NCERT Solutions Class 9th Hindi क्षितिज Chapter – 5 नाना साहब की पुत्री देवी मैना को भस्म कर दिया गया
Textbook | NCERT |
Class | 9th |
Subject | Hindi |
Chapter | 5th |
Chapter Name | नाना साहब की पुत्री देवी मैना को भस्म कर दिया गया |
Category | Class 9th Hindi (क्षितिज) |
Medium | Hindi |
Source | Last Doubt |
NCERT Solutions Class 9th Hindi क्षितिज Chapter – 5 नाना साहब की पुत्री देवी मैना को भस्म कर दिया गया प्रश्न – उत्तर जिसमे हम नाना साहब की पुत्री देवी मैना को भस्म कर दिया गया कौन सी विधा है?, नाना साहब की पुत्री मैना को क्यों जलाया गया?, मैना देवी किसकी बेटी थी?, नाना साहब की पुत्री मैना के बारे में आप क्या जानते हैं, नाना साहब द्वारा मैना को अपने साथ ना ले जा सकने के क्या कारण थे?, नाना साहब कौन थे, मैना जड़ पदार्थ को क्यों बचाना चाहती थी? आदि के बारे में पढ़ेंगे। साथ-साथ हम NCERT Solutions Class 9th Hindi क्षितिज Chapter – 5 नाना साहब की पुत्री देवी मैना को भस्म कर दिया गया प्रश्न – उत्तर करेंगे
NCERT Solutions Class 9th Hindi क्षितिज Chapter – 5 नाना साहब की पुत्री देवी मैना को भस्म कर दिया गया
Chapter – 5
नाना साहब की पुत्री देवी मैना को भस्म कर दिया गया
प्रश्न – उत्तर
प्रश्न – अभ्यास
प्रश्न 1. बालिका मैना ने सेनापति ‘हे’ को कौन-कौन से तर्क देकर महल की रक्षा के लिए प्रेरित किया ? उत्तर – बालिका मैना ने सेनापति ‘हे’ को महल की रक्षा के लिए निम्नलिखित तर्क दिए-
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प्रश्न 2. मैना जड़ पदार्थ मकान को बचाना चाहती थी पर अंग्रेज़ उसे नष्ट करना चाहते थे। क्यों ? उत्तर – मैना जड़ पदार्थ मकान को बचाना चाहती थी क्योंकि मैना उसी मकान में पली-बढ़ी थी, इसी में उसका बचपन बीता था तथा इस मकान को वह बहुत चाहती थी पर अंग्रेजों के विरुद्ध हथियार उठाकर अंग्रेज़ों का नरसंहार करने वाले नाना का महल होने के कारण अंग्रेज़ उसे नष्ट करना चाहते थे। |
प्रश्न 3. सर टामस ‘हे’ के मैना पर दया-भाव के क्या कारण थे ? उत्तर – सर टामस स्वभाव से ही दयालु रहे होंगे। तभी तो वे उस किशोरी सुंदरी को देखते ही ठहर गए और उसके जीवन में रुचि लेने लगे। दूसरा कारण यह रहा कि वे मैना को पहचान गए। मैना उनकी मृत बेटी मेरी की बचपन की सखी थी। तब ‘हे’ उनके घर भी आया करते थे। इन बातों ने ‘हे’ के दिल में मैना के प्रति ममता जगा दी। तीसरे, मैना ने स्वयं अपनी करुणापूर्ण बातों से ‘हे’ के मन में करुणा जगा दी। |
प्रश्न 4. मैना की अंतिम इच्छा थी कि वह उस प्रासाद के ढेर पर बैठकर जी भरकर रो ले लेकिन पाषाण हृदय वाले जनरल ने किस भय से उसकी इच्छा पूर्ण न होने दी ? उत्तर – जनरल आउटरम ने भग्नावशिष्ट राज प्रासाद पर जी भर रो लेने संबंधी मैना की इच्छा इसलिए नहीं पूरी होने दी क्योंकि-
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प्रश्न 5. बालिका मैना के चरित्र की कौन-कौन सी विशेषताएँ आप अपनाना चाहेंगे और क्यों ? उत्तर – बालिका मैना के चरित्र की निम्नलिखित विशेषताएँ अपनाने योग्य हैं- निडरता– बालिका मैना निडर बालिका थी। जब सेनापति ‘हे’ अपने सैनिकों के साथ उसके राजमहल को तोड़ने आया तो उसने निडर होकर उनका सामना किया। उसे अपने पकड़े जाने का डर था। फिर भी वह ‘हे’ के सामने आई। उसे राजमहल न तोड़ने की प्रार्थना की, तर्क दिए तथा उसके मन में करुणा जगाई। |
