NCERT Solutions Class 7th History Chapter – 1 हज़ार वर्षों के दौरान हुए परिवर्तनों की पड़ताल (Tracing Changes Through a Thousand Years) Notes in hindi

NCERT Solutions Class 7th History Chapter – 1 हज़ार वर्षों के दौरान हुए परिवर्तनों की पड़ताल (Tracing Changes Through a Thousand Years)

TextbookNCERT
Class 7th
Subject Social Science (इतिहास)
Chapter1st
Chapter Nameहज़ार वर्षों के दौरान हुए परिवर्तनों की पड़ताल (Tracing Changes Through a Thousand Years)
CategoryClass 7th Social Science (इतिहास)
Medium Hindi
SourceLast Doubt
NCERT Solutions Class 7th History Chapter – 1 हज़ार वर्षों के दौरान हुए परिवर्तनों की पड़ताल (Tracing Changes Through a Thousand Years) Notes in hindi 6 विदेशी कौन कहलाता है?, भारत को हिंदुस्तान क्लास 7 क्यों कहा जाता है?, विदेशी का दूसरा नाम क्या है?, विदेशी कहां होता है?, लो ग्राम ने विदेशी कब छोड़ा?, भारत में सबसे पहला विदेशी कौन आया?, देश के अंदर कौन सा देश है?, भारत में कितने विदेशी हैं?, भारत में आने वाला विदेशी यात्री कौन था?, कौन सा विदेशी यात्री भारत आया?, भारत के विदेशी देश कौन कौन से हैं?, 1 नंबर देश कौन है?, नंबर 1 कौन सा देश है?, कौन सा देश है जिसका 3 नाम है?, चीनी यात्री भारत को क्या कहते थे?, भारत आने वाला पहला चीनी यात्री कौन था?, दूसरा चीनी यात्री कौन था?, दुनिया का सबसे अमीर देश कौन है?

NCERT Solutions Class 7th History Chapter – 1 हज़ार वर्षों के दौरान हुए परिवर्तनों की पड़ताल (Tracing Changes Through a Thousand Years)

Chapter – 1

हज़ार वर्षों के दौरान हुए परिवर्तनों की पड़ताल

Notes

मानचित्र – 1 – अरब भूगोलवेत्ता‘ अल-इदरीसी ‘ ने 1154 में बनाया था। यहाँ जो नक्शा दिया गया है वह उसके द्वारा बनाए गए दुनिया के बड़े मानचित्र का हिस्सा है और भरतीय उपमहाद्वीप को दर्शाता है। इस समय चीजों की जानकारी का अभाव था और मानचित्र बनाने का तकनीक था। जिसके कारण ये मानचित्र उल्टा दर्शाया गया है।

मानचित्र – 2 – फ्रांसीसी मानचित्रकार ने 1720 में बनाया था। इस समय मानचित्रकार बनाने का तकनीक में काफ़ी बदल गई थीं । ये मानचित्रकार लगभग 600 वर्ष बाद बनाया गया। यूरोप के नाविक तथा व्यापारी अपनी समुद्र यात्रा के लिए इस नक्शे का इस्तेमाल किया करते थे। नई और पुरानी

नई और पुरानी शब्दावली – ऐतिहासिक अभिलेख कई तरह की भाषाओं में मिलते हैंऔर ये भाषाएँ भी समय के साथ-साथ बहुत बदली हैं। उदाहरण के लिए ‘ हिंदुस्तान ‘ शब्द ही लीजिए। आज हम ऐसे आधुनिक राष्ट्र राज्य ‘ भारत ‘ के अर्थ में लेते हैं। तेरहवीं सदी में ज़ब फ़ारसी के इतिहासकार मिन्हाज -ए-सिराज ने हिंदुस्तान शब्द का प्रयोग किया था तो उसका आशय पंजाब , हरियाणा और गंगा-यमुना के बिच में स्थित इलाकों से था। उसने इस शब्द का राजनितिक अर्थ में उन इलाकों के लिए इस्तेमाल किया जो दिल्ली के ‘ सुल्तान ‘ के अधिकार क्षेत्र में आते थे।

