NCERT Solutions Class 7th Geography Chapter – 6 मानव-पर्यावरण अन्योन्यक्रिया : उष्णकटिबंधीय एवं उपोष्ण प्रदेश (Human Environment Interactions The Tropical and The Subtropical Region) Notes in Hindi

NCERT Solutions Class 7th Geography Chapter – 6 मानव-पर्यावरण अन्योन्यक्रिया : उष्णकटिबंधीय एवं उपोष्ण प्रदेश (Human Environment Interactions The Tropical and The Subtropical Region)

TextbookNCERT
Class 7th
Subject Geography Social Science
Chapter6th
Chapter Nameमानव-पर्यावरण अन्योन्यक्रिया : उष्णकटिबंधीय एवं उपोष्ण प्रदेश (Human Environment Interactions The Tropical and The Subtropical Region)
CategoryClass 7th Social Science Geography 
Medium Hindi
SourceLast Doubt
NCERT Solutions Class 7th Geography Chapter – 6 मानव-पर्यावरण अन्योन्यक्रिया : उष्णकटिबंधीय एवं उपोष्ण प्रदेश (Human Environment Interactions The Tropical and The Subtropical Region) Notes in Hindi जिसमें हम अमेजन बेसिन में मानव जीवन कठिन है कैसे, वर्षावन लुप्त हो रहे हैं, क्षा 7 हमारा पर्यावरण पाठ 8 ट्रांस अमेज़न महामार्ग बनने से वर्षावन के सभी भागों तक पहुँचना कब संभव हो पाया?, अमेजन बेसिन में वर्षा वन के कटने से क्या प्रभाव पड़ रहा है?, कक्षा 7 भूगोल अध्याय 8 प्रश्न उत्तर, अमेजन के वर्षावन में कौन-से पक्षी पाए जाते हैं, अमेजन बेसिन में घने वन को क्या कहते हैं, आदि इसके बारे में हम विस्तार से पढ़ेंगे।

NCERT Solutions Class 7th Geography Chapter – 6 मानव-पर्यावरण अन्योन्यक्रिया : उष्णकटिबंधीय एवं उपोष्ण प्रदेश (Human Environment Interactions The Tropical and The Subtropical Region)

Chapter – 6

मानव-पर्यावरण अन्योन्यक्रिया : उष्णकटिबंधीय एवं उपोष्ण प्रदेश

Notes

अमेज़न बेसिन में जीवन – अमेज़न बेसिन उष्णकटिबंधीय प्रदेश कर्क रेखा और मकर रेखा के मध्य स्थित हैं। अमेज़न नदी इसी प्रदेश से होकर बहती है। अमेज़न नदी में बहुत सारी सहायक नदियाँ मिलकर अमेज़न बेसिन का निर्माण करती है। यह नदी बेसिन ब्राजील के भागों, पेरू के कुछ भागों, बोलीविया, इक्वाडोर, कोलंबिया तथा वेनेजुएला के छोटे भाग से अपवाहित होती है।

मुहाना – जिस स्थान पर कोई नदी किसी अन्य जल राशि में मिलती है, उसे नदी का मुहाना कहते हैं।

अमेज़न नाम कैसे पड़ा – अमेज़न जब स्पेन के अन्वेषकों ने इस नदी की खोज की तब सिर पर सुरक्षा कवच (हेडगियर) एवं घास के स्कर्ट पहने कुछ स्थानीय आदिवासियों ने उन पर आक्रमण किया। इन आक्रमणकारियों ने उन्हें प्राचीन रोमन साम्राज्य के अमेज़न नामक महिला योद्धाओं के आक्रामक समूह की याद दिला दी। इस प्रकार यहाँ का नाम अमेज़न पड़ा।

बेसिन – बेसिन मुख्य नदी अपनी सहायक नदियो के साथ जिस क्षेत्र के पानी को बहकर ले जाती है, वह उसका बेसिन जलसंग्रह कहलाता है।

सहायक नदियाँ – यह छोटी नदियाँ होती हैं, जो मुख्य नदी में मिलती हैं। मुख्य नदी अपनी सहायक नदियों के साथ जिस क्षेत्र के पानी को बहाकर ले जाती है वह उसका बेसिन अथवा जलसंग्रहण क्षेत्र कहा जाता है। अमेज़न बेसिन विश्व का सबसे बड़ा नदी बेसिन है।

