NCERT Solutions Class 8th Science Chapter – 7 किशोरावस्था की ओर (Reaching The Age of Adolescence) Question & Answer in Hindi

NCERT Solutions Class 8th Science Chapter – 7 किशोरावस्था की ओर (Reaching The Age of Adolescence)

TextbookNCERT
Class 8th
Subject विज्ञान (Science)
Chapter7th
Chapter Nameकिशोरावस्था की ओर (Reaching the Age of Adolescence)
CategoryClass 8th विज्ञान (Science)
Medium Hindi
SourceLast Doubt
NCERT Solutions Class 8th Science Chapter – 7 किशोरावस्था की ओर (Reaching The Age of Adolescence) Question & Answer in Hindi यहाँ हम आप के लिए लाये है हिंदी में एनसीईआरटी समाधान कक्षा 8 Science Ch – 7 किशोरावस्था की ओर का पूर्ण समाधान। कक्षा 8 के लिए ये एनसीईआरटी समाधान हिंदी माध्यम में पढ़ रहे छात्रों के लिए बहुत उपयोगी हैं।

NCERT Solutions Class 8th Science Chapter – 7 किशोरावस्था की ओर (Reaching The Age of Adolescence)

Chapter – 7

किशोरावस्था की ओर

प्रश्न – उत्तर

पाठ्य-पुस्तक के प्रश्न अभ्यास

प्रश्न 1. शरीर में होने वाले परिवर्तनों के लिए उत्तरदायी अंतःस्रावी ग्रंथियों द्वारा स्त्रावित पदार्थ का क्या नाम है?
उत्तर –
हार्मोन (Hormone)

प्रश्न 2. किशोरावस्था को परिभाषित कीजिए।
उत्तर –
किशोरावस्था (Adolescence) – जीवनकाल की वह अवधि, जब जनन विकास के कारण शरीर में परिवर्तन होते हैं, किशोरावस्था कहलाती है। यह अवस्था 11 वर्ष की आयु से 18 या 19 वर्ष की आयु तक रहती है। किशोरावस्था को टीनेजर्स भी कहते हैं। लड़कियों में यह अवस्था लड़कों की अपेक्षा एक या दो वर्ष पूर्व प्रारंभ हो जाती है। यह अवस्था की अवधि विभिन्न व्यक्तियों में भिन्न होती है।

प्रश्न 3. ऋतुस्राव क्या है ? वर्णन कीजिए।
उत्तर –
ऋतुस्राव (Monstrual Cycle) – स्त्री में रजोधर्म चक्र अथवा ऋतुस्राव किशोरावस्था से प्रारंभ होता है, जो सामान्य रूप से प्रत्येक 28 दिनों के बाद स्त्री के सारे जनन जीवन (गर्भ धारण अवस्था छोड़कर) में नियमित चलता रहता है। इस चक्र की एक अवस्था में गर्भाशय से रुधिर प्रवाह होता है। इसको मासिक धर्म अथवा ऋतुस्राव कहते हैं। इस चक्र में लिंग हार्मोन गर्भाशय की दीवार को अंडे के चिपकने के लिए तैयार करते हैं। जब गर्भ धारण नहीं होता तो दीवार की तरह वह टूट जाती है और डिसचार्ज हो जाती है। यह ऋतु स्राव सामान्यतः 10 से 14 वर्ष की आयु में शुरू होता है और 45-50 वर्ष तक चलता है।

प्रश्न 4. यौवनारंभ के समय होने वाले शारीरिक परिवर्तनों की सूची बनाइए।
उत्तर –
यौवनारंभ की अवधि 11 से 19 वर्ष के बीच की है। इस अवस्था में निम्न परिवर्तन आते हैं –

