NCERT Solutions Class 9th Hindi Grammar संवाद लेखन
Textbook | NCERT |
Class | Class 9th |
Subject | Hindi |
Chapter | हिन्दी व्याकरण (Grammar) |
Grammar Name | संवाद लेखन |
Category | Class 9th Hindi हिन्दी व्याकरण वा प्रश्न अभ्यास |
Medium | Hindi |
Source | Last Doubt |
NCERT Solutions Class 9th Hindi Grammar संवाद लेखन- 1 हिंदी में संवाद कैसे लिखते हैं? संवाद का दूसरा नाम क्या है? संवाद क्या है उदाहरण सहित समझाइए? उदाहरण सहित संवाद क्या है? संवाद की सबसे अच्छी परिभाषा कौन सी है? संवाद के कितने प्रकार हैं? संवाद का मूल अर्थ क्या है? संवाद के पांच उद्देश्य क्या हैं? संवाद की चार विशेषताएं क्या हैं? संवाद के प्रमुख गुण क्या हैं? संवाद का महत्व क्या है? संवाद का क्या महत्व होता है? संवाद लेखन का मुख्य उद्देश्य क्या है? का उपयोग कब आदि के बारे में पढ़ेंगे और जानने के साथ हम NCERT Solutions Class 9th Hindi Grammar (व्याकरण) संवाद लेखन- 1 व्याकरण करेंगे। |
NCERT Solutions Class 9th Hindi Grammar संवाद लेखन
हिन्दी व्याकरण
संवाद लेखन
संवाद – ‘वाद’ मूल शब्द में ‘सम्’ उपसर्ग लगाने से ‘संवाद’ शब्द बना है, जिसका शाब्दिक अर्थ ‘बातचीत’ है। इसे वार्तालाप भी कहा जाता है। सामान्य रूप से दो लोगों के बीच होने वाली बातचीत को संवाद कहा जाता है।दो लोगों में हुई बातचीत को लिखना संवाद-लेखन कहलाता है।संवाद की विशेषता-संवाद में निम्नलिखित विशेषताएँ होनी चाहिए
स्वाभाविकता – संवाद में स्वाभाविकता होनी चाहिए। पात्रों की अपनी स्थिति, संस्कार आदि को ध्यान में रखकर बोलना चाहिए।
पात्रानुकूल भाषा – संवाद में भाग ले रहे छात्रों की भाषा उनकी शिक्षा आयु आदि के अनुरूप होनी चाहिए। एक शिक्षित और उसके साथ संवाद कर रहे अनपढ़ की भाषा में अंतर नज़र आना चाहिए।
प्रभावीशैली – संवाद को बोलने की शैली प्रभावशाली होनी चाहिए। सुनने वाले पर संवादों का असर होना चाहिए।
जटिलता से दूर- संवाद की भाषा में जटिलता नहीं होनी चाहिए। इससे सुनने वाला बात को आसानी से समझ सकता है और यथोचित जवाब देता है।
शालीनता – संवाद की भाषा में शालीनता अवश्य होनी चाहिए। इसमें अशिष्ट भाषा के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए।
संवाद लेखन में ध्यान देने योग्य बातें – संवाद-लेखन में निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए।
• संवाद की भाषा सरल तथा सहज होनी चाहिए।
• संवाद लेखन में सरल तथा छोटे-छोटे वाक्यों का प्रयोग करना चाहिए।
• भाषा सुनने वाले के मानसिक स्तर के अनुरूप होनी चाहिए।
• संवाद लेखन में किसी एक पात्र के कथन को बहुत लंबा नहीं खींचना चाहिए।
• भाव विचारों की पुनरुक्ति से बचना चाहिए।
• संवाद लेखन के अंत में एक बार पढ़कर उसे दोहरा लेना चाहिए ताकि अशुद्धियों का निराकरण किया जा सके।
संवाद लेखन के कुछ उदाहरण
प्रश्न 1. गाँव से कुछ दूरी पर रेलगाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई है, दो मित्र वहाँ पीड़ितों की सहायता के लिए जाना चाहते हैं। उनके मध्य हुए संवाद का लेखन कीजिए।
उत्तर-
अक्षर – नमस्ते संजीव! घबराए हुए कहाँ से भागे आ रहे हो।
संजीव – नमस्ते अक्षर! तुमने सुना नहीं शायद, रेलगाड़ी के डिब्बे पटरी से उतर गए हैं।
अक्षर – क्या जान-माल की ज़्यादा क्षति हुई है?
