NCERT Solutions Class 8th Science Chapter -12 कुछ प्राकृतिक परिघटनाएँ (Some natural phenomena) Notes in Hindi

NCERT Solutions Class 8th Science Chapter -12 कुछ प्राकृतिक परिघटनाएँ (Some natural phenomena)

TextbookNCERT
Class8th
SubjectScience
Chapter12th
Chapter Nameप्राकृतिक परिघटनाएँ (Some natural phenomena)
CategoryClass 8th Science
MediumHindi
SourceLast Doubt
NCERT Solutions Class 8th Science Chapter -12 कुछ प्राकृतिक परिघटनाएँ (Some natural phenomena) Notes in Hindi पदार्थ इलेक्ट्रिक न्यूट्रल होते हैं, चार्ज का ट्रांसफर, आवेशों की परस्पर क्रिया, इलेक्ट्रोस्कोप, इलेक्ट्रोस्कोप की रचना, इलेक्ट्रोस्कोप का काम, चार्जिंग, इलेक्ट्रिक डिस्चार्ज, विद्युतदर्शी, अनावेशित, विद्युत विसर्जन, भूकम्पी क्षेत्र, भूकम्पी तरंगें,तड़ित चालक आदि के बारे में विस्तार से पढ़ेंगे।

NCERT Solutions Class 8th Science Chapter – 12 कुछ प्राकृतिक परिघटनाएँ (some natural phenomena)

पदार्थ इलेक्ट्रिक न्यूट्रल होते – आमतौर पर हर पदार्थ प्राकृतिक रूप से इलेक्ट्रिक न्यूट्रल होते हैं, यानि उनपर कोई आवेश या चार्ज नहीं रहता है। इसे समझने के लिए परमाणु संरचना को याद कीजिए। एक परमाणु, इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और न्यूट्रॉन से मिलकर बना होता है।

इलेक्ट्रॉन पर नेगेटिव चार्ज, प्रोटॉन पर पॉजिटिव चार्ज और न्यूट्रॉन पर कोई चार्ज नहीं होता है। परमाणु में इलेक्ट्रॉन की संख्या प्रोटॉन की संख्या के बराबर होती है। इसका मतलब है कि परमाणु में नेगेटिव चार्ज की संख्या पॉजिटिव चार्ज के बराबर होती है, यानि दोनों एक दूसरे को बैलेंस कर देते हैं। इसलिए अधिकतर चीजें प्राकृतिक रूप से इलेक्ट्रिक न्यूट्रल होते हैं।

चार्ज का ट्रांसफरजब कुछ वस्तुओं को किसी अन्य वस्तु से रगड़ा जाता है तो एक वस्तु से दूसरी वस्तु तक इलेक्ट्रॉन का ट्रांसफर हो सकता है। यदि किसी वस्तु से इलेक्ट्रॉन निकल जाते हैं तो उसके पास प्रोटॉन की अतिरिक्त संख्या होगी। ऐसी वस्तु धनावेशित हो जाएगी, यानि उस पर पॉजिटिव चार्ज आ जाएगा।

यदि किसी वस्तु को अतिरिक्त इलेक्ट्रॉन मिल जाते हैं तो वह ऋणावेशित हो जाएगी, यानि उस पर नेगेटिव चार्ज आ जाएगा। चार्ज के इस तरह के आदान प्रदान के कारण किसी भी चीज पर स्थैतिक विद्युत (स्टैटिक इलेक्ट्रिसिटी) चार्ज बन जाता है। इस तरह के मामले में इलेक्ट्रिक चार्ज का प्रवाह नहीं होता है इसलिए इसे स्थैतिक विद्युत कहते हैं। स्टैटिक इलेक्ट्रिसिटी के कारण तड़ित की घटना होती है यानि बिजली गिरती है।

आवेशों की परस्पर क्रिया – जब काँच की एक छड़ को रेशम के कपड़े से रगड़ा जाता है तो दोनों आवेशित हो जाते हैं। परिपाटी के अनुसार, काँच पर पॉजिटिव चार्ज और रेशम पर नेगेटिव चार्ज मान लिया जाता है। आवेशों की परस्पर क्रिया के बारे में नीचे दिया गया है।

इलेक्ट्रोस्कोप – यह एक सरल उपकरण है जिससे किसी वस्तु के आवेश की जाँच की जा सकती है। सोने के पत्ते वाले इलेक्ट्रोस्कोप को अब्राहम बेनेट नाम के एक अंग्रेज वैज्ञानिक ने 1787 में बनाया था। सोना और चाँदी, बिजली के सबसे अच्छे सुचालक होते हैं, इसलिए इनका इस्तेमाल इलेक्ट्रोस्कोप में किया जाता है।

