NCERT Solutions Class 8th (Social Science) Geography Chapter – 3 कृषि (Agriculture) Notes in Hindi

NCERT Solutions Class 8th (Social Science) Geography Chapter – 3 कृषि (Agriculture)

Text BookNCERT
Class  8th
Subject  Social Science (भूगोल)
Chapter3rd
Chapter Nameकृषि (Agriculture)
CategoryClass 8th Social Science (Geography)
Medium Hindi
SourceLast Doubt
NCERT Solutions Class 8th (Social Science) Geography Chapter – 3 कृषि (Agriculture) Notes in Hindi हम इस अध्याय में कृषि क्या है, कृषि कितने प्रकार के होते हैं, कृषि का महत्व क्या है, मोबाइल से किसान पंजीकरण कैसे करें, कृषि विकास क्या है, भारत में कितने कृषि हैं, कृषि के 4 रूप क्या हैं, कृषि के क्या लाभ हैं, कृषि की विशेषताएं क्या है और कृषि से क्या लाभ होता है। आदि इसके बारे में हम Notes विस्तार से पढ़ेंगे।

NCERT Solutions Class 8th (Social Science) Geography Chapter – 3 कृषि (Agriculture)

Chapter – 3

कृषि

Notes

कृषि के आर्थिक महत्व – इसका अंदाजा दो बातों से लगाया जा सकता है। दुनिया की 50% आबादी कृषि कार्यों में लगा हुआ है। जिसमे से भारत के दो तिहाई आबादी आजीविका के लिए खेती पर निर्भर हैं।

कृषि तंत्र – कृषि एक तरह का तंत्र है जिसमें कई निवेश और प्रक्रियाएँ शामिल होती हैं। मशीन, बीज और खाद कृषि में निवेश किया जाता हैं। जुताई, सिंचाई, कटाई, कुछ ऐसी प्रक्रियाएँ हैं जो कृषि में काम आती है जिससे फसल उत्पाद किया जाता है।

कृषि के प्रकार – खेती दो प्रकार की होती है, निर्वाह कृषि और व्यावसायिक कृषि।

निर्वाह कृषि – जब परिवार का पेट पालने भर के उद्देश्य से खेती की जाती है तो उसे निर्वाह कृषि कहते हैं। इस तरह की खेती में साधारण टेक्नॉलोजी और घर के सदस्यों के श्रम का इस्तेमाल होता है। जिसमे खेती की जमीन छोटी होती है और पैदावार भी कम होती है।

निर्वाह कृषि को दो वर्गों में बाँटा जाता है

(i) गहन निर्वाह कृषि – इस तरह की खेती में जमीन का आकार छोटा होता है, साधारण औजारों और अधिक श्रम का इस्तेमाल होता है। जिन स्थानों की जमीन उपजाऊ है और जहाँ साल के अधिकतर दिनों को अच्छी धूप मिलती है, इस तरह की खेती के लिए सही होते हैं। सही जलवायु होने पर किसान एक वर्ष में एक से अधिक फसल उगा लेता है। इस तरह की खेती की मुख्य फसल धान है। इसके अलावा, गेहूँ, मक्का, दाल और तेलहन की फसल भी उगाई जाती है। दक्षिण, दक्षिणपूर्व और पूर्वी एशिया के मानसून वाले इलाकों में गहन निर्वाह कृषि काफी लोकप्रिय है।

(ii) आदिम निर्वाह कृषि – इस तरह की कृषि के उदाहरण हैं स्थानांतरी कृषि और चलवासी पशुचालन शामिल हैं।

