NCERT Solutions Class 7th Geography chapter – 5 जल (Water) Notes in Hindi

NCERT Solutions Class 7th Geography chapter – 5 जल (Water)

TextbookNCERT
Class 7th
Subject Geography Social Science
ChapterChapter – 5
Chapter Name
जल (Water)
CategoryClass 7th Social Science Geography 
Medium Hindi
SourceLast Doubt
NCERT Solutions Class 7th Geography अध्याय – 5 जल (Water) Notes in Hindi जल क्या है जल के उपयोग?, जल क्या है, इन हिंदी?, जल कितने प्रकार के होते हैं?, जल का हमारे जीवन में क्या महत्व है?, जल का स्रोत क्या है?, जल में क्या क्या पाया जाता है?, जल के दो अर्थ क्या है?, जल के तीन रूप क्या है?, पानी के तीन प्रकार क्या हैं?, मनुष्य के शरीर में कितना पानी है?, मानव शरीर में कितना पानी होता है, मनुष्य बिना पानी के कितने दिन तक जीवित रह सकता है?, पृथ्वी पर जल की मात्रा कितनी है?, जल के कितने राज्य हैं?, पानी का रंग कौन सा होता है?, शरीर में पानी की कमी क्या है?, रोज कितना पानी पीना चाहिए?, एक आदमी को 1 दिन में कितना पानी पीना चाहिए?, भारत में कितना पानी है?, कौन से देश में सबसे ज्यादा पानी है?, एक बादल में कितना पानी होता है?, भारत के किस राज्य में सबसे शुद्ध पानी है?, भारत में पानी की कमी कब शुरू हुई?, भारत का पानी कहां से आता है?, आदि के बारे में पढ़ेंगे।

NCERT Solutions Class 7th Geography chapter – 5 जल (Water) 

जल चक्र – पृथ्वी पर मौजूद जल विभिन्न रूपों में बदलते हुए समुद्र, वायुमंडल और जमीन पर हमेशा गतिमान रहता है। इस प्रक्रिया को जल चक्र कहते हैं।

जल का वितरण – हमारी पृथ्वी की सतह का दो तिहाई भाग पानी से भरा हुआ है। पृथ्वी पर दो तरह का जल पाया जाता है: खारा जल और मीठा जल। इन्हें लवणीय जल और अलवणीय जल भी कहते हैं। समुद्र का पानी खारा या लवणीय होता है, जबकि नदियों का पानी मीठा या अलवणीय होता है। पृथ्वी पर मौजूद जल का 97.3% भाग सागर और समुद्र में लवणीय जल के रूप में रहता है। शेष तीन प्रतिशत से भी कम अलवणीय जल के रूप में रहता है। मीठे पानी का अधिकतर हिस्सा बर्फ के रूप में ग्लेशियर और आइसबर्ग में है, जिनका इस्तेमाल हम नहीं कर पाते हैं। यानि पृथ्वी पर उपलब्ध जल का बहुत ही छोटा हिस्सा नदियों, झीलों और भौमजल के रूप में है और जो हमारे इस्तेमाल लायक है।

जलाशयप्रतिशत
सागर97.3
हिमखंड2.0
भौमजल0.68
मीठे पानी की झील0.009
नमकीन पानी की झील0.009
वायुमंडल0.0019
नदी0.0001
कुल100

महासागरीय परिसंचरण – अब आपकी समझ में आ गया होगा कि हमारे इस्तेमाल के लिए कितनी कम मात्रा में जल उपलब्ध है। हम कह सकते हैं कि जल एक विरल संसाधन है। इसलिए हमें बहुत सूझ बूझ के साथ जल का इस्तेमाल करना चाहिए।

समुद्र का जल हमेशा गतिशील रहता है। यह गति कई प्रकार की होती है: लहरें, धाराएँ और ज्वार-भाटा।

तरंगें – समुद्र की सतह पर बार बार उठते गिरते हुए जल को लहर कहते हैं। जब पवन समुद्र की सतह को छूते हुए बहती है तो लहरें बनती हैं। यदि पवन तेज होती है तो लहरें बड़ी हो जाती हैं। तूफान के समय विशाल लहरें उठती हैं। इनसे भयानक तबाही हो सकती है। कई बार भूकंप, ज्वालामुखी या जमीन खिसकने के कारण समुद्र का जल भारी मात्रा में विस्थापित होता है। इससे विशाल लहरें उठती हैं जिसे सुनामी कहते हैं। सुनामी की ऊँचाई 15 मीटर तक हो सकती है। आज तक का सबसे बड़ा सुनामी 150 मीटर ऊँचा था। सुनामी की गति 700 किलोमीटर प्रति घंटे तक होती है।

