NCERT Solutions Class 9th Science Chapter – 8 बल तथा गति के नियम (Force And Laws Of Motion)
Textbook | NCERT |
Class | 9th |
Subject | (Science) विज्ञान |
Chapter | 8th |
Chapter Name | बल तथा गति के नियम (Force And Laws Of Motion) |
Category | Class 9th विज्ञान (Science) |
Medium | Hindi |
Source | Last Doubt |
NCERT Solutions Class 9th Science Chapter – 8 बल तथा गति के नियम (Force And Laws Of Motion) प्रश्न उत्तर कक्षा 9 में गति का पहला नियम क्या है?, गति का प्रथम नियम का सूत्र क्या है?, गति के प्रथम नियम में क्या कहा गया है?, गति का 10 नियम क्या है?, गति के नियम कितने है?, गति को परिभाषित कैसे करें?, गति कक्षा 11 का प्रथम नियम क्या है?, गति का मात्रक क्या होता है?, गति का दूसरा समीकरण क्या है?, न्यूटन का पहला और दूसरा नियम क्या है?, गति कितने प्रकार के होते हैं?, गति का विरोध कौन करता है?, गति के तीनो समीकरण का सूत्र क्या है?, एक न्यूटन का मान कितना होता है?, गति का नियम कब दिया?, गति के दूसरे नियम का सूत्र क्या है?, बल तथा गति के नियम के प्रश्न उत्तर, बल के नियम, बल गति एवं दाब, गति के प्रकार, गति के नियम से संबंधित प्रश्न, गति के नियम कक्षा 9 विज्ञान, गति का तृतीय नियम को परिभाषित कीजिए, बल के प्रश्न आदि के बारे में पढ़ेंगे? |
NCERT Solutions Class 9th Science Chapter – 8 बल तथा गति के नियम (Force And Laws Of Motion)
Chapter 8
बल तथा गति के नियम
प्रश्न उत्तर
Page – 102
प्रश्न 1. निम्न में किसका जड़त्व अधिक है?
(a) एक रबर की गेंद एवं उसी आकार का पत्थर।
(b) एक साइकिल एवं एक रेलगाड़ी।
(c) पाँच रुपये का एक सिक्का एवं एक रुपये का सिक्का।
उत्तर –
(a) उसी आकार का पत्थर
(b) एक रेलगाड़ी
(c) पाँच रुपये का एक सिक्का। क्योंकि किसी वस्तु का द्रव्यमान उसके जड़त्व की माप है। जितना अधिक द्रव्यमान होगा, जड़त्व भी उतना ही अधिक होगा।
प्रश्न 2. नीचे दिए गए उदाहरण में गेंद का वेग कितनी बार बदलता है, जानने का प्रयास करें-
“फुटबाल का एक खिलाड़ी गेंद पर किक लगाकर गेंद को अपनी टीम के दूसरे खिलाड़ी के पास पहुँचाता है। दूसरा खिलाड़ी उस गेंद को किक लगाकर गोल की ओर पहुँचाने का प्रयास करता है। विपक्षी टीम का गोलकीपर गेंद को पकड़ता है और अपनी टीम के खिलाड़ी की ओर किक लगाता है।”
इसके साथ ही उस कारक की भी पहचान करें जो प्रत्येक अवस्था में बल प्रदान करता है।
उत्तर –
वह कारक जो प्रत्येक अवस्था में बल प्रदान करता है। | गेंद के वेग में बदलाव या परिवर्तन |
पहले खिलाड़ी द्वारा लगाया गया किक | वेग 0 से बदलकर हो जाता है। |
दूसरे खिलाड़ी द्वारा गोल की तरफ लगाया गया किक। | वेग में पुनः परिवर्तन |
गेंद को विपक्षी गोलकीपर द्वारा पकड़ना (अपनी ओर खींचना)। | वेग = 0 |
विराम गेंद को पुनः गोलकीपर द्वारा किक मारना (anolha) | पुनः वेग में परिवर्तन शून्य से कुछ प्रारंभिक वेग U1 |
प्रश्न 3. किसी पेड़ की शाखा को तीव्रता से हिलाने पर कुछ पत्तियाँ झड़ जाती हैं। क्यों?
