NCERT Solutions Class 8th भूगोल (Social Science) Geography Chapter – 3 खनिज और शक्ति संसाधन (Minerals and Power Resources)
Text Book | NCERT |
Class | 8th |
Subject | Social Science (भूगोल) |
Chapter | 3rd |
Chapter Name | खनिज और शक्ति संसाधन (Minerals and Power Resources) |
Category | Class 8th Social Science Geography |
Medium | Hindi |
Source | Last Doubt |
NCERT Solutions Class 8th भूगोल (Social Science) Geography Chapter – 3 खनिज और शक्ति संसाधन (Minerals and Power Resources) Notes in Hindi खनिज एवं शक्ति संसाधन कक्षा 8 क्या है, शक्ति के साधन क्या है, खनिज संसाधन कितने प्रकार के होते हैं, खनिज संसाधन कौन कौन से होते हैं, खनिज संसाधन की क्या विशेषता है, खनिज संसाधन और उदाहरण क्या है, शक्ति का मात्रक क्या है, शक्ति की सही परिभाषा क्या है, शक्ति कैसे मिलती है। आदि इसके बारे में हम Notes विस्तार से पढ़ेंगे।
NCERT Solutions Class 8th भूगोल (Social Science) Geography Chapter – 3 खनिज और शक्ति संसाधन (Minerals and Power Resources)
Chapter – 3
खनिज और शक्ति संसाधन
Notes
खनिज – प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला पदार्थ जिसका एक निश्चित रासायनिक संगठन हो, खनिज कहलाता है। |
अयस्क – हर खनिज से जरूरी पदार्थ निकालने में लाभ नहीं होता। जिस खनिज से किसी जरूरी संसाधन को फायदेमंद तरीके से निकाला जा सकता है उसे अयस्क कहते हैं। लगभग 28,000 खनिजों की जानकारी आज हमारे पास है। लेकिन उनमें से केवल 100 के आसपास को ही अयस्क की श्रेणी में रखा जाता है। बाकी खनिजों के शोधन में बहुत अधिक धन और संसाधन लगेगा और कोई मुनाफा नहीं होगा। |
खनिजों के प्रकार – संगठन के आधार पर खनिजों को दो वर्गों में रखा जाता है: धात्विक और अधात्विक खनिज। |
धात्विक खनिज – जिस खनिज में धातु होते हैं उसे धात्विक खनिज कहते हैं। आपने विज्ञान के लेसन में पढ़ा होगा कि जो वस्तु चमकदार, विद्युत और ऊष्मा की सुचालक, तन्य, आघातवर्ध्य और कठोर होती है उसे धातु कहते हैं। धात्विक खनिज दो प्रकार के होते हैं, लौह खनिज और अलौह खनिज। |
लौह खनिज – जिस खनिज में लोहा रहता है उसे लौह खनिज कहते हैं, जैसे लौह अयस्क, मैगनीज और क्रोमाइट। |
अलौह खनिज – जिस खनिज में लोहा नहीं रहता है उसे अलौह खनिज कहते हैं, जैसे बॉक्साइट, टिन, तांबा, सोना, चाँदी, आदि। |
अधात्विक खनिज – जिस खनिज में धातु नहीं होते हैं उसे अधात्विक खनिज कहते हैं। उदाहरण: चूना पत्थर, अभ्रक, कोयला, पेट्रोलियम, आदि। |
खनिजों का निष्कर्षण – खनिजों को कई तरीकों से निष्कर्षित किया जाता है, जिनके बारे में नीचे दिया गया है। |
खनन – चट्टानों के नीचे से खनिज निकालने की प्रक्रिया को खनन कहते हैं। खनन के दो तरीके होते हैं, विवृत खनन और कूपक खनन। |
विवृत खनन – कम गहराई में पाए जाने वाले खनिज को निकालने के लिए ऊपरी सतह हटाई जाती है। इस विधि को विवृत खनन या ओपेन कास्ट माइनिंग कहते हैं। |
कूपक खनन – अधिक गहराई में पाए जाने वाले खनिज को निकालने के लिए गहरे कुँए खोदे जाते हैं। इस विधि को कूपक खनन कहते हैं। |
प्रवेधन – पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस निकालने के लिए बहुत गहराई तक कुँआ खोदा जाता है। इस विधि को प्रवेधन कहते हैं। यह कूपक खनन का ही एक रूप है। |
आखनन – कुछ खनिज चट्टानों की सतह पर रहते हैं। उन्हें निकालने के लिए बस ऊपर की सतह में खुदाई करनी पड़ती है। इस विधि को आखनन कहते हैं। |
खनिजों का वितरण – धात्विक खनिज अक्सर आग्नेय और कायांतरित शैलों में पाए जाते हैं और विशाल पठार का निर्माण करते हैं। अधात्विक खनिज अक्सर कायांतरित शैलों में पाए जाते हैं और मैदानों और नवीन पर्वतों में पाए जाते हैं। खनिजों के वितरण के बारे में नीचे दिया गया है। |
तापीय ऊर्जा – यह बहुतायत में पाया जाने वाला जीवाश्मी ईंधन है। इसका उपयोग घरेलू ईंधन, उद्योगों जैसे लोहा और इस्पात, वाष्प इंजनों और विद्युत उत्पन्न करने में किया जाता है। कोयले से प्राप्त विद्युत को तापीय ऊर्जा कहा जाता है। |
काला सोना – जहाँ अपरिष्कृत पेट्रोलियम के प्रक्रमण से विभिन्न तरह के उत्पाद जैसे डीजल, पेट्रोल, मिट्टी का तेल, मोम, प्लास्टिक और स्नेहक तैयार किए जाते हैं। पेट्रोलियम और इससे बने उत्पादों को काला सोना कहा जाता है |
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