इलेक्ट्रोस्कोप की रचनायह काँच की जार से बना होता है। जार के मुँह पर कॉर्क लगा होता है और कॉर्क से होकर पीतल की खड़ी छड़ लगी होती है। इस छड़ के ऊपर पीतल की क्षैतिज छड़ या फिर एक डिस्क लगी होती है। जार के भीतर, पीतल की छड़ से सोने की दो पत्तियाँ लटकी रहती हैं।

इलेक्ट्रोस्कोप का कामजब किसी आवेशित वस्तु से इलेक्ट्रोस्कोप के ऊपर लगी पीतल की डिस्क को छुआ जाता है तो चार्ज का ट्रांसफर पीतल की छड़ से होते हुए सोने की पत्तियों तक होता है। अब चूँकि दोनों पत्तियों पर एक जैसा चार्ज होता है इसलिए सोने की पत्तियाँ एक दूसरे से दूर चली जाती हैं।

चार्जिंगएक वस्तु से दूसरे वस्तु में चार्ज के ट्रांसफर की क्रिया को चार्जिंग कहते हैं। सोने की पत्तियों में आने वाला आवेश पीतल की छड़ से होकर आया। इसलिए, यह साफ है कि किसी धातु से होकर चार्जिंग हो सकती है।

इलेक्ट्रिक डिस्चार्ज – पिछले प्रयोग में, थोड़ी देर बाद सोने की पत्तियाँ वापस अपनी सामान्य स्थिति में आ जाती हैं। सोने की पत्तियों का चार्ज खत्म होने के कारण ऐसा होता है। किसी आवेशित वस्तु से चार्ज के खत्म होने को इलेक्ट्रिकल डिस्चार्ज कहते हैं। जब कोई पीतल की रॉड को छूता है तब भी सोने की पत्तियाँ डिस्चार्ज हो जाती हैं। दरअसल, चार्ज का ट्रांसफर मानव शरीर से होकर पृथ्वी में हो जाता है। किसी आवेशित वस्तु से पृथ्वी तक चार्ज के ट्रांसफर को अर्थिंग कहते हैं।

तड़ित – विद्युत के तार ढीले हो जाने पर आपने विद्युत खम्बों पर चिंगारियाँ देखी होंगी। यह परिघटना उस समय बहुत अधिक हो जाती है जब पवन के चलने पर तार हिलते-डुलते हैं। आपने सॉकेट में प्लग के ढीले होने पर भी चिंगारियाँ निकलते देखी होंगी। तड़ित भी एक विशाल स्तर की विद्युत चिंगारी ही है।

मान्यता के अनुसार रेशम से रगड़ने पर काँच की छड़ द्वारा अर्जित आवेश को धनावेश कहते हैं। – अन्य प्रकार के आवेश को ऋणावेश कहते हैं। यह देखा गया है कि जब आवेशित काँच की छड़ को पॉलिथीन से रगड़े गए आवेशित प्लास्टिक स्ट्रॉ के निकट लाते हैं तो दोनों के बीच आकर्षण होता है।

विद्युतदर्शीसमान आवेश वाली पट्टियाँ एक-दूसरे को प्रतिकर्षित करती हैं और वे फैल जाती हैं। इस प्रकार की युक्ति का उपयोग यह परीक्षण करने के लिए किया जा सकता है कि कोई वस्तु आवेशित है अथवा नही। इस युक्ति को विद्युतदर्शी कहते हैं।

विद्युत विसर्जनऋणात्मक तथा धनात्मक आवेश मिलते हैं और प्रकाश की चमकीली धारियाँ तथा ध्वनि उत्पन्न होती है। इसे हम तड़ित के रूप में देखते हैं। इस प्रक्रिया को विद्युत विसर्जन कहते हैं।

भूकम्पी क्षेत्र – जहाँ प्लेटों की सीमाएँ दुर्बल क्षेत्र होती हैं वहाँ भूकम्प आने की संभावना अधिक होती है। इन दुर्बल क्षेत्रों को भूकम्पी क्षेत्र अथवा भ्रंश क्षेत्र भी कहते हैं।

भूकम्पी तरंगें – भूस्पन्द पृथ्वी की सतह पर तरंगें उत्पन्न करते हैं। इन तरंगों को भूकम्पीय तरंगें कहते हैं।

तड़ित चालक – तड़ित चालक (Lightening rod or lightening conductor) एक धातु की चालक छड़ होती है, जिसे ऊँचे भवनों की छत पर आकाशीय विद्युत से रक्षा के लिये लगाया जाता है। जिसका उपयोग भवनों को तड़ित के प्रभाव से बचाने के लिए किया जाता है।

FAQ

प्रश्न 1. भूसम्पर्कण किया हैं ?