स्थानांतरी कृषि – भारत में स्थानांतरी कृषि को झूम कृषि भी कहते हैं। स्थानांतरी खेती में जमीन के एक छोटे टुकड़े पे से पेड़ों को काटकर और जलाकर साफ कर दिया जाता है। उसके बाद मिट्टी में राख को मिला दिया जाता है और बीज को छिड़का जाता है फिर एक दो वर्ष के बाद उस जमीन को परती छोड़ दिया जाता है और किसी नई जमीन को साफ किया जाता है। इस तरह की खेती भारत के जंगलों, अमेजन, उष्णकटिबंधीय अफ्रीका, दक्षिणपूर्वी एशिया और पूर्वोत्तर में की जाती है।

चलवासी पशुचारण – इस तरह की कृषि में लगे हुए लोग मवेशी, भेड़, बकरियाँ और ऊँट पालते हैं। नये चारागाहों की तलाश में ये गरेड़िये जगह-जगह घूमते रहते हैं। इस तरह पशुचारण करने वाले लोग सहारा के कुछ भाग, मध्य एशिया और भारत के कुछ भागों के शुष्क और अर्धशुष्क क्षेत्रों में रहते हैं।

वाणिज्यिक कृषि – वाणिज्यिक कृषि में फसल उत्पादन और पशुपालन बाज़ार में खरीदने और बेचने के लिए किया जाता है। इसमें बहुत बड़ा खेती का क्षेत्र और अधिक पूँजी का उपयोग किया जाता है। खेतो में काम ज्यादा से ज्यादा मशीनों के द्वारा किया जाता है। वाणिज्यिक कृषि में वाणिज्यिक अनाज कृषि, मिश्रित कृषि और रोपण कृषि शामिल हैं।

वाणिज्यिक अनाज कृषि – वाणिज्यिक अनाज कृषि में फ़सलें वाणिज्यिक उद्देश्य से उगाई जाती हैं। गेहूँ और मक्का सामान्य रूप से उगाई जाने वाली फ़सलें हैं। उत्तर अमेरिका, यूरोप और एशिया के शीतोष्ण घास के मैदान वाणिज्यिक अनाज कृषि के प्रमुख क्षेत्र हैं। ये क्षेत्र सैकड़ों हेक्टेयर के बड़े फार्मों से युक्त बिरल आबादी वाले हैं। अत्यधिक ठंड वर्धनकाल को बाधित करती है और केवल एक ही फ़सल उगाई जा सकती है।

मिश्रित कृषि – मिश्रित कृषि में भूमि का उपयोग भोजन व चारे की फ़सलें उगाने और पशुधन पालन के लिए किया जाता है। यह यूरोप पूर्वी संयुक्त राज्य अमेरिका, अर्जेंटीना, दक्षिण-पूर्वी आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका में प्रचलित है।

रोपण कृषि – रोपण कृषि वाणिज्यिक कृषि का एक प्रकार है जहाँ चाय, कहवा, काजू, रबड़, केला अथवा कपास की एकल फ़सल उगाई जाती है। इसमें बृहत पैमाने पर श्रम और पूँजी की आवश्यकता होती है। उत्पाद का प्रसंस्करण खेतों पर ही या निकट के कारखानों में किया जा सकता है। इस प्रकार इस कृषि में परिवहन जाल के विकास की अनिवार्यता होती है। रोपण कृषि के मुख्य क्षेत्र विश्व के उष्ण कटिबंधीय प्रदेशों में पाए जाते हैं। मलेशिया में रबड़, ब्राजील में कहवा, भारत और श्रीलंका में चाय इसके कुछ उदाहरण हैं।

मुख्य फ़सलें – मुख्य फ़सलें बढ़ती हुई जनसंख्या की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए विविध प्रकार की फ़सलें उगाई जाती हैं। फसलों के लिए कृषि आधारित उद्योगों के लिए कच्चे माल की आपूर्ति करती हैं। गेहूँ, चावल, मक्का और बाजरा मुख्य खाद्य फसलें हैं। जूट और कपास मुख्य रेशेदार फ़सलें हैं। चाय और कहवा मुख्य पेय फ़सले हैं।