संजीव – हाँ, दो डिब्बे पटरी से उतरकर आपस में टकरा गए हैं।
अक्षर – पर, अब तुम कहाँ जा रहे हो?
संजीव – मैं गाँववालों को खबर करने जा रहा हूँ।
अक्षर – मैं भी तुम्हारे साथ चलता हूँ। मैं लोगों से कहूँगा कि यात्रियों के लिए कुछ आवश्यक सामान भी ले चलें।
संजीव – यह ठीक रहेगा।
अक्षर – मैं गोपी चाचा से कहता हूँ कि वे अपनी जीप से सबको ले चलें। उनकी जीप से घायलों को अस्पताल तक पहुँचाया जा सकता है।
संजीव – डॉ. रमेश अंकल को भी साथ ले चलना। वे घायलों की प्राथमिक चिकित्सा कर सकेंगे।
अक्षर – तुम्हारा यह सुझाव बहुत अच्छा है।
संजीव – चलो, सबको लेकर वहाँ जल्दी से पहुंचते हैं।
प्रश्न 2. बाढ़ आने से कई गाँव जलमग्न हो गए हैं। दो मित्र उनकी सहायता के लिए जाना चाहते हैं। उनके बीच हुए संवाद का लेखन कीजिए।
उत्तर-
पंकज – अमर! क्या तुमने आज का अखबार पढ़ा?
अमर – नहीं, क्या कोई विशेष खबर छपी है?
पंकज – हाँ बाढ़ के कारण कई गाँव पानी में डूब रहे हैं। खेतों में पानी भरने से फसलें डूब रही हैं।
अमर – ऐसे में लोगों को बड़ी परेशानी हो रही होगी?
पंकज – लोग जैसे-तैसे अपने सामान और मवेशियों को बचाने का प्रयास कर रहे हैं।
अमर – ऐसो की मदद के लिए हमें तुरंत चलना चाहिए। वे जहाँ भी हैं, उनकी मदद करनी चाहिए।
पंकज – मैं अपने मित्रों के साथ कुछ कपड़े, खाने की वस्तुएँ, मोमबत्ती, माचिस आदि इकट्ठा करके आज दोपहर तक पहुँच जाना चाहता हूँ।
अमर – यह तो बहुत अच्छा रहेगा। मैं अपने साथियों से कहूँगा कि वे कुछ रुपये भी दान स्वरूप दें, ताकि उनके लिए पानी की बोतलें और ज़रूरी दवाइयाँ खरीदा जा सके।
पंकज – तुमने बहुत अच्छा सोचा है। क्या तुम भी मेरे साथ चलोगे?
अमर – मैं अवश्य साथ चलूँगा और मुसीबत में फँसे लोगों की मदद करूँगा।
प्रश्न 3. बिजली की बार-बार कटौती से उत्पन्न स्थिति से परेशान महिलाओं की बातचीत का संवाद लेखन कीजिए।
उत्तर-
तनु – क्या बात है विभा? कुछ परेशान-सी दिख रही हो?
विभा – क्या कहूँ तनु, बिजली की कटौती से परेशान हूँ।
तनु – ठीक कह रही हो बहन, बिजली कब कट जाए, कुछ कह ही नहीं सकते हैं।
विभा – तनु, बिजली न होने से आज तो घर में बूंदभर भी पानी नहीं है। समझ में नहीं आता, नहाऊँ कैसे, बरतन कैसे धोऊँ।
तनु – आज सवेरे बच्चों को तैयार करके स्कूल भेजने में बड़ी परेशानी हुई।
विभा – यह तो रोज़ का नियम बन गया है। सुबह-शाम बिजली कट जाने से घरेलू कामों में बड़ी परेशानी होने लगी है।
तनु – दिनभर ऑफिस से थककर आओ कि घर कुछ आराम मिलेगा, पर हमारा चैन बिजली ने छीन लिया है।
विभा – अगले सप्ताह से बच्चों की परीक्षाएँ हैं। मैं तो परेशान हूँ कि उनकी तैयारी कैसे कराऊँगी?