नई और पुरानी शब्दावली – ऐतिहासिक अभिलेख कई तरह की भाषाओं में मिलते हैंऔर ये भाषाएँ भी समय के साथ-साथ बहुत बदली हैं। उदाहरण के लिए ‘ हिंदुस्तान ‘ शब्द ही लीजिए। आज हम ऐसे आधुनिक राष्ट्र राज्य ‘ भारत ‘ के अर्थ में लेते हैं। तेरहवीं सदी में ज़ब फ़ारसी के इतिहासकार मिन्हाज -ए-सिराज ने हिंदुस्तान शब्द का प्रयोग किया था तो उसका आशय पंजाब , हरियाणा और गंगा-यमुना के बिच में स्थित इलाकों से था। उसने इस शब्द का राजनितिक अर्थ में उन इलाकों के लिए इस्तेमाल किया जो दिल्ली के ‘ सुल्तान ‘ के अधिकार क्षेत्र में आते थे।

इतिहासकार और उनके स्रोत – इस काल के अध्ययन के इतिहासकार जिन स्रोतों का प्रयोग करते हैं , उनमें आपको बहुत-सी बातें ऐसी मिलेंगी जो पिछले युग से वैसी ही चली आ रही हैं इतिहासकार इस काल के बारे में सूचना इकट्ठी करने के लिए अभी भी सिक्कों। , शिलालेखों  स्थापत्य (भवन निर्माण कला) तथा लिखित सामग्री पर निर्भर करते हैं।

नए सामाजिक और राजनीतिक समूह – इस उपमहाद्वीप में नई तरह का खान-पान भी आया-आलू , मक्का , मिर्च , चाय और कॉफ़ी। ध्यान रहे कि ये तमाम परिवर्तन नई प्रौद्योगिकीयाँ और फ़सलें- उन लोगों के साथ आए जो विचार भी लेकर आए थे। परिणामस्वरूप यह काल आर्थिक , राजनीतिक , सामाजिक और सांस्कृतिक परिवर्तनों का भी काल रहा।

राजपूत – इस काल में जिन समुदायों का महत्त्व बढ़ा उनमें से एक समुदाय था राजपूत , जिसका नाम ‘ राजपूत ‘ ( अर्थात राजा का पुत्र ) से निकला है। आठवीं से चौदवहीं सदी के बीच यह नाम आमतौर पर योद्धाओं के उस समूह के लिए प्रयुक्त होता था जो क्षत्रिय वर्ण के होने का दावा करते थे।

क्षेत्र और साम्राज्य – इस काल में राज्यों के अंतर्गत कई सारे क्षेत्रआ जाते थे दिल्ली के सुल्तान ग़यासुद्दीन बलबन (1266-1287 ) की प्रशंसा में एक संस्कृत प्रशस्ति में उसे एक विशाल साम्राज्य का शासक बताया गया है जो पूर्व में बंगाल (गौड़) से लेकर पश्चिम में अफगानिस्तान के गजनी ( गज्जन ) तक फैला हुआ था और जिसमें संपूर्ण दक्षिण भारत ( द्रविड़ ) भी आ जाता था। गौड़ , आंध्र , केरल , कर्नाटक , महराष्ट्र और गुजरात आदि। 700 तक कई क्षेत्रों के अपने-अपने भौगोलिक आयाम तय हो चुके थे र उनकी भाषा तथा स्संस्कृतिक विशेषताएँ स्पष्ट हो गयी थी।

पुराने और नए धर्म – इतिहास के जिन हजार वर्षों की पड़ताल हम कर रहे हैं , इनके दौरान धर्मिक परंपराओं में कई बड़े परिवर्तन आए। दैविक तत्त्व में लोगों का आस्था कभी-कभी बिल्कुल ही वैयक्तिक स्तर पर होती थी मगर आम तौर पर इस आस्था का स्वरूप सामूहिक होता था। किसी दैविक तत्त्व में सामूहिक आस्था , यानि धर्म , प्राय: स्थानीय समुदायों के सामाजिक और आर्थिक संगठन से संबंधित होती थी। जैसे-जैसे इन समुदायों का सामाजिक संसार बदलता गया वैसे ही इनकी आस्थाों में भी परिवर्तन आता गया।

हिंदू धर्म – आज जिसे हम हिन्दू धर्म कहते है , उसमें भी इसी युग में महत्वपूर्ण बदलाव आए। इन परिवर्तनों में से कुछ थे नए देवी -देवताओं की पूजा राजाओं द्वारा मंदिरों का निर्माण और समाज में पुरोहितों के रूप में ब्राह्मणों का बढ़ता महत्व बढ़ती सत्ता आदि।

