NCERT Solutions Class 7th History Chapter – 2 नए राजा और उनके राज्य (New Kings and Kingdoms) Notes in hindi

NCERT Solutions Class 7th History Chapter – 2 नए राजा और उनके राज्य (New Kings and Kingdoms)

TextbookNCERT
Class 7th
Subject Social Science (इतिहास)
Chapter2nd
Chapter Nameनए राजा और उनके राज्य (New Kings and Kingdoms)
CategoryClass 7th Social Science (इतिहास)
Medium Hindi
SourceLast Doubt
NCERT Solutions Class 7th History Chapter – 2 नए राजा और उनके राज्य (New Kings and Kingdoms) Notes in hindi इस अध्याय में हम वंश किससे बनता है?, वंश कौन चलाता है?, वंश कितना पुराना है?, वंश कितने प्रकार के होते हैं?, सबसे लंबा वंश कौन था?, भारत में कुल कितने राजा थे?, भारत में कुल कितने वंश थे?, सरल शब्दों में कौन सा वंश है?, वंश का प्रथम संस्थापक कौन था?, वंश और राज्य में क्या अंतर है?, भारत का पहला वंश कौन सा है?, भारत का पहला वंश कौन सा था?, विश्व का सबसे पुराना साम्राज्य कौन सा है?, वर्तमान में भारत का राजा कौन है?, दुनिया में सबसे बड़ी हुकूमत किसकी थी?, सबसे कम शासन किसका चला?, भारत का नंबर 1 राजा कौन है?, पाकिस्तान का पूरा नाम क्या है? इत्यादि के बारे में पढ़ेंगे।

NCERT Solutions Class 7th History Chapter – 2 नए राजा और उनके राज्य (New Kings and Kingdoms)

Chapter – 2

नए राजा और उनके राज्य

Notes

नए राजवंशों का उदय – नए राजवंशों का उदय सातवीं शताब्दी के बाद कई राजवंशों का उदय हुआ। मानचित्र 1 में उपमहाद्वीप के विभिन्न हिस्सों में सातवीं से बारहवीं शताब्दी के बीच शासन करने वाले प्रमुख राजवंशों को दिखलाया गया है। मानचित्र में गुर्जर-प्रतिहार, राष्ट्रकूट, पाल, चोल और चाहमानों (चौहानों) के स्थान का निर्धारण कीजिए।

राज्य में प्रशासननये राजा अपने आपको शक्तिशाली और प्रभावशाली दिखाने के चक्कर में अपने नाम के आगे बड़ी-बड़ी उपाधियाँ लगा लेते थे, जैसे महाराजाधिराज, त्रिभुवन-चक्रवर्तिन, आदि। लेकिन इन बड़ी उपाधियों के बावजूद इन राजाओं को अक्सर स्थानीय सामंतों, भूस्वामियों, ब्राह्मणों और व्यापारियों से अपनी सत्ता साझा करनी पड़ती थी।

चार सौ कर – तमिलनाडु में शासन करने वाले चोल वंश के अभिलेखों में विभिन्न किस्मों के लिए 400 से ज्यादा सूचक शब्द मिलते हैं। सबसे अधिक उल्लिखित कर है वट्टी। जो नकद की बजाए जबरन श्रम के रूप में लिया जाता था। यानी जबरन श्रम और कदमाई यानी की भू-राजस्व थे। मकान पर छाजन डालने पर लगाने वाला कर, पारिवारिक संपत्ति का उत्तराधिकारी हासिल करने के लिए लगने वाले कर, इत्यादि का भी उल्लेख मिलता है।

प्रशस्तियाँ और भूमि-अनुदान – प्रशस्तियों में ऐसे ब्यौरे होते हैं, जो शब्दशः सत्य नहीं भी हो सकते। लेकिन ये प्रशस्तियाँ हमें बताती हैं की शासक खुद को कैसा दर्शाना चाहते थे मिसाल के लिए शूरवीर, विजयी योद्धा के रूप में। ये विद्वान ब्राह्मणों द्वारा रची गई थी, जो अकसर प्रशासन में मदद करते थे।

नागभट्ट की उपलब्धियां

(i) कई शासकों ने अपनी उपलब्धियों को बखान किया है। (आपने पिछले साल गुप्त शासक समुद्रगुप्त की प्रशस्ति के बारे में पढ़ा है)

(ii) संस्कृत में लिखी गई ग्वालियर (मध्य प्रदेश) में पाई गई एक प्रशस्ति प्रतिहार नरेश नागभट्ट के कामों का वर्णन इस प्रकार किया गया है।

(iii) आंध्र, सेंधव (सिंध), विदर्भ (महाराष्ट्र का एक हिस्सा) और कलिंग (उड़ीसा का एक हिस्सा) के राजा उनके आगे तभी धराशाई हो गए जब वे राजकुमार थे।

(iv) उन्होंने कन्नौज के शासक चक्र युद्ध को विजिट किया।

(v) उन्होंने बंगाल का हिस्सा अनर्त (गुजरात का हिस्सा), मालवा (मध्य प्रदेश का हिस्सा), किरात (वनवासी), तुरुष्क (तुर्क), वत्स, मत्स्य (दोनों उत्तर भारत के उत्तरी राज्य) राजाओं को पराजित किया।

