NCERT Solutions Class 9th Social Science History Chapter – 5 आधुनिक विश्व में चरवाहे (Pastoralists in the Modern World)
Text Book | NCERT |
Class | 9th |
Subject | Social Science (History) |
Chapter | 5th |
Chapter Name | आधुनिक विश्व में चरवाहे (Pastoralists in the Modern World) |
Category | Class 9th Social Science History |
Medium | Hindi |
Source | Last Doubt |
NCERT Solutions Class 9th Social Science History Chapter – 5 आधुनिक विश्व में चरवाहे (Pastoralists in the Modern World) Notes In Hindi हम इस अध्याय में घुमंतू, चरवाहे, घुमंतू चरवाहा, भाबर, बुग्याल, खरीफ फसल, रबी फसल, भारत, घुमंतू चरवाहों के भ्रमण के कारण, प्रभाव, बंजारा जनजाति, औपनिवेशिक शासन और चरवाहों का जीवन, चरवाहों ने इन बदलावों का सामना कैसे किया इत्यादि के बारे में विस्तार से पढ़ेंगे। |
NCERT Solutions Class 9th Social Science History Chapter – 5 आधुनिक विश्व में चरवाहे (Pastoralists in the Modern World)
Chapter – 5
आधुनिक विश्व में चरवाहे
Notes
घुमंतू चरवाहों के भ्रमण के कारण | उपयोगिता | विनिमय की वस्तुएँ |
1. साल भर फसल उगाने वाले कृषि क्षेत्र की कमी। | 1. प्राकृतिक वनस्पतियों दुबारा पनपने के लिए पर्याप्त समय | माँस, दूध, ऊन, जानवरों की खालें, अन्य उत्पाद |
2. मवेशियों के लिए चारे और पानी की खोज। | 2. भ्रमण वाले स्थान पर प्राकृतिक खाद की पूर्ति | |
3. विषम मौसमी दशाओं से स्वंय एवं मवेशियों को बचाने के लिए। | 3. मवेशी और अन्य जानवरों से प्राप्त उत्पादों का आदान-प्रदान | |
4. अपने उत्पादों को बचेने के लिए। | 4. दो विभिन्न समुदायों के बीच परस्पर सौहार्द एवं सहअस्तित्व विकसित होना। |
घुमंतू (Nomads) – वैसे लोग जो जीवन यापन की खोज में एक स्थान से दूसरे स्थान तक घूमते रहते हैं, उन्हें घुमंतू कहते हैं। |
चरवाहा (Pastoralists) – वैसे लोग जो मवेशियों को पालकर अपना जीवन यापन करते हैं, वह चरवाहा कहलाता है। |
घुमंतू चरवाहे (Nomadic Pastoralists) – वे लोग जो अपने जीवन-यापन के लिए मवेशियों पर निर्भर करते है तथा उनके लिए अच्छे चरागाह की तलाश में एक स्थान से दूसरे स्थान तक घूमते रहते हैं। |
भाबर (Bhabar) – गढ़वाल और कुमाऊँ क्षेत्र की तलहटी के निचे शुष्क वन का क्षेत्र है ऊंचे पहाड़ो में विशाल घास के मैदान को बुग्याल (Bugyal) कहा जाता है। |
खरीफ फसल (Kharif crop) – यह शरद ऋतु (पतझड़) की फसल है जिसे आमतौर पर सितंबर और अक्टूबर के बीच में कटा जाता है। |
रबी फसल (Rabi crop) – रबी वसंत की फसल है जिसे आमतौर पर मार्च के बाद काटा जाता है। |
भारत के चरवाहे पहाड़ों में सर्दी और गर्मी के अनुसार स्थान बदलते है जैसे
भोटिया, शरेपा और किन्नौरी समुदाय भी इसी तरह के चरवाहे थे। |
पठारों, मैदानों और रेगिस्तानों में मानसून के अनुसार स्थान बदलते है जैसे
|
औपनिवेशिक काल में भारत तथा अफ्रीका में वनों के संबंध में नीतियाःँ
|
औपनिवेशिक शासन का चरवाहों के जीवन पर प्रभाव चरागाहों का इलाका सिकुड़ने लगा |
बदलावों का सामना
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मसाई समाज दो सामाजिक समूहों वरिष्ठजन (ऐल्डर्स) • शासन चलना • समुदाय से जुड़े मामलों पर विचार विमर्श करना • आपसी झगड़े सुलझाना योद्धा (वॉरियर्स) • ज्यादातर नौजवान • कबीले की सुरक्षा तथा युद्ध • दूसरा कबीलों से जानवर छीन कर लाना जो धन समझा जाता था। |
भारत में पाए जाने वाले प्रमुख घुमंतु
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विश्व में पाए जाने वाले प्रमुख घुमंतु
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घुमंतू चरवाहों के भ्रमण के कारण
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औपनिवेशिक काल में घुमंतु चरवाहों के जीवन में आए परिवर्तन एवं उसके प्रभाव |
परिवर्तन
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पहाड़ों में घुमंतू चरवाहे और उनकी आवाजाही
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धनगर –
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औपनिवेशिक शासन और चरवाहों का जीवन – औपनिवेशिक शासन के दौरान चरवाहों की जिंदगी में बहुत ज्यादा बदलाव आया उनको इधर उधर आने जाने के लिए बंदीशे लगा दी और उनसे लगान भी वसूल किया जाता था और उस लगान में भी वृद्धि की गई और उनके पैसे और हुनर पर भी बहुत बुरा असर पड़ा। |
पहली बात
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दूसरी बात
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तीसरी बात
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चौथी बात
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चरवाहों ने इन बदलावों का सामना कैसे किया
|
प्रश्न 1. घुमंतू किसे कहते हैं?
