NCERT Solutions Class 6th Social Science (भूगोल) Chapter – 1 सौरमंडल में पृथ्वी (The Earth in the Solar System) Notes in Hindi

NCERT Solutions Class 6th Social Science (भूगोल) Chapter – 1 सौरमंडल में पृथ्वी (The Earth in the Solar System)

TextbookNCERT
Class 6th
Subject भूगोल (Geography)
Chapter1st
Chapter Name सौरमंडल में पृथ्वी (The Earth in the Solar System)
GeographyClass 6th भूगोल 
Medium Hindi
SourceLast Doubt
NCERT Solutions Class 6th Social Science (भूगोल) Chapter – 1 सौरमंडल में पृथ्वी (The Earth in the Solar System) Notes in Hindi जिसमे हम खगोलीय पिंड, तारा, नक्षत्रमंडल, ग्रह, तारे और ग्रह में अंतर, उपग्रह, कृत्रिम उपग्रह के उपयोग, सौरमंडल, सूर्य, ग्रह, आकाशगंगा, ब्रह्मांड, उल्का और उल्कापिंड, क्षुद्रग्रह, चंद्रमा की कलाएँ, चंद्रमा, पृथ्वी, मनुष्य को किसने बनाया, भगवान से पहले कौन था, दुनिया का सबसे बड़ा तारा कौन सा है, कौन सा ग्रह उल्टा घूमता है, हरा ग्रह कौन सा है, सबसे छोटा ग्रह कौन सा है, ब्रह्मांड में कितने सूर्य हैं, गूगल कितने तारे होते हैं, टूटता तारा कब दिखाई देता है, के बारे में पढ़ेंगे।

NCERT Solutions Class 6th Social Science (भूगोल) Chapter – 1 सौरमंडल में पृथ्वी (The Earth in the Solar System)

Chapter – 1

सौरमंडल में पृथ्वी

Notes

सौरमंडल – सूर्य, आठ ग्रह, उपग्रह तथा कुछ अन्य खगोलीय पिंड, जैसे क्षुद्र ग्रह एवं उल्का पिंड मिलकर सौरमंडल का निर्माण करते हैं। उसे हम सौर परिवार का नाम देते हैं जिसका मुखिया सूर्य है।

पूर्णिमा – हम सभी चमकीली वस्तुओं के रूप में प्रतिदिन चंद्रमा को भी देखते हैं। यह अलग-अलग समय पर अलग आकार तथा अलग स्थितियों में दिखाई पड़ता है। आप पूर्ण चंद्र को लगभग एक महीने में एक बार देख सकते हैं। यह पूर्ण चंद्रमा वाली रात को ही  पूर्णिमा कहा जाता है।

अमावस्या – जब आकाश में हमें चाँद बिल्कुल नहीं दिखाई देता है तो हम ऐसे समय को या फिर उस रात को अमावस्या कहते है।

खगोलीय पिंड – हम आकाश में अनगिनत चमकदार पिंडों को देख पाते हैं, जैसे कि सूर्य, चंद्रमा, तारे, ग्रह, इत्यादि। इन पिंडों को खगोलीय पिंड कहते है।

ताराकुछ खगोलीय पिंड बहुत ही विशाल और गर्म होते हैं और गैसों से बने होते हैं। इन खगोलीय पिंडों की अपनी ऊष्मा और प्रकाश होता है। जो खगोलीय पिंड अपना प्रकाश और ऊष्मा विसर्जित करता है उसे तारा कहते हैं। सूर्य एक तारा है। तारे से आने वाली रोशनी कांपती हुई दिखती है। इसे तारों का टिमटिमाना कहते हैं। सूर्य हमसे काफी नजदीक है, इसलिए बहुत बड़ा दिखता है। अन्य तारे हमसे बहुत दूर हैं, इसलिए वे चमकदार बिंदुओं की तरह दिखाई देते हैं। आपको तो पता ही होगा कि जब चीजें हमसे दूर होती जाती हैं तो वे छोटी नजर आती हैं। तारे केवल रात में दिखाई देते हैं। दिन के समय सूर्य की रोशनी के कारण तारे दिखाई नहीं देते हैं।