धन के लिए युद्ध 

(i) नये राजवंशों में से हर किसी की शक्ति किसी खास क्षेत्र तक सीमित होती थी। लेकिन वे अपना शक्ति प्रदर्शन कई तरीके से करते थे। सभी राजा दूसरे क्षेत्रों को जीतकर अपना नियंत्रण स्थापित करना चाहते थे। गंगा घाटी का कन्नौज सबके निशाने पर रहता था।

(ii) राजा अपना शक्ति प्रदर्शन के लिए बड़े बड़े मंदिर बनवाते थे। ये मंदिर किसी भी राज्य की धन-संपत्ति की निशानी होते थे। इसलिए जब कोई राजा किसी दूसरे राज्य पर आक्रमण करता था तो मंदिर में लूटपाट अवश्य करता था।

भव्य मंदिर और कांस्य मूर्तिकलाकांस्य की मूर्तियां बनाने की कला सिंधु घाटी सभ्यता (2400-ईसा पूर्व) में शुरू हुई, जहां मोहनजोदड़ो में एक नर्तकी की सिंधु कांस्य प्रतिमा मिली। मंदिर में पत्थर की मूर्तियां और उनकी आंतरिक गर्भगृह की छवियां 10 वीं शताब्दी तक एक निश्चित स्थान पर रहीं।2 अक्तू॰ 2019

कृषि और सिंचाई – कृषि के उपयोग में आने वाली सामग्रियों में बीज, उर्वरक, पादप, संरक्षण, मशीनरी और ऋण के अलावा सिंचाई की भी महत्त्वपूर्ण भूमिका है। सिंचाई का मतलब वर्षा के सिवा किसी और तरीके से खेतों में पानी पहुँचाना है। दूसरे शब्दों में, यह जमीन या मिट्टी को कृत्रिम ढंग से सिंचित करना है। सिंचाई वास्तव में वर्षाजल का विकल्प या पूरक है।

साम्राज्य का प्रशासन – सम्राट केवल फरमान जारी नहीं कर सकता था और साम्राज्य पर स्वायत्तता से शासन नहीं कर सकता था। विभिन्न स्थानीय नेताओं द्वारा उनकी शक्ति को गंभीर रूप से प्रतिबंधित कर दिया गया था। सम्राट की शक्ति समय के साथ कम हो गई जब तक कि अलग – अलग क्षेत्र लगभग वास्तविक संप्रभु राज्यों की तरह संचालित नहीं हुए।

भूमि के प्रकार

चोल अभिलेखों में भूमि की विभिन्न कोटियों का उल्लेख मिलता है।

वेल्लनवजायी
गैर-ब्राह्मण किसान स्वामी की भूमि

ब्रह्मदेय
ब्राह्मणों को उपहार में दी गई भूमि

शालाभोग
किसी विद्यालय के रखरखाव के लिए भूमि

देवदान तिरुनमतडक्कनी
मंदिर को उपहार में दी गई भूमि

पल्लिच्चंदम
जैन संस्थानों को डाल दी गई भूमि

थांग वंश के युग का चीन – थाङ राजवंश (चीनी, थांग छाउ) चीन का एक राजवंश था। जिसका शासनकाल सन् 618 ईसवी से सन्न 907 ईसवी तक चला। इनसे पहले सुई राजवंश का ज़ोर था और इनके बाद चीन में पाँच राजवंश और दस राजशाहियाँ नाम का दौर आया

NCERT Solution Class 7th History All Chapter Notes
Chapter – 1 हज़ार वर्षों के दौरान हुए परिवर्तनों की पड़ताल
Chapter – 2 नए राजा और उनके राज्य
Chapter – 3 दिल्ली: बारहवीं से पंद्रहवीं शताब्दी
Chapter – 4 मुगल सोलहवीं से सत्रहवीं शताब्दी
Chapter – 5 जनजातियाँ, खानाबदोश और एक जगह बसे हुए समुदाय 
Chapter – 6 ईश्वर से अनुराग
Chapter- 7 क्षेत्रीय संस्कृतियों का निर्माण
Chapter – 8 अठारहवीं शताब्दी में नए राजनीतिक गठन
NCERT Solution Class 7th History All Chapter Question Answer
Chapter – 1 हज़ार वर्षों के दौरान हुए परिवर्तनों की पड़ताल
Chapter – 2 नए राजा और उनके राज्य
Chapter – 3 दिल्ली: बारहवीं से पंद्रहवीं शताब्दी
Chapter – 4 मग़ल: सोलहवीं से सत्रहवीं शताब्‍दी
Chapter – 5 जनजातियाँ, खानाबदोश और एक जगह बसे हुए समुदाय
Chapter – 6 ईश्वर से अनुराग                 
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Chapter – 8 अठारहवीं शताब्दी में नए राजनीतिक गठन
NCERT Solution Class 7th History All Chapter MCQ
Chapter – 1 हज़ार वर्षों के दौरान हुए परिवर्तनों की पड़ताल
Chapter – 2 नए राजा और उनके राज्य
Chapter – 3 दिल्ली के सुल्तान
Chapter – 4 मग़ल: सोलहवीं से सत्रहवीं शताब्‍दी
Chapter – 5 जनजातियाँ, खानाबदोश और एक जगह बसे हुए समुदाय
Chapter – 6 ईश्वर से अनुराग
Chapter – 7 क्षेत्रीय संस्कृतियों का निर्माण
Chapter – 8 अठारहवीं शताब्दी में नए राजनीतिक गठन

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