स्तराँ तथा रसोईघर के अर्थ तथा कार्यप्रणाली को समझाइए।
उत्तर –
सोईधर – रसोईघर वह स्थान होता है, जहाँ भोजन तैयार किया जाता है। आजकल सभी बड़े होटलों में विभिन्न प्रकार के खाध्य तथा पेय पदार्थों को तैयार करने के लिए अलग-अलग अनुभाग होते है, जैसे कि- अलग बूचड़खाना, बेकरी तथा मिष्ठान भंडार, सब्जिरयाँ तैयार करना, सूप विभाग, पेंट्री, चूल्हे आदि के स्वतंत्र अनुभाग हो सकते हैं। हालांकि छोटे होटलों में ये सभी अनुभाग रसोईधर से ही जुड़े होते हैं।
रसोईघर की व्यवस्था – हर होटल अपने ग्राहकों को विभिन्न प्रकार के भोजन तथा पेय पदार्थ परोसता है। बड़े होटलों में यह सब बड़े स्तर पर तथा अलग-अलग प्रकार के महँगे बर्तनों में परोसा जाता है। ऐसे में रसोईघर की व्यवस्था अर्थात् विभिन्न प्रकार के बर्तनों तथा उनका उचित रख-रखाव बहुत जरूरी होती है। रसोईघर की व्यवस्था का संबंध रेस्तराँ तथा रसोईघर के भंडारण, रखरखाव, स्वच्छता तथा छुरी-काँटे, क्रॉकरी एवं काँच के बर्तनों को वितरित करने से है।
रसोईघर में स्वच्छता बनाए रखना तथा पकाने और परोसने के बर्तनों को साफ करने का उत्तरदायित्व इसी विभाग का होता है। इस विभाग में एक कार्यपालक रसोई प्रबंधक (executive kitchen steward), खाने के बर्तन धोने/डिशवाशर, पकाने वाले बर्तन धोने/पॉट वाशर तथा रसोईघर को साफ रखने के लिए अलग-अलग कर्मचारी हो सकते हैं। इस विभाग में कार्यरत कर्मचारियों में बनने-संवरने, स्वास्थ्य तथा स्वच्छता के प्रति विशेष रूप से जागरुक, अच्छा आचरण करने वाले तथा मूलभूत शिष्टाचार के उच्च स्तर का होना जरूरी है।
रेस्तराँ – रेस्तराँ एक ऐसी व्यापारिक सुविधा है जो ग्राहकों को विभिन्न प्रकार के खाद्य तथा पेय पदार्थ उपलब्ध कराता है। एक अच्छे दर्जे का रेस्तराँ खाने की मेजों, कुर्सियों तथा अन्य आवश्यक फर्नीचर के साथ-साथ आकर्षक प्लेट-प्यालों, छुरी-काँटों तथा साफ-सुथरे और आकर्षक लिनेन से सुसज्जित होता हैं। हालांकि अपनी संस्थापना के उद्देश्यों, संकल्पना तथा मानदंडों के अनुरूप इनकी गुणवत्ता भिन्न-भिन्न हो सकती है। रेस्तराँ में विविध प्रकार के कर्मचारी कार्य करते हैं।
जैसे कि- रेस्तराँ का प्रबंधक रेस्तरां के सभी क्रियाकलापों के संचालन के लिए उत्तरदायी होता है। वरिष्ठ रेस्तराँ पर्यवेक्षक तथा प्रधान बैरा (वेटर) बैरों तथा परिचारिकों के दल का नेतृत्व करते हैं। इनमें से प्रधान बैरे भोजन परोसते हैं तथा सहायक बैरे मेजों को साफ करते हैं। अच्छे रेस्तराँ में स्वच्छता, साफ-सफाई तथा सेवाओं का उचित स्तर बनाए रखने पर विशेष बल दिया जाता है। यह जरूरी है कि रेस्तराँ के हर स्तर के कर्मचारी अपने अतिथियों के साथ शालीन तथा शिष्टाचारपूर्ण व्यवहार करें और और अतिियों को सर्व करते समय उनके चेहरे पर सदैव मुस्कान होनी चाहिए। इसके अतिरिक्त उन्हें भोजन परोसने के स्वास्थ्यवर्धक, आकर्षक तथा व्यवस्थित तरीकों का भी विस्तृत ज्ञान होना चाहिए।
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