उत्तर – जब पेड़ की शाखा को तीव्रता से हिलाया जाता है तो शाखाएँ गति में आ जाती हैं, परंतु पत्तियाँ विरामावस्था में ही रहती हैं। विराम-जड़त्व के कारण पत्तियाँ अपनी इसी अवस्था में रहना चाहती हैं अर्थात् पत्तियाँ अवस्था परिवर्तन का विरोध करती हैं। जिसके फलस्वरूप पत्तियाँ झड़कर गिर जाती हैं।
प्रश्न 4. जब कोई गतिशील बस अचानक रुकती है तो आप आगे की ओर झुक जाते हैं और जब विरामावस्था से गतिशील होती है तो पीछे की ओर हो जाते हैं? क्यों?
उत्तर –
(a) प्रथम स्थिति में – जब गतिशील बस अचानक रुकती है, इस स्थिति में हमारा शरीर भी गतिशील होता है। हमारे शरीर का निचला हिस्सा जो बस के साथ-साथ गतिशील है, तुरंत रुक जाता है। परंतु ऊपरी हिस्सा गति के जड़त्व के कारण अभी भी गतिशील ही रहना चाहता है। अतः बस में सवार व्यक्ति आगे की ओर झुक जाता है।
(b) दूसरी स्थिति में – जब हम ठहरी हुई बस में बैठे हों और अचानक बस चल पड़े तो हमारे शरीर का निचला भाग बस की सतह (Floor) के संपर्क में होने के कारण तुरंत गतिशील हो जाता है, परंतु शरीर का ऊपरी भाग विराम-जड़त्व (Inertia of Rest) के कारण विरामावस्था में ही रहने की चेष्टा करता है जिसके परिणामस्वरूप हम पीछे की ओर हो जाते हैं।
अभ्यास के प्रश्न उत्तर
प्रश्न 1. कोई वस्तु शून्य बाह्य असंतुलित बल अनुभव करती है। क्या किसी भी वस्तु के लिए अशून्य वेग से गति करना संभव है? यदि हां, तो वस्तु के वेग के परिमाण एवं दिशा पर लगने वाली शर्तों का उल्लेख करें। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।
उत्तर – हाँ, किसी वस्तु के लिए अशून्य वेग से गति करना संभव है। ऐसी अवस्था में परिमाण एवं दिशा समान रहेंगी।
प्रश्न 2. जब किसी छड़ी से एक दरी (कार्पेट) को पीटा जाता है, तो धूल के कण बाहर आ जाते हैं। स्पष्ट करें।
उत्तर – जब किसी दरी (कार्पेट) को छड़ी से पीटा जाता है तो दरी अपने स्थान से हट जाती है पर उस में विद्यमान धूल के कण जड़त्व के कारण अपनी स्थिति बनाए रखना चाहते हैं जिस कारण वे बाहर आ जाते हैं।
प्रश्न 3. बस की छत पर रखे सामान को रस्सी से क्यों बांधा जाता है?
उत्तर – चलते समय बस अचानक अनेक स्थानों पर दिशा बदलती है या तेज़ी से रुकती है जिससे छत पर रखा सामान जड़त्व के कारण नीचे गिर जाता है या छत पर ही इधर-उधर बिखर जाता है इसलिए सामान को रस्सी से बाँधना आवश्यक होता है।
प्रश्न 4. किसी बल्लेबाज़ द्वारा क्रिकेट की गेंद को मारने पर गेंद जमीन पर लुढ़कती है। कुछ दूर चलने के पश्चात् गेंद रुक जाती है। गेंद रुकने के लिए धीमी होती है, क्योंकि
(a) बल्लेबाज़ ने गेंद को पर्याप्त प्रयास से हिट नहीं किया है।
(b) वेग गेंद पर लगाए गए बल के समानुपाती है।
(c) गेंद पर गति की दिशा के विपरीत एक बल कार्य कर रहा है।
(d) गेंद पर कोई असंतुलित बल कार्यरत नहीं है, अतः गेंद विरामावस्था में आने के लिए प्रयासरत है। (सही विकल्प का चयन करें)
उत्तर – (c) गेंद पर गति की दिशा के विपरीत एक बल कार्य कर रहा है।
