NCERT Solutions Class 9th Maths Chapter – 12 सांख्यिकी (Statistics)
Textbook | NCERT |
Class | 9th |
Subject | (गणित) Mathematics |
Chapter | 12th |
Chapter Name | सांख्यिकी (statistics) |
Mathematics | Class 9th गणित |
Medium | Hindi |
Source | Last Doubt |
NCERT Solutions Class 9th Maths Chapter – 12 सांख्यिकी (statistics)
Chapter – 12
सांख्यिकी
Examples
उदाहरण 1. नवीं कक्षा के 40 विद्यार्थियों से उनके जन्म का महीना बताने के लिए कहा गया। इस प्रकार प्राप्त आंकड़ों से निम्नलिखित आलेख बनाया गया:
ऊपर दिए गए आलेख को देखकर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए : हल:ध्यान दीजिए कि यहाँ चर ‘जन्म दिन का महीना’ है और चर का मान ‘जन्म लेने वाले विद्यार्थियों की संख्या’ है। (i) नवंबर के महीने में 4 विद्यार्थियों का जन्म हुआ। आइए अब हम निम्नलिखित उदाहरण लेकर इनका पुनर्विलोकन करें कि एक दंड आलेख |
उदाहरण 2. एक परिवार ने जिसकी मासिक आय ₹20000 है, विभिन्न मदों के अंतर्गत हर महीने होने वाले खर्च की योजना बनाई थी : सारणी 12.1
ऊपर दिए गए आंकड़ों का एक दंड आलेख बनाइए । हल: हम इन आंकड़ों का दंड आलेख निम्नलिखित चरणों में बनाते हैं। ध्यान दीजिए कि दूसरे स्तंभ में दिया गया मात्रक (unit) ‘हजार रुपयों में’ है। अतः, ग्रॉसरी (परचून का सामान) के सामने लिखा अंक 4 का अर्थ ₹4000 है। 1. कोई भी पैमाना (scale) लेकर हम क्षैतिज अक्ष पर मदों (चर) को निरूपित करते हैं, क्योंकि यहाँ दंड की चौड़ाई का कोई महत्व नहीं होता । परन्तु स्पष्टता के लिए हम सभी दंड समान चौड़ाई के लेते हैं और उनके बीच समान दूरी बनाए रखते हैं। मान लीजिए एक मद को एक सेंटीमीटर से निरूपित किया गया है। 2. हम खर्च (मूल्य) को ऊर्ध्वाधर अक्ष पर निरूपित करते हैं। क्योंकि अधिकतम खर्च ₹5000 है, इसलिए हम पैमाना 1 मात्रक = ₹1000 ले सकते हैं। 3. अपने पहले मद अर्थात् ग्रॉसरी को निरूपित करने के लिए, हम 1 मात्रक की चौड़ाई 4 मात्रक की ऊँचाई वाला एक आयताकार दंड बनाते हैं। 4. इसी प्रकार, दो क्रमागत दंडों के बीच 1 मात्रक का खाली स्थान छोड़कर अन्य मदों को निरूपित किया जाता है ( देखिये आकृति 12.2)।
यहाँ आप एक दृष्टि में ही आंकड़ों के सापेक्ष अभिलक्षणों को सरलता से देख सकते हैं। उदाहरण के लिए, आप यह सरलता से देख सकते हैं कि ग्रॉसरी पर किया गया खर्च दवाइयों पर किए गए खर्च का दो गुना है। अतः, कुछ अर्थों में सारणी रूप की अपेक्षा यह आंकड़ों का एक उत्तम निरूपण है। |
उदाहरण 4. एक परीक्षा में एक कक्षा के 51 विद्यार्थियों द्वारा 100 में से प्राप्त किए अंक सारणी 12.5 में दिए गए हैं : सारणी 12.5
इस बारंबारता बंटन सारणी के संगत बारंबारता बहुभुज बनाइए। हल: आइए पहले हम इन आंकड़ों से एक आयतचित्र बनाएँ और आयतों की ऊपरी भुजाओं के मध्य – बिन्दुओं को क्रमश: B, C, D, E, F, G, H, I, J, K से प्रकट करें। यहाँ पहला वर्ग 0-10 है। अत: 0-10 से ठीक पहले का वर्ग ज्ञात करने के लिए, हम क्षैतिज अक्ष को ऋणात्मक दिशा में बढ़ाते हैं और काल्पनिक वर्ग अंतराल ( – 10)-0 का मध्य-बिंदु ज्ञात करते हैं। प्रथम अंत बिंदु (end point), अर्थात् B को क्षैतिज अक्ष की ऋणात्मक दिशा में शून्य बारंबारता वाले इस मध्य-बिंदु से मिला दिया जाता है। वह बिंदु जहाँ यह रेखाखंड ऊर्ध्वाधर अक्ष से मिलता है, उसे A से प्रकट करते हैं। मान लीजिए दिए हुए आंकड़ों के अंतिम वर्ग के ठीक बाद वाले वर्ग का मध्य – बिंदु L है। तब OABCDEFGHIJKL वाँछित बारंबारता बहुभुज है, जिसे आकृति 12.7 में दिखाया गया है। |
उदाहरण 5. एक नगर में निर्वाह खर्च सूचकांक (cost of living index) का अध्ययन करने के लिए निम्नलिखित साप्ताहिक प्रेक्षण किए गए : सारणी 12.6
ऊपर दिए गए आंकड़ों का एक बारंबारता बहुभुज (आयतचित्र बनाए बिना) खींचए । हल: क्योंकि आयतचित्र बनाए बिना हम एक बारंबारता बहुभुज खींचना चाहते हैं, इसलिए आइए हम ऊपर दिए हुए वर्ग अंतरालों, अर्थात् 140-150, 150 – 160,…. के वर्ग-चिह्न ज्ञात करें। अतः, वर्ग-चिह्न = 150 + 140/2 = 290/2 = 145 इसी प्रकार, हम अन्य वर्ग अंतरालों के वर्ग – चिह्न ज्ञात कर सकते हैं। इस प्रकार प्राप्त नई |
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