गेहूं – गेहूं की खेती में मध्यम तापमान एवं वर्षा और कर्तन (फसल की कटाई) के समय तेज धूप की आवश्यकता होती है।

चावल – चावल के खेती के लिए तापमान अधिक चाहिए और सबसे ज्यादा बारिश की आवश्यकता होती है, यह उष्णकटिबंधीय और उपोषण कटिबंधीय प्रदेशों का मुख्य आहार के रूप में मशहूर है।

मिलेट – यह मोटे अनाज के रूप में भी जाने जाती है यह कम उपजाऊ तथा जिसे कम वर्षा और उच्च से माध्यम तापमान तथा पर्याप्त सूर्य की आवश्यकता में उगाया जाता है।

मक्का – इसके लिए माध्यम तापमान, वर्षा और अधिक धूप की आवश्यकता होती है इसकी खेती के लिए विवाहित उपजाऊ मृदा की आवश्यकता होती है, मक्का उत्तर अमेरिका, ब्राजील, चीन, रूस ,कनाडा ,भारत और अमेरिका के मेक्सिको में उगाई जाती है।

कपास – इसकी वृद्धि के लिए उच्च तापमान, हल्की वर्षा, और तेज चमकीले दूध की आवश्यकता होती है।

पटसन – इसको सुनहरा रेशा भी कहते है जो की जलोद मृदा में पटसन फसल की खेती की जाती है। और इसे उच्च तापमान भारी वर्षा और आर्द्र जलवायु की जरुरत होती है।

कॉफी – कॉफी के लिए गर्म और गीली जलवायु और अच्छी तरह से सूखी दोमट मिट्टी की आवश्यकता होती है।

चाय – चाय बागानों में उगाई जाने वाली एक पेय फसल है, इसकी कोमल पत्तियों की वृद्धि के लिए ठंडी जलवायु और साल भर उच्च बारिश की आवश्यकता होती है।

कृषि का विकास – कृषि विकास का संबंध बढ़ती जनसंख्या की बढ़ती माँग को पूरा करने के लिए कृषि के उत्पादन को बढ़ाने की दिशा में किए जाने वाले प्रयासों से है। यह कई तरीकों से प्राप्त किया जा सकता है जैसे बोए गए क्षेत्र में विस्तार करके, बोई जाने वाली फ़सलों की संख्या बढ़ाकर सिंचाई सुविधाओं में सुधार करके, उर्वरकों और उच्च उपज देने वाले बीजों के प्रयोग द्वारा। कृषि का मशीनीकरण भी कृषि के विकास का एक अन्य पहलू है।

भारत का एक फार्म – उत्तर प्रदेश के गाज़ीपुर जिले में आदिलाबाद एक छोटा-सा गाँव है। मुन्नालाल इस गाँव का एक छोटा किसान है जिसके पास लगभग 1.5 हेक्टेयर का एक फार्म है। उसका आवास मुख्य गाँव में है। वह अधिक उपज देने वाले बीजों को बाज़ार से वर्षों के एकांतर पर खरीदता है। उसकी भूमि उर्वर है और वह वर्ष में कम-से-कम दो फ़सलें, सामान्यतः गेहूँ या चावल और दालें उगाता है। किसान अपने मित्रों और बुजुर्गों के साथ-साथ सरकारी कृषि अधिकारियों से कृषि कार्यों के संबंध में सलाह लेता है। वह अपने खेत की जुताई के लिए भाड़े पर ट्रैक्टर लेता है, यद्यपि उसके कुछ मित्र अभी भी बैलों से खेतों को जोतने की परंपरागत विधि का प्रयोग करते हैं। समीप के खेत में एक नलकूप है।

