से लाया था। उसने वहां आकर मनसबदार नियुक्त किए और उनको जागिरे प्रदान की। वह दिल्ली से ना कोई आदेश लेता ना किसी काम में हस्तक्षेप करता। वह अपना कार्य सम्पूर्ण स्वतंत्र रूप से करता था।

प्रश्न 9. क्या आपके विचार से आज महाजन और बैंकर उसी तरह का प्रभाव रखते हैं, जैसा कि 18वी सदी में रखा करते थे।
उत्तर हमारे विचार में आज महाजन और बैंकर उस तरह का प्रभाव नहीं रखते, क्योंकि 18वीं सदी में महाजन और बैंकर निम्न तरीके से राज्य को प्रभावित करते थे, जैसे उस समय लोगों को ऋण लेना होता तो साहूकार, सेठ लोगों पर निर्भर रहना पड़ता था। उस समय साहूकार ऋण लेने वालों से कोई भी चीज़ उधार लेते थे और बदले में पैसे देते थे।  आज कल लोग बैंक से बिना कोई चीज़ उधार दिए ऋण ले लेते है हालांकि ऐसी कई जगह और लोग है जिन्हें बैंक से ऋण नहीं मिल पाता और उन्हें अपनी ज़मीन,गहने उधार रखकर ऋण लेकर साथ में ब्याज़ भी चुकाना पड़ता है।

प्रश्न 10. क्या अध्याय में उल्लिखित कोई भी राज्य आपके अपने प्रांत में विकसित हुए थे।, यदि हां तो आपके विचार से 18वीं शताब्दी का जनजीवन आगे इक्कीसवीं शताब्दी के जनजीवन से किस प्रकार भिन्न था?
उत्तर  दिल्ली को भारतीय महाकाव्य महाभारत में प्राचीन इन्द्रप्रस्थ, की राजधानी के रूप में जाना जाता है। चंदबरदाई की रचना पृथवीराज रासो में तोमर वंश राजा अनंगपाल को दिल्ली का संस्थापक बताया गया है। ऐसा माना जाता है कि उसने ही ‘लाल-कोट’ का निर्माण करवाया था और लौह-स्तंभ दिल्ली लाया था।

पहले दिल्ली को अलग अलग राजाओं द्वारा शासित किया जाता था। सबको राजाओं द्वारा चलाए गए निर्णयो का ही पालन करना पड़ता था। ये सब 18वीं सदी का इतिहास रहा है लेकिन 21वीं सदी में अब बहुत अंतर आ गया है। अब सब स्वतंत्र है। सब अपना अपना काम करने में सक्षम है। कोई व्यक्ति कहीं भी रह सकता है। सबको खाने पीने, रहने, विचार प्रकट करने का मूल अधिकार है।

आइए करके देखें

प्रश्न 11. अवध, बंगाल या हैदराबाद में से किसी एक कि वास्तुकला और नए क्षेत्रीय दरबारों के साथ जुड़ी संस्कृति के बारे में कुछ और पता लगाएँ।
उत्तर बंगाल की वास्तुकला, जिसमें बांग्लादेश के आधुनिक देश और भारतीय बंगाल के भारतीय राज्य शामिल हैं, इन में एक लंबा और समृद्ध इतिहास है, जो दुनिया के विभिन्न हिस्सों से प्रभाव के साथ स्वदेशी तत्वों को मिलाता है। बंगाली वास्तुकला में प्राचीन शहरी वास्तुकला, धार्मिक वास्तुकला, ग्रामीण स्थानीय वास्तुकला, औपनिवेशिक टाउनहाउस और देश के घर, और आधुनिक शहरी शैलियों शामिल हैं।

बंगला शैली बंगाल का एक उल्लेखनीय वास्तुकला निर्यात है। मध्यकालीन दक्षिणपूर्व एशिया में बंगाली धार्मिक इमारतों के कोने टावरों को दोहराया गया था। उत्तरी भारत में मुगलों ने बंगाली घुमावदार छत की प्रतिलिपि बनाई थी। बंगाल इमारत के लिए अच्छे पत्थर में समृद्ध नहीं है, और पारंपरिक बंगाली वास्तुकला ज्यादातर ईंटों और लकड़ी का उपयोग करता है, जो घरों के लिए स्थानीय वास्तुकला की लकड़ी, बांस और खिंचाव शैलियों को प्रतिबिंबित करता है। टेराकोटा के सजावटी नक्काशीदार या ढाला पट्टियां (ईंट के समान सामग्री) एक विशेष विशेषता है।

प्रश्न 12. राजपूतों, जाटों, सिक्खों अथवा मराठों में से किसी एक समूह के शासकों के बारे में कुछ और कहानियाँ पता लगाएँ
उत्तर सिक्खों – नानक ने सिख धर्म में हिन्दू और इस्लाम दोनों की अच्छाइयों को शामिल किया, जबकि इनका मेल – मिलाप आज कल संभव सा भी नहीं लगता। हम गुरु नानक जी के बारे में बताएंगे-

