फैशन चक्र के विभिन्न स्तरों की पहचान कीजिए और उनको समझाइए।
उत्तर –
(A) शैली की प्रस्तुति – डिजाइनर अपने रचनात्मक विचारों के आधार पर नए-नए डिजाइन एवं शैली के परिधान बनाकर लोगों समक्ष पेश करते हैं। नई शैली एवं डिजाइन के परिधान बनाने के लिए डिजाइनर मुख्य रूप से रेखाओं, रंग, आकार, वस्त्र को प्रकृति तथा अन्य विवरणों में सामंजस्य बैठाते हुए डिजाइन तथा शैली में परिवर्तन करते है।
(B) लोकप्रियता में वृद्धि – जब कोई नया फैशन बहुत से लोगों द्वारा खरीदा, पहना और देखा जाता है, तो उस फैशन तथा शैली की लोकप्रियता बढ़नी शुरू होती है।
(C) लोकप्रियता की पराकाष्ठा – जब कोई फैशन लोकप्रियता के शिखर पर होता है, तो उसकी माँग इतनी अधिक हो जाती है कि बहुत से निर्माता उसकी नकल करते हैं या विभिन्न मूल्य स्तरों पर उसके रूपांतरणों का उत्पादन करना शुरू कर देते है।
(D) लोकप्रियता में कमी होना – जब किसी प्रचलित फैशन तथा शैली के परिधानों का विभिन्न निर्माताओं द्वारा भारी संख्या मैं उत्पादन एवं विक्रय शुरू कर दिया जाता है तो फैशन प्रिय व्यक्ति उस शैली से उब जाते हैं और कुछ नया देखना शुरू कर देते हैं। इससे उस फैशन की लोकप्रियता तथा माँग घटने लगती है जिसके कारण दुकानदारों को उस फैशन की सामग्री को कम कीमत पर बेचना पड़ता है।
(E) शैली का परित्याग अथवा अप्रचलन – फैशन चक्र के अंतिम पड़ाव में पहले वाले फैशन की सामग्री की माँग तथा बिक्री लगभग खत्म हो जाती है और इसी दौरान कई फैशन प्रेमी किसी नए फैशन तथा शैली को अपनाने लगते है और इस प्रकार एक नए फैशन चक्र की शुरूआत होती है।
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