तनु – चलो आज बिजली विभाग को शिकायत करते हुए ऑफिस चलेंगे।
विभा – यह बिलकुल ठीक रहेगा।
प्रश्न 4. परीक्षा के एक दिन पूर्व दो मित्रों की बातचीत का संवाद लेखन कीजिए।
उत्तर-
अक्षर – नमस्ते विमल, कुछ परेशान से दिखते हो?
विमल – नमस्ते अक्षर, कल हमारी गणित की परीक्षा है।
अक्षर – मैंने तो पूरा पाठ्यक्रम दोहरा लिया है, और तुमने?
विमल – पाठ्यक्रम तो मैंने भी दोहरा लिया है, पर कई सवाल ऐसे हैं, जो मुझे नहीं आ रहे हैं।
अक्षर – ऐसा क्यों?
विमल – जब वे सवाल समझाए गए थे, तब बीमारी के कारण मैं स्कूल नहीं जा सका था।
अक्षर – कोई बात नहीं चलो, मैं तुम्हें समझा देता हूँ। शायद तुम्हारी समस्या हल हो जाए।
विमल – पर इससे तो तुम्हारा समय बेकार जाएगा।
अक्षर – कैसी बातें करते हो यार, अरे! तुम्हें पढ़ाते हुए मेरा दोहराने का काम स्वत हो जाएगा। फिर, इतने दिनों की मित्रता कब काम आएगी।
विमल – पर, मैं उस अध्याय के सूत्र रट नहीं पा रहा हूँ।
अक्षर – सूत्र रटने की चीज़ नहीं, समझने की बात है। एक बार यह तो समझो कि सूत्र बना कैसे। फिर सवाल कितना भी घुमा-फिराकर आए तुम ज़रूर हल कर लोगे।
विमल – तुमने तो मेरी समस्या ही सुलझा दी। चलो अब कुछ समझा भी दो।
प्रश्न 5. नए विद्यालय में अपने पुत्र का दाखिला दिलवाने गर अभिवावक और प्रधानाचार्य के मध्य हुए वार्तालाप का संवाद लेखन कीजिए।
उत्तर-
अभिभावक – सर! क्या मैं अंदर आ सकता हूँ?
प्रधानाचार्य – ‘हाँ-हाँ’ अवश्य आइए और काम बताइए।
अभिभावक – मैं अपने बेटे का दाखिला इस स्कूल में कराना चाहता हूँ।
प्रधानाचार्य – कौन-सी कक्षा में?
अभिभावक – ग्यारहवीं कक्षा में।
प्रधानाचार्य – उसने दसवीं कौन से विद्यालय से उत्तीर्ण की है?
अभिभावक – ………..पब्लिक स्कूल राजौरी गार्डन से।
प्रधानाचार्य – तुम अपने बच्चे को पब्लिक स्कूल से यहाँ सरकारी स्कूल में पढ़ाना चाहते हो, ऐसा क्यों?
अभिभावक – मैंने इस स्कूल का नाम सुना है। यहाँ पढ़ाई की उत्तम व्यवस्था है और खर्च नाम मात्र का भी नहीं है। यह पब्लिक स्कूल वाले तो हमें लूटने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं।
प्रधानाचार्य – आपके बेटे की दसवीं कक्षा में कितनी सी.जी.पी. है?
अभिभावक – जी, 8.5 सी.जी.पी. ।
प्रधानाचार्य – आप दाखिला कहाँ चाहते हैं-विज्ञान, कॉमर्स या ……।
अभिभावक – मुझे विज्ञान वर्ग में दाखिला दिलवाना है।
प्रधानाचार्य – आप कमरा सं. 15 में मिस्टर शर्मा से मिल लीजिए।
अभिभावक – जी, धन्यवाद।
प्रश्न 6. नोटबंदी से परेशान दो लोगों की बातचीत को संवाद रूप में लिखिए।
उत्तर-
राघव – अरे हेमू! सुबह-सुबह कहाँ जा रहे हो?
हेमू – क्या बताऊ राघव, बैंक तक जा रहा हूँ?
