NCERT Solutions Class 6th Social Science (Civics) Chapter – 8 शहरी क्षेत्र में आजीविका (Urban Livelihoods)
Textbook | NCERT |
Class | 6th |
Subject | सामाजिक शास्त्र (Civics) |
Chapter | 8th |
Chapter Name | शहरी क्षेत्र में आजीविका (Urban Livelihoods) |
Category | Class 6th Social Science Civics |
Medium | Hindi |
Source | Last doubt |
NCERT Solutions Class 6th Social Science (Civics) Chapter – 8 शहरी क्षेत्र में आजीविका (Urban Livelihoods) जिसमे हम शहरी क्षेत्र में आजीविका, आप क्या सीखेंगे, शहरों में रोजगार, स्थाई रोजगार, स्थाई रोजगार, अस्थाई रोजगार, अस्थाई रोजगार, दिहाड़ी मजदूर, सामाजिक सुरक्षा, शहरी क्षेत्र में आजीविका के साधन क्या है?, शहरी आजीविका क्या हैं?, शहरी आजीविका कक्षा 6 से आप क्या समझते हैं?, ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका का मुख्य साधन क्या है?, आजीविका के कितने प्रकार के होते हैं?, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन कब शुरू किया गया?, आजीविका का उद्देश्य क्या है?, आजीविका मिशन का उद्देश्य क्या है?, आजीविका का महत्व क्या है?, आजीविका उदाहरण क्या है?, आजीविका के चार स्रोत कौन से हैं?, आजीविका के मुख्य स्रोत क्या बनते हैं?, हम आजीविका में सुधार कैसे कर सकते हैं?, आजीविका को क्या प्रभावित करता है?, आदि के बारे में पढ़ेंगे। |
NCERT Solutions Class 6th Social Science (Civics) Chapter – 8 शहरी क्षेत्र में आजीविका (Urban Livelihoods)
Chapter – 8
शहरी क्षेत्र में आजीविका
प्रश्न – उत्तर
अभ्यास प्रश्न उत्तर
प्रश्न 1. नीचे लेबर चौक पर आने वाले मजदूरों की जिंदगी का विवरण दिया गया है। इसे पढ़िए और आपस में चर्चा कीजिए कि लेबर चौक पर आने वाले मजदूरों के जीवन की क्या स्थिति है?
लेबर चौक पर जो मज़दूर रहते हैं उनमें से ज्यादातर अपने रहने की स्थायी व्यवस्था नहीं कर पाते और इसलिए वे चौक के पास फुटपाथ पर सोते हैं या फिर पास के रात्रि विश्राम गृह (रैन बसेरा) में रहते हैं। इसे नगरनिगम चलाता है और इसमें छः रुपया एक बिस्तर का प्रतिदिन किराया देना पड़ता है। सामान की सुरक्षा का कोई इंतज़ाम न रहने के कारण वे वहाँ के चाय या पान-बीड़ी वालो की दुकानों को बैंक के रूप में इस्तेमाल करते हैं। उनके पास वे पैसा जमा करते हैं और उनसे उधार भी लेते हैं। वे अपने औज़ारों को रात में उनके पास हिफाजत के लिए छोड़ देते हैं। दुकानदार मजदूरों के सामान की सुरक्षा के साथ ज़रूरत पड़ने पर उन्हें कर्ज भी देते हैं।
उत्तर – लेबर चौक पर आने वाले मजदूरों के पास स्थायी काम नहीं होता है। वे दिहाड़ी मज़दूर होते हैं और विभिन्न तरह का काम करते हैं; जैसे-मकान बनाने का काम करने वाले राजमिस्त्री, घरों में रंग पेंट करने वाले मिस्त्री, फनीचर का काम करने वाले मिस्त्री, पलम्बर का काम करने वाले, वजन उठाने या खुदाई का काम करने वाले मजदूर इत्यादि। स्थायी काम न होने के कारण गरीबी में जीवन व्यतीत करते हैं। इनके रहने और खाने की कोई स्थायी व्यवस्था नहीं होती है और जिसे काम नहीं मिलता है उसे पूरा दिन लेबर चौक पर ही बैठे रहना पड़ता है और शाम को खाने के लिए उधार लेना पड़ता है और जब कई दिनों तक लगातार काम नहीं मिलता है तो कभी-कभी भूखे पेट भी सोना पड़ता है। इनके साथ कार्य स्थलों पर अच्छा व्यवहार नहीं किया जाता है। निश्चित समय से अधिक समय तक काम करवाया जाता है और सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी से कम मज़दूरी दी जाती है। इस प्रकार इनका जीवन काफी कठिन होता है।
प्रश्न 2. निम्नलिखित तालिका को पूरा कीजिए और उनका काम किस तरह से अलग है इसका वर्णन कीजिए।
नाम | काम की जगह | आय | काम की सुरक्षा | सुविधएँ | स्वयं का काम या रोजगार |
बच्चू माँझी | 100 प्रतिदिन | ||||
हरप्रीत और वंदना | स्वयं का काम | ||||
निर्मला | कोई सुरक्षा नहीं | ||||
सुधा | कंपनी | 3000 प्रतिमाह |
उत्तर –
नाम | काम की जगह | आय | काम की सुरक्षा | सुविधएँ | स्वयं का काम या रोजगार |
बच्चू माँझी | सड़क | अच्छी आय लेकिन निश्चित नहीं | नहीं | नहीं | स्वयं का काम |
हरप्रीत और वंदना | शोरूम | हा | कार और प्लैट खरीद लिया है | स्वयं का काम | |
निर्मला | कपड़े सिलने की फैक्ट्री | 80 रूपये प्रतिदिन | नहीं | नहीं | रोजगार |
सुधा | कंपनी | 3000 प्रतिमाह | हा | भविष्य निधि, छुट्टिया, परिवार के लिए चिकित्सा | रोजगार |
प्रश्न 3. एक स्थायी और नियमित नौकरी अनियमित काम से किस तरह से अलग है?
उत्तर – एक स्थायी और नियमित नौकरी करने वाले की एक निश्चित मासिक आय होती है। स्थायी कर्मचारी होने के कारण विभिन्न प्रकार की सुविधाएँ भी मिलती हैं; जैसे- भविष्य निधि, छुट्टियाँ, परिवार के लिए चिकित्सा सुविधाएँ, मकान या मकान का किराया इत्यादि। काम करने का निश्चित समय और घंटे निश्चित होते हैं, जबकि अनियमित कर्मचारी की मासिक आय निश्चित नहीं होती है। वह जितने दिन काम करता है उतने दिनों का पैसा मिलता है कोई निश्चित छुट्टी नहीं होती है। किसी भी प्रकार की सुविधाएँ नहीं मिलती हैं। काम समय और घंटे निश्चित नहीं होते हैं। काम की भी सुरक्षा नहीं होती है।
प्रश्न 4. सुधा को अपने वेतन के अलावा और कौन-से लाभ मिलते हैं?
उत्तर – सुधा को वेतन के अलावा निम्नलिखित लाभ मिलते हैं
• रविवार और राष्ट्रीय अवकाश छुट्टियाँ।
• वार्षिक छुट्टियाँ।
• परिवार के लिए चिकित्सा सुविधाएँ और बीमार होने पर चिकित्सा अवकाश।
• भविष्य निधि की सुविधा।
प्रश्न 5. नीचे दी गई तालिका में अपने परिचित बाजार की दुकानों या दफ्तरों के नाम भरें कि वे किस प्रकार की चीजें या सेवाएँ मुहैया कराते हैं? उत्तर –
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