ज्वार भाटा – समुद्र का जल दिन में दो बार उठता और गिरता है। इस गति को ज्वार भाटा कहते हैं। जब समुद्र का पानी अपने सर्वाधिक स्तर पर होता है तो इसे ज्वार कहते हैं। जब समुद्र का पानी अपने निम्नतम स्तर पर होता है तो इसे भाटा कहते हैं। सूर्य और चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण बल के खिंचाव के कारण ज्वार भाटा का निर्माण होता है। ज्वार-भाटा दो प्रकार के होते हैं: वृहत ज्वार भाटा और लघु ज्वार भाटा।

वृहत ज्वार भाटा- पूर्णिमा और अमावस्या के दिन पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा एक सीधी रेखा में रहते हैं। इन दो दिनों को ज्वार अपने अधिकतम स्तर पर पहुँचता है। इसे वृहत ज्वार भाटा कहते हैं।

लघु ज्वार भाटा-  जब चंद्रमा अपने पहले और तीसरे चतुर्थांश (क्वार्टर) में होता है तो सूर्य और चंद्रमा पृथ्वी से एक दूसरे से लम्बवत रेखा में होते हैं। ऐसे में ज्वार अधिकतम स्तर तक नहीं पहुँच पाता है। इसे लघु ज्वार भाटा कहते हैं।

महासागरीय धाराएँ – महासागर की सतह पर नियमित रूप से निश्चित दिशा में बहने वाली जलधारा को महासागरीय धारा कहते हैं। महासागरीय धाराओं से किसी स्थान के तापमान पर असर पड़ता है। महासागरीय धाराएँ दो तरह की होती हैं: गर्म और ठंडी।

गर्म धाराएँ – ये धाराएँ विषुवत रेखा से निकलती हैं ध्रुवों की ओर जाती हैं। इससे तटीय इलाकों का तापमान बढ़ जाता है। उदाहरण: गल्फ स्ट्रीम।

ठंडी धाराएँ – ये धाराएँ ध्रुवों या ऊँचे अक्षांशों से निकलती हैं और उष्ण कटिबंध की ओर बहती हैं। इन धाराओं से तटीय इलाकों का तापमान घट जाता है। उदाहरण: लैब्राडोर करेंट।

जहाँ पर गर्म और ठंडी जलधाराएँ मिलती हैं वहाँ मछली पकड़ने के लिए आदर्श स्थिति होती है। जापान के आस पास और उत्तरी अमेरिका के पूर्वी तट पर ऐसा ही होता है। लेकिन ऐसे स्थानों पर कोहरा छाने के कारण समुद्री परिवहन में मुश्किल होती है।

NCERT Solution Class 7th भूगोल Notes in Hindi
अध्याय – 1 पर्यावरण
अध्याय – 2 हमारी पृथ्वी के अंदर
अध्याय – 3 हमारी बदलती पृथ्वी
अध्याय – 4 वायु
अध्याय – 5 जल
अध्याय – 6 मानव-पर्यावरण अन्योन्यक्रिया : उष्णकटिबंधीय एवं उपोष्ण प्रदेश
अध्याय – 7 रेगिस्तान में जीवन
NCERT Solution Class 7th भूगोल Question Answer in Hindi
अध्याय – 1 पर्यावरण
अध्याय – 2 हमारी पृथ्वी के अंदर
अध्याय – 3 हमारी बदलती पृथ्वी
अध्याय – 4 वायु
अध्याय – 5 जल
अध्याय – 6 मानव-पर्यावरण अन्योन्यक्रिया : उष्णकटिबंधीय एवं उपोष्ण प्रदेश
अध्याय – 7 रेगिस्तान में जीवन
NCERT Solution Class 7th भूगोल MCQ in Hindi
अध्याय – 1 पर्यावरण
अध्याय – 2 हमारी पृथ्वी के अंदर
अध्याय – 3 हमारी बदलती पृथ्वी
अध्याय – 4 वायु
अध्याय – 5 जल
अध्याय – 6 मानव-पर्यावरण अन्योन्यक्रिया : उष्णकटिबंधीय एवं उपोष्ण प्रदेश
अध्याय – 7 रेगिस्तान में जीवन

You Can Join Our Social Account

YoutubeClick here
FacebookClick here
InstagramClick here
TwitterClick here
LinkedinClick here
TelegramClick here
WebsiteClick here