NCERT Solutions Class 8th Science Chapter – 3 संश्लेषित रेशे और प्लास्टिक (Synthetic Fibres and Plastics) Notes in Hindi

NCERT Solutions Class 8th Science Chapter – 3 संश्लेषित रेशे और प्लास्टिक (Synthetic Fibres and Plastics)

TextbookNCERT
Class 8th
Subject Science
Chapter3rd
Chapter Nameसंश्लेषित रेशे और प्लास्टिक
CategoryClass 8th Science
Medium Hindi
SourceLast Doubt
NCERT Solutions Class 8th Science Chapter – 3 संश्लेषित रेशे और प्लास्टिक (Synthetic Fibres and Plastics) Notes in Hindi जिसमे हम संश्लेषण क्या है, और इसके प्रकार हैं, संश्लेषण को अंग्रेजी में क्या कहते हैं, संश्लेषण कहाँ पाया जाता है, संश्लेषण कहाँ होता है, संश्लेषण क्यों महत्वपूर्ण है, संश्लेषण विधि क्या है, संश्लेषण के लिए परिचय कैसे लिखते हैं, क्लोरोप्लास्ट को हिंदी में क्या कहेंगे, रेशे का सबसे अच्छा स्रोत कौन सा है, कपास कौन सा रेशा होता है, दुनिया में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला फाइबर क्या है, क्लोरोप्लास्ट के खोजकर्ता कौन है, क्लोरोप्लास्ट का रंग क्या है, हरित क्रांति के जनक कौन थे?, भारत का जनक कौन है?, लाल क्रांति के जनक कौन है?, भारत में श्वेत क्रांति के जनक कौन है?, सूती कपड़ा टिकाऊ है?, प्राकृतिक रेशों के दो प्रकार कौन से हैं, बेहतर कपास या पॉलिएस्टर क्या है, क्लोरोप्लास्ट हरे रंग में क्यों होते हैं क्लोरोप्लास्ट कितने प्रकार के होते हैं, क्लोरोप्लास्ट कितने प्रकार के होते हैं?, क्या 100% पॉलिएस्टर खराब है?, क्या 100% पॉलिएस्टर अच्छा है?, 100% पॉलिएस्टर क्या है?, आपको पॉलिएस्टर क्यों नहीं पहनना चाहिए, क्या पॉलिएस्टर एक सांस लेने वाला कपड़ा है, पॉलिएस्टर कपड़े की पहचान कैसे करें, इतियादी के बारे में विस्तार से पढ़ेंगे।

NCERT Solutions Class 8th Science Chapter – 3 संश्लेषित रेशे और प्लास्टिक (Synthetic Fibres and Plastics)

Chapter – 3

संश्लेषित रेशे और प्लास्टिक 

Notes

प्राकृतिक रेशे – जो रेशे पौधों और जंतुओं से मिलते हैं उन्हें प्राकृतिक रेशे कहते हैं। उदाहरण: कपास, ऊन, रेशम, जूट, आदि।
संश्लेषित रेशे – जो रेशा फैक्ट्रियों में बनता है उसे संश्लेषित रेशा या मानव निर्मित रेशा कहते हैं। संश्लेषित रेशा किसी रासायनिक पदार्थ के कई इकाइयों के मिलने से बनता है। जैसे मोतियों के पिरोने से माला बनती है, वैसे ही कई इकाइयों को जोड़कर संश्लेषित रेशा तैयार किया जाता है।
पेट्रोकेमिकल – लगभग हर संश्लेषित रेशे को बनाने के लिए कच्चे माल के रूप में पेट्रोकेमिकल का प्रयोग होता है। पेट्रोलियम से निकलने के कारण इन रसायनों को पेट्रोकेमिकल कहते हैं।
पॉलीमर – किसी भी विशेष रसायन की चेन को पॉलीमर कहते हैं। पॉलीमर की एक इकाई को मोनोमर कहते हैं। एक पॉलीमर कई मोनोमर से बना होता है।
संश्लेषित रेशों के प्रकार