राघव – पर सुना है, बैंक में आजकल बहुत भीड़ हो रही है। लोगों की लंबी-लंबी लाइनें लगी हैं।
हेमू – ठीक कह रहे हो, तभी तो सवेरे-सवेरे जा रहा हूँ लाइन में लगने।
राघव – सरकार ने नोटबंदी का जो आदेश दे रखा है, उसी का यह परिणाम है।
हेमू – पर इससे हम मज़दूरों को बड़ी मुश्किल हो रही है। कल भी काम छोड़कर लाइन में लगा था और आज काम छूटेगा।
राघव – कुछ ही दिनों की परेशानी है। पर सरकार कहती है इससे काले धन पर अंकुश लगेगा।
हेमू – वह तो ठीक है, परंतु हम गरीब तो भूखो मरने को विवश हो रहे हैं। एक ओर मजदूरी नहीं मिलती दूसरी ओर दिनभर लाइन लगाओ।
राघव – सरकार ने यह कदम भविष्य के फायदे के लिए उठाया है।
हेमू – पर हमें तो अपना आज भी अच्छा नहीं दिख रहा है।
राघव – धैर्य रखो हेमू, सब ठीक हो जाएगा।
हेमू – आशा तो मैं भी यही करता हूँ। भगवान करे सब ठीक हो जाए और आज मेरा लाइन में लगना सार्थक हो जाए।
प्रश्न 7. भारत और आस्ट्रेलिया के बीच खेले गए प्रथम एक दिवसीय मैच के संबंध में दो मित्रों की बातचीत का संवाद लेखन कीजिए।
उत्तर-
रजत – अरे! अमन तूने कल का मैच देखा था?
अमन – तू किस मैच की बात कर रहा है ?
रजत – पहले तो तू बता, तो किसे समझ रहा है?
अमन – मैं सोल में खेल गए सिंधु के मैच की बात कर रहा हूँ।
रजत – अरे नहीं! यार मैं तो कल के क्रिकेट मैच की बात कर रहा हूँ।
अमन – सच कहा यार, मजा आ गया। इसमें एक दिवसीय और ट्वेंटी-ट्वेंटी मैच दोनों का ही मज़ा था।
रजत – रहाणे 5, कप्तान 00, पांडे 00 के आउट होने के बाद, मैं समझ बैठा था कि मैच गया भारत के हाथ से।
अमन – पर असली खेल तो उसके बाद शुरू हुआ। रोहित और केदार जाधव ने बल्लेबाजी से सँभाला तो पांड्या और धोनी ने रनों का जो धूम धड़ाका किया, वह लाजवाब था। रजत – पांड्या के लगाए तीनों शानदार लगातार छक्कों को कैसे भूल सकता है, जिनके कारण भारत ने 281 रन बना लिए।
अमन – वर्षा ने आस्ट्रेलिया को 21 ओवर में 164 रन बनाने का लक्ष्य देकर मैच को टी-20 बना दिया।
रजत – आस्ट्रेलियाइयों की बल्लेबाजी चरमराई क्या कि उनके लिए 164 रन बनाना पहाड़ हो गया और भारत ने मैच जीत लिया।
अमन – मज़ा आ गया यह मैच देखकर।
प्रश्न 8. अपने-अपने जीवन लक्ष्य के बारे में दो मित्रों की बातचीत को संवाद रूप में लिखिए।
उत्तर-
रंजन – मित्र चंदन! बारहवीं के बाद तुमने क्या सोचा है?
चंदन – मित्र रंजन! मैंने तो अपना लक्ष्य पहले से ही तय कर रखा है। मैंने डॉक्टर बनने के लिए पढ़ाई भी शुरू कर दिया
रंजन – डॉक्टर ही क्यों?
चंदन – मैं डॉक्टर बनकर लोगों की सेवा करना चाहता हूँ।
रंजन – पर सेवा करने के तो और भी तरीके हैं ?
चंदन – पर मुझे यही तरीका पसंद है। डॉक्टर ही रोते-तड़पते मरीज के चेहरे पर मुसकान लौटाकर वापस भेजते हैं।
रंजन – पर कुछ डॉक्टर का भगवान का दूसरा रूप नहीं कहा जा सकता है?
चंदन – पर मैं सच्चा डॉक्टर बनकर दिखाऊँगा पर तुमने क्या सोचा है, अपने जीवनलक्ष्य के बारे में?