नक्षत्रमंडलरात में जब आप गौर से आकाश में देखेंगे तो आपको लगेगा कि तारों के कुछ समूह अलग-अलग पैटर्न बनाते हैं। तारों के ऐसे पैटर्न को नक्षत्रमंडल कहते हैं। नक्षत्रमंडल का एक उदाहरण है अर्सा मेजर या बिग बियर। अर्सा माइनर या स्मॉल बियर एक दूसरा नक्षत्रमंडल है जो अर्सा मेजर जैसा दिखता है लेकिन आकार में बहुत छोटा होता है। अर्सा मेजर को हिंदी में सप्तऋषि कहते हैं, क्योंकि इस नक्षत्रमंडल में सात मुख्य तारे हैं। दोनों ही नक्षत्रमंडल किसी कलछी की तरह दिखते हैं, इसलिए इन्हें बिग डिप्पर और स्मॉल डिप्पर भी कहते हैं।

किसी बड़े की मदद से आप इन्हें आसानी से आसमान में देख सकते हैं। इनकी मदद से आप ध्रुवतारे को भी खोज सकते हैं उत्तरी गोलार्ध में ध्रुवतारा हमेशा उत्तर दिशा में दिखता है। आकाश में ध्रुवतारे की स्थिति निश्चित होती है और पूरे रात के दौरान बदलती नहीं है। इसलिए पुराने जमाने में ध्रुवतारे की मदद से नाविक और कारवां वाले अपना रास्ता ढूंढ़ लेते थे।

अर्सा मेजर या बिग बीयर – यह एक प्रकार का नक्षत्रमंडल है यह बहुत आसनी से पहचान में आने वाला नक्षत्रमंडल है। सप्तऋषि (सप्त-सात, ऋषि-संत) यह सात तारो का समूह है जो की नक्षत्रमंडल अर्सा मेजर का भाग है।

ध्रुव तारा – प्राचीन समय में लोग रात में दिशा का पता लगाने के लिए तारों की मदद लेते थे। उत्तर तारा उत्तर दिशा को बताता है। इसे ध्रुव तारा भी कहा जाता है।

ग्रहकुछ खगोलीय पिंड किसी एक तारे के चारों ओर चक्कर लगाते रहते हैं। इन्हें ग्रह कहते हैं। ग्रह के पास अपना प्रकाश नहीं होता है। हमारी पृथ्वी एक ग्रह है।

तारे और ग्रह के बीच अंतर

तारेग्रह
यह विशाल आकार का होता है।तारे की तुलना में यह छोटे आकार का होता है।
इसका अपना प्रकाश होता है।इसका अपना प्रकाश नहीं होता है।
तारे टिमटिमाते है।ग्रह नहीं टिमटिमाते है।

प्लेनेटप्लेनेट को हिंदी में ग्रह कहते है ग्रीक भाषा के प्लेनेटाई सब्द से बना है जिसका अर्थ होता है परिभ्र्रमक अर्थात चरों ओर घूमने वाला।

उपग्रहकुछ खगोलीय पिंड किसी ग्रह का चक्कर लगाते हैं। इन्हें उपग्रह कहते हैं। उपग्रह का एक अच्छा उदाहरण है चंद्रमा। आजकल मानव-निर्मित या कृत्रिम उपग्रह भी अंतरिक्ष में घूमते रहते है।

मानव-निर्मित उपग्रहएक कृत्रिम पिंड है। यह वैज्ञानिकों के द्वारा बनाया गया है, जिसका उपयोग ब्रह्माण्ड के बारे में जानकारी प्राप्त करने एवं पृथ्वी पर संचार माध्यम के लिए किया जाता है। इसे रॉकेट के द्वारा अंतरिक्ष में भेजा जाता है एवं पृथ्वी की कक्षा में स्थापित कर दिया जाता है। अंतरिक्ष में उपस्थित कुछ भारतीय उपग्रह इनसेट, आई. आर.एस. एडूसैट इत्यादि है।

