NCERT Solutions Class 6th Social Science (Civics) Chapter – 6 नगर प्रशासन (Urban Administration) Notes in Hindi

NCERT Solutions Class 6th Social Science (Civics) Chapter – 6 नगर प्रशासन (Urban Administration)

TextbookNCERT
Class6th
SubjectSocial Science (Civics)
Chapter6th
Chapter Nameनगर प्रशासन (Urban Administration)
CategoryClass 6th सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन (Civics) Notes
Medium Hindi
Source Last Doubt
NCERT Solutions Class 6th Social Science (Civics) Chapter – 6 नगर प्रशासन Full Notes in Hindi के माध्यम से आज आप सभी नगरपालिका, वार्ड पार्षद, पार्षद समिति, नगर प्रशासन चलाने वाली संस्था को क्या कहा जाता है, नगर निगम प्रशासन कौन होता है, बड़े शहरों में नगर प्रशासन का कार्य कौन करता है, नगर प्रशासन चलने वाली संख्या को क्या कहा जाता है, नगरीय प्रशासन का क्या कार्य है, नगरीय प्रशासन का क्या कार्य है, नगरपालिका कितने प्रकार की होती है, नगरपालिका प्रशासन का अर्थ क्या है, नगर निगम का कार्य क्या है, नगर निगम और नगर पालिका में क्या अंतर है, नगर पंचायत और नगर पालिका में क्या अंतर है, नगर पालिका का मुखिया कौन होता है, नगर पालिका का कार्यकाल कितना होता है, भारत में कितने नगर निगम हैं, नगर निगम का कौन सा काम नहीं है, नगर निगम के सदस्य कैसे होते हैं, नगर निगम को पैसा कैसे मिलता है, नगर निगम अपने काम के लिए धन कहाँ, आदि के बारे में हम विस्तार से पढ़ेंगे।

NCERT Solutions Class 6th Social Science (Civics) Chapter – 6 नगर प्रशासन (Urban Administration)

Chapter – 6

नगर प्रशासन

Notes

नगर प्रशासनगाँव के मुकाबले शहर काफी बड़ा होता है। जिसके कारण शहर की आबादी अधिक होती है, इसलिए वहाँ जन सुविधाएँ भी अधिक होती हैं। लेकिन लोगों का जीवन सुचारु रूप से चलाने के लिए इन सबकी सही ढ़ंग से देखभाल की जरूरत होती है। और इसके लिए शहरों में जन सुविधाएँ देने का काम नगर पालिका का होता है।

नगर निगम – नगर के लोगों पर प्रशासन चलाने वाले संस्थान को नगर निगम कहते हैं। जिसे छोटे कस्बों में नगर पालिका के नाम से जानते हैं।

निगम पार्षद और प्रशासनिक कर्मचारीजहाँ पर पार्षदों की समितियाँ एवं पार्षद विभिन्न मुद्दों पर निर्णय लेने का काम करते हैं। वहीं उन्हें लागू करने का काम आयुक्त (कमिश्नर) और प्रशासनिक कर्मचारी करते हैं। आयुक्त और प्रशासनिक कर्मचारियों की सरकार द्वारा नियुक्ति की जाती है, जबकि पार्षद निर्वाचित होते हैं।

नगर निगम को पैसा कहाँ से मिलता है – नगर निगम का काम बहुत ही फैला है, इसे नगर में जन सुविधाएँ बेहतर बनाना और नगर को सुचारु रूप से चलाने के लिए तथा इतने सारे काम करने के लिए बहुत सारा पैसा चाहिए। निगम यह राशि अलग-अलग तरीकों से इकट्ठा करता है। इस राशि का बड़ा भाग लोगों द्वारा दिए गए कर (टैक्स) से आता है। और कर वह राशि है जो लोग सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई सुविधाओं के लिए सरकार को देते हैं।

जिन लोगों के अपने घर होते हैं उन्हें संपत्ति कर देना होता है और साथ ही पानी एवं अन्य सुविधाओं के लिए भी कर देना होता है। जितना बड़ा घर उतना ज़्यादा कर। निगम के पास जितना पैसा आता है उसमें संपत्ति कर से केवल 25-30 प्रतिशत पैसा ही आता है। शिक्षा पर भी कर लगता है। अगर आप किसी दुकान या होटल के मालिक हैं तो उस पर भी कर देना पड़ता है। अगली बार जब आप सिनेमा देखने जाइएगा तो टिकट पर ध्यान से देखिएगा, हमें मनोरंजन के लिए भी कर देना पड़ता है। इस तरह अमीर लोग संपत्ति कर देते हैं, वहीं जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा सामान्य तरह के कर अधिक देता है।