रंजन – पर इतनी मेहनत तो अपने वश की नहीं। सुना है-डॉक्टर, इंजीनियर बनने के लिए बड़ी मेहनत की आवश्यकता होती है जो मेरे वश की नहीं।
चंदन – पर बिना मेहनत सफलता कैसे पाओगे? रंजन-मैं नेता बनकर देश सेवा करना चाहता हूँ।
चंदन – तूने ठीक सोचा है। हल्दी लगे न फिटकरी, रंग बने चोखा।
रंजन – नेता बनना भी आसान नहीं है। तुम्हारे लक्ष्य के लिए शुभकामनाएँ।
प्रश्न 9. बैडमिंटन खेल पर दो लड़कियों के बीच बातचीत को संवाद रूप में लिखिए।
उत्तर-
सीमा – सोनी! कल का मैच देखा क्या?
सोनी – तू किस मैच की बात कर रही है, क्रिकेट की या बैडमिंटन की।
सीमा – मैं पी.वी. सिंधु के करिश्माई मैच की बात कर रही हूँ, जिसमें उसने इतिहास रच दिया।
सोनी – ऐसा क्या किया सिंधु ने?
सीमा – कल सिंधु ने विश्व चैंपियन जापानी खिलाड़ी नोजोमी ओकुहारा को हरा दिया।
सोनी – अरे यह तो वही खिलाड़ी है……… ।
सीमा – ठीक सोच रही हो यह वही ओकुहारा है जिससे सिंधु विश्व चैंपियनशिप में हार गई थी।
सोनी – फिर तो सिंधु को बड़ी मेहनत करनी पड़ी होगी।
सीमा – सो तो है। इस जीत के लिए एक घंटे चौबीस मिनट तक रोमांचक मुकाबला चला।
सोनी – क्या जापानी खिलाड़ी एक भी गेम नहीं जीत सकी?
सीमा – नहीं सोनी, पहले गेम में कड़े मुकाबले के बाद सिंधु 1-0 से आगे हो गई, पर अगले गेम को जीतकर ओकुहारा ने मुकाबला 1-1 कर लिया। पर अखिरी गेम सिंधु ने जीतकर इतिहास रच दिया।
सोनी – यह मैच कहाँ खेला गया था?
सीमा – यह मैच सोल में खेला गया।
सोनी – इसका मतलब यह हुआ कि कड़ी मेहनत, दृढ़ निश्चय, लगन और निरंतर अभ्यास से हर मंजिल पाई जा सकती है।
सीमा – तुमने ठीक समझा, सोनी। अब चलते हैं।
सोनी – इतनी अच्छी खबर देने के लिए धन्यवाद।
प्रश्न 10. मोबाइल फ़ोन से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। इस बारे में दो महिलाओं की बातचीत को संवाद रूप में लिखिए।
उत्तर-
रजनी – अरे सरिता! कैसी हो? ।
सरिता – मैं ठीक हूँ। अरे हाँ कल बेटे का जन्मदिन ढंग से मना लिया?
रजनी – जन्मदिन तो मना लिया पर बेटा स्मार्ट फोन लेने की जिद पर अड़ा हुआ है।
सरिता – तो दिला दो न उसे एक फोन।
रजनी – सरिता, बात फोन की नहीं है। फोन लेकर वह उसी में लगा रहेगा।
सरिता – यह बात तो है। आज लगभग हर बच्चे के पास फोन मिल जाता है, पर इसका दुष्प्रभाव उनकी पढ़ाई पर हो रहा है।
रजनी – आज बच्चे पढ़ते कम हैं, फोन पर ज्यादा समय बिताते हैं।
सरिता – मैंने अपने बेटे को फोन तो दिला दिया पर वह टेस्ट में दो विषय में फेल हो गया।
रजनी – मेरी बेटी को जो पहाड़े पहले से याद थे और वह जमा-गुणा मौखिक करती थी, अब वह मोबाइल में कैलकुलेटर पर करने लगी है।
सरिता – बच्चे गेम खेलकर अपना समय खराब करें, यहाँ तक तो ठीक है पर वे मोबाइल फोन का दुरुपयोग करने लगे हैं।
रजनी – बच्चों को जागरूक कर इसे रोकना चाहिए ताकि वे पढ़ाई में मन लगाएँ। सरिता-यह ठीक रहेगा।
प्रश्न 11. काउंटर क्लर्क से रेल यात्रा के लिए आए यात्री की बातचीत का संवाद लेखन कीजिए।
उत्तर-
यात्री – बाबूजी राम-राम! एक टिकट चाहिए।
क्लर्क – राम-राम ताऊ! कहाँ जाना है ?
यात्री – मैं इलाहाबाद जाना चाहता हूँ।
क्लर्क – अरे ताऊ! वहाँ क्या काम आ गया?
