NCERT Solutions Class 9th Science Chapter – 7 जीवों में विविधता (Diversity in Living Organisms)
Textbook | NCERT |
Class | 9th |
Subject | (Science) विज्ञान |
Chapter | 7th |
Chapter Name | जीवों में विविधता (Diversity in Living Organisms) |
Category | Class 9th विज्ञान (Science) |
Medium | Hindi |
Source | Last Doubt |
NCERT Solutions Class 9th Science Chapter – 7 जीवों में विविधता (Diversity in Living Organisms) प्रश्न उत्तर जिसमे हम नाम पद्धति, जीवों में विविधता, टैक्सोनोमी, वर्गीकरण, जीव जगत के भाग, कोशिकीय स्तर, ऊतक स्तर, अंगस्तर आदि के बारे में बारे में पढ़ेंगे।
NCERT Solutions Class 9th Science Chapter 7 जीवों में विविधता (Diversity in Living Organisms)
Chapter 7
जीवों में विविधता
प्रश्न उत्तर
Class 9th Science Chapter 7 Intext Question in hindi Page: 91
प्र० 1. हम जीवधारियों का वर्गीकरण क्यों करते हैं? उत्तर – पृथ्वी पर जीवधारियों की संख्या विशाल है तथा उनके आकार, साइज तथा रूप में अत्यधिक विविधता पाई जाती है। इसलिए प्रत्येक जीवों का अलग-अलग अध्ययन कर पाना बहुत ही मुश्किल कार्य है। अत: वर्गीकरण का उद्देश्य है पौधों और जंतुओं की विशाल संख्या को कुछ वर्गों में संगठित करना ताकि उनका नामकरण तथा अध्ययन आसानी से किया जा सके और याद रखा जा सके। |
प्र० 2. अपने चारों ओर फैले जीव रूपों की विभिन्नता के तीन उदाहरण दें। उत्तर – (i) जहाँ सूक्ष्मदर्शी से देखे जाने वाले बैक्टीरिया हैं, जिनका आकार कुछ माइक्रोमीटर होता है, वहीं दूसरी ओर 30 मी० लंबे नीले ह्वेल (Whales) या 100 मी० लंबे रेडवुड पेड़ (कैलिफोर्निया में पाए। जाने वाले) भी है। (ii) कुछ चीड़ के वृक्ष हज़ारों वर्ष तक जीवित रहते हैं जबकि कुछ कीट जैसे मच्छरों का जीवनकाल कुछ ही दिनों का होता है। (iii) रंगहीन जीव, पारदर्शी कीटों और विभिन्न रंगों वाले पक्षियों और फूलों में भी विविधता पाई जाती है। |
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प्र० 1. जीवों के वर्गीकरण के लिए सर्वाधिक मूलभूत लक्षण क्या हो सकता है? (d) उनका निवास स्थान (b) उनकी कोशिका संरचना। उत्तर – उनकी कोशिका संरचना। कारणः क्योंकि जीवों को उनके निवास स्थान के आधार पर वर्गीकरण करना भ्रामक तरीका है। उदाहरण के लिए, समुद्रों में रहने वाले जीव; जैसे – प्रवाल (Coral), हवेल, ऑक्टोपस (Octopuses), स्टारफिश और शॉर्क। ये कई मायने में एक-दूसरे से काफी अलग हैं। |
प्र० 2. जीवों के प्रारंभिक विभाजन के लिए किस मूल। लक्षण को आधार बनाया गया है? उत्तर – जीवों के प्रारंभिक विभाजन के लिए मूल लक्षण उनकी कोशिकाओं की प्रकृति-प्रोकैरियोटी और यूकैरियोटी को आधार बनाया गया है। |
प्र० 3. किस आधार पर जंतुओं और वनस्पतियों को एक-दूसरे से भिन्न वर्ग में रखा जाता है? उत्तर – (i) पोषण विधि (स्पपोषी एवं विषम पोषी) के आधार पर (ii) कोशिकीय संघटन के आधार पर (iii) शारीरिक बनावट के आधार पर (iv) कोशिकाभित्ति के आधार पर |