प्रश्न 6. ‘टाइम्स’ पत्र ने 6 सितंबर को लिखा था-‘बड़े दुख का विषय है कि भारत सरकार आज तक उसे दुर्दात नाना साहब को नहीं पकड़ सकी। इस वाक्य में भारत सरकार’ से क्या आशय है ? उत्तर – इस वाक्य में भारत सरकार से आशय है- पराधीन भारत में ब्रिटिश शासन के निर्देश पर चलने वाली वह सरकार जिसे अंग्रेज़ अधिकारी चलाते थे और भारतीयों पर अत्याचारपूर्ण व्यवहार करते थे। |
रचना और अभिव्यक्ति
प्रश्न 7. स्वाधीनता आंदोलन को आगे बढ़ाने में इस प्रकार के लेखन की क्या भूमिका रही होगी ? उत्तर – स्वाधीनता आंदोलन को बढ़ाने में इस प्रकार के लेखों की भूमिका महत्त्वपूर्ण रही होगी। लोग जब अंग्रेजों के अत्याचारों को पढ़ते होंगे तो उनके विरुद्ध हो जाते होंगे। जब वे मैना जैसी निडर बालिका के निर्मम वध की बात सुनते होंगे तो उनका हृदय करुणा से भर उठता होगा। तब उनका मन त्याग, बलिदान और संघर्ष के लिए तैयार हो जाता होगा। इस प्रकार स्वाधीनता आंदोलन अपनी राह पर बढ़ता जाता होगा। |
प्रश्न 8. कल्पना कीजिए कि मैना के बलिदान की यह खबर आपको रेडियो पर प्रस्तुत करनी है। इन सूचनाओं के आधार पर आप एक रेडियो समाचार तैयार करें और कक्षा में भावपूर्ण शैली में पढ़ें। उत्तर – मैना के बलिदान संबंधी खबर पर आधारित एक रेडियो समाचार कल शाम 7:00 बजे कानपुर के किले में एक भयानक हत्याकांड हो गया जिससे मानवता कलंकित हो गई। यह कायरतापूर्ण कृत्य अंग्रेज़ सरकार द्वारा किया गया।जैसा कि आप सब जानते होंगे कि कल आधी रात में नाना साहब की कन्या मैना को आउटरम ने उस समय गिरफ्तार कर लिया था जब वह अपने महल के अवशेष पर बैठी विलाप कर रही थी। आउटरम ने उसे गिरफ्तार करने से पहले हृदयहीनता का नमूना पेश किया और मैना को जी भर रोने की अनुमति भी नहीं दी। इससे उसकी इच्छा अधूरी रह गई। हमारे विश्वस्त सूत्रों से पता चला है कि आज रात में योजनाबद्ध ढंग से मैना को धधकती आग में झाँककर मार डाला गया। वहाँ उपस्थित लोगों ने जलती मैना को देवी मानकर प्रणाम किया। |
प्रश्न 9. इस पाठ में रिपोर्ताज के प्रारंभिक रूप की झलक मिलती है लेकिन आज अखबारों में अधिकांश खबरें रिपोर्ताज की शैली में लिखी जाती हैं। आप- पुरानी ट्राम
2. बदलाव का श्रेय शिक्षकों को : सीएम मुख्यमंत्री ने कहा कि जो भी दिल्ली के शिक्षकों ने किया उसकी चर्चा दुनिया भर में हुई। सरकार ने अपने कार्यकाल में शिक्षकों को सम्मान देने की कोशिश की है। जैसा सम्मान शिक्षकों के लिए पुरानी परंपराओं में दिया जा रहा था। जो समाज अपने शिक्षक का सम्मान करता है। यह समाज भी आगे बढ़ता है। इस समारोह में 91 शिक्षकों को सम्मानित किया गया। जिसमें 25 हजार रुपये, शाल व प्रशस्तिपत्र देकर सम्मानित किया गया। मनीष सिसोदिया ने इस मौके पर कहा कि आज का दिन शिक्षकों का दिन है। आपके योगदान के सम्मान के लिए सरकार यहाँ उपस्थित है। उन्होंने कहा कि आप सब लोग इंसान व राष्ट्र बनाने के लिए काम कर रहे