किसी आवेशित वस्तु से आवेश को पृथ्वी में भेजने की प्रक्रिया को भूसम्पर्कण कहते हैं।

प्रश्न 2. विद्युत विसर्जन किसे कहते हैं

ऋणात्मक तथा धनात्मक आवेश मिलते हैं और प्रकाश की चमकीली धारियाँ तथा ध्वनि उत्पन्न होती है। इसे हम तड़ित के रूप में देखते हैं। इस प्रक्रिया को विद्युत विसर्जन कहते हैं।

प्रश्न 3. भूकम्प क्या होता है?

भूकम्प जो बहुत कम समय तक रहता है, पृथ्वी का कम्पन अथवा कोई झटका होता है। यह पृथ्वी की भूपर्पटी के भीतर गहराई में गड़बड़ के कारण उत्पन्न होता है। भूकम्प हर समय सब जगह आते रहते हैं।

प्रश्न 4. प्राकृतिक विनाशकारी परिघटना कौन कौन सी है?

बाढ़, ज्वालामुखी विस्फोट, भूस्खलन सूखा आदि संकट हैं।

प्रश्न 5. तड़ित से आप क्या समझते हैं?

वायुमण्डल में विद्युत आवेश का डिस्चार्ज होना (एक वस्तु से दूसरी पर स्थानान्तरण) और उससे उत्पन्न कड़कड़ाहट (thunder) को तड़ित कहते हैं।

प्रश्न 6. भवनों में भूसम्पर्कण करवाने का मुख्य उद्देश्य क्या है?

विद्युत धारा के किसी भी कारण से लीक होने से उत्पन्न विद्युत आघात से हमें बचाने के लिए भवनों में भूसम्पर्कण की व्यवस्था की जाती है।

प्रश्न 7. तड़ित चालक क्या है इसका क्या उपयोग है?

तड़ित चालक एक धातु की चालक छड़ होती है, जिसे ऊँचे भवनों की छत पर रक्षा के लिये लगाया जाता है।

प्रश्न 8. दो प्राकृतिक चीजें क्या है?

इनमें भूमि, ताजा जल, वायु, दुर्लभ मृदा तत्व एस, और अयस्क एस, जैसे सोना, सहित भारी धातुएँ शामिल हैं। लोहा, ताम्र, चाँदी, आदि।

प्रश्न 9. भारत में कौन सी प्राकृतिक आपदा आती है?

सूखा, फ्लैश फ्लड, चक्रवात , हिमस्खलन, मूसलाधार बारिश के कारण हुए भूस्खलन और बर्फीले तूफान सबसे बड़ा खतरा हैं।

प्रश्न 10. बिजली का तार किसका बना होता है?

विद्युत उपकरणों में प्रयुक्त तार सीसे और टिन की मिश्रधातु से बना होता है।1
NCERT Solution Class 8th  Science All Chapters Notes in Hindi
Chapter – 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध
Chapter – 2 सूक्ष्मजीव मित्र एवं शत्रु
Chapter – 3 कोयला और पेट्रोलियम
Chapter – 4 दहन एवं ज्वाला
Chapter – 5 पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण
Chapter – 6 जंतुओं में जनन
Chapter – 7 किशोरावस्था की ओर
Chapter – 8 बल तथा दाब
Chapter – 9 घर्षण
Chapter – 10 ध्वनि
Chapter – 11 विद्युत धारा के रासानिक प्रभाव
Chapter – 12 कुछ प्राकृतिक परिघटनाएँ
Chapter – 13 प्रकाश
NCERT Solution Class 8th  Science All Chapters Question Answer in Hindi
Chapter – 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध
Chapter – 2 सूक्ष्मजीव मित्र एवं शत्रु
Chapter – 3 कोयला और पेट्रोलियम
Chapter – 4 दहन एवं ज्वाला
Chapter – 5 पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण
Chapter – 6 जंतुओं में जनन
Chapter – 7 किशोरावस्था की ओर
Chapter – 8 बल तथा दाब
Chapter – 9 घर्षण
Chapter – 10 ध्वनि
Chapter – 11 विद्युत धारा के रासानिक प्रभाव
Chapter – 12 कुछ प्राकृतिक परिघटनाएँ
Chapter – 13 प्रकाश
NCERT Solution Class 8th  Science All Chapters MCQ in Hindi
Chapter – 1 फसल उत्पादन एवं प्रबंध
Chapter – 2 सूक्ष्मजीव मित्र एवं शत्रु
Chapter – 3 कोयला और पेट्रोलियम
Chapter – 4 दहन एवं ज्वाला
Chapter – 5 पौधे एवं जंतुओं का संरक्षण
Chapter – 6 जंतुओं में जनन
Chapter – 7 किशोरावस्था की ओर
Chapter – 8 बल तथा दाब
Chapter – 9 घर्षण
Chapter – 10 ध्वनि
Chapter – 11 विद्युत धारा के रासानिक प्रभाव
Chapter – 12 कुछ प्राकृतिक परिघटनाएँ
Chapter – 13 प्रकाश

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