प्रश्न 5. एक ट्रक विरामावस्था से किसी पहाड़ी से नीचे की ओर नियत त्वरण से लुढ़कना शुरू करता है। यह 20s में 400 M की दूरी तय करता है। इस का त्वरण ज्ञात करें। अगर इस का द्रव्यमान 7 टन है तो उस पर लगने वाले बल की गणना करें। (1 टन = 1000 Kg)
उत्तर – प्रारंभिक वेग, u = 0
तय की गई दूरी, s = 400 m
लिया गया समय, t = 20 s2
हम जानते हैं, s = ut + ½ at2
या, 400 = 0 + ½ a(20)2
या, A = 2 ms-2
अब, M = 7 टन = 7000 Kg, A = 2 ms-2
या, F = Ma = 7000 × 2 = 14000 N
प्रश्न 6. 1kg द्रव्यमान के एक पत्थर को 20ms-1 के वेग से झील की जमी हुई सतह पर फेंका जाता है। पत्थर 50 M दूरी तय करने के बाद रुक जाता है। पत्थर और बर्फ के बीच लगने वाले घर्षण बल की गणना करें।
उत्तर – पत्थर का प्रारंभिक वेग, u = 20 m/s
पत्थर का अंतिम वेग, V = 0
पत्थर द्वारा तय की गई दूरी, s = 50 M
चूँकि, v2 – u2 = 2as,
या , 0 – 202 = 2a × 50,
या, A = – 4 ms-2
घर्षण बल, F = Ma = – 4N
प्रश्न 7. एक 8000 Kg द्रव्यमान का रेल इंजन प्रति 2000 Kg द्रव्यमान वाले पांच डिब्बों को सीधी पटरी पर खींचता है। यदि इंजन 40000 N का बल आरोपित करता है तथा यदि पटरी 5000 N का घर्षण बल लगाती है तो ज्ञात करें:
(a) नेट त्वरक बल
उत्तर – (A) इंजन द्वारा आरोपित किया गया बल, F = 40000 N
पटरी द्वारा लगाया गया घर्षण बल, Ff = 5000 N
नेट त्वरण बल = Fa = F – Ff = 40000 – 5000 = 35000 N
इस प्रकार, नेट त्वरण बल 35000 N है।
(b) रेल का त्वरण
उत्तर – एक इंजन का द्रव्यमान = 8000
नेट त्वरण (F) = 35000 N
डिब्बों का कुल द्रव्यमान = 2000 × 5 = 10000
F = Ma
M = एक डिब्बे का द्रव्यमान × डिब्बों की संख्या
35000 = 8000 + 10000 × a
35000 = 18000
35000/18000
a = 1.9m/s2
प्रश्न 8. एक गाड़ी का द्रव्यमान 1500 Kg है। यदि गाड़ी को 1.7 ms-2 के ऋणात्मक त्वरण (अवमंदन) के साथ विरामावस्था में लाना है तो गाड़ी तथा सड़क के बीच लगने वाला बल कितना होगा ?
उत्तर – गाड़ी का द्रव्यमान, M = 1500 Kg
अंतिम वेग, V = 0 (अंत में गाड़ी के रूकने पर)
गाड़ी का त्वरण, A = 1.7 ms-2
न्यूटन के गति के दूसरे नियम से :
बल = द्रव्यमान × त्वरण = 1500 × (-1.7) = -2550 N
इसलिए गाड़ी के विपरीत दिशा में गाड़ी तथा सड़क के बीच लगने वाला बल -2550 N है
प्रश्न 9. किसी m द्रव्यमान की वस्तु जिसका वेग V है का संवेग क्या होगा?
(A) (mv)2
(B) mv2
(C) ½ mv2
(D) Mv
उत्तर – (D) mv
प्रश्न 10. हम एक लकड़ी के बक्से को 200N बल लगा कर उसे नियत वेग से फ़र्श पर धकेलते हैं। बक्से पर लगने वाला घर्षण बल क्या होगा ?
उत्तर – 200 N बल लगा कर बक्से को फर्श पर धकेला जा सकता है इसलिए उस पर लगने वाला घर्षण बल भी 200 N होगा
प्रश्न 11. गति के तृतीय नियम के अनुसार जब हम किसी वस्तु को धक्का देते हैं, तो वस्तु उतने ही बल के साथ हमें भी विपरीत दिशा में धक्का देती है। यदि वह वस्तु एक ट्रक है जो सड़क के किनारे खड़ा है, संभवतः हमारे द्वारा बल आरोपित करने पर भी गतिशील नहीं हो पाएगा। एक विद्यार्थी इसे सही साबित करते हुए कहता है कि दोनों बल विपरीत एवं बराबर हैं जो एक-दूसरे को निरस्त कर देते हैं। इस तर्क पर अपने विचार दें और बताएं कि ट्रक गतिशील क्यों नहीं हो पाता ?