हैं। आज तन मन धन से शिक्षक काम कर रहे हैं। दो साल पहले तक जब भी सम्मान मिले तो यह सादा कार्यक्रम में नहीं भव्यता के साथ होना चाहिए। हर साल इस आयोजन को बड़ा किया जाए। आज करीब सवा लाख शिक्षक हैं, वे जबरदस्त भूमिका निभा रहे हैं। सरकार शिक्षा बजट बढ़ाने का श्रेय ले सकती है लेकिन काम शिक्षकों ने किया है। शिक्षकों के लिए आयोजित इस कार्यक्रम में विशेष बात यह थी कि यहाँ मंच का संचालन छात्रों को दिया गया था। विभिन्न स्कूलों के बच्चों को पहली बार मंच संचालन का मौका दिया गया। केजरीवाल बोले
(ख) अपने आसपास की एक घटना का रिपोर्ताज शैली में वर्णन- रानीखेड़ा गांव में कचरा डाले जाने के विरोध में ग्रामीण तीसरे दिन मंगलवार को भी डटे रहे। निगम के ट्रक कचरा डालने न आएँ, इसके लिए ग्रामीण रातभर पहरेदारी करते रहे। ग्रामीणों ने लिखित आश्वासन से पहले मौके से नहीं हटने की बात कही है। गाजीपुर लैंडफिल साइट पर हुए हादसे के बाद से ही दिल्ली में हरदिन पैदा होने वाले कचरे का निष्पादन बड़ी समस्या के तौर पर सामने आया है। गाजीपुर में कचरा डालने पर रोक के बाद निगम की ओर से रानीखेड़ा गांव में राविवार को कचरा डालने का प्रयास किया गया था, लेकिन, ग्रामीणों ने कचरे के ट्रकों को वापस लौटा दिया। तब से ही ग्रामीण मौके पर जमे हुए हैं। दिन में महिलाएँ और बच्चे धरने पर बैठे रहे, जबकि रात के समय पुरुषों द्वारा पहरेदारी की जा रही है। स्थानीय निवासी सतबीर डबास ने कहा कि जब तक रानीखेड़ा में कूड़ा नहीं डालने का लिखित आश्वासन उपराज्यपाल की ओर से नहीं दिया जाएगा, तब तक ग्रामीण मौके से नहीं हटेंगे। इसके लिए चाहे कुछ भी करना पड़े। |
प्रश्न 10. आप किसी ऐसे बालक/बालिका के बारे में एक अनुच्छेद लिखिए जिसने कोई बहादुरी का काम किया हो। उत्तर – दीपावली नजदीक थी। धनतेरस वाले दिन हमारे एक जानकार सपरिवार हमसे मिलने घर आए थे। दीपावली के आसपास वैसे भी दुकानों पर और बाजारों में भीड़-भाड़ बढ़ जाती है। हमारे जानकार ने विचार किया कि यहाँ तक आए हैं तो दीपावली के लिए कुछ खरीददारी यहीं से करते चलें पर यह बात उन्होंने अपने तक ही सीमित रखा और पाँच-साढे पाँच बजे वे हमारे घर से निकले और बाजार चले गए। भीड़ होने के कारण वे अपनी पत्नी के साथ मोटरसाइकिल से धीरे-धीरे जा रहे थे। उनकी पत्नी का ध्यान आसपास की दुकानों पर रहा होगा तभी एक बीस-इक्कीस वर्षीय युवक ने उनके गले से चेन खींच ली। वह चेन लेकर भागने लगा तभी एक बारह-तेरह साल के लड़के ने उसे रोकना चाहा पर उसने लड़के को एक चाँटा मारा और कुछ ही दूर बाइक की ओर भागा। वहाँ उसका साथी बाइक स्टार्ट कर चुका था। वह बाजार की उल्टी दिशा में तेजी से बाइक दौड़ाकर गायब हो गया।
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भाषा-अध्ययन