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प्र० 1. आदिम जीव किन्हें कहते हैं? ये तथाकथित उन्नत जीवों से किस प्रकार भिन्न हैं? उत्तर – वे जीव समूह जिनके शारीरिक संरचना में प्राचीन काल से लेकर आज तक कोई खास परिवर्तन नहीं हुआ है, आदिम जीव अथवा निम्न जीव कहलाते हैं। परंतु कुछ जीव समूहों की शारीरिक संरचना में पर्याप्त परिवर्तन दिखाई पड़ते हैं, जिन्हें उन्नत जीव कहते हैं। उदाहरणः एककोशिक प्रोकैरियोटी बैक्टीरिया आदिम जीव हैं तथा बहुकोशिक यूकैरियोटी स्तनधारी (Mammalia) उन्नत जीव हैं। |
प्र० 2. क्या उन्नत जीव और जटिल जीव एक होते हैं? उत्तर – हाँ, चूँकि विकास के दौरान जीवों में जटिलता की संभावना बढ़ती है, इसलिए पुराने जीवों (आदिम जीवों) को साधारण और नए जीवों (उन्नत जीवों) को अपेक्षाकृत जटिल भी कहा जा सकता है। |
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प्र० 1. मोनेरा अथवा प्रोटिस्टा जैसे जीवों के वर्गीकरण का मापदंड क्या है? उत्तर – जिन जीवों में संगठित केंद्रक और कोशिकांग नहीं होते (प्रोकैरीयोटी) और न ही उनके शरीर बहुकोशिक होते हैं, उन्हें मोनेरा जगत में रखा जाता है। इसके विपरीत प्रोटिस्टा के अंतर्गत वे एककोशिक जीव आते हैं, जिनमें संगठित केंद्रक और कोशिकांग होते हैं। इन्हें यूकैरियोटी जीव कहा जाता है। |
प्र० 2. प्रकाश-संश्लेषण करने वाले एककोशिक यूकैरियोटी जीव को आप किस जगत में रखेंगे? उत्तर – प्रोटिस्टा। |
प्र० 3. वर्गीकरण के विभिन्न पदानुक्रमों में किस समूह में सर्वाधिक समान लक्षण वाले सबसे कम जीवों को और किस समूह में सबसे ज्यादा संख्या में जीवों को रखा जाएगा? उत्तर – सर्वाधिक समान लक्षण वाले: सबसे कम जीव-जाति (स्पीशीज) में सबसे ज्यादा जीव-जगत (किंगडम) में |
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प्र० 1. सरलतम पौधों को किस वर्ग में रखा गया है? उत्तर – थैलोफ़ाइटा |
प्र० 2. टेरिडोफ़ाइटा और फैनरोगैम में क्या अंतर है? उत्तर – टेरिडोफाइटा बीज रहित होते हैं अर्थात् बीज उत्पन्न नहीं करते जबकि फैनरोगैम बीज उत्पन्न करते हैं |
प्र० 3. जिम्नोस्पर्म और एंजियोस्पर्म एक-दूसरे से किस प्रकार भिन्न हैं? उत्तर-
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प्र० 1. पोरी.फेरा और सिलेंटरेटा वर्ग के जंतुओं में क्या अंतर है? उत्तर –
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प्र० 2. एनीलिडा के जंतु आर्थोपोडा के जंतुओं से किस प्रकार भिन्न हैं? उत्तर –
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प्र० 3. जल-स्थलचर और सरीसृप में क्या अंतर है? उत्तर –
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प्र० 4. पक्षी वर्ग और स्तनपायी वर्ग के जंतुओं में क्या अंतर है? उत्तर –
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अभ्यास के प्रश्न उत्तर