यौवनारंभ में लड़कों में परिवर्तन

(i) अचानक लंबाई में वृद्धि होना। बाजू और टाँगों की अस्थियाँ लंबी हो जाती हैं और लड़का लंबा हो जाता है।
(ii) कंधे और वक्ष दोनों ही चौड़े हो जाते हैं।
(iii) शरीर की माँसपेशियाँ विकसित हो जाती हैं।
(iV) आवाज़ भारी हो जाती है। ऐडम्स ऐपल, सुस्पष्ट उभरा भाग गले में दिखाई देता है। आवाज भर्राने लगती है।
(V) पसीना और स्वैद ग्रंथियों के स्राव में वृधि के कारण चेहरे पर फुसियाँ और मुँहासे हो जाते हैं।
(Vi) नर जननांग जैसे शिश्न एवं वृषण पूर्णतः विकसित हो जाते हैं।
(Vii) लड़कों के सीने, बगल एवं जाँघ के ऊपरी भाग में बाल आ जाते हैं।

यौवनारंभ में लड़कियों में परिवर्तन

(i) लंबाई में वृद्धि तुलनात्मक कम होती है।
(ii) कमर के नीचे का भाग चौड़ा हो जाता है।
(iii) लड़कियों का स्वरयंत्र नज़र नहीं आता। उनकी आवाज उच्च तारत्व वाली होती है।
(iV) लड़कों की तरह, चेहरे पर मुँहासे हो जाते हैं।
(V) अंडाशय बड़े हो जाते हैं और अंडाणु विकसित होने लगते हैं।
(V) स्तन विकसित हो जाते हैं।
(Vii) बगल और जाँघों में बाल आ जाते हैं।

प्रश्न 5. दो कॉलम चाली एक सारणी बनाइए जिसमें अंतःस्रावी ग्रंथियों के नाम तथा उनके द्वारा स्त्रावित अमन के नाम पाए गए हैं।
उत्तर – निम्न सारणी में अंतः स्रावी ग्रंथियों के नाम और उनके हार्मोन दर्शाए गए हैं –

अंतःस्रावी ग्रंथियों (Endocrine Glands)हार्मोन (Hormones)
(1) पीयूष (Pituitary Gland)(1) वृधि हार्मोन (Growth Hormone)
(2) थायराइड (Thyroid)(2) थायराक्सिन हार्मोन (Thyroxin Hormone)
(3) एड्रीनल (Adrenal)(3) एड्रिनेलिन (Adrenal)
(4) अग्न्याशय (Pancreas)(4) इंसुलिन (Insulin)
(5) वृषण (Testis)(5) एंड्रोजन (टैस्टोस्टीरॉन) (Endrogen)
(6) अंडाशय (Ovaries)(6) एस्ट्रोजन (Estrogen)

प्रश्न 6. लिंग हार्मोन क्या हैं ? उनका नामकरण इस प्रकार क्यों किया गया ? उनके प्रकार्य बताइए।
उत्तर – 
लिंग हार्मोन-नर में वृषण द्वारा और मादा में अंडाशय द्वारा स्रावित हार्मोन, लिंग हार्मोन कहलाते हैं। इन्हें यह नाम इसलिए दिया गया है क्योंकि यह नर और मादा लिंग में भिन्न-भिन्न होते हैं।

नर लिंग हार्मोन (टेस्टोस्टरॉन) वृषण द्वारा स्रावित होता है। इससे लड़के में चेहरे के बालों में वृद्धि होती है। यह शुक्राणु उत्पन्न करने की क्षमता उत्पन्न करता है। | मादा लिंग हार्मोन (एस्ट्रोजन) अंडाशय द्वारा स्रावित होते हैं। यह मादा में गौण जनन लक्षण जैसे स्तनों की वृधि आदि को नियंत्रित करते हैं। यह गर्भधारण में सहायक है।

प्रश्न 7. सही विकल्प चुनिए
 
(क) किशोरों को सचेत रहना चाहिए कि वे क्या खा रहे हैं, क्योंकि

(i) उचित भोजन से उनके मस्तिष्क का विकास होता है।
(ii) शरीर में तीव्र गति से होने वाली वृद्धि के उचित आहार की आवश्यकता होती है।
(iii) किशोर को हर समय भूख लगती रहती है।
(iv) किशोर में स्वाद कलिकाएँ (ग्रंथियाँ) भली-भाँति विकसित होती हैं।

उत्तर – (ii) शरीर में तीव्र गति से होने वाली वृद्धि के लिए उचित आहार की आवश्यकता होती है।

(ख) स्त्रियों में जनन आयु (काल) का प्रारंभ उस समय होता है जब उनके:

(i) ऋतुस्राव प्रारंभ होता है।
(ii) स्तन विकसित होना प्रारंभ करते हैं।
(iii) शारीरिक भार में वृद्धि होने लगती है।
(iv) शरीर की लंबाई बढ़ती है।

उत्तर – (i) ऋतुस्राव प्रांरभ होता है।

(ग) निम्न में से कौन-सा आहार किशोर के लिए सर्वोचित है ?