प्रश्न 11. भाषा और वर्तनी का स्वरूप बदलता रहता है। इस पाठ में हिंदी गद्य का प्रारंभिक रूप व्यक्त हुआ है जो लगभग 75-80 वर्ष पहले था। इस पाठ के किसी पसंदीदा अनुच्छेद को वर्तमान मानक हिंदी रूप में लिखिए। उत्तर – सेनापति ने दु:ख प्रकट करते हुए कहा-“कर्तव्य के कारण मुझे यह मकान गिराना ही होगा।” इस पर उस बालिका ने अपना परिचय देते हुए कहा-”मैं जानती हूँ कि आप जनरल ‘हे’ हैं। आपकी प्रिय कन्या मेरी और मुझमें बहुत प्रेम था। कई वर्ष पूर्व मेरी मेरे पास बराबर आती थी और मुझे हृदय से चाहती थी। उस समय आप भी हमारे यहाँ आते थे और मुझे अपनी पुत्री के ही समान प्यार करते थे। मालूम होता है कि आप वे सब बातें भूल गए हैं। मेरी की मृत्यु से मैं बहुत । दु:खी हुई थी। उसकी एक चिट्ठी मेरे पास अब तक है।”वर्तमान मानक हिंदी रूप उसी दिन संध्या समय लार्ड केनिंग का एक तार आया, जिसका आशय इस प्रकार था-लंदन के मंत्रिमंडल का यह मत है कि नाना का स्मृति-चिह्न तक मिटा दिया जाए। इसलिए वहाँ की आज्ञा के विरुद्ध कुछ नहीं हो सकता। उसी क्षण क्रूर जनरल आउटरम की आज्ञा से नाना साहब के सुविशाल राज मंदिर पर तोप के गोले बरसने लगे। घंटे भर में वह महल मिट्टी में मिला दिया गया। |
पाठेतर सक्रियता
प्रश्न 12. अपने साथियों के साथ मिलकर बहादुर बच्चों के बारे में जानकारी देने वाली पुस्तकों की सूची बनाइए। उत्तर – अपने विद्यालय के पुस्तकालयाध्यक्ष की मदद से यह काम स्वयं करें। |
प्रश्न 13. इन पुस्तकों को पढ़िए- ‘भारतीय स्वाधीनता संग्राम में महिलाएँ- राजम कृष्णन, नेशनल बुक ट्रस्ट, नई दिल्ली। ‘1857 की कहानियाँ’-ख्वाजा हसन निजामी, नेशनल बुक ट्रस्ट, नई दिल्ली। उत्तर – विद्यार्थी इन पुस्तकों को खोजें और स्वयं पढ़ें। |
प्रश्न 14. अपठित गद्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए- 1. स्वतंत्र भारत में दुर्गा भाभी का सम्मान किस प्रकार किया गया? 2. दुर्गा भाभी ने भेंट स्वरूप प्रदान किए गए रुपये लेने से इंकार क्यों कर दिया? 3. दुर्गा भाभी संसदीय राजनीति से दूर क्यों रहीं? 4. आज़ादी के बाद उन्होंने अपने को किस प्रकार व्यस्त रखा? 5. दुर्गा भाभी के व्यक्तित्व की कौन-सी विशेषता आप अपनाना चाहेंगे? उत्तर – 1. कई वर्ष पहले उनके सम्मान में एक समारोह का आयोजन किया गया। 2. दुर्गा भाभी ने भेंट स्वरूप प्रदान किए गए रुपये लेने से इसलिए इंकार कर दिया क्योंकि उन्होंने आज़ादी के लिए जो संघर्ष किया था, उसका मूल्य नहीं लेना चाहती थी। 3. दुर्गा भाभी संसदीय राजनीति से इसलिए दूर रहीं क्योंकि राजनीति में उनकी रुचि नहीं थी। 4. आजादी के बाद दुर्गा भाभी ने नई पीढ़ी के निर्माण के लिए एक स्कूल खोला और वे उसी में पूरी तरह व्यस्त हो गईं। 5. मैं दुर्गा भाभी के चरित्र से निम्नलिखित विशेषताएँ अपनाना चाहूँगा, जैसे- |
अन्य पाठेतर हल प्रश्न
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. नाना साहब कौन थे ? उत्तर – नाना साहब सन् 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के प्रसिद्ध क्रांतिकारी थे। वे बिठूर के शासक थे। वहाँ उनका राजमहल था। उन्होंने अंग्रेजों के विरुद्ध बगावत करते हुए कानपुर अनेक अंग्रेज़ों को मौत के घाट उतार दिया था। अपनी मातृभूमि को आजाद करवाने के लिए उन्होंने हर संभव प्रयास किया। |
प्रश्न 2. अंग्रेज़ों को मैना पर अपना क्रोध उतारने का अवसर मिल गया ? उत्तर – कानपुर में अंग्रेजों के विरुद्ध हथियार उठाने और अनेक अंग्रेज़ों को मौत के घाट उतारने के बाद नाना साहब अंग्रेजी सेना का मुकाबला न कर सके और कानपुर से भागने लगे। वे जल्दी में अपनी पुत्री मैना को साथ न ले जा सके। इससे अंग्रेजों को मैना पर क्रोध उतारने का मौका मिल गया। |