संयुक्त राज्य अमेरिका का एक फार्म – संयुक्त राज्य अमेरिका में एक फार्म का औसत आकार भारतीय फार्म की तुलना में बहुत बड़ा होता है। संयुक्त राज्य अमेरिका में एक प्रारूपक फार्म का आकार 250 हेक्टेयर होता है। किसान सामान्यतः फार्म में रहता है। मक्का, सोयाबीन, गेहूँ और चुकंदर यहाँ उगाई जाने वाली कुछ महत्त्वपूर्ण फ़सलें हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका के मध्य-पश्चिम में स्थित आयोवा राज्य के एक किसान जो होरन के पास 300 हेक्टेयर भूमि है। वह अपने खेत में मक्का तब उगाता है जब वह आश्वस्त हो कि मृदा और संसाधन इस फ़सल की आवश्यकता को पूरा कर देंगे। फ़सल को नुकसान पहुँचाने वाले पीड़कों पर नियंत्रण के लिए पर्याप्त उपाय किए जाते हैं।

प्रश्न 1. भारत में कृषि क्या है?

कृषि, भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है।

प्रश्न 2. भारत में कृषि कितने प्रकार की होती है?

भारत में मुख्य रूप में कृषि के प्रकार खरीफ, रबी और जायद है।

प्रश्न 3. कृषि की स्थापना कब हुई?

कृषि का विकास कम से कम 7000-13000 ईशा वर्ष पूर्व हो चुका था।

प्रश्न 4. कृषि का मूल शब्द क्या है?

लैटिन एगर (फ़ील्ड) और कोलो (खेती)

प्रश्न 5. कृषि और खेती में क्या अंतर है?

खेती में मिट्टी को जोतते है और कृषि में बीज, मिट्टी, उर्वरक, कीटनाशक और फसलें सब कुछ शामिल है।

प्रश्न 6. कृषि वर्ष कब मनाया जाता है?

1 जुलाई से 30 जून को कृषि वर्ष मनाया जाता है।

प्रश्न 7. खेती कितने प्रकार की होती है?

निर्वाह खेती, जैविक खेती और औद्योगिक खेती हैं।

प्रश्न 8. कृषि की प्रधानता क्या है?

कृषि प्रधानता को संदर्भित करती है जहां एक विशेष क्षेत्र में एक विशिष्ट फसल या पशुधन कृषि गतिविधियों पर हावी होता है।

प्रश्न 9. भारत की अर्थव्यवस्था में कृषि का क्या महत्व है?

कृषि क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था का आधारभूत स्तंभ है। यह क्षेत्र न केवल भारत की जीडीपी में लगभग 15% का योगदान करता है बल्कि भारत की लगभग आधी जनसंख्या रोज़गार के लिये कृषि क्षेत्र पर ही निर्भर है।

प्रश्न 10. जैविक खेती से आप क्या समझते हैं?

जैविक खेती कृषि उत्पादन की एक विधि है जिसमें कीटनाशकों, सिंथेटिक दवाओं या उर्वरकों और आनुवंशिक रूप से संशोधित जीवों जैसे सिंथेटिक पदार्थों का उपयोग शामिल नहीं है।
NCERT Solutions Class 8th Social Science (Geography) Notes in Hindi
Chapter – 1 संसाधन
Chapter – 2 भूमि, मृदा, जल, प्राकृतिक वनस्पति और वन्य जीवन संसाधन
Chapter – 3 कृषि
Chapter – 4 उद्योग
Chapter – 5 मानव संसाधन
NCERT Solutions Class 8th Social Science (Geography) Question Answer in Hindi
Chapter – 1 संसाधन
Chapter – 2 भूमि, मृदा, जल, प्राकृतिक वनस्पति और वन्य जीवन संसाधन
Chapter – 3 कृषि
Chapter – 4 उद्योग
Chapter – 5 मानव संसाधन
NCERT Solutions Class 8th Social Science (Geography) MCQ in Hindi
Chapter – 1 संसाधन
Chapter – 2 भूमि, मृदा, जल, प्राकृतिक वनस्पति और वन्य जीवन संसाधन
Chapter – 3 कृषि
Chapter – 4 उद्योग
Chapter – 5 मानव संसाधन

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