(i) चिप्स, नूडल्स, कोक
(ii) रोटी, दाल, सब्ज़ियाँ
(iii) चावल, नूडल्स, बर्गर
(iv) शाकाहारी टिक्की, चिप्स तथा लेमन पेय।

उत्तर – (ii) रोटी, दाल, सब्जियाँ।

प्रश्न 8. निम्न पर टिप्पणी लिखिए

(i) ऐडम्स ऐपॅल
(ii) गौण लैंगिक लक्षण
(iii) गर्भस्थ शिशु में लिंग निर्धारण।
उत्तर


(i) ऐस ऐप्पल (Adam’s Apple) – यौवनारंभ में लड़कों में स्वरयंत्र के बढ़ने से जो अंग गले में सुस्पष्ट उभरा हुआ नजर आता है, इसे ऐडम्स ऐप्पल कहते हैं।

(ii) गौण लैंगिक लक्षण (Secondary Sexual Characters) – वृषण और अंडाशय जननांग हैं। वे युग्मक उत्पन्न करते हैं जैसे शुक्राणु और अंडाणु/लड़कियों में स्तनों का विकास होता है और लड़कों में चेहरे पर दाड़ी, मूंछ आने लगती है। यह लक्षण लड़की और लड़के को भिन्न करने में मदद करते हैं। इसलिए इन्हें गौण लैंगिक लक्षण कहते हैं। लड़कों के सीने पर बाल आ जाते हैं। दोनों, लड़कों और लड़कियों के बगल और जांघों के ऊपरी भाग अथवा प्यूबिक क्षेत्र में बाल आ जाते हैं।

(iii) गर्भस्थ शिशु में लिंग निर्धारण – लिंग निर्धारण विशेष लिंग गुणसूत्रों के आधार पर होता है। नर में XY गुणसूत्र होते हैं और मादा में XX गुणसूत्र विद्यमान होते हैं। इससे स्पष्ट है कि मादा के पास Y गुणसूत्र होता ही नहीं है। जब नर-मादा के संयोग से संतान उत्पन्न होती है तो मादा किसी भी अवस्था में नर शिशु को उत्पन्न करने में समर्थ हो ही नहीं सकती क्योंकि नर शिशु में XY गुणसूत्र होने चाहिए।

निषेचन क्रिया में यदि पुरुष का X लिंग गुणसूत्र स्त्री के X लिंग गुणसूत्र से मिलता है तो इससे XX जोड़ा बनेगा। अतः संतान लड़की के रूप में होगी लेकिन जब पुरुष का Y लिंग गुणसूत्र स्त्री के X लिंग गुणसूत्र से मिलकर निषेचन करेगा तो XY बनेगा। इससे लड़के का जन्म होगा। किसी भी परिवार में लड़के या लड़की का जन्म पुरुष के गुणसूत्रों पर निर्भर करता है, क्योंकि Y गुणसूत्र तो केवल उसी के पास होता है।

NCERT Solution Class 8th  Science All Chapters Question Answer in Hindi
Chapter – 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध
Chapter – 2 सूक्ष्मजीव मित्र एवं शत्रु
Chapter – 3 कोयला और पेट्रोलियम
Chapter – 4 दहन एवं ज्वाला
Chapter – 5 पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण
Chapter – 6 जंतुओं में जनन
Chapter – 7 किशोरावस्था की ओर
Chapter – 8 बल तथा दाब
Chapter – 9 घर्षण
Chapter – 10 ध्वनि
Chapter – 11 विद्युत धारा के रासानिक प्रभाव
Chapter – 12 कुछ प्राकृतिक परिघटनाएँ
Chapter – 13 प्रकाश
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NCERT Solution Class 8th  Science All Chapters Notes in Hindi
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