पार्कों में, सड़कों के किनारे, चौराहों पर उपेक्षित पड़ी मूर्तियाँ अक्सर देखी जा सकती हैं। ऐसी मूर्तियों के रख-रखाव का उत्तरदायित्व किसका है? ‘नेताजी का चश्मा’ पाठ के संदर्भ में उदाहरण सहित लिखिए।
उत्तर – मूर्तियों के रख-रखाव का उत्तरदायित्व स्थानीय प्रशासन और सामाजिक संगठनों आदि का है। पार्कों, सड़कों और चौराहों पर मूर्तियाँ उपेक्षित पड़ती हैं, यह एक सामाजिक जिम्मेदारी की अभाव को दर्शाता है। ‘नेताजी का चश्मा’ पाठ में, गांधी नगर के एक नेता रामेश, नेता सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा बनवाकर अपने गाँधीवादी विचारों को प्रोत्साहित करने का फैसला करता है, जो मूर्तिकला को उपेक्षित करता है। प्रतिमा को बनाने के बाद उचित देखभाल नहीं मिलने से वह धूल और कचरे में ढलने लगती है। इससे स्पष्ट होता है कि समाज के सदस्यों को अपने नागरिक कर्तव्यों को पूरा करना होगा, जो मूर्तियों की देखभाल भी शामिल है। ऐसे परिस्थितियों में, स्थानीय लोगों को प्रेरित किया जा सकता है कि मूर्तियों का संरक्षण और रख-रखाव करें, ताकि वे स्थल की सजावट में मदद कर सकें और स्थानीय समुदाय के लिए एक स्थायी स्मृति बन सकें। |
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