NCERT Solutions Class 7th Hindi Grammar (व्याकरण) अनुच्छेद-लेखन

NCERT Solutions Class 7th Hindi Grammar (व्याकरण) अनुच्छेद-लेखन

TextbookNCERT
Class Class 7th
Subject Hindi
Chapterहिन्दी व्याकरण  (Grammar)
Grammar Nameअनुच्छेद-लेखन
CategoryClass 6th  Hindi हिन्दी व्याकरण व प्रश्न अभ्यास 
Medium Hindi
SourceLast Doubt
NCERT Solution Class 7th Hindi Grammar अनुच्छेद-लेखन भाषा के कितने अंग होते हैं? अनुच्छेद,परोपकार,प्रातः काल सैर।, स्वास्थ्य ही धन है।, हिमालय, राष्ट्रध्वज, बाल दिवस, किसान, हमारा राष्ट्रीय पक्षी मोर, भ्रष्टाचार अनुच्छेद-लेखन अनुच्छेद लेखन कैसे लिखा जाता है?, एक अच्छा अनुच्छेद कैसे लिखें?, अनुच्छेद लेखन में क्या ध्यान रखना चाहिए?, अनुच्छेद लेखन उदाहरण सहित क्या है?, अनुच्छेद लिखने की मुख्य विशेषताएं क्या हैं?, अनुच्छेद को क्या कहा जाता है?, अनुच्छेद क्या है और इसकी संरचना क्या है? आदि के बारे में बात करेंगे।

NCERT Solutions Class 7th Hindi Grammar (व्याकरण) अनुच्छेद-लेखन

अनुच्छेद-लेखक – भी एक कला है। किसी विषय पर सीमित शब्दों में अपने विचार लिखना ही अनुच्छेद लेखन है। निबंध तथा अनुच्छेद में अंतर होता है। निबंध में किसी विषय के सभी बिंदुओं की विस्तार से चर्चा की जाती है, लेकिन अनुच्छेद में उन बिंदुओं का निचोड़ एक ही अनुच्छेद में प्रकट किया जाता है। इस प्रकार अनुच्छेद को निबंध का लघुतम रूप कहा जा सकता है।

अनुच्छेद लेखन के संबंध में कुछ ध्यान देने योग्य बातें।

(i) अनुच्छेद की भाषा सरल होनी चाहिए।
(ii) इनके वाक्य छोटे-छोटे होने चाहिए।
(iii) इसमें अनावश्यक विस्तार नहीं करना चाहिए।
(iv) विषय से संबंधित सभी प्रमुख बिंदुओं को अनुच्छेद में समाहित करने का प्रयास करना चाहिए।
(v) यदि शब्द सीमा दी गई हो तो उसका पालन करना चाहिए।

परोपकार

किसी कवि ने ठीक ही कहा है- ‘यही पशु है कि आप-आप ही चरे, वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे। परहित या परोपकार ही मानव-जीवन का धर्म है। परोपकार की भावना के बिना मनुष्य और पशु में कोई अंतर नहीं रह जाता। इस संसार के सभी तत्व मनुष्य के उपकार में लगे हुए हैं। नदी अपना जल स्वयं नहीं पीती। वृक्ष अपने फल स्वयं नहीं खाते; वर्षा अपने लिए नहीं बरसती; वायु अपने लिए नहीं चलती। अनेक महापुरुषों तथा साधु-संतों का जीवन भी इस बात का साक्षी है कि दूसरों के लिए जीवन ही वास्तविक जीवन है। स्वामी विवेकानंद, महात्मा गांधी, मदर टेरेसा, आदि के जीवन में यह भली-भाँति स्पष्ट हो जाता है कि मानव को सदैव परोपकार में लगा रहना चाहिए।

प्रातः काल सैर

प्रात: काल की सैर – का आनंद अनूठा होता है। इस समय वातावरण शांत एवं स्वच्छ होने से तन-मन को अद्भुत शांति एवं राहत मिलती है। प्रात:काल की सैर से व्यक्ति निरोगी रहता है। दिन भर कार्य करने की शक्ति एवं स्फूर्ति मिल जाती है। कार्य करने में मन लगता है और थकावट नहीं होती है। यदि सैर करने के लिए किसी बगीचे या पार्क में जाए तो आनंद दुगुना हो जाता है। उच्च रक्तचाप, तनाव, थकान, मोटापा, मधुमेह इत्यादि बीमारियों से मुक्ति मिल सकती है। अतः प्रात:काल की सैर अनेक रूपों में लाभदायक सिद्ध होती है। हमें प्रात:काल की सैर का आनंद अवश्य उठाना चाहिए।

