प्रोटीन तथा ऊर्जा की कमी से छोटे बच्चों में कौन-से रोग होते है?

प्रोटीन तथा ऊर्जा की कमी से छोटे बच्चों में कौन-से रोग होते है?

उत्तर –

पोषण तत्वों की कमी के कारण होने वाले रोग – छोटे बच्चों को प्रोटीन की कमी PCM (Protein Calorie Malnutritisi) के कारण क्वाशियोरकर और सूखा रोग होने की संभावना सबसे ज्यादा रहती है।

• सूखा रोग (Marasmus) – आहार में सभी पोषक तत्वों की कमी के कारण होने वाला यह रोग अधिकतर 15 महीन तक के बच्चों में पाया जाता है। इसका मुख्य कारण बच्चे का माता का दूध समय से पहले छुड़ा देना और ऊपरी आहार से मिलने वाले प्रोटीन की मात्रा और पौष्टिकता में कमी होना।

• क्वाशियोरकर (Kwashiorkor) – यदि बच्चे के आहार में कैलोरीज की कमी हो जाए, ता शरीर में उपस्थित प्रोटीन ऊर्जा देने लगती है और धीर-धीरे बच्चा क्वाशियोरकर रोग से पीड़ित हो जाता है। यह रोग 1-5 वर्ष तक के बच्चों में अधिक पाया जाता है।

कुपोषण के प्रभाव –

• कुपोषण के कारण व्यक्ति की उत्पादकता में कमी आती है।

• जिन कुपोषित बच्चों में विटामिन की कमी होती है, या उन्हें पर्याप्त मात्रा में माँ का दूध प्राप्त नहीं होता, ऐसे बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता में काफी कमी आती है।

• कुपोषण के कारण बच्चों के संज्ञानात्मक विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिसके कारण बच्चों की समझने तथा याद रखने की क्षमता में कमी आती है। ऐसी स्थिति में कुपोषित बच्चे के शिक्षा संबंधी प्रदर्शन में गिरावट आती है।

• इस बात की पूरी संभावना होती है कि एक कुपोषत बच्चा, कुपोषित वयस्क के रूप में परिवर्तित होगा। कुपोषण के कारण वयस्क की उत्पादकता में कमी आती है, जिसके कारण उसे तथा उसके परिवार को वित्तीय समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

• कुपोषण एक प्रकार का अंतर-पीढ़िए चक्र (intergenerational) हैं। जैसे कि- एक कुपोषित स्त्री कम शारीरिक भार वाले शिशु को जन्म देगी, यह शिशु भविष्य में एक कुपोषित बच्ची और फिर कुपोषित किशोरी के रूप में बड़ी होगी और फिर एक कुपोषित गर्भवती स्त्री के रूप में अर्थात् कुपोषण का यह चक्र चलता ही रहेगा।

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