उत्तर – गति के तीसरे नियम के अनुसार क्रिया और प्रतिक्रिया एक-दूसरे के प्रति समान पर विपरीत होती है। पर सड़क किनारे खड़े ट्रक को यदि हम अपने बल से दूर हटाना चाहें तो वह गतिशील नहीं होगा क्योंकि भारी वस्तुओं में जड़त्व अधिक होता है। उस का द्रव्यमान अधिक है और किसी वस्तु का द्रव्यमान ही जड़त्व का माप होता है
प्रश्न 12. 200 g द्रव्यमान की एक हॉकी की गेंद 10 ms-1 से गति कर रही है। यह एक हॉकी स्टिक से इस प्रकार टकराती है कि यह 5 ms-1 के वेग से अपने प्रारंभिक मार्ग पर वापस लौटती है। हॉकी स्टिक द्वारा आरोपित बल द्वारा हॉकी की गेंद में आये संवेग परिवर्तन के परिमाप का परिकलन कीजिए।
उत्तर – हॉकी की गेंद का द्रव्यमान = 200g = 0.2kg
लकड़ी के गुटके का द्रव्यमान = 5kg
टक्कर से पूर्व हॉकी की गेंद का वेग = 10 m/s
टक्कर से पूर्व लकड़ी के गुटके का वेग = 0 m/s
माना टक्कर के बाद दोनों का सम्मिलित वेग = v
टक्कर से पहले का कुल संवेग = 0.2 × 10 + 5 × 0 = 2 kgm/s
संवेग संरक्षण के नियमानुसार
टक्कर से पहले का कुल संवेग = टक्कर के बाद का कुल संवेग (चुकि संवेग = द्रव्यमान × वस्तु का वेग)
0.2 × 10 + 5 × 0
= 0.2 × v + 5 × v
2 = 5.2 × v
2/5.2 = v
0.38m/s = v
अत: टक्कर के बाद दोनों का सम्मिलित वेग = 0.38m/s
टक्कर के बाद कुल संवेग= 5.2 × 0.38
= 2 kgm/s
प्रश्न 13. 10g द्रव्यमान की एक गोली सीधी रेखा में 150 ms-1 की वेग से चल कर एक लकड़ी के गुटके से टकराती है और 0.03 S के बाद रुक जाती है। गोली लकड़ी को कितनी दूरी तक भेदेगी? लकड़ी के गुटके द्वारा गोली पर लगाए गए बल का परिमाण की गणना करें।
उत्तर – गोली का द्रव्यमान (m) = 10g = 0.01kg
गोली का प्रारंभिक वेग (u) = 150m/s
अंतिम वेग = 0
समय (t) = 0.03s
गति के प्रथम समीकरण से
v = u + at
0 = 150 + a (0.03)
−5000m/s2 = a
गति के तीसरे समीकरण से
v2 = u2 +2as
02 = 1502 + 2 x (−5000) × s
0 = 22500 − 10000 × s
s = 2.25m
अत:गोली के द्वारा लकड़ी को भेदकर तय की गई दूरी 2.25m लकड़ी के गुटके द्वारा गोली पर लगाए गए बल
F = ma
= 0.01 × 5000
F = 50N
प्रश्न 14. एक वस्तु जिस का द्रव्यमान 1kg है, 10 ms-1 की वेग से एक सीधी रेखा में चलते हुए विरामावस्था में रखे 5 Kg द्रव्यमान के एक लकड़ी के गुटके से टकराती है। उसके बाद दोनों साथ-साथ उसी सीधी रेखा में गति करते हैं। संघट्ट के पहले तथा बाद के कुल संवेगों की गणना करें। आपस में जुड़े हुए संयोजन के वेग की भी गणना करें।
उत्तर – पिंड का द्रव्यमान = 1kg
टक्कर से पूर्व पिंड का वेग = 10m/s
टक्कर से पूर्व लकड़ी के गुटके का वेग = 0
लकड़ी के गुटके का द्रव्यमान = 5kg
माना टक्कर के बाद दोनों का सम्मिलित वेग = v
टक्कर से पहले का कुल संवेग = 1 × 10 + 5 x 0
=10 kgm/s
संवेग संरक्षण के नियमानुसार
टक्कर से पहले का कुल संवेग = टक्कर के बाद का कुल संवेग (चुकि संवेग = द्रव्यमान × वस्तु का वेग)