यात्री – बेटा मैं संगम में नहाने जा रहा हूँ।
क्लर्क – तो बताओ ताऊ, कौन-सी ट्रेन का टिकट दे दूँ?
यात्री – यह मुझे पता नहीं। जो गाड़ी इलाहाबाद जा रही हो, उसी का दे दो।
क्लर्क – इलाहाबाद तो कई गाड़ियाँ जाती हैं, कौन-सी गाड़ी का दूँ?
यात्री – बेटा, जो सवेरे-सवेरे पहुँचा दे।
क्लर्क – ठीक है ताऊ, मैं तुम्हें प्रयागराज एक्सप्रेस का टिकट देता हूँ। तुम सात-साढ़े सात बजे तक इलाहाबाद पहुँच जाओगे।
यात्री – एक दे दो।
क्लर्क – चालू टिकट +, या तत्काल आरक्षण का?
यात्री – जिस टिकट से लेटकर यात्रा करने को मिले, वही दे दो।
क्लर्क – तो ताऊ छह सौ साठ रुपये दे दो।
यात्री – बेटा ये तो ज़्यादा है। कुछ तो कम ले लो, चलो छह सौ लगा लो।
क्लर्क – यह दुकान नहीं है। यहाँ पूरा पैसा लगता है।
यात्री – ये ले बेटा, जैसी तेरी मरजी।
क्लर्क – और आप यह टिकट लो।
प्रश्न 12. पुस्तक विक्रेता की दुकान पर किताबें खरीदने आए छात्र और दुकानदार की बातचीत का संवाद लेखन कीजिए।
उत्तर-
छात्र – अंकल जी नमस्ते! मुझे किताबें चाहिए।
दुकानदार – नमस्ते बेटा! तुम्हें कौन-सी पुस्तकें चाहिए।
छात्र – मुझे नौवीं की पुस्तकें चाहिए।
दुकानदार – यह लो नौंवीं की पुस्तकों का सेट।
छात्र – अरे! यह बंडल खोलो तो सही।
दुकानदार – इन्हें घर जाकर देखना, ठीक न होगी तो बदल दूंगा।
छात्र – मुझे किताबें यहीं देखनी है। अब बंडल खोलो।
दुकानदार – यह लो देखो।
छात्र – अरे! इनमें तो एक भी किताब एन.सी.ई.आर.टी. की नहीं है।
दुकानदार – पर इनमें उत्तरः भी तो हैं। सारे बच्चे यही पढ़ते हैं।
छात्र – नहीं मुझे तो एन.सी.ई.आर.टी. की पुस्तकें ही चाहिए?
दुकानदार – बेटा इनका दाम कम है और उत्तरः के लिए गाइड भी नहीं खरीदना पड़ेगा।
छात्र – एन.सी.ई.आर.टी. की पुस्तकें देने में आपको क्या परेशानी है?
दुकानदार – यह लो उन्हीं पुस्तकों का सेट और यह रजिस्टरों का बंडल। इनके साथ ये रजिस्टर भी खरीदना होगा।
छात्र – यह तो सरासर अन्याय है। तुम मुझे ठगना चाहते हो। मैं अभी पुलिस को फ़ोन करता हूँ।
दुकानदार – फ़ोन की बात छोड़ो, यह लो पुस्तकें, पैसे दो और जाओ।
छात्र – ये हुई न बात।
प्रश्न 13. पी.टी.एम. में अध्यापक और छात्र के साथ उसके पिता से बातचीत का संवाद लेखन कीजिए।
उत्तर-
पिता – मास्टर साहब नमस्ते! अंदर आ जाऊँ?
शिक्षक – अंदर आ जाइए, स्वागत है आपका।
पिता – धन्यवाद! मुझे मेरे बेटे के बारे में कुछ बताइए।
शिक्षक – आपका बेटा पढ़ाई में ठीक है। मन लगाकर पढ़ता है।
पिता – फिर इस टर्म में इसके नंबर कम क्यों हैं?
