NCERT Solutions Class 8th Science Chapter – 3 कोयला और पेट्रोलियम (Coal and Petroleum)
Textbook | NCERT |
Class | 8th |
Subject | Science |
Chapter | 3rd |
Chapter Name | कोयला और पेट्रोलियम (Coal and Petroleum) |
Category | Class 8th Science |
Medium | Hindi |
Source | Last Doubt |
NCERT Solutions Class 8th Science Chapter – 3 कोयला और पेट्रोलियम (Coal and Petroleum) Notes in Hindi इस अध्याय में हम जानेगे कोयले और पेट्रोलियम के प्रमुख केंद्र के बारे में प्राकृतिक संसाधन, कोयला, कोयले की कहानी, जीवाश्म ईंधन , कोयला उद्योग, कोलतार, पेट्रोलियम, पेट्रोलियम का परिष्करण, प्राकृतिक गैस आदि के बारे में पढ़ेंगे। |
NCERT Solutions Class 8th Science Chapter – 3 कोयला और पेट्रोलियम (Coal and Petroleum)
Chapter – 3
कोयला और पेट्रोलियम
Notes
प्राकृतिक संसाधन – जो संसाधन प्रकृति से मिलते हैं उन्हें हम प्राकृतिक संसाधन के रूप में जानते हैं। हम इन्हे दो तरह से बाँटते है-
(i) पहला वो जो संसाधन प्रकृति में असीमित मात्रा में उपस्थित हैं और यह मानवीय क्रियाकलापों से समाप्त होने वाले नहीं हैं। उदाहरण के लिए सूर्य का प्रकाश, वायु आदि।
(ii) दूसरा वो प्रकृति संसाधन जो सिमित मात्रा में उपस्थित है और यह मानवीय क्रियाकलापों द्वारा समाप्त हो सकते हैं। इन संसाधनों के उदाहरण हैं वन, वन्यजीव, खनिज, कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, आदि।
कोयला – कोयला एक ठोस कार्बनिक पदार्थ है जिसको ईंधन के रूप में प्रयोग में लाया जाता है। ऊर्जा के प्रमुख स्रोत के रूप में कोयला अत्यन्त महत्वपूर्ण हैं।
कोयले की कहानी – 300 मिलियन वर्ष पूर्व पृथ्वी पर निचले जलीय क्षेत्रों में घने वन थे, जो की बाढ़ जैसे प्राकृतिक आपदा के कारण टूट नीचे पृथ्वी पर बिखर कर दब गए उनके ऊपर अधिक मृदा जम जाने के कारण वे संपीड़ित हो गए।
जैसे-जैसे वे गहरे होते गए उनका ताप भी बढ़ता गया और यही पेड़-पौधे उच्च दाब और उच्च ताप पर धीरे-धीरे कोयले में परिवर्तित होते गए।
कोयले का उपयोग
(i) कोयले का उपयोग विद्युत उत्पन्न करने हेतु, रेल इंजनों को चलाने के लिए भाप बनाने का काम करना, कपड़ो को प्रेस करने के रूप में तथा इसका महत्वपूर्ण प्रयोग विभिन्न उद्योग में ईंधन के रूप में किया जाता है।
(ii) जब कोयले को हवा की उपस्थिति में गर्म किया जाता है तो इसका दहन होता है और इस अभिक्रिया में ऊष्मा और कार्बन डाइऑक्साइड गैस निकलती है।
(iii) कोयले के प्रक्रमण से कई उपयोगी चीजें बनती हैं, जैसे कोक, कोलतार और कोयला गैस।
कार्बनीकरण – मृत वनस्पति के धीमी प्रक्रम द्वारा कोयले में परिवर्तन होने को कार्बनीकरण कहा जाता है तथा कोयले में मुख्य रूप से कार्बन उपस्थित होता है।