प्र० 1. जीवों के वर्गीकरण से क्या लाभ है? उत्तर – जीवों के वर्गीकरण के निम्नलिखित लाभ हैं (i) विभिन्न समूह जीवों के महत्वपूर्ण लक्षण और उनके पारस्परिक संबंध को दर्शाते हैं। (ii) वर्गीकरण करने पर हम आसानी से विशाल संख्या में पाए जाने वाले जीवों का नामकरण और अध्ययन कर सकते हैं तथा उन्हें याद भी रख सकते हैं। (iii) यह जीव विज्ञान की अन्य शाखाओं को अध्ययन का आधार प्रदान करती है; जैसे-वनस्पति विज्ञान, जंतु विज्ञान, पारिस्थितिकी (Ecology), जंगल लगाने की कला (Forestry) आदि। (iv) यह सभी जीवों की एकदम स्पष्ट तस्वीर प्रदान करता |
प्र० 2. वर्गीकरण में पदानुक्रम निर्धारण के लिए दो लक्षणों में से आप किस लक्षण का चयन करेंगे? उत्तर – दो लक्षणों में से सबसे पहले विशिष्ट लक्षण का चयन करेंगे जो उन जीवों में मौलिक अंतर पैदा करते हैं। इसके आधार पर मुख्य विस्तृत समूह निर्धारित होता है। तथा कम महत्वपूर्ण लक्षणों के आधार पर छोटे समूहों या उपसमूहों (Sub-group) निर्धारित किया जाता है; जैसे- प्रोकैरियोटी और यूकैरियोटी मुख्य विस्तृत समूह (broadest division) का आधार है। |
प्र० 3. जीवों के पाँच जगत में वर्गीकरणं के आधार की व्याख्या कीजिए। उत्तर – जीवों को पाँच जगत में वर्गीकृत करने के लिए निम्न विशेषताओं को ध्यान में रखा जाता है (a) कोशिकीय संरचना-प्रोकैरियोटी अथवा यूकैरियोटी (b) जीव का शरीर एककोशिक अथवा बहुकोशिक है। बहुकोशिक जीवों की संरचना जटिल होती है। (c) कोशिका भित्ति की उपस्थिति (d) पोषण की विधि (अर्थात् स्वपोषण की क्षमता है या नहीं) |
प्र० 4. पादप जगत के प्रमुख वर्ग कौन हैं? इस वर्गीकरण का क्या आधार है? उत्तर – पादप जगत के प्रमुख वर्ग है – (i) थैलोफाइटा (ii) ब्रायोफाइटा (iii) टेरिडोफाइटा (iv) जिम्नोस्पर्म (v) एंजियोस्पर्म इसके वर्गीकरण के मुख्य लक्षण है – (i ) पादप शरीर के प्रमुख घटकों का पूर्ण विकास और विभेदन। (ii ) पापड़ शरीर में जल तथा अन्य पदार्थों को संवहन करने वाले विशिष्ट ऊतकों की उपस्थिति (iii ) पादप में बीज धारण करने की क्षमता। (iv ) फल में बीज की स्थिति। |
प्र० 5. जंतुओं और पौधों के वर्गीकरण के आधारों में मूल अंतर क्या है? उत्तर –
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प्र० 6. वर्टीब्रेटा (कशेरुकी प्राणी) को विभिन्न वर्गों में बाँटने के आधार की व्याख्या कीजिए। वर्टिब्रेटा के निम्नलिखित पाँच वर्ग हैं: 1. मत्स्यः ये जलवासी हैं। इनकी त्वचा पर शल्क पाए जाते हैं। ये क्लोम द्वारा श्वसन करते हैं। असमतापी (cold blooded) प्राणी हैं। ये अंडे देते हैं। इनका कंकाल उपास्थि/अस्थि का बना होता है। |
NCERT Solution Class 9th विज्ञान Question Answer in Hindi
- Chapter – 1 हमारे आस-पास के पदार्थ
- Chapter – 2 क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं
- Chapter – 3 परमाणु एवं अणु
- Chapter – 4 परमाणु की संरचना
- Chapter – 5 जीवन की मौलिक इकाई
- Chapter – 6 ऊतक
- Chapter – 7 जीवों में विविधता
- Chapter – 8 गति
- Chapter – 9 बल तथा गति के नियम
- Chapter – 10 गुरुत्वाकर्षण
- Chapter – 11 कार्य तथा ऊर्जा
- Chapter – 12 ध्वनि
- Chapter – 13 हम बीमार क्यों होते हैं
- Chapter – 14 प्राकृतिक संपदा
- Chapter – 15 खाद्य संसाधनों में सुधार