सूर्यसूर्य ही सौर मंडल का केंद्र है। यह विशाल आकार का है और तप्त गैसों से बना हुआ है। सूर्य के आकर्षण बल के कारण सौर मंडल के सदस्य एक दूसरे से बंधकर रहते हैं। सूर्य से हम बहुत दूर रहते हैं इसलिए हमें इसकी अत्यधिक ऊष्मा का अहसास नहीं होता है। दरअसल, सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी 15 करोड़ किमी है प्रकाश कि गति 300,000 किमी प्रति सेकंड होती है। इतनी तेज गति से चलने पर भी प्रकाश को सूर्य से पृथ्वी तक पहुँचने में लगभग 8 मिनट लग जाते है।

पृथ्वीसूर्य से दूरी के क्रम में पृथ्वी तीसरे नम्बर पर आती है। यह सौर मंडल का पाँचवां सबसे बड़ा ग्रह है। पृथ्वी का आकार गोल है जो अपने दोनों सिरों पर चपटा है। ऐसे आकार को भू-आभ (जीऑयड) आकार कहते हैं पृथ्वी इकलौता ज्ञात ग्रह है जहाँ जीवन मौजूद है। पृथ्वी ना तो अधिक गर्म है न अधिक ठंडी। यहाँ पर पानी और हवा मौजूद है। सजीवों के लिए पानी अत्यंत आवश्यक है। हवा में ऑक्सीजन उपस्थित है जो सजीवों के लिए अत्यंत आवश्यक है। इस तरह से पृथ्वी पर जीवन को पालने के लिए बिलकुल सही परिस्थितियाँ मौजूद हैं। पृथ्वी का लगभग दो तिहाई हिस्सा पानी से ढ़का हुआ है। इसलिए अंतरिक्ष से देखने पर पृथ्वी नीले रंग की दिखाई देती है। इसलिए पृथ्वी को नीला ग्रह भी कहते है।

चंद्रमासौर मंडल में हमारा सबसे नजदीकी पड़ोसी है चंद्रमा। यह पृथ्वी का इकलौता उपग्रह है। पृथ्वी से चन्द्रमा की दूरी 384,000 कि.मी. है। पृथ्वी से इतना नजदीक होने के कारण ही यह अन्य खगोलीय पिंडों की तुलना में बहुत बड़ा दिखता है। चंद्रमा का व्यास पृथ्वी के व्यास का एक चौथाई ही है। चंद्रमा को पृथ्वी के चारों ओर एक चक्कर लगाने में 27 दिन लगते हैं। चंद्रमा को अपने अक्ष पर एक बार घूमने में भी 27 दिन ही लगते हैं। यही कारण है कि चंद्रमा का एक हिस्सा कभी भी धरती से दिखाई नहीं देता है। इसलिए हम अलग-अलग दिनों पर चंद्रमा की अलग-अलग कलाएँ देख पाते है।

चंद्रमा की कलाएँजब चंद्रमा एक वृत्ताकार तश्तरी के रूप में दिखता है तो इसे पूर्ण चंद्र या पूर्णिमा का चांद कहते हैं। जब आकाश में चांद बिलकुल नहीं दिखता है तो उस रात को अमावस्या कहते हैं। इसे नवचंद्र भी कहते हैं। जब चंद्रमा किसी हँसिये की तरह दिखता है तो इसे नवचंद्र कहते हैं। इस तरह से चंद्रमा की आकृति बदलती रहती है। महीने में एक बार पूर्णिमा होती है और एक बार अमावस्या होती है। चंद्रमा की जलवायु बहुत ही कठोर है और जीवन के लिए अनुकूल नहीं है। चंद्रमा की सतह पर अनगिनत पहाड़ और गड्ढ़े हैं। पूर्णिमा के चांद को गौर से देखने पर इन पहाड़ों और गड्ढ़ों को देखा जा सकता है।

