भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के दौरान राजनीतिक दलों ने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इन दलों ने भारतीय समाज को जागरूक करने, स्वतंत्रता के प्रति लोगों में चेतना जागृत करने, और ब्रिटिश शासन के खिलाफ संगठित संघर्ष को आकार देने का कार्य किया। प्रमुख राजनीतिक दलों की भूमिका इस प्रकार थी:
1. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC):
- स्थापना: 1885 में कांग्रेस की स्थापना हुई, जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का प्रमुख मंच बन गई।
- भूमिका:
- ब्रिटिश शासन की नीतियों की आलोचना और सुधारों की मांग।
- स्वराज (स्वशासन) की मांग को प्रमुख लक्ष्य बनाना।
- अहिंसक आंदोलन जैसे असहयोग आंदोलन (1920), सविनय अवज्ञा आंदोलन (1930), और भारत छोड़ो आंदोलन (1942) का नेतृत्व करना।
- सभी वर्गों और समुदायों को एकजुट करने का प्रयास।
- नेताओं का योगदान: महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस, सरदार वल्लभभाई पटेल आदि।
2. मुस्लिम लीग:
- स्थापना: 1906 में मुस्लिम समुदाय के राजनीतिक हितों की रक्षा के लिए बनाई गई।
- भूमिका:
- अलग चुनाव प्रणाली (सांप्रदायिक प्रतिनिधित्व) की मांग करना।
- 1940 में “पाकिस्तान प्रस्ताव” पारित कर एक अलग मुस्लिम राष्ट्र की स्थापना का समर्थन।
- इसके प्रयासों ने भारत के विभाजन की दिशा में योगदान दिया।
3. स्वराज पार्टी:
- स्थापना: 1923 में मोतीलाल नेहरू और चित्तरंजन दास ने कांग्रेस के भीतर से बनाई।
- भूमिका:
- विधान परिषदों में प्रवेश कर ब्रिटिश सरकार की नीतियों का विरोध करना।
- सुधारों के जरिए स्वराज के लिए दबाव बनाना।
4. कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (CPI):
- स्थापना: 1925 में, समाजवाद और साम्यवाद को बढ़ावा देने के उद्देश्य से।
- भूमिका:
- मजदूरों और किसानों के अधिकारों के लिए संघर्ष।
- भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में क्रांतिकारी विचारधारा का प्रसार।
5. हिंदू महासभा:
- स्थापना: 1915 में हिंदू हितों की रक्षा के लिए।
- भूमिका:
- हिंदू समाज को संगठित करना।
- सांस्कृतिक और धार्मिक पहचानों की रक्षा करना।
6. फॉरवर्ड ब्लॉक:
- स्थापना: 1939 में सुभाष चंद्र बोस ने कांग्रेस से अलग होकर की।
- भूमिका:
- क्रांतिकारी तरीके से स्वतंत्रता संग्राम को तेज करना।
- जनता को अधिक सक्रिय रूप से आंदोलन में शामिल करना।
7. अन्य क्रांतिकारी संगठन:
- हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन (HRA) और हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन (HSRA):
- भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद जैसे क्रांतिकारी नेताओं द्वारा स्थापित।
- ब्रिटिश सरकार के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष।
महत्वपूर्ण योगदान:
- इन राजनीतिक दलों ने भारतीय समाज में राजनीतिक जागरूकता फैलाने, ब्रिटिश साम्राज्यवाद के खिलाफ एकजुटता पैदा करने और स्वतंत्रता आंदोलन को नेतृत्व प्रदान करने में अहम भूमिका निभाई।
- अलग-अलग दलों और विचारधाराओं ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम को विविधता और शक्ति प्रदान की।
इन दलों की गतिविधियों और आंदोलनों ने भारतीय स्वतंत्रता के मार्ग को प्रशस्त किया और अंततः 15 अगस्त 1947 को भारत को स्वतंत्रता दिलाई।