लोगों का विरोधयास्मीन खाला ने अपनी बात जारी रखी, “ मोहल्ले की औरतें इन सबसे बड़ी नाराज़ थीं। वे सलाह लेने मेरे पास भी आईं। मैंने उन्हें कहा कि मैं विभाग के किसी अधिकारी से इस मामले में बात करने की कोशिश करूँगी। मगर मैं भी निश्चित तौर पर यह बात नहीं कह सकती थी कि इसमें कितना समय लगेगा। इस पर गंगाबाई ने बताया कि हमें अपने वार्ड के पार्षद के पास इस समस्या को लेकर जाना चाहिए, आखिर वोट देकर उसे हमने चुना है। उसके सामने हमें विरोध प्रदर्शन करना चाहिए।

नगरपालिकायह एक चुनी हुई संस्था है। जो नगर में रोज के नियमो को लागु करने का काम करती है, तथा नगरपालिका का कार्यकाल पाँच साल का होता है। छोटे शहरों में भी इसे नगरपालिका ही कहते हैं, लेकिन बड़े शहर में इसे नगर निगम कहते हैं।

वार्डहर नगरपालिका को छोटी इकाइयों में बाँटा जाता है जिन्हें वार्ड कहते हैं।

वार्ड पार्षदहर वार्ड के लोग अपना एक पार्षद चुनते हैं, जिसे वार्ड काउंसिलर भी कहते हैं। सभी वार्ड पार्षद अपने में से ही एक चेयरमैन चुनते हैं।

खाला के सेवानिवृत्त होने के बाद से क्या-क्या बदला है – यास्मीन खाला ने बच्चों को जो नहीं बताया वह यह है कि हाल के समय में पैसा बचाने के लिए कई नगर निगमों ने कचरा उठाने और उसे ठिकाने लगाने के लिए निजी ठेकेदार रख लिए हैं। इसको निजीकरण कहते हैं। इसका मतलब है कि जो काम पहले सरकारी कर्मचारी करते थे वे काम अब निजी कंपनियाँ करती हैं। निजी ठेकेदार जिन मज़दूरों को कचरा जमा करने और उठाने के काम पर लगाते हैं, उन्हें बहुत कम पैसा देते हैं। उन मज़दूरों की नौकरी अस्थायी होती है। कचरा उठाने का काम काफी खतरनाक भी होता है। अक्सर उनके पास अपनी सुरक्षा के साधन नहीं होते हैं। अगर काम करते हुए वे घायल हो जाएँ तो उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं।

विभागनगरपालिका के काम को सही ढ़ंग से चलाने के लिए कई विभागों की जरूरत पड़ती है। इनके कुछ उदाहरण हैं: सफाई, स्वास्थ्य, शिक्षा, निर्माण, आदि।

सफाई विभागसफाई विभाग का काम शहर में साफ सफाई रखना है। नालियों की सफाई और कचरे का निबटारा इसी विभाग की जिम्मेदारी है।

स्वास्थ्य विभागस्वास्थ्य विभाग का काम है स्वास्थ्य के मुद्दे को देखना; जैसे मलेरिया, डेंगू और हैजा की रोकथाम।

शिक्षा विभागशिक्षा विभाग का काम है स्कूलों में सुविधाओं को देखना। ऐसा जरूरी नहीं कि शहर के सारे सरकारी स्कूल नगरपालिका के अधीन हों।

निर्माण विभागनिर्माण विभाग का काम है पार्क, स्ट्रीट लाइट और कुछ सड़कों का निर्माण करना और रखरखाव करना।

पार्षद समितिविभिन्न कार्यक्रमों को बनाने और लागू करने के लिए विभिन्न समितियाँ बनती हैं। इन समितियों के सदस्य पार्षद ही होते हैं। इन समितियों का नामकरण उससे जुड़े काम के आधार पर होता है; जिसे सफाई समिति या शिक्षा समिति।

कमिशनर और प्रशासनिक कर्मचारीइन कर्मचारियों की नियुक्ति सरकार द्वारा होती है। इनका काम है विभिन्न कार्यक्रमों को लागू करवाना और उनका प्रबंधन करना।

नगरपालिका के कामजल आपूर्ति, अस्पताल, सड़क, स्ट्रीट लाइट, नाली, अग्निशमन, बाजार, जन्म और मृत्यु का रिकॉर्ड, कचरा प्रबंधन, आदि।

नगरपालिका की आय के स्रोतनगरपालिका की आय के स्रोत हैं मकान, जल, बाजार, मनोरंजन और वाहनों पर टैक्स। इसके अलावा नगरपालिका को सरकार से अनुदान भी मिलते हैं। नगरपालिका वाहनों पर पार्किंग शुल्क भी वसूलती है।