शिक्षक – ठीक पूछा आपने। आपका बेटा नियमित रूप से स्कूल नहीं आता है। मैंने कई बार आपको फ़ोन किया है न।
पिता – यह कहता है कि स्कूल में सभी पीरियड नहीं लगते हैं, तभी नहीं आता है।
शिक्षक – पीरियड तो सभी लगते हैं। आप कहते थे कि इसकी तबीयत ठीक नहीं है और यह बताता था कि आपने इसे रोका था।
पिता – मैं अब इसे नियमित रूप से स्कूल भेजूंगा।
शिक्षक – यह मोबाइल फ़ोन लेकर स्कूल आता है और कक्षा में वीडियो देखता है।
पिता – मैं इसका मोबाइल फ़ोन घर रखवा दूंगा।
शिक्षक – इसे घर पर आप पढ़ने के लिए कहिए, स्कूल में मैं ध्यान रखूगा।
पिता – यह ठीक रहेगा, धन्यवाद।
प्रश्न 14. बिना टिकट यात्रा कर रहे यात्री और टिकट निरीक्षक के बीच हुई बातचीत का संवाद लेखन कीजिए।
उत्तर-
टिकट निरीक्षक – आपको कहाँ जाना है?
यात्री – जी, आगरा जाना है ताजमहल देखने।
टिकट निरीक्षक – आप अपना टिकट दिखाइए।
यात्री – मेरे पास टिकट तो था, लेकिन लगता है कहीं गिर गया।
टिकट निरीक्षक – अपनी जेब चेक कीजिए।
यात्री – पर टिकट तो है ही नहीं।
टिकट निरीक्षक – मैंने टिकट के लिए जेब चेक करने को नहीं कहा था, जुर्माने की रकम के लिए कहा था।
यात्री – क्या…? जुर्माना, नहीं-नहीं ऐसा मत करिए।
टिकट निरीक्षक – ज़रा जल्दी कीजिए, 558 रु. निकालिए और रसीद पकड़िए।
यात्री – प्लीज़ सर ऐसा मत कीजिए। मैं जिम्मेदार नागरिक हूँ।
टिकट निरीक्षक – वह तो दिखाई दे रहा है। आप देश के लिए कितनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं।
यात्री – ऐसा मत कीजिए, आप दो सौ रुपये ले लीजिए और बात खत्म कीजिए।
टिकट निरीक्षक – पर रसीद तो 558 रुपये की ही बनेगी।
यात्री – रसीद का क्या करना मुझे।
टिकट निरीक्षक – 558 रुपये देते हो या बुलाऊँ पुलिस को।
यात्री – आप तो पक्के देशभक्त हैं। ये लीजिए 558 रुपए।
टिकट निरीक्षक – यह लो रसीद और आगे से बिना टिकट यात्रा मत करना।
यात्री – आपकी बात का ध्यान रखूगा।
प्रश्न 15. सब्जी खरीदने आई महिला और सब्जी वाले के मध्य हुई बातचीत को संवाद रूप में लिखिए।
उत्तर-
महिला – भैया, कुछ सब्जियाँ चाहिए।
दुकानदार – बहिन जी, बताइए क्या-क्या दूँ?
महिला – तुम्हारी दुकान में कौन-सी सब्जी सस्ती है ?
दुकानदार – बहिन जी! आजकल सारी सब्जियाँ महँगी हो रही हैं। वैसे भी बरसात के मौसम में सब्जियाँ महँगी हो जाती हैं।
महिला – भैया तुम तो हर मौसम में लूटते रहते हो। चलो एक किलो आलू, एक किलो प्याज दे देना। कितने हुए?
दुकानदार – एक सौ बीस रुपये।
महिला – अरे! तुम तो दिन में ही लूट रहे हो। इतनी महँगाई तो नहीं है।
दुकानदार – ठीक लगा लूँगा, बताइए और क्या हूँ?
महिला – एक किलो गोभी, एक किलो बैंगन आधा किलो मूली दे देना। अब बताओ पैसे?
दुकानदार – अब आप कुल दो सौ सत्तर रुपये दे दो।
महिला – इतना नहीं आप दो सौ पचास रुपये लो और धनिया-मिर्च और अदरक भी डाल देना।
दुकानदार – नहीं, बहन जी इतना भी नहीं दे सकता। आप या तो दो सौ सत्तर रुपये दे दो या 250 रुपये देकर ये सब मुफ़्त ले लो।
महिला – तुम लोग सस्ती खरीदकर महँगा बेचते हो।
दुकानदार – बहिन जी इस महँगाई में पेट पालना मुश्किल हो रहा है। आप सब के सहारे जी रहा हूँ।
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