NCERT Solutions Class 9th Social Science Civics Chapter – 2 संविधान निर्माण (Constitutional Design)
Text Book | NCERT |
Class | 9th |
Subject | Social Science (Civics) |
Chapter | 2nd |
Chapter Name | संविधान निर्माण (Constitutional Design) |
Category | Class 9th Social Science Civics |
Medium | Hindi |
Source | Last Doubt |
NCERT Solutions Class 9th Social Science Civics Chapter – 2 संविधान निर्माण (Constitutional Design) Notes in Hindi हम इस अध्याय मे संविधान, दक्षिण अफ्रीका में लोकतांत्रिक संविधान, रंगभेद, आदि को पढ़ेंगे। |
NCERT Solutions Class 9th Social Science Civics Chapter – 2 संविधान निर्माण (Constitutional Design)
Chapter – 2
संविधान निर्माण
Notes
संविधान – देश का सर्वोच्च कानून। इसमें किसी देश की राजनीति और समाज को चलाने वाले मौलिक कानून होते हैं।
दक्षिण अफ्रीका में लोकतांत्रिक संविधान – यह नेल्सन मंडेला का कथन है जिन पर दक्षिण अफ्रीका की गोरों की सरकार ने देशद्रोह का मुकदमा चलाया था। उन्हें और सात अन्य नेताओं को 1964 में देश में रंगभेद से चलने वाली शासन व्यवस्था का विरोध करने के लिए आजीवन कारावास की सजा दी गई थी। अगले 28 वर्षों तक उन्हें दक्षिण अफ्रीका की सबसे भयावह जेल, रोब्बेन द्वीप में कैद रखा गया था।
रंगभेद – दक्षिण अफ्रीका की सरकार की 1948 से 1989 के बीच काले लोगों के साथ नस्ली अलगाव और खराब व्यवहार करने वाली शासन व्यवस्था।
देशद्रोह – देश की सरकार को उखाड़ फेंकने की कोशिश करने का अपराध।
रंगभेद के खिलाफ संघर्ष – यह ऐसी नीति है जिसमें लोगों को उनके रंग के आधार पर रहते जाते थे। इसलिए गोरे लोगे काले लोगों पर अत्याचार करते थे। इसके कारण नेल्सन मंडेला सदियों से आ रही रंगभेद के खिलाफ संघर्ष थें।
हमें संविधान की जरूरत क्यों है – किसी भी देश को सुचारू रूप से चलाने के लिए संविधान की आवश्यकता पड़ती है। संविधान, कानूनों का एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है। जो सरकार की मूल संरचना और इसके कार्यों को निर्धारित करता है। जो सरकार के अंगों तथा नागरिकों के आधारभूत अधिकारों को परिभाषित तथा सीमांकित करता है।
भारतीय संविधान के निर्माण में कितना समय लगा – भारत के संविधान को बनने में 2 वर्ष, 11 माह, 18 दिन लगे थे। भारत का सविधान 26 नवम्बर 1949 को बनकर तैयार हो गया था और 1950 में इसको लागू किया गया था।
संविधान सभा – जनप्रतिनिधियों की वह सभा जो संविधान लिखने का काम करती है।
प्रारूप – किसी कानूनी दस्तावेज का प्रारंभिक रूप होता है।
धारा – किसी दस्तावेज का खास हिस्सा, अनुच्छेद, धारा कहलाता है।
भारतीय संविधान के बुनियादी मूल्य – इन मूल्यों में मानवीय गरिमा, समानता की उपलब्धि, मानव अधिकारों और स्वतंत्रता की उन्नति, गैर-नस्लवाद और गैर-लिंगवाद, संविधान की सर्वोच्चता, कानून का शासन, लोकतंत्र, सामाजिक न्याय, इक्विटी और सम्मान शामिल हैं।
दर्शन – किसी सोच और काम को दिशा देने वाले सबसे बुनियादी विचार।
संविधान का दर्शन – प्रत्येक संविधान का अपना एक दर्शन होता है। संविधान के दर्शन का अभिप्राय उन आदशों से है, जिनसे भारतीय संविधान अभिप्रेरित हुआ और उन नीतियों से है जिन पर हमारा संविधान और शासन प्रणाली आधारित है।
संविधान संशोधन – देश की सर्वोच्च विधायी संस्था द्वारा उस देश के संविधान में किया जाने वाला बदलाव संविधान संसोधन कहलाता है।
प्रस्तावना – संविधान का वह पहला कथन जिसमें कोई देश अपने संविधान के बुनियादी मूल्यों और अवधारणाओं को स्पष्ट ढंग से कहता है।
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Chapter – 2 संविधान निर्माण |
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Chapter – 4 संस्थाओं का कामकाज |
Chapter – 5 लोकतांत्रिक अधिकार |
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