जीवाश्म ईंधन – मृत जीवों, वनस्पति के अवशेषों को पृथ्वी के निचे अधिक ताप और अधिक दाब से हुए परिवर्तन जिससे कोयल बना तथा इसी कारण से कोयले को जीवाश्म इंधन भी कहते हैं।
कोयला उद्योग – वायु में गर्म करने पर कोयला जलता है और मुख्य रूप से कार्बन डाइऑक्साइड गैस उत्पन्न होता है। तथा उद्योग में कोयले के प्रक्रमण द्वारा कुछ उपयोगी उत्पाद प्राप्त किए जाते हैं, जैसे कोक, कोलतार और कोयला गैस।
कोक – यह एक कठोर, सरंध्र और काला पदार्थ है। यह कार्बन का लगभग शुद्ध रूप है। कोक का उपयोग इस्पात के औद्योगिक निर्माण और बहुत से धातुओं के निष्कर्षण में किया जाता है।
कोलतार – यह एक अप्रिय गंध वाला काला गाढ़ा द्रव होता है यह लगभग 200 पदार्थों का मिश्रण होता है।
कोलतार से प्राप्त उत्पादों का उपयोग प्रारम्भिक पदार्थों के रूप में दैनिक जीवन में काम आने वाले विभिन्न पदार्थों के औद्योगिक निर्माण में तथा उद्योगों, जैसे – संश्लेषित रंग, औषधि, विस्फोटक, सुगंध, प्लास्टिक, पेन्ट, फोटोग्रैफिक सामग्री, छत-निर्माण सामग्री, आदि में होता है।
कोयला गैस – कोयला गैस कोयले के भंजक आसवन या कार्बनीकरण से प्राप्त होती है। एक समय कोक बनाने में उपजात के रूप में यह प्राप्त होती थी।
पेट्रोलियम – आप जानते हैं कि ईंधन के रूप में पेट्रोल का उपयोग हलके स्वचालित वाहनों को चलाने में किया जाता है, जैसे मोटर साइकिलों, स्कूटरों और कारों में होता है। और भारी मोटर वाहनों ट्रकों और ट्रैक्टरों को चलाने के लिए डीज़ल काम आता है। ये ईंधन प्राकृतिक स्रोत से प्राप्त होते हैं जिसे पेट्रोलियम कहते हैं।
पेट्रोलियम का निर्माण – समुद्र में रहने वाले जीवों से हुआ। जब ये जीव मृत हुए, इनके शरीर समुद्र के पेंदे में जाकर जम गए और फिर रेत तथा मिट्टी की तहों द्वारा ढक गए। लाखों वर्षों में, वायु की अनुपस्थिति, उच्च ताप और उच्च दाब ने मृत जीवों को पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस में परिवर्तित कर दिया। विश्व का पहला तेल का कुआँ, पेनसिलवेनिया, अमेरिका में 1859 में प्रवेधित (ड्रिल) किया गया था।
पेट्रोलियम परिष्करण – पेट्रोलियम गहरे रंग का तेलीय द्रव है। इसकी गंध अप्रिय होती है। यह विभिन्न संघटकों, जैसे पेट्रोलियम गैस, पेट्रोल, डीजल, स्नेहक तेल, पैराफिन मोम, आदि का मिश्रण होता है। पेट्रोलियम के विभिन्न संघटकों/प्रभाजों को पृथक करने का प्रक्रम परिष्करण कहलाता है।
प्राकृतिक गैस – प्राकृतिक गैस गैसों का मिश्रण है जो हाइड्रोकार्बन से भरपूर होती है। ये सभी गैसें (मीथेन, नाइट्रोजन, कार्बन डाइऑक्साइड आदि) प्राकृतिक रूप से वायुमंडल में पाई जाती हैं।
पेट्रोलियम के विभिन्न संघटक और उनके उपयोग
पेट्रोलियम के संघटक | उपयोग |
---|---|