संरक्षक – संस्कृत ग्रंथों के ज्ञान के कारण समाज में ब्राह्मणों का बड़ा आदर होता था। यही युग था जिसमें इस उपमहाद्वीप में नए-नए धर्मों का भी आगमन हुआ। कुरान शरीफ़ का संदेश भारत म सातवीं सदी में व्यापारियों और आप्रवासियों के जरिए पहुँचा मुसलमान , कुरान शरीफ़ को अपना धर्मग्रंथ मानते है केवल एक ईश्वर-अल्लाह की सत्ता को स्वीकार करते है।

कागज़ का मूल्य – इन प्रसंगों की तुलना कीजिए

(i) तेरहवीं सदी के मध्य में एक विद्वान को एक पुस्तक की प्रतिलिपि की जरूरत पड़ी। उसके पास उतना कागज नहीं था। इसलिए उसने एक ऐसी पांडुलिपि को धो डाला जिसकी उसे जरूरत नहीं थी। और उसके कागज को सूखाकर उसका इस्तेमाल कर लिया।

(ii) अगर आप बाजार से कोई खाद्य पदार्थ खरीदते तो हो सकता है कि आपकी किस्मत अच्छी होती और दुकानदार वह वस्तु कागज में लपेट कर देता।

अभिलेखागार – ऐसा स्थान जहां दस्तावेजों और पांडुलिपियों को संग्रहित किया जाता है आज सभी राष्ट्रीय और राज्य सरकारों की अभिलेखागार होते हैं जहां वे अपने तमाम पुराने सरकारी अभिलेख और लेन-देन के ब्यौरों का रिकॉर्ड रखते हैं

समय और इतिहास के कालखंडों पर विचार – मौजूदा समय में जो इतिहास पढ़ाया जा रहा है उसमें प्राचीन और आधुनिक इतिहास का हिस्सा कम है जबकि मध्यकालीन इतिहास विशेष रुप से मुगल और दूसरे आक्रांता शासकों का हिस्सा ज्यादा है। गार्गी, मैत्रेयी जैसी महान विदुषियों का उल्लेख तक नहीं है।

NCERT Solution Class 7th History All Chapter Notes
Chapter – 1 हज़ार वर्षों के दौरान हुए परिवर्तनों की पड़ताल
Chapter – 2 नए राजा और उनके राज्य
Chapter – 3 दिल्ली: बारहवीं से पंद्रहवीं शताब्दी
Chapter – 4 मुगल सोलहवीं से सत्रहवीं शताब्दी
Chapter – 5 जनजातियाँ, खानाबदोश और एक जगह बसे हुए समुदाय 
Chapter – 6 ईश्वर से अनुराग
Chapter- 7 क्षेत्रीय संस्कृतियों का निर्माण
Chapter – 8 अठारहवीं शताब्दी में नए राजनीतिक गठन
NCERT Solution Class 7th History All Chapter Question Answer
Chapter – 1 हज़ार वर्षों के दौरान हुए परिवर्तनों की पड़ताल
Chapter – 2 नए राजा और उनके राज्य
Chapter – 3 दिल्ली: बारहवीं से पंद्रहवीं शताब्दी
Chapter – 4 मग़ल: सोलहवीं से सत्रहवीं शताब्‍दी
Chapter – 5 जनजातियाँ, खानाबदोश और एक जगह बसे हुए समुदाय
Chapter – 6 ईश्वर से अनुराग                 
Chapter – 7 क्षेत्रीय संस्कृतियों का निर्माण
Chapter – 8 अठारहवीं शताब्दी में नए राजनीतिक गठन
NCERT Solution Class 7th History All Chapter MCQ
Chapter – 1 हज़ार वर्षों के दौरान हुए परिवर्तनों की पड़ताल
Chapter – 2 नए राजा और उनके राज्य
Chapter – 3 दिल्ली के सुल्तान
Chapter – 4 मग़ल: सोलहवीं से सत्रहवीं शताब्‍दी
Chapter – 5 जनजातियाँ, खानाबदोश और एक जगह बसे हुए समुदाय
Chapter – 6 ईश्वर से अनुराग
Chapter – 7 क्षेत्रीय संस्कृतियों का निर्माण
Chapter – 8 अठारहवीं शताब्दी में नए राजनीतिक गठन

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