क्षुद्र ग्रहसूर्य के चारों ओर असंख्य छोटे-छोटे पिंड घूमते रहते हैं। ये पिंड मंगल और बृहस्पति की कक्षाओं के बीच रहते हैं। इन्हें क्षुद्रग्रह कहते हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि क्षुद्रग्रह उन ग्रहों के टुकड़े हैं जो करोड़ों वर्ष पहले विस्फोट के कारण टूट गये थे।

उल्कापिंडसूर्य के चारों ओर चक्कर लगाने वाले पत्थरों के छोटे छोटे टुकड़ों को उल्कापिंड कहते है। कभी – कभी ये उल्कापिंड पृथ्वी के ईतने नजदीक आजाते है की इनकी प्रवृति पृथ्वी गिराने वलै होती है।इस प्रक्रिया के दौरान वायु के साथ घर्षण होने के कारन जल जाते है फलस्वरूप चमकदार प्रकाश उत्तपन्न होती है कभी – कभी कोई उल्का पूरी तरह जले बिना  पृथ्वी पर गिरती है जिससे धरातल पर गड्डे बन जाते है।

बुधबुध सूर्य के चारो ओर एक बार परिक्रमा करने में लगभग 88 दिन लगाता है। वही अपने अक्ष पर घूर्णन करने में 59 दिन लगाता है।

मंगलमंगल सूर्य के चारो ओर एक बार परिक्रमा करने में लगभग 687 दिन लगाता है। वही अपने अक्ष पर घूर्णन करने में 1 दिन लगाता है।

आंतरिक ग्रह (Inner Planet) आंतरिक ग्रह सूर्य के बहुत नजदीक है ये चट्टानों से बने होते है।

बाह्य ग्रह (Outer Planet) बाह्य ग्रह  सूर्य से बहुत दूर होते है तथा आकार में बड़े होते है। ये तरल पदार्थ और गैस से बने होते है।

उल्का और उल्कापिंडसूर्य के चारों ओर घूमने वाले पत्थरों के छोटे-छोटे टुकड़ों को उल्कापिंड कहते हैं। कई बार ये धरती के वायुमंडल में प्रवेश कर जाते हैं। वायुमंडल में प्रवेश करते समय घर्षण के कारण इतनी ऊष्मा उत्पन्न होती है कि पत्थर के ये टुकड़े जलकर राख हो जाते हैं। ऐसे समय में ये आकाश से तेजी से गुजरने वाली एक चमकीली रेखा के रूप में नजर आते हैं। इसे उल्का कहते हैं। कभी-कभी साबुत उल्कापिंड भी पृथ्वी की सतह पर गिर जाता है। वैज्ञानिकों का मानना है उल्का गिरने से ही डायनोसॉर का अंत हो गया था।

आकाशगंगाकरोड़ों तारों के एक तंत्र को आकाशगंगा कहते हैं। हमारी आकाशगंगा का अंग्रेजी नाम मिल्की वे है। रात में जब आसमान साफ होता है तो आपको एक तरफ से दूसरी तरफ जाती हुई एक सफेद चमकीली पट्टी दिखाई देगी। यही हमारी आकाशगंगा है।

ब्रह्माण्डहमारा ब्रह्माण्ड करोड़ों आकाशगंगाओं से मिलकर बना है। यह इतना विशाल है कि वैज्ञानिक अब तक ब्रह्माण्ड के आकार का सही अनुमान नहीं लगा पाये है।

ज्योग्राफ़ी शब्द की उत्पत्तिऐसे बहुत से शब्द जिनका उपयोग हम एक भाषा में करते हैं, अक्सर वे दूसरी भाषाओं से लिए गए शब्द हो सकते हैं। उदहारण के लिए, ज्योग्राफ़ी एक अंग्रेजी शब्द है। जिसका अर्थ है, पृथ्वी का विवरण। यह दो ग्रीक शब्दों से मिलकर बना है, जिनमे ‘ge’ शब्द का अर्थ है पृथ्वी एवं ग्राफिया (Graphic) का अर्थ है, लिखना।