प्रश्न 3. अंग्रेज़ बिठूर की ओर क्यों गए ? उत्तर – अंग्रेज़ बिठूर की ओर इसलिए गए क्योंकि वे कानपुर में नाना साहब को पकड़ न सके। नाना साहब अपने बिठूर स्थित राजमहल में हो सकते हैं, इसलिए वे बिठूर की ओर चले गए। वे नाना साहब को पकड़ना चाहते थे। |
प्रश्न 4. बिठूर पहुँचकर अंग्रेज सैनिक दल ने क्या किया ? उत्तर – बिठूर पहुँचकर अंग्रेज़ सैनिक दल ने-
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प्रश्न 5. मैना कौन थी? उसे देखकर अंग्रेज सेनापति को आश्चर्य क्यों हुआ ? उत्तर – मैना नानासाहब की पुत्री थी। उसे देखकर अंग्रेज सेनापति को इसलिए आश्चर्य हुआ क्योंकि जब सैनिक दल महल में लूट-पाट कर रहा था तब वह बालिका कहीं दिखाई न दी। अब उसके अचानक प्रकट होने से उन्हें आश्चर्य हो रहा था। |
प्रश्न 6. मैना ने सेनापति से क्या निवेदन किया और क्यों ? उत्तर – मैना ने सेनापति से महल नष्ट न करने और उसकी रक्षा करने का निवेदन किया क्योंकि यह महल उसे अत्यंत प्रिय था। इसके अलावा वह इसी महल में पली-बढ़ी थी। |
प्रश्न 7. सेनापति ‘हे’ मैना का निवेदन क्यों स्वीकार नहीं कर पा रहे थे ? उत्तर – मैना को अपनी पुत्री’ मैरी’ की सहचरी जानकर सेनापति ‘हे’ के मन में सहानुभूति उत्पन्न हुई। इसके बाद भी वे मैना को निवेदन इसलिए स्वीकार नहीं कर पा रहे थे क्योंकि वे अंग्रेज सरकार के कर्मचारी थे। उनका आदेश मानना उनका पहला कर्तव्य था। |
प्रश्न 8. अउटरम कौन था? वह सेनापति ‘है’ पर क्यों बिगड़ उठा ? उत्तर – आउटरम अंग्रेज़ी सेना का प्रधान सेनापति था। वह सेनापति हे’ पर इसलिए बिगड़ उठा क्योंकि सेनापति ‘हे’ ने नाना साहब के महल पर तोप से गोले बरसाकर अब तक नष्ट नहीं किया था। ‘हे’ द्वारा कर्तव्य की अवहेलना करते देख वह नाराज हो गया। |
प्रश्न 9. सेनापति ‘है’ दुखी होकर नाना साहब के राजमहल से क्यों चले गए ? उत्तर – सेनापति ‘हे’ मैना के निवेदन पर उस महल को बचाने के लिए सहमत हो गए थे। उन्होंने इसके लिए जब प्रधान सेनापति आउटरम से विनयपूर्वक कहा तो आउटरम किसी भी तरह न माना। अपनी इस तरह उपेक्षा देखकर ‘हे’ दुखी होकर वहाँ से चले गए। |
प्रश्न 10. सेनापति ‘हे’ के जाते ही अंग्रेज़ सैनिकों ने क्या-क्या किया ? उत्तर – सेनापति ‘हे’ के जाते ही अंग्रेज सैनिकों ने-
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प्रश्न 11. आउटरम सेनापति ‘हे’ का अनुरोध स्वीकार नहीं कर पा रहा था, क्यों ? उत्तर – अंग्रेजी सेना का प्रधान सेनापति आउटरम सेनापति ‘हे’ का अनुरोध इसलिए स्वीकार नहीं कर पा रहा था क्योंकि गवर्नर जनरल की आज्ञा के बिना वह कुछ नहीं कर सकता था। वह सेनापति ‘हे’ की विनती स्वीकार कर अंग्रेजी सरकार का कोप भोजन नहीं बनना चाहता था। |
प्रश्न 12. ‘मैना अपने महल से बहुत लगाव रखती थी’ सप्रमाण स्पष्ट कीजिए। उत्तर – मैना अपने महल से बहुत लगाव रखती थी। इसका प्रमाण यह है कि-