गुरु नानक एक मौलिक आध्यात्मिक विचारक थे। गुरु नानक के जीवन के बारे में बहुत कुछ लोगों को पता नहीं है। गुरु नानक के अहम उपदेश भी हम तक जन्म सखियों के ज़रिए ही पहुंचे है। सिख परंपराओं में यह बताया जाता है कि नानक के जन्म और शुरुआती साल में कई मायनों में ख़ास रहे थे। कहा जाता है कि ईश्वर ने नानक को कुछ अलग करने के लिए प्रेरित किया था। नानक का जन्म एक हिन्दू परिवार में हुआ था, लेकिन उन्होंने जल्द ही इस्लाम और व्यापक रूप से हिन्दू धर्म का अध्ययन शुरू किया। गुरु नानक के बारे में एक प्रसिद्ध कहानी है कि वो 11 साल की उम्र में ही विद्रोही हो गए थे।

इस उम्र में हिन्दू लड़के पवित्र जनेऊ पहनना शुरू करते हैं, लेकिन गुरु नानक ने इसे पहनने से इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा था कि लोगों को जनेऊ पहनने के मुक़ाबले अपने व्यक्तिगत गुणों को बढ़ाना चाहिए। वो समान रूप से हिन्दू और मुसलमानों पर सवाल खड़ा कर रहे थे. नानक का ज़ोर आंतरिक बदलाव पर था. उन्हें बाहरी दिखावा बिल्कुल पसंद नहीं था। गुरु नानक ने कुछ वक़्त के लिए मुंशी के तौर पर भी काम किया था, लेकिन कम उम्र में ही ख़ुद को आध्यात्मिक विषयों के अध्ययन में लगा दिया।

1496 में नानक की शादी हुई थी। नानक ने भारत, तिब्बत और अरब से आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत की और यह यात्रा 30 सालों तक चली। इस दौरान नानक ने काफ़ी अध्ययन किया और पढ़े लिखे लोगों से बहस भी की। इसी क्रम में नानक ने सिख धर्म की राह को आकार दिया। गुरु नानक का सबसे अहम संदेश था कि ईश्वर एक है और हर इंसान ईश्वर तक सीधे पहुंच सकता है। उन्होंने इस चीज़ को प्रमुखता से स्थापित किया कि हर इंसान एक है, चाहे किसी भी जाति या लिंग का हो।

NCERT Solution Class 7th History All Chapter Question Answer
Chapter – 1 हज़ार वर्षों के दौरान हुए परिवर्तनों की पड़ताल
Chapter – 2 नए राजा और उनके राज्य
Chapter – 3 दिल्ली: बारहवीं से पंद्रहवीं शताब्दी
Chapter – 4 मग़ल: सोलहवीं से सत्रहवीं शताब्‍दी
Chapter – 5 जनजातियाँ, खानाबदोश और एक जगह बसे हुए समुदाय
Chapter – 6 ईश्वर से अनुराग                 
Chapter – 7 क्षेत्रीय संस्कृतियों का निर्माण
Chapter – 8 अठारहवीं शताब्दी में नए राजनीतिक गठन
NCERT Solution Class 7th History All Chapter Notes
Chapter – 1 हज़ार वर्षों के दौरान हुए परिवर्तनों की पड़ताल
Chapter – 2 नए राजा और उनके राज्य
Chapter – 3 दिल्ली: बारहवीं से पंद्रहवीं शताब्दी
Chapter – 4 मुगल सोलहवीं से सत्रहवीं शताब्दी
Chapter – 5 जनजातियाँ, खानाबदोश और एक जगह बसे हुए समुदाय 
Chapter – 6 ईश्वर से अनुराग
Chapter- 7 क्षेत्रीय संस्कृतियों का निर्माण
Chapter – 8 अठारहवीं शताब्दी में नए राजनीतिक गठन
NCERT Solution Class 7th History All Chapter MCQ
Chapter – 1 हज़ार वर्षों के दौरान हुए परिवर्तनों की पड़ताल
Chapter – 2 नए राजा और उनके राज्य
Chapter – 3 दिल्ली के सुल्तान
Chapter – 4 मग़ल: सोलहवीं से सत्रहवीं शताब्‍दी
Chapter – 5 जनजातियाँ, खानाबदोश और एक जगह बसे हुए समुदाय
Chapter – 6 ईश्वर से अनुराग
Chapter – 7 क्षेत्रीय संस्कृतियों का निर्माण
Chapter – 8 अठारहवीं शताब्दी में नए राजनीतिक गठन

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