खगोल शास्त्रीरात में आसमान को देखकर मनुष्य हमेशा से मोहित हुआ है। खगोलीय पिंडो एवं उनकी गति के संबध में अध्ययन करने वालो को खगोल शास्त्री कहते हैं। आर्यभट्ट प्राचीन भारत के प्रसिद्ध खगोल शास्त्री थे उन्होंने कहा था की सभी ग्रह तथा चन्द्रमा प्रवर्तित सूर्यप्रकाश के कारण चमकते है। आज विश्व के सभी भागों में खगोलविद ब्रह्मांड के रहस्यों को खोजने में लगे है।

सूर्य के प्रकाश की गतिप्रकाश की गति लगभग 3,00,000 कि.मी./प्रति सेकंड है। इस गति के बावजूद सूर्य के प्रकाश को पृथ्वी तक पहुंचने में लगभग 8 मिनट का समय लगता है।

नील आर्मस्ट्रांगनील एल्डन आर्मस्ट्रांग एक अमेरिकी खगोलयात्री और चंद्रमा पर कदम रखने वाले पहले व्यक्ति थे। जिन्होंने 20 जुलाई 1969 को सबसे पहले चंद्रमा की सतह पर कदम रखा था।

कक्षासौरमंडल के सभी आठ गृह एक निश्चित पथ पर सूर्य का चक्कर लगाते हैं। ये रास्ते दीर्घवृताकार में फैला हुआ हैं यही कक्षा कहलाता हैं।

भू-आभभू-आभ का अर्थ हैं पृथ्वी के समान आकार। सूर्य से दुरी के हिसाब से पृथ्वी तीसरा गृह हैं। आकर में यह पाँचवाँ सबसे बड़ा गृह हैं। यह ध्रुवो के पास धोड़ा चपटा हैं। यही कारण हैं की इसके आकार को भू-आभ कहा जाता हैं।

FAQ

प्रश्न 1. सौर्यमंडल में कितने ग्रह होते है ?

सौर्यमंडल में आठ ग्रह होते हैं बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, यूरेनस तथा नेप्च्यून।

प्रश्न 2. उपग्रह किसे कहते है ?

कुछ खगोलीय पिंड किसी ग्रह का चक्कर लगाते हैं। इन्हें उपग्रह कहते हैं। उपग्रह का एक अच्छा उदाहरण है चंद्रमा। आजकल मानव-निर्मित या कृत्रिम उपग्रह भी अंतरिक्ष में घूमते रहते हैं।

प्रश्न 3. ग्रह किसे कहते है ?

कुछ खगोलीय पिंड किसी एक तारे के चारों ओर चक्कर लगाते रहते हैं। इन्हें ग्रह कहते हैं। ग्रह के पास अपना प्रकाश नहीं होता है। हमारी पृथ्वी एक ग्रह है।

प्रश्न 4. खगोलीय पिंड किसे कहते है ?

हम आकाश में अनगिनत चमकदार पिंडों को देख पाते हैं, जैसे कि सूर्य, चंद्रमा, तारे, ग्रह, इत्यादि। इन पिंडों को खगोलीय पिंड कहते है।

प्रश्न 5. भू-आभ अर्थ क्या होता है ?

भू-आभ का अर्थ हैं पृथ्वी के समान आकार। सूर्य से दुरी के हिसाब से पृथ्वी तीसरा गृह हैं। आकर में यह पाँचवाँ सबसे बड़ा गृह हैं। यह ध्रुवो के पास धोड़ा चपटा हैं। यही कारण है की इसके आकार को भू-आभ कहा जाता है।

प्रश्न 6. खगोल शास्त्री किसे कहते है ?