स्वास्थ्य ही धन है का अर्थ

स्वास्थ्य हमारे लिए सबसे बड़ा धन है। यदि किसी के पास धन हो तो वह जीवन के कुछ सुखों से वंचित रह सकता है; लेकिन स्वास्थ्य न हो तो उसे किसी प्रकार का सुख नहीं मिल सकता। स्वास्थ्य अच्छा न होने पर मन हर समय खिला रहता है। अच्छे से अच्छा खाना भी अप्रिय लगता है। व्यक्ति सैर-सपाटे का आनंद नहीं उठा सकता। बीमार व्यक्ति को अच्छी बातें भी बुरी लगती हैं। अतः अपने स्वास्थ्य पर पूरा ध्यान रखना चाहिए। इसके लिए संतुलित भोजन, गहरी नींद, समय पर शयन एवं जागरण इत्यादि का ध्यान रखना चाहिए।
 
अच्छे स्वास्थ्य के इच्छुक व्यक्ति को नियमित व्यायाम करना चाहिए। उसे चिंता से दूर रहना चाहिए तथा हर समय प्रसन्न रहना चाहिए। चित्त की प्रसन्नता सौ तरह की व्याधियों से बचाती है और संयमित जीवन व्यक्ति को स्वास्थ्य बनाने में अहम योगदान देता है। इसलिए सच ही कहा गया है कि स्वास्थ्य कीमती है, इसकी हर प्रकार से रक्षा करने का उपाय करना चाहिए।

हिमालय

भारत के उत्तर में भारत माता के मस्तक पर मुकुट की भाँति ‘सुशोभित’ हिमालय भारत के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। यह भारत की गौरव तथा रक्षक है। भारत की सीमाओं का यह प्रहरी अनेक युगों से भारत की रक्षा करता आया है। भारत के उत्तर में एक तपस्वी की भाँति अचल, दृढ़ और मौन होकर खड़ा हिमालय हमें धैर्य, सहनशीलता और दृढ़ता का पाठ पढ़ाता है। यदि हिमालय न होता तो भारत की शस्य, श्यामला धरती मरुभूमि होती तथा धरती धन्य धान्य से पूर्ण न होती। इससे निकलने वाली अनेक पवित्र नदियाँ भारतवासियों के लिए गौरव की वस्तु हैं। हिमालय के कारण ही आज हम अनेक प्रकार से सुरक्षित तथा ऐश्वर्यशाली हैं। दिनकर जी ने ठीक ही कहा है-‘मेरे नगपति मेरे विशाल’।

राष्ट्रध्वज

हर देश का प्रतीक उस राष्ट्र का राष्ट्रध्वज होता है। यह देश की नीतियों, परंपराओं व सिद्धांतों को व्यक्त करता है। भारत का राष्ट्रध्वज तीन रंगों की तीन पट्टियों से बना है। सबसे ऊपर केसरिया रंग की पट्टी है जो शूरवीरता का प्रतीक है। बीच की पट्टी सफ़ेद रंग की है जो शांति का प्रतीक है। तीसरी पट्टी में नीले रंग का अशोक चक्र है जो देश की उन्नति का प्रतीक है। तो वहीं तीसरी पट्टी का हरा रंग देश की समृधि का प्रतीक है। राष्ट्रध्वज का सम्मान करना हर नागरिक का कर्तव्य है। यह नागरिकों में उत्साह का संचार करता है। राष्ट्रध्वज का सम्मान किसी भी व्यक्ति के सम्मान तथा जाने से अधिक महत्त्वपूर्ण है।

बाल दिवस

14 नवंबर भारत के प्रथम प्रधानमंत्री स्व० जवाहर लाल नेहरू का जन्म दिवस है। उन्हें बच्चों से विशेष स्नेह था। बच्चे भी उन्हें प्यार से ‘चाचा नेहरू’ कहा करते थे। नेहरू जी की इच्छा थी कि उनका जन्म-दिन बाल दिवस के रूप में मनाया जाए। अतः 14 नवंबर को बाल-दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन विद्यालयों में अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं तथा स्थान-स्थान पर बाल मेले भी लगते हैं। बच्चे बड़े उत्साह से इन कार्यक्रमों में भाग लेते हैं। इस दिन विद्यालयों में मिठाइयाँ और फल आदि वितरित किए जाते हैं, बालकों को चाहिए कि नेहरू जी के आदर्शों को अपने जीवन में अपनाएँ। बच्चे ही राष्ट्र की नींव हैं; अतः उनकी उन्नति में ही राष्ट्र की उन्नति है।

