NCERT Solutions Class 7th गृह विज्ञान (Home Science) Chapter – 3 वस्त्रों की स्वच्छता
Textbook | NCERT |
Class | 7th |
Subject | गृह विज्ञान |
Chapter | 3rd |
Chapter Name | वस्त्रों की स्वच्छता |
Category | Class 7th गृह विज्ञान |
Medium | Hindi |
Source | Last Doubt |
NCERT Solutions Class 7th गृह विज्ञान (Home Science) Chapter – 3 वस्त्रों की स्वच्छता Question & answer जिसमें हम वस्त्रो की स्वच्छता, हमे स्वच्छ वस्त्र क्यों पहनने चाहिए, ऊनी व सूती वस्त्रों की धुलाई, प्रतिदिन वस्त्रों को घर मे धोने, रेशमी वस्त्रों मे सिरके व गोंद, स्वच्छता, हमे स्वच्छ वस्त्र पहनने चाहिए, कपड़ो मे नील लगाने से उसमे सफेदी आ जाती है। आदि इसके बारे में हम विस्तार से पढ़ेंगे। |
NCERT Solutions Class 7th गृह विज्ञान (Home Science) Chapter – 3 वस्त्रों की स्वच्छता
Chapter – 3
वस्त्रों की स्वच्छता
प्रश्न – उत्तर
प्रश्न 1. हमे स्वच्छ वस्त्र क्यों पहनने चाहिए?
उत्तर-
1.वस्त्रों को स्वच्छ रखना तथा स्वच्छ वस्त्र पहनना अति आवश्यक है।
2. अस्वच्छ वस्त्रों से हमारे शरीर पर अनेक कुप्रभाव पड़ते हैं और हम बीमार हो सकते हैं।
3. इसके अतिरिक्त अस्वच्छ वस्त्र पहनने से लोग हमे घृणा की दृष्टि से देखते हैं तथा कोई भी मेलजोल नहीं रखना चाहता।
प्रश्न 2. निम्नलिखित वस्तुएँ वस्त्रों में क्यों और कैसे लगाई जाती हैं –
उत्तर–
(क) नील – कपड़ो मे नील लगाने से उसमे सफेदी आ जाती है। किसी खुले बर्तन मे इतना पानी लें जिसमे आसानी से भीग सके फिर नील की कुछ बूंदे पानी मे डालें और मिलाएं धुले हुए वस्त्र को इस पानी में भिगोएँ और निचोड़ कर धूप में सूखा दे।
(ख) गोंद – रेशमी, मलमल रेयान आदि हल्का कडापन लाने के लिए प्रयोग की जाती है
पानी मे से 4 चम्मच गोंद का घोल मिलाएं। धुले हुए अच्छी तरह खोल कर डूबो दे। कपड़े को निचोड कर छाया मे सुखाएँ।
(ग) माँड – माँड लगाने से कपड़े मे कड़ापन आ जाता है और कपड़ों का आकार ठीक रहता है
माँड के पानी में कपड़ों को भिगो कर छोड़ दे कुछ देर बाद धूप में सुखा लें।
प्रश्न 3. प्रतिदिन वस्त्रों को घर मे धोने के लिए जिस सामान की आवश्यकता होती है, उसकी सूची बनाएँ:
उत्तर-
1. साबुन – (डिटर्जेन्ट टिकिया, सर्प आदि)।
2. गोंद का घोल।
3. नील।
4. धब्बे उतारने के घोल।
5. पानी।
प्रश्न 4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो या तीन वाक्यों मे लिखो –
(क) सूती वस्त्रों की धुलाई मे किस प्रकार के साबुन का प्रयोग करना चाहिए?
उत्तर- सूती वस्त्रों की धुलाई मे किसी भी प्रकार का साबुन प्रयोग किया जा सकता है क्योंकी इस पर सोडे का कोई बुरा प्रभाव नही पड़ता है।
(ख) ऊनी वस्त्रों को धोने से पूर्व खाका क्यों तैयार किया जाता है?
उत्तर- ऊनी वस्त्रों को धोने से पूर्व खाका इसलिए तैयार किया जाता है ताकि वस्त्रों का आकार बना रहे।
(ग) संश्लिष्ट तन्तु से बने वस्त्रों को धोने से पहले पानी में भिगोने की आवश्यकता क्यों नहीं होती है?
उत्तर- संश्लिष्ट तन्तु से बने, वस्त्रों को धोने से पहले पानी में भिगोने की आवश्यकता इसलिए नहीं होती क्योंकी इसमे मैल ऊपरी सतह मे ही रहता है।
(घ) रेशमी वस्त्रों मे सिरके व गोंद का प्रयोग क्यों किया जाता है?
उत्तर- रेशमी वस्त्रों में सिरके व गोंद का प्रयोग चमक व कड़ापन लाने के लिए किया जाता है।
प्रश्न 5. ऊनी व सूती वस्त्रों की धुलाई की विधियों मे क्या अंतर है। कारण बताते हुए स्पष्ट करो।
उत्तर- (क) सूती वस्त्रों को धोने से पूर्व कुछ समय के लिए भिगो कर रखा जाता है जिससे उसका मैल फूल जाए। ऊनी वस्त्रों को नहीं भिगोया जाता क्योंकी भिगाोने से ऊन सिकुड़ जाती है।
(ख) सूती वस्त्रों में किसी भी प्रकार के साबुन का प्रयोग किया जा सकता है। ऊनी कपड़ो मे कम सोडे वाले साबुन का प्रयोग किया जाता है।
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