NCERT Solutions Class 8th Science Chapter – 9 घर्षण (Friction)
Textbook | NCERT |
Class | 8th |
Subject | विज्ञान (Science) |
Chapter | 9th |
Chapter Name | घर्षण |
Category | Class 6th विज्ञान (Science) |
Medium | Hindi |
Source | Last Doubt |
NCERT Solutions Class 8 Science Chapter 9 घर्षण (Friction) – आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों अपनी क्लास में सबसे अच्छे अंक पाना चाहता है उसके लिए यहां पर एनसीईआरटी कक्षा 8th विज्ञान अध्याय 9 (घर्षण) का सलूशन दिया गया है. यह सलूशन एक सरल भाषा में दिया गया है ताकि विद्यार्थी को इसके प्रश्न उत्तर आसानी से समझ में आ जाएँ। इस class 8th Science chapter 9. Friction की मदद से विद्यार्थी अपनी परीक्षा की तैयारी कर सकता है और परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकता है। |
NCERT Solutions Class 8th Science Chapter 9 घर्षण (Friction)
Chapter – 9
घर्षण
Notes
सतह की अनियमितताएँ – आपने अभी पढ़ा कि सतह की अनियमितताओं के कारण घर्षण उत्पन्न होता है। सतह जितनी अधिक अनियमित होगी (ऊबड़-खाबड़), घर्षण उतना ही अधिक होगा। चिकनी सतह पर घर्षण कम होगा। इसलिए काँच की तुलना में लकड़ी पर घर्षण अधिक होता है।
दो सतहों के बीच दाब – दो पृष्ठों के बीच दाब अधिक होने पर घर्षण बढ़ जाता है। यही कारण है कि हल्के बॉक्स की तुलना में भारी बॉक्स को खिसकाना अधिक मुश्किल होता है। बक्से का भार बढ़ने से दाब बढ़ जाता है।
घर्षण के प्रकार
स्थैतिक घर्षण – किसी वस्तु को विराम की अवस्था से गति की अवस्था में लाने के लिए घर्षण से पार पाना होता है। इस काम के लिए जो न्यूनतम बल लगता है उसे स्थैतिक (स्टैटिक) घर्षण कहते हैं। दूसरे शब्दों में कहें, तो किसी वस्तु को विराम से गति की अवस्था में लाने के लिए लगने वाला न्यूनतम बल स्थैतिक घर्षण कहलाता है।
सर्पी घर्षण – जैसे ही कोई वस्तु गति करना शुरू कर देती है तो उसे गति की अवस्था में बनाए रखने के लिए एक न्यूनतम बल की जरूरत होती है। इस बल को सर्पी (स्लाइडिंग) घर्षण कहते हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो किसी गतिशील वस्तु को गति की अवस्था में रखने के लिए लगने वाले न्यूनतम बल को सर्पी घर्षण कहते हैं। सर्पी घर्षण हमेशा स्थैतिक घर्षण से कम होता है। ऐसा इसलिए होता है कि जब कोई वस्तु गतिशील हो जाती है तो दो सतहों के बीच की इंटरलॉकिंग समाप्त हो जाती है। इसलिए किसी स्थिर बक्से को धकेलने की तुलना में चलते हुए बक्से को धकेलना अधिक आसान होता है।
लोटनिक घर्षण – जब कोई वस्तु किसी सतह पर लुढ़कती है या लोटन करती है तो इस गति के विरोध में लगने वाले घर्षण को लोटनिक (रॉलिंग) घर्षण कहते हैं। लोटन घर्षण हमेशा सर्पी घर्षण से कम होता है।
स्थैतिक घर्षण > सर्पी घर्षण > लोटन घर्षण
कर्षण – तरलों द्वारा लगाए गए घर्षण बल को कर्षण भी कहते हैं।
स्नेहक – गति जब सहज बन जाती है। घर्षण कम करने वाले पदार्थों को स्नेहक कहते हैं
FAQ
प्रश्न 1. घर्षण से आप क्या समझते हैं?
प्रश्न 2. घर्षण कितने प्रकार का होता है?
प्रश्न 3. घर्षण कैसे होता है?
प्रश्न 4. दो सतहों के बीच घर्षण का क्या कारण है?
प्रश्न 5. घर्षण बल क्या कहलाता है?
प्रश्न 6. घर्षण कम करने वाला पदार्थ क्या है?
प्रश्न 7. तरल घर्षण से क्या तात्पर्य है?
प्रश्न 8. स्नेहक क्या होते हैं तीन उदाहरण दीजिए?
प्रश्न 9. स्थैतिक घर्षण का मात्रक क्या है?
प्रश्न 10. अधिकतम घर्षण बल कौन सा है?
प्रश्न 11. स्थैतिक घर्षण बल से आप क्या समझते हैं?
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