द्रवित पेट्रोलियम गैस (LPG) | घरों और उद्योगों में ईंधन के रूप में |
पेट्रोल | मोटर ईंधन, शुष्क धुलाई के लिए विलायक |
मिट्टी का तेल | स्टोव, लैम्प और जेट वायुयान के लिए ईंधन |
डीजल | भारी मोटर वाहनों और विद्युत जनित्रों के लिए ईंधन |
स्नेहक तेल | स्नेहन |
पैराफिन मोम | मरहम, मोमबत्ती, वैसलीन आदि में |
बिटुमेन | पेन्ट एवं सड़क निर्माण में |
प्राकृतिक संसाधन सीमित
(1) आपने इस अध्याय के प्रारम्भ में पढ़ा है कि कुछ प्राकृतिक संसाधन, जैसे जीवाश्म ईंधन, वन, खनिज, आदि समाप्त होने वाले होते हैं।
(2) आप जानते हैं कि कोयला और पेट्रोलियम जीवाश्म ईंधन हैं। मृत जीवों के ईंधन में परिवर्तन के लिए लाखों
वर्ष का समय लग जाता है। दूसरी ओर, इनके ज्ञात भंडार कुछ सौ वर्ष और चलने वाले हैं। इसके अतिरिक्त, इन ईंधनों का जलना वायु प्रदूषण का प्रमुख कारण है।
(4) इनका संबंध विश्व ऊष्णन से भी है। अतः यह आवश्यक है कि हम इन ईंधनों का उपयोग तभी करें जब नितान्त आवश्यक हो। इसके परिणामस्वरूप पर्यावरण बेहतर बनेगा, विश्व ऊष्णन का कम खतरा रहेगा और ईंधनों की उपलब्धता लम्बे समय तक होगी।
(5) भारत में पेट्रोलियम संरक्षण अनुसंधान संघ (PCRA) लोगों को सलाह देती है कि गाड़ी चलाते समय किस प्रकार पेट्रोल/डीजल बचाएँ।
उनके गुर हैं-
(i) जहाँ तक सम्भव हो गाड़ी समान और मध्यम गति से चलाइए।
(ii) यातायात लाइटों पर अथवा जहाँ आपको प्रतीक्षा करनी हो, गाड़ी का इंजन बंद कर दीजिए।
(iii) टायरों का दाब सही रखिए, और गाड़ी का नियमित रख-रखाव सुनिश्चित कीजिए।
आपने अब तक सीखा
(i) कोयला, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस जीवाश्म ईंधन हैं।
(ii) जीवाश्म ईंधन का निर्माण सजीवों के मृत अवशेषों से लाखों वर्ष पूर्व हुआ था।
(iii) जीवाश्म ईंधन समाप्त होने वाले संसाधन हैं।
(iv) कोक, कोलतार और कोयला गैस, कोयले से प्राप्त उत्पाद हैं।
(v) पेट्रोलियम के परिष्करण से पेट्रोलियम गैस, पेट्रोल, डीजल, मिट्टी का तेल, पैराफिन मोम, स्नेहक तेल, आदि प्राप्त होते हैं।
(vi) कोयले और पेट्रोलियम के संसाधन सीमित हैं। हमें इनका न्यायोचित उपयोग करना चाहिए।
प्रश्न 1. पेट्रोलियम का हिंदी नाम क्या है?
प्रश्न 2. पेट्रोलियम कहाँ पाया जाता है?
प्रश्न 3. पेट्रोल का सूत्र क्या होता है?
प्रश्न 4. पेट्रोल कौन सा पदार्थ है?
प्रश्न 5. तेल की खोज कब हुई थी?
प्रश्न 6. पेट्रोल ठंडा क्यों होता है?
प्रश्न 7. पेट्रोल का मान कितना होता है?
प्रश्न 8. पेट्रोलियम किसका स्रोत है?
प्रश्न 9. तेल का दूसरा नाम क्या है?
प्रश्न 10. सबसे पुराना तेल कौन है?
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NCERT Solution Class 8th Science All Chapters Question Answer in Hindi |
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