1. रेयान
2. नाइलॉन
रेयान – उन्नीसवीं सदी के आखिर में रेयॉन की खोज हुई थी। काठ की लुगदी के रासायनिक ट्रीटमेंट के द्वारा रेयॉन बना था। चूँकि रेयॉन बनाने के लिए कच्चा माल पौधे से आता है इसलिए इसे पूरी तरह संश्लेषित रेशा नहीं कह सकते हैं। रेयॉन के गुण रेशम की तरह होते हैं लेकिन यह रेशम से सस्ता होता है। इसलिए रेयॉन को गरीब लोगों का रेशम भी कहा जाता है। रेयॉन को कई रंगों में रंगा जा सकता है। रेयॉन को कपास में मिलाकर चादर और ड्रेस मैटीरियल बनाये जाते हैं।
नाइलॉन – नाइलॉन की खोज 1931 में हुई थी। नाइलॉन शब्द न्यूयॉर्क और लंदन के नामों के अक्षरों के मिलाने से बना है, क्योंकि इन दो शहरों के वैज्ञानिकों ने इस काम में योगदान दिया था। नाइलॉन को बनाने में कोयला, पानी और हवा का इस्तेमाल हुआ था। इसलिए इसे पूरी तरह से कृत्रिम रेशा कह सकते हैं।नाइलॉन मजबूत, हल्का और लचीला होता है। यह चमकदार और धोने में आसान होता है। नाइलॉन का इस्तेमाल कई चीजों को बनाने में होता है, जैसे मोजे, बैग, टूथब्रश, रस्सी, जूते, पैराशूट, आदि। एक ही मोटाई के स्टील के तार की तुलना में नाइलॉन अधिक मजबूत होता है।
बहुलक – प्रत्येक छोटी इकाई वास्तव में एक रासायनिक पदार्थ है। इस प्रकार की अनेक छोटी इकाइयाँ मिलकर एक बड़ी एक इकाई बनाते हैं जो बहुलक कहलाती है। ‘
ऐक्रिलिक – हम सर्दियों में स्वैटर पहनते हैं तथा शाल अथवा कम्बलों का उपयोग करते हैं। इनमें से बहुत से वास्तव में प्राकृतिक ऊन से निर्मित नहीं होते, यद्यपि वे ऊन के सदृश दिखाई देते हैं। ये अन्य प्रकार के संश्लेषित रेशे से तैयार किये जाते हैं जो ऐक्रिलिक कहलाता है।
थर्मोप्लास्टिक – प्लास्टिक जो गर्म करने पर आसानी से विकृत हो जाता है और सरलतापूर्वक मुड़ जाता है, थर्मोप्लास्टिक कहलाता है।
थर्मोसेटिंग प्लास्टिक – कुछ प्लास्टिक ऐसे हैं जिन्हें एक बार साँचे में ढाल दिया जाता है तो इन्हें ऊष्मा देकर नर्म नहीं किया जा सकता। ये थर्मोसेटिंग प्लास्टिक कहलाते हैं। उदाहरण – बैकेलाइट, मेलामाइन
जैव निम्नीकरणीय – पदार्थ जो प्राकृतिक प्रक्रिया, जैसे जीवाणु की क्रिया, द्वारा अपघटित हो जाता है, जैव निम्नीकरणीय कहलाता है।
जैव निम्नीकरणीय – पदार्थ जो प्राकृतिक प्रक्रिया, जैसे जीवाणु की क्रिया, द्वारा अपघटित हो जाता है, जैव निम्नीकरणीय कहलाता है।
जैव अनिम्नीकरणीय – पदार्थ जो प्राकृतिक प्रक्रियाओं द्वारा सरलता से विघटित नहीं होता, जैव अनिम्नीकरणीय कहलाता है।
पॉलिएस्टर – इस रेशे को एस्टर नामक मोनोमर से बनाया जाता है। एस्टर एक रसायन है जिसकी वजह से फलों में खुशबू होती है। टेरीलीन एक पॉलीएस्टर है जिससे कपड़े बनते हैं। पेट (पॉली इथीलीन टेरेथैलेट) एक पॉलीएस्टर है जिसका इस्तेमाल बोतल, बरतन, फिल्म, तार, आदि बनाने में होता है। पॉलीएस्टर से बने कपड़े में आसानी से सिलवटें नहीं पड़ती और उसे धोना आसान होता है।
एक्रिलिक- एक्रिलिक के गुण ऊन से मिलते जुलते हैं इसलिए इसे संश्लेषित ऊन भी कहते हैं। यह ऊन से सस्ता और टिकाऊ होता है। इसे धोना और इसका रखरखाव अधिक आसान होता है।

संश्लेषित रेशों के लक्षण:

  • ये सस्ते होते हैं। ये आसानी से उपलब्ध होते हैं। इन्हें आसानी से धोया जा सकता है। इनका रखरखाव आसान होता है।
आपने क्या सीखा

1. संश्लेषित रेशे और प्लास्टिक, प्राकृतिक रेशों की भांति, बहुत बड़ी इकाइयों से निर्मित होते हैं जो बहुलक कहलाते हैं। बहुलक अनेक छोटी इकाइयों से निर्मित होते हैं।

2. जबकि प्राकृतिक रेशे पौधों और पशुओं से प्राप्त होते हैं, संश्लेषित रेशे पेट्रोरसायनों के रासायनिक प्रक्रमण से प्राप्त होते हैं। प्राकृतिक रेशों की भांति इन रेशों को भी कपड़ों के रूप में बुना जा सकता है।

3. संश्लेषित रेशों का उपयोग घरेलू वस्तुओं, जैसे- रस्से, बाल्टियाँ, फर्नीचर, पात्र आदि से लेकर वायुयानों, जलयानों, अंतरिक्षयानों, स्वास्थ्य सेवा, आदि उच्च विशिष्टता वाले उपयोगों में किया जाता है।