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प्रश्न 13. नाना साहब के प्रसाद के विषय में भेजे गए केनिंग के तार का आशय क्या था ? उत्तर – नाना साहब के राज प्रसाद के बारे में केनिंग ने जो तार भेजा था, उसका आशय था-लंदन के मंत्रिमंडल का यह मत था कि अंग्रेज नर-नारियों की हत्या करने वाले नाना साहब के स्मृति-चिह्न तक को मिटा दिया जाए। |
प्रश्न 14. अंग्रेज़ सैनिक नाना साहब के प्रासाद के भग्नावशेष पर क्यों गए ? उत्तर – अंग्रेज सैनिक नाना साहब के प्रासाद के भग्नावशेष पर इसलिए गए क्योंकि उस भग्नावशेष पर रात्रि में रोने की आवाज़ आ रही थी। जिस भग्नावशेष की वे रक्षा कर रहे हैं, उस पर कौन रो रहा है, यही पता करने वे वहाँ पहुँचे। |
प्रश्न 15. ‘मैरी’ कौन थी? मैना से उसकी मित्रता कैसे हुई ? उत्तर – ‘मैरी’ अंग्रेज सरकार के सेनापति ‘हे’ की पुत्री थी। मैरी और मैना दोना हम उम्र थीं। पहले सेनापति ‘हे’ मैना के घर मैरी को लेकर आया करते थे। मैरी और मैना के इस तरह मिलने से दोनों में मित्रता हो गई। |
दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. अंग्रेजों ने नाना साहब के लिए किस विशेषण का प्रयोग किया है और क्यों ? उत्तर – अंग्रेजों ने नाना साहब के लिए ‘दुर्दीत’ विशेषण का प्रयोग किया है। इसका कारण यह है कि-
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प्रश्न 2. उन कारणों का उल्लेख कीजिए जिनके कारण सेनापति ‘हे’ महल को बचाने के लिए तैयार हो गया। उत्तर – सेनापति ‘हे’ को नाना साहब का बिठूर स्थित राज प्रासाद गिराने का कार्य सौंपा गया। उन्होंने महल के आगे तोप लगवा दिया। इसके बाद भी वे महल बचाने के लिए तैयार हो गए, क्योंकि-
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प्रश्न 3. मैना ने सेनापति ‘हे’ को अपना परिचय किस तरह दिया और क्यों ? उत्तर – मैना ने सेनापति ‘हे’ को अपना परिचय देते हुए कहा, “मैं जानती हूँ कि आप जनरल ‘हे’ हैं। आपकी प्यारी पुत्री मैरी में और मुझमें बहुत प्रेम संबंध था। कई वर्ष पूर्व मैरी मेरे पास बराबर आती थी और मुझे हृदय से चाहती थी। उस समय आप भी हमारे घर आते थे और मुझे अपनी पुत्री के समान प्यार करते थे। मैरी की मृत्यु से मुझे बड़ा दुख हुआ। उसकी एक चिट्ठी अब तक मेरे पास है।” मैना ने ऐसा इसलिए किया ताकि ‘हे’ महल गिराने के विषय में सहानुभूतिपूर्वक विचार करें। |
प्रश्न 4. 6 सितंबर को ‘टाइम्स’ पत्र में छपे लेख की मुख्य बातें क्या थीं ? उत्तर – 6 सितंबर को ‘टाइम्स’ पत्र में छपे लेख की मुख्य बातें थीं-
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NCERT Solutions Class 9th हिंदी All Chapters क्षितिज
- Chapter – 1 दो बैलों की कथा
- Chapter – 2 ल्हासा की ओर
- Chapter – 3 उपभोक्तावाद की संस्कृति
- Chapter – 4 साँवले सपनों की याद
- Chapter – 5 नाना साहब की पुत्री देवी मैना को भस्म कर दिया गया
- Chapter – 6 प्रेमचंद के फटे जूते
- Chapter – 7 मेरे बचपन के दिन
- Chapter – 8 एक कुत्ता और एक मैना
- Chapter – 9 साखियाँ एवं सबद
- Chapter – 10 वाख
- Chapter – 11 सवैये
- Chapter – 12 कैदी और कोकिला
- Chapter – 13 ग्राम श्री
- Chapter – 14 चंद्र गहना से लौटती बेर
- Chapter – 15 मेघ आए
- Chapter – 16 यमराज की दिशा
- Chapter – 17 बच्चे काम पर जा रहे हैं