अमेज़न की जलवायु – अमेज़न बेसिन भूमध्य रेखा के आस-पास फैला है। यहाँ पुरे वर्ष गर्म एवं नम जलवायु रहती है। यहाँ मौसम दिन एवं रात में एक समान रूप से गर्म एवं आर्द्र होता है तथा शरीर में चिपचिपाहट महसूस होती है। इस प्रदेश में लगभग प्रतिदिन वर्षा होती है।

वर्षा वन – इन प्रदेशों में अत्यधिक वर्षा के कारण यहाँ की भूमि पर सघन वन उग जाते हैं। वन इतने सघन होते हैं की पत्तियों तथा शाखाओं से ‘छत‘ सी बन जाती है जिसके कारण सूर्य का प्रकाश धरातल तक नहीं पहुँच पाता हैं।  

वर्षावन में प्राणिजात की प्रचुरता होती है। टूकन, गुंजन पक्षी और प्राणियों में बंदर, स्लॉथ, चीटीं खाने वाले टैपीर भी यहाँ पाए जाते हैं। इसके आलावा साँप, अजगर तथा एनाकोंडा एवं बोआ आदि पाए जाते है। जीवों की विविधता की दृष्टि से यह बेसिन समृद्ध है।

ब्रोमिलायड – एक विशेष प्रकार का पौधा है, जो अपनी पत्तियों में जल को संचित रखता है। मेढ़क जैसे प्राणी इन जल के पॉकेट का उपयोग अंडा देने के लिए करते हैं।

वर्षावन के निवासी – यहाँ के लोग छोटे-से क्षेत्र में वन के कुछ वृक्षों को काटकर अपने भोजन के लिए फसल उगाते हैं। यहाँ के पुरुष शिकार करते हैं तथा नदी में मछली पकड़ते हैं जबकि महिलाएँ फसलों का ध्यान रखती हैं।

• ये मुख्यत – टैपियोका, अनाननास एवं शकरकंद उगाते हैं। यहाँ ”कर्तन एवं दहन कृषि प्रद्धति” का प्रयोग करते हैं। इनका मुख्य आहार मेनियोक है, जिसे कसावा भी कहते हैं।

• वर्षावन अत्यधिक मात्रा में घरों के लिए लकड़ी प्रदान करते हैं। यहाँ के लोग पौराणिक तरीके से खेती करते रहे हैं।

• 1970 में ट्रांस अमेज़न महामार्ग बनने से वर्षावन के सभी भागों तक पहुँचना संभव हो गया।

गंगा-ब्रह्मपुत्र बेसिन में जीवन – गंगा तथा ब्रह्मपुत्र की सहायक नदियाँ मिलकर भारतीय उपमहाद्वीप में गंगा-ब्रह्मपुत्र बेसिन का निर्माण करती है यह बेसिन उपोष्ण में 100 उत्तर से 300 उत्तर अक्षांश के मध्य स्थित है।

घाघरा, सोन, चंबल, गंडक, कोसी जैसी सहायक नदियाँ इसमें अपवाहित होती हैं। और इनकें मैदान, पर्वत एवं हिमालय के गिरिपाद तथा सुंदरवन डेल्टा इस बेसिन की मुख्य विशेषताएँ है।

जनसंख्या घनत्व – जनसंख्या घनत्व का अर्थ है, एक वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में रहने वाले लोगों की संख्या।

उदाहरण – उत्तराखंड का जनसंख्या घनत्व 189 है, जबकि पश्चिम बंगाल का 1029 तथा बिहार का 1102 है।

अंधी डॉल्फिन – गंगा एवं ब्रह्मपुत्र नदी के अलवण जल में एक प्रकार की डॉल्फिन पाई जाती है जिसे स्थानीय भाषा में ‘सुंस’ (अथवा अंधी डॉल्फिन) कहा जाता है।

मानसूनीजलवायु – बेसिन क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की स्थलाकृति हैं। जनसंख्या के वितरण में पर्यावरण की प्रमुख भूमिका होती है। मैदानीं क्षेत्रों में जनसंख्या घनत्व अधिक है। यहाँ के लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि है। विभन्न भू-आकृतियों के अनुसार वनस्पति में भी विभन्नता पायी जाती है।

• गंगा नदी के संरक्षण के लिए ‘नमामी गंगे‘ कार्यक्रम को शुरू किया गया है।
• 2 अक्टूबर 2014 को ‘स्वच्छ भारत मिशन का शुभारंभ किया जून 2014 नमामि गंगे कार्यक्रम
• सुसु एक प्रकार की डॉल्फिन अंधी मछली होती है जो गंगा नदी में रहती है।

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