किसान

किसान का जीवन काफ़ी संघर्षशील है। वह खेतों में दिन-रात परिश्रम करता है तथा अन्न उगाकर सभी का पेट भरता है। सूर्योदय होते ही वह अपने हल-बैल लेकर खेत पर चला जाता है तथा दिन-भर वहीं काम करता है। गरमी-सरदी बरसात सभी ऋतुओं में उसे कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। किसान का जीवन अत्यंत सादा होता है। वह रूखा सूखा खाकर अपना निर्वाह कर लेता है। पर संसार भर को अन्न प्रदान करता है। यदि वह अन्न न उगाए, तो लोग भूखे मर जाएँ। किसान ने कभी अपने सुख चैन या आराम की परवाह नहीं की। उसे तो अन्य लोगों की चिंता लगी रहती है। इतना परिश्रम करने वाला किसान स्वयं निर्धन होता है फिर भी वह अपने कच्चे घर में, अपने परिवार के साथ संतुष्ट रहता है।

हमारा राष्ट्रीय पक्षी मोर

हमारा राष्ट्रीय पक्षी मोर है। सभी पक्षियों में पोर अपनी सुंदरता के कारण सभी का मन मोह लेता है। मोर की सुंदरता के कारण ही उसे भारत का राष्ट्रीय पक्षी माना गया है। मोर के पंख बहुत ही सुंदर होते हैं। इन पर चमकदार रंग-बिरंगे चाँद होते हैं। मोर की गरदन नीले रंग की तथा लंबी होती है। इसके सिर पर मुकुट-सा लगा होता है। मोर का नाच बहुत ही आकर्षक होता है। नाचते समय वह अपने पंख पसार लेता है। वर्षा ऋतु में बादलों की गर्जना सुनकर मोर को नाचते देखा जा सकता है। यह किसान का मित्र है, क्योंकि यह खेतों में कीड़े-मकोड़े तथा साँपों को खा जाता है। वह सुंदरता और प्रसन्नता का प्रतीक है। अनेक लोग पंखों से सजावट की वस्तुएँ बनाकर अपने घरों को सजाते हैं।

भ्रष्टाचार

भ्रष्टाचार का अर्थ है भ्रष्ट आचरण । भ्रष्टाचार आज हमारे देश की ज्वलंत समस्या है। आज जीवन का कोई ऐसा क्षेत्र नहीं बचा है जहाँ भ्रष्टाचार का बोलबाला न हो। सरकारी तंत्र में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। नेता, मंत्री और अफ़सर ही नहीं, कार्यालय का चपरासी तक भ्रष्ट है। इसका सबसे बड़ा कारण लोगों का नैतिक पतन और लोभ है, जिसे जब मौका मिलता है बेईमानी और रिश्वत खोरी पर उतर आता है। ऐसे में देश का ईश्वर ही मालिक है। जो रक्षक है, वही भक्षक बने बैठे हैं। इसके चलते देश का बेड़ा गर्क हो रहा है। अतः आवश्यक है कि भ्रष्टाचार के विरुद्ध जन आंदोलन चलाया जाए। साथ-ही-साथ आम लोग भी इसका प्रण लें कि ये न तो भ्रष्टाचार में लिप्त होंगे और न ही भ्रष्टाचारियों को किसी प्रकार का प्रोत्साहन ही देंगे।

NCRET Solution Class 7th Hindi Grammar Vyakaran 
भाषा और व्याकरण
वर्ण विचार     
शब्द विचार
वर्तनी
संज्ञा
लिंग (संज्ञा के विकार)
वचन
कारक
सर्वनाम
विशेषण
क्रिया
काल
वाच्य
अव्यय
संधि
समास
उपसर्ग एवं प्रत्यय
वाक्य
वाक्य अशुद्धियाँ एवं संशोधन
विराम-चिह्न
मुहावरे एवं लोकोक्तियाँ
शब्द-भंडार
अपठित गद्यांश
संवाद-लेखन
अनुच्छेद-लेखन
निबंध-लेखन
पत्र लेखन

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