वैसे लोग जो जीवन यापन की खोज में एक स्थान से दूसरे स्थान तक घूमते रहते हैं, उन्हें घुमंतू कहते हैं।
प्रश्न 2. चरवाहा क्या होता हैं?
वैसे लोग जो मवेशियों को पालकर अपना जीवन यापन करते हैं, वह चरवाहा कहलाता है।
प्रश्न 3. घुमंतू चरवाहे से आप क्या समझते हैं?
वे लोग जो अपने जीवन-यापन के लिए मवेशियों पर निर्भर करते है तथा उनके लिए अच्छे चरागाह की तलाश में एक स्थान से दूसरे स्थान तक घूमते रहते हैं।
प्रश्न 4. भाबर किसे और क्या हैं?
गढ़वाल और कुमाऊँ क्षेत्र की तलहटी के निचे शुष्क वन का क्षेत्र है ऊंचे पहाड़ो में विशाल घास के मैदान को बुग्याल (Bugyal) कहा जाता है।
प्रश्न 5. खरीफ फसल किसे कहते हैं?
यह शरद ऋतु (पतझड़) की फसल है जिसे आमतौर पर सितंबर और अक्टूबर के बीच में कटा जाता है।
प्रश्न 6. पहाड़ों में घुमंतू चरवाहे और उनकी आवाजाही क्या हैं?
जम्मू और कश्मीर के गुज्जर बकरवाल समुदाय के लोग अपने मवेशियों के लिए चरागाहों की तलाश में भटकते – भटकते 19 वीं सदी में यहां आए थे। समय बीतता गया और वह यहीं बस गए सर्दी गर्मी के हिसाब से अलग – अलग चरागाहों में जाने लगे। ठंड के समय में ऊंची पहाड़ियां बर्फ से ढक जाती थी तो वह पहाड़ों के नीचे आकर डेरा डाल लेते थे ठंड के समय में निचले इलाकों में मिलने वाली झाड़ियां ही उनके जानवरों के लिए चारा बन जाती थी।
प्रश्न 7. बदलावों का सामना बताये?
• आवाजाही की दिशा में बदलाव
• कुछ व्यापारिक गतिविधियों में संलिप्त हो गए।
• जमीन खरीद कर बसना एवं कृषि कार्य करना
• जानवरों की संख्या कम कर दी
• नए चरागाहों की खोज
• कुछ चरवाही छोड़ कर मजदूरी करने लगेअफ्रीका में मसाई लोगों अधिकार क्षेत्र का लगभग 60% भाग औपनिवेशिक शासकों ने छीन लिया ।
• उन्हें यूरोपीय बस्तियों में जाने की मनाही थी।
• कुछ व्यापारिक गतिविधियों में संलिप्त हो गए।
• जमीन खरीद कर बसना एवं कृषि कार्य करना
• जानवरों की संख्या कम कर दी
• नए चरागाहों की खोज
• कुछ चरवाही छोड़ कर मजदूरी करने लगेअफ्रीका में मसाई लोगों अधिकार क्षेत्र का लगभग 60% भाग औपनिवेशिक शासकों ने छीन लिया ।
• उन्हें यूरोपीय बस्तियों में जाने की मनाही थी।
NCERT Solution Class 9th इतिहास Notes in Hindi |
Chapter – 1 फ्रांसीसी क्रांति |
Chapter – 2 यूरोप में समाजवाद एवं रूसी क्रांति |
Chapter – 3 नात्सीवाद और हिटलर का उदय |
Chapter – 4 वन्य समाज एवं उपनिवेशवाद |
Chapter – 5 आधुनिक विश्व में चरवाहे |
NCERT Solution Class 9th इतिहास Question Answer in Hindi |
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Chapter – 5 आधुनिक विश्व में चरवाहे |
NCERT Solution Class 9th इतिहास MCQ With Answers in Hindi |
Chapter – 1 फ्रांसीसी क्रांति |
Chapter – 2 यूरोप में समाजवाद एवं रूसी क्रांति |
Chapter – 3 नात्सीवाद और हिटलर का उदय |
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Chapter – 5 आधुनिक विश्व में चरवाहे |
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