4. संश्लेषित रेशों के बृहत निर्माण हेतु उपयोग में लिए गए रसायनों के प्रकार के आधार पर उन्हें रेयॉन, नाइलॉन, पॉलिएस्टर और ऐक्रिलिक नाम दिए गए हैं।

5. विभिन्न प्रकार के रेशे अपनी प्रबलता, जल अवचूषण क्षमता, दहन प्रकृति, मूल्य, चिरस्थायित्व, आदि गुणों में परस्पर भिन्नता रखते हैं।

6. आज प्लास्टिक के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती, चाहे घर हो या बाहर – प्लास्टिक सभी ओर है।

7. प्लास्टिक द्वारा उत्पन्न अपशिष्ट पर्यावरण हितैषी नहीं है। जलाने पर ये विषैली गैसें उत्पन्न करते हैं। भूमि पर डाल देने से इन्हें अपभ्रष्ट होने में कई वर्ष लग सकते हैं। ऐसा इनकी जैव अनिम्नीकरणीय प्रकृति के कारण होता है।

8. हमें आवश्यकता है कि संश्लेषित रेशों और प्लास्टिक का उपयोग इस प्रकार करें कि हम उनके अच्छे गुणों का आनन्द ले सकें और साथ ही सजीव समुदायों के पर्यावरणीय संकट को न्यूनतम कर सकें।


संश्लेषित रेशे का उदाहरण क्या है?

कृत्रिम सूत (Synthetic fibers) प्राकृतिक रूप से रेशो के स्थान पर प्रयोग होने वाले मानव निर्मित रेशे जैसे- रेयॉन, नायलॉन, टेरीलीन, डेक्रॉन, टेरीन आदि को संश्लेषित रेशे (कृत्रिम सूत – Synthetic fibers) कहते हैं।


संश्लेषित रेशे कितने प्रकार की होती है?

संश्लेषित रेशे दो प्रकार के होते है 1. रेयान 2. नाइलॉन

रेशम कौन सा रेशा है?

रेशम (Silk) प्राकृतिक रूप से प्रोटीन से बना होता है। रेशम के कुछ प्रकार के रेशों से वस्त्र बनाए जा सकते हैं। ये प्रोटीन रेशों में मुख्यतः फिब्रोइन (fibroin) होता है। और ये रेशे कुछ कीड़ों के लार्वा द्वारा बनाया जाता है।

नाइलॉन की खोज कब और किसने की?

नाइलॉन की खोज 1931 में हुई थी। नाइलॉन शब्द न्यूयॉर्क और लंदन के नामों के अक्षरों के मिलाने से बना है, क्योंकि इन दो शहरों के वैज्ञानिकों ने इस काम में योगदान दिया था।

नाइलॉन का इस्तेमाल की चीज में किया जाता है?

नाइलॉन का इस्तेमाल कई चीजों को बनाने में होता है, जैसे मोजे, बैग, टूथब्रश, रस्सी, जूते, पैराशूट, आदि। एक ही मोटाई के स्टील के तार की तुलना में नाइलॉन अधिक मजबूत होता है।

कौन सा रेशा सबसे लंबा होता है?

रेशम एक प्राकृतिक रेशा है जो अति सुंदर है, बहुत महंगा और सबसे लंबा रेशा है जिसे रेशम कीट द्वारा निर्मित किया जाता है।

रेयान की खोज कहाँ और कब हुई?

उन्नीसवीं सदी के आखिर में रेयॉन की खोज हुई थी। काठ की लुगदी के रासायनिक ट्रीटमेंट के द्वारा रेयॉन बना था। चूँकि रेयॉन बनाने के लिए कच्चा माल पौधे से आता है इसलिए इसे पूरी तरह संश्लेषित रेशा नहीं कह सकते हैं।
NCERT Solution Class 8th विज्ञान Notes in Hindi
Chapter – 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध
Chapter – 2 सूक्ष्मजीव मित्र एवं शत्रु
Chapter – 3 संश्लेषित रेशे और प्लास्टिक
Chapter – 4 पदार्थ धातु और अधातु
Chapter – 5 कोयला और पेट्रोलियम
Chapter – 6 दहन एवं ज्वाला
Chapter – 7 पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण
Chapter – 8 संरचना एवं प्रकार्य
Chapter – 9 जंतुओं में जनन
Chapter – 10 किशोरावस्था की ओर
Chapter – 11 बल तथा दाब
Chapter – 12 घर्षण
Chapter – 13 ध्वनि
Chapter – 14 विद्युत धारा के रासानिक प्रभाव
Chapter – 15 कुछ प्राकृतिक परिघटनाएँ
Chapter – 16 प्रकाश
Chapter – 17 तारे एवं सौर परिवार
Chapter – 18 वायु तथा जल का प्रदूषण
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