रात में आसमान को देखकर मनुष्य हमेशा से मोहित हुआ है। खगोलीय पिंडो एवं उनकी गति के संबध में अध्ययन करने वालो को खगोल शास्त्री कहते हैं। आर्यभट्ट प्राचीन भारत के प्रसिद्ध खगोल शास्त्री थे उन्होंने कहा था की सभी ग्रह तथा चन्द्रमा प्रवर्तित सूर्यप्रकाश के कारण चमकते है। आज विश्व के सभी भागों में खगोलविद ब्रह्मांड के रहस्यों को खोजने में लगे है।

प्रश्न 7. ज्योग्राफ़ी शब्द की उत्पत्ति किसने की ?

ऐसे बहुत से शब्द जिनका उपयोग हम एक भाषा में करते हैं, अक्सर वे दूसरी भाषाओं से लिए गए शब्द हो सकते हैं। उदहारण के लिए, ज्योग्राफ़ी एक अंग्रेजी शब्द है। जिसका अर्थ है, पृथ्वी का विवरण। यह दो ग्रीक शब्दों से मिलकर बना है, जिनमे ‘ge’ शब्द का अर्थ है पृथ्वी एवं ग्राफिया (Graphic) का अर्थ है, लिखना।

प्रश्न 8. मानव-निर्मित उपग्रह कहते है ?

एक कृत्रिम पिंड है। यह वैज्ञानिकों के द्वारा बनाया गया है, जिसका उपयोग ब्रह्माण्ड के बारे में जानकारी प्राप्त करने एवं पृथ्वी पर संचार माध्यम के लिए किया जाता है। इसे रॉकेट के द्वारा अंतरिक्ष में भेजा जाता है एवं पृथ्वी की कक्षा में स्थापित कर दिया जाता है। अंतरिक्ष में उपस्थित कुछ भारतीय उपग्रह इनसेट, आई. आर. एस. एडूसैट इत्यादि है।

प्रश्न 9. सूर्य के प्रकाश को पृथ्वी पर पहुंचने में कितनी समय लगता है ?

सूर्य के प्रकाश को पृथ्वी तक पहुंचने में लगभग 8 मिनट का समय लगता है।

प्रश्न 10. सूर्य के प्रकाश को पृथ्वी पर पहुंचते समय कितनी गति होती है ?

सूर्य प्रकाश की गति लगभग 3,00,000 कि.मी./प्रति सेकंड है।

प्रश्न 11. उल्कापिंड किसे कहते है ?

सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाने वाले पत्थरों के छोटे छोटे टुकड़ों को उल्कापिंड कहते है। कभी – कभी ये उल्कापिंड पृथ्वी के ईतने नजदीक आजाते है की इनकी प्रवृति पृथ्वी गिराने वलै होती है। इस प्रक्रिया के दौरान वायु के साथ घर्षण होने के कारन जल जाते है फलस्वरूप चमकदार प्रकाश उत्तपन्न होती है कभी – कभी कोई उल्का पूरी तरह जले बिना पृथ्वी पर गिरती है जिससे धरातल पर गड्डे बन जाते है।

प्रश्न 12. ध्रुव तारा किसे कहते है ?

प्राचीन समय में, लोग रात में दिशा का पता लगाने के लिए तारों की मदद लेते थे। उत्तर तारा उत्तर दिशा को बताता है। इसे ध्रुव तारा भी कहा जाता है।

प्रश्न 13. सौरमंडल से आप क्या समझते है ?

सूर्य, आठ ग्रह, उपग्रह तथा कुछ अन्य खगोलीय पिंड, जैसे क्षुद्र ग्रह एवं उल्का पिंड मिलकर सौरमंडल का निर्माण करते हैं। उसे हम सौर परिवार का नाम देते हैं जिसका मुखिया सूर्य हैं।

प्रश्न 14. सौरमंडल का मुखिया किसे कहा जाता है ?

सौरमंडल का मुखिया सूर्य को कहा जाता है।

प्रश्न 15. नील आर्मस्ट्रांग कौन था ?

चंद्रमा पर कदम रखने वाले पहले व्यक्ति था।

प्रश्न 16. तारा क्या है ?