1 × 10 + 5 × 0 = 1 × v + 5 × v
10 + 0 = 6v
10/6 = v
1.67m/s = v
अत: टक्कर के बाद दोनों का सम्मिलित वेग =1.67m/s
टक्कर के बाद कुल संवेग =6 × 1.67
= 10.02 kgm/s
प्रश्न 15. 100 Kg द्रव्यमान की एक वस्तु का वेग समान त्वरण से चलते हुए 6s में 5 ms-1 से 8 ms-1 हो जाता है। वस्तु के पहले और बाद के संवेगों की गणना करें। उस बल के परिमाण की गणना करें जो उस वस्तु पर आरोपित है।
उत्तर – पिंड का द्रव्यमान = 100kg
पिंड का प्रारंभिक वेग = 5m/s
पिंड का अंतिम वेग = 8m/s
समय = 6s
पिंड का प्रारंभिक संवेग = द्रव्यमान × वस्तु का प्रारंभिक वेग
= 100 × 5
= 500kgm/s
पिंड का बाद में संवेग = 100 × 8
=800 kgm/s
बल (F) = संवेग परिवर्तन/समय
= 800-500/6
= 300/6
= 100/2
बल = 50N
प्रश्न 16. अख्तर, किरण और राहुल किसी राजमार्ग पर बहुत तीव्र गति से चलती हुई कार में सवार हैं, कि अचानक उड़ता हुआ कोई कीड़ा, गाड़ी के समाने के शीशे से आ टकराया और वह शीशे से चिपक गया। अख्तर और किरण इस स्थिति पर विवाद करते हैं। किरण का मानना है कि कीड़े के संवेग परिवर्तन का परिणाम कार के संवेग-परिवर्तन के परिमाण की अपेक्षा बहुत अधिक है। (क्योंकि कीड़े के वेग में परिवर्तन का मान कार के वेग में परिवर्तन के मान से बहुत अधिक है।) अख्तर ने कहा कि चूंकि कार का वेग बहुत अधिक था अतः कार ने कीड़े पर बहुत अधिक बल लगाया। जिसके कारण कीड़े की मौत हो गई। राहुल ने एक नया तर्क देते हुए कहा कि कार तथा कीड़ा दोनों पर समान बल लगा और दोनों के संवेग में बराबर परिवर्तन हुआ। इन विचारों पर अपनी प्रतिक्रिया दें।
उत्तर – किरण का मानना है कि कीड़े के संवेग परिवर्तन का परिमाण कार के संवेग परिवर्तन के परिमाण की अपेक्षा बहुत अधिक है। उसका यह तर्क गलत है। कार का वेग बहुत अधिक था अतः कार ने कीड़े पर बहुत अधिक बल लगाया अख्तर का तर्क भी गलत है। राहुल का तर्क सही है। दोनों पर समान बल लगेगा क्योंकि क्रिया के विपरीत प्रतिक्रिया होती है| साथ ही, संवेग में परिवर्तन का परिमाण भी समान ही रहता है क्योकि टक्कर के दौरान संवेग संरक्षित रहता है।
प्रश्न 17. एक 10 Kg द्रव्यमान की घंटी 80 Cm की ऊँचाई से फ़र्श पर गिरी। इस अवस्था में घंटी द्वारा फर्श का स्थानांतरित संवेग के मान की गणना करें। परिकलन की सरलता हेतु, नीचे की ओर दिष्ट त्वरण का मान 10 ms-2 लें।
उत्तर – घंटी का द्रव्यमान (m) = 10kg
प्रारंभिक वेग (u) = 0
तथा माना अंतिम वेग = v
दूरी (s) = 80cm = 0.8m
त्वरण (a) = 10ms2
इसलिए, गति के तीसरे समीकरण के अनुसार
v2 = u2 + 2as
= 0 + 2 × 10 × 0.8
v2 = 16
v = 4m/s
अत: संवेग = mv
= 10 × 4
= 40 kgm/s
चूँकि फ़र्श को स्पर्श करने के ठीक पूर्व घंटी का संवेग 40 kgm/s है, अत: घंटी द्वारा फ़र्श पर स्थानांतरित संवेग 40 kgm/s होगा।
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