कॉन्ट्रैक्ट रोजगारआजकल भारत की नगरपालिकाओं में एक नई परिपाटी शुरु हुई है। अपने खर्चे घटाने के उद्देश्य से नगरपालिकाओं ने कई काम प्राइवेट ऑपरेटर्स को कॉन्ट्रैक्ट पर दे दिये हैं। ऐसे में काम करने वाले मजदूर नगरपालिका से वेतन नहीं पाते हैं। इससे कार्यक्षमता तो निस्संदेह बढ़ी है लेकिन इससे मजदूरों की स्थिति खराब हो गई है। अब मजदूरों की नौकरी सुरक्षित नहीं है। उन्हें सामाजिक सुरक्षा भी नहीं मिलती है।

प्रश्न 1. निगम पार्षदों की नियुक्ति कैसे होती है ?

उत्तर – वार्ड स्तर पर जनता के द्वारा निर्वाचित होती हैं।

प्रश्न 2. छोटे कस्बों में नगर प्रशासन चलाने वाले संस्थान को क्या कहते हैं ?

उत्तर – नगर पालिका कहते हैं।

प्रश्न 3. नगर निगम में विभिन्न कार्यों के किए जाने के निर्णय कौन लेता है ?

उत्तर – निगम पार्षद लेता हैं।

प्रश्न 4. आज भारत का सबसे सुन्दर शहर कौन-सा है ?

उत्तर – आज भारत का सबसे सुन्दर शहर चण्डीगढ़ है।

प्रश्न 5. आज की तारीख में चण्डीगढ़ के बाद साफ शहरों में दूसरा स्थान किस शहर का है ?

उत्तर – सूरत का है।

प्रश्न 6. हरियाणा के किस शहर में नगर निगम है ?

उत्तर – हरियाणा के फरीदाबाद में नगर निगम है।

प्रश्न 7. सूरत में भयंकर प्लेग कब फैला था ?

उत्तर – 1994 में फैला था।

प्रश्न 8. नगर निगम का सबसे बड़ा अधिकारी कौन होता है ?

उत्तर – निगम आयुक्त होता है।

प्रश्न 9. नगर निगम के मुखिया को क्या कहते हैं ?

उत्तर – महापौर एवं (मेयर)

प्रश्न 10. यास्मीन खाला नगर निगम के किस विभाग में कार्य करती थी ?

उत्तर – यास्मीन खाला नगर निगम के लेखा विभाग में काम करती थी।

प्रश्न 11. बड़े-बड़े शहरों में नगर प्रशासन चलाने वाले संस्थान को क्या कहते हैं ?

उत्तर – बड़े-बड़े शहरों में नगर प्रशासन चलाने वाले संस्थान को नगर निगम कहते है।

प्रश्न 12. गली में ट्यूबलाइट किसने लगवाई थी ?

उत्तर – गली में ट्यूबलाइट नगर निगम ने लगवाई थी।

प्रश्न 13. रेहाना ने क्या तोड़ दिया था ?

उत्तर – रेहाना ने गली की ट्यूबलाइट तोड़ दिया था।

प्रश्न 14. शंकर, जहाँगीर और रेहाना गली में कौन-सा खेल खेल रहे थे ?

उत्तर – क्रिकेट खेल खेल रहे थे।
NCERT Solution Class 6th Civics All Chapters Notes In Hindi
Chapter – 1 विविधता की समझ
Chapter – 2 विविधता एवं भेदभाव
Chapter – 3 सरकार क्या है
Chapter – 4 पंचायती राज
Chapter – 5 गांव का प्रशासन
Chapter – 6 नगर प्रशासन
Chapter – 7 ग्रामीण क्षेत्र में आजीविका
Chapter – 8 शहरी क्षेत्र में आजीविका
NCERT Solution Class 6th Civics All Chapters Question Answer In Hindi
Chapter – 1 विविधता की समझ
Chapter – 2 विविधता एवं भेदभाव
Chapter – 3 सरकार क्या है
Chapter – 4 पंचायती राज
Chapter – 5 गांव का प्रशासन
Chapter – 6 नगर प्रशासन
Chapter – 7 ग्रामीण क्षेत्र में आजीविका
Chapter – 8 शहरी क्षेत्र में आजीविका
NCERT Solution Class 6th Civics All Chapter MCQ In Hindi
Chapter – 1 विविधता की समझ
Chapter – 2 विविधता एवं भेदभाव
Chapter – 3 सरकार क्या है
Chapter – 4 पंचायती राज
Chapter – 5 गांव का प्रशासन
Chapter – 6 नगर प्रशासन
Chapter – 7 ग्रामीण क्षेत्र में आजीविका
Chapter – 8 शहरी क्षेत्र में आजीविका

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