वह खगोलीय पिंड, जिसमें अपनी ऊष्मा और प्रकाश होता है, उसे तारा कहते हैं।

प्रश्न 17. तारामंडल किसे कहते हैं ?

एक विशेष आकृति बनाने वाले तारों के समूह को तारामंडल कहते हैं।

प्रश्न 18. सप्तर्षि क्या है ?

यह एक तारामंडल है जो सात तारों का समूह है।

प्रश्न 19. मंदाकिनी (गलैक्सी) क्या होती है ?

तारों के एक विशाल समुदाय या तंत्र को मंदाकिनी कहते हैं। इसमें करोड़ों तारे होते हैं।

प्रश्न 20. सूर्य किस पदार्थ से बना है ?

सूर्य का निर्माण घूमते हुए गैसों के बादलों से हुआ है।

प्रश्न 21. आकाशगंगा क्या है ?

लाखों तारों के समूह को आकाशगंगा कहते हैं।

प्रश्न 22. सूर्य की किस शक्ति ने ग्रहों को नियंत्रित किया हुआ है ?

सूर्य की गुरुत्वाकर्षण की शक्ति ने ग्रहों को नियंत्रित किया हुआ है।

प्रश्न 23. पृथ्वी सूर्य से कितनी दूर है ?

लगभग 15 करोड़ किलोमीटर।

प्रश्न 24. कक्षा किसे कहते हैं ?

सभी ग्रह एक निश्चित मार्ग पर सूर्य की परिक्रमा करते हैं। ग्रह का यह मार्ग ‘कक्षा’ कहलाता है।

प्रश्न 25. आकार की दृष्टि से पृथ्वी ग्रहों में कौन सा स्थान रखती है ?

आकार की दृष्टि से पृथ्वी ग्रहों में पाँचवाँ स्थान रखती है।

प्रश्न 26. पृथ्वी को ‘अद्वितीय ग्रह’ कहा जाता है, क्यों ?

पृथ्वी को ‘अद्वितीय ग्रह’ इसलिए कहा जाता है, क्योंकि केवल पृथ्वी पर ही जीवन पाया जाता है।

प्रश्न 27. कौन से दो ग्रहों के सबसे अधिक उपग्रह हैं ?

बृहस्पति तथा शनि ग्रह के सबसे अधिक उपग्रह हैं। बृहस्पति के 16 तथा शनि के 17 उपग्रह हैं।

प्रश्न 28. चंद्रमा को पृथ्वी की एक परिक्रमा पूरी करने में कितना समय लगता है ?

27 दिन तथा 7 घंटे।

प्रश्न 29. चंद्रमा पृथ्वी से कितनी दूरी पर है ?

लगभग 3,84,400 किलोमीटर।
NCERT Solution Class 6th Geography All Chapters Notes In Hindi
Chapter – 1 सौरमंडल में पृथ्वी
Chapter – 2 ग्लोब: अक्षांश एवं देशांतर
Chapter – 3 पृथ्वी की गतियाँ
Chapter – 4 मानचित्र
Chapter – 5 पृथ्वी के प्रमुख परिमंडल
Chapter – 6 हमारा देश: भारत
Chapter – 1 सौरमंडल में पृथ्वी
Chapter – 2 ग्लोब: अक्षांश एवं देशांतर
Chapter – 3 पृथ्वी की गतियाँ
Chapter – 4 मानचित्र
Chapter – 5 पृथ्वी के प्रमुख परिमंडल
Chapter – 6 हमारा देश: भारत
NCERT Solution Class 6th Geography All Chapters MCQ in Hindi
Chapter 1 सौरमंडल में पृथ्वी
Chapter 2 ग्लोब: अक्षांश एवं देशांतर
Chapter 3 पृथ्वी की गतियां
Chapter 4 मानचित्र
Chapter 5 पृथ्वी के प्रमुख परिमंडल
Chapter 6 हमारा देश: भारत

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