NCERT Solutions Class 6th Social Science (Civics) Chapter – 5 गाँव का प्रशासन (Rural Administration) Notes in Hindi

NCERT Solutions Class 6th Social Science (Civics) Chapter – 5 गाँव का प्रशासन (Rural Administration)

TextbookNCERT
Class6th
SubjectSocial Science (Civics)
Chapter 5th
Chapter Nameगाँव का प्रशासन (Rural Administration)
CategoryClass 6th सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन (Civics)
Medium Hindi
Source Last Doubt
NCERT Solutions Class 6th Social Science (Civics) Chapter 5 – गाँव का प्रशासन Notes in Hindi के द्वारा आज आप सीखेंगे – गाँव का प्रशासन, विवाद का समाधान, पुलिस की भूमिका, पटवारी की भूमिका, पुलिस थाने का क्षेत्र, पुलिस थाने में होने वाला काम, ज़मीन के रिकॉर्ड अनिवार्य होते हैं और किसलिए जरूरी हैं?, एक बिटिया की चाह, एक नया कानून, अन्य सार्वजनिक सेवाएँ – एक सर्वेक्षण, जमीन के रिकॉर्ड का महत्व, जमीन की चौहद्दी, जमीन पर कोई अन्य सुविधा, उगने वाली फसल, जमीन का वर्तमान मालिक, ग्राम पंचायत अधिकारी कौन होता है?, प्रशासन कैसे होता है?, ग्रामीण प्रशासन की आय के स्रोत क्या हैं?, प्रशासन गांव के संग में क्या क्या कार्य होते हैं?, प्रशासन का मुख्य कार्य क्या है?, प्रशासन के तीन प्रकार कौन से हैं?, प्रशासन के दो प्रकार कौन से हैं? आदि के बारे में पढ़ेंगे।

NCERT Solutions Class 6th Social Science (Civics) Chapter – 5 गाँव का प्रशासन (Rural Administration)

Chapter – 5

गाँव का प्रशासन

Notes

पुलिस थाने का क्षेत्र – हर पुलिस थाने का एक कार्यक्षेत्र होता है जो उसके नियंत्रण में रहता है। लोग उस क्षेत्र में हुई चोरी, दुर्घटना, मारपीट, झगड़े आदि की रपट उसी थाने में लिखवा सकते हैं। यह वहाँ के थानेदार की ज़िम्मेदारी होती है कि वह लोगों से घटना के बारे में पूछताछ करे, जाँच-पड़ताल करे और अपने क्षेत्र के अंदर के मामलों पर कार्रवाई करे।

पुलिस थाने में होने वाला काम – जब सब लोग पुलिस थाने पहुँचे तो मोहन थानेदार के पास गया और उसे पूरा मामला बताया। उसने यह भी बताया कि वह अपनी शिकायत लिखित रूप में देना चाहता है। थानेदार ने बड़ी बेरुखी से कहा कि उसके पास छोटी-छोटी शिकायतों की जाँच-पड़ताल का समय नहीं है। मोहन ने अपने घाव भी दिखाए, लेकिन थानेदार पर कोई असर नहीं हुआ। मोहन हैरान था कि उसकी शिकायत आखिर दर्ज क्यों नहीं की जा रही थी!

मोहन बाहर गया और अपने पड़ोसियों को बुलाकर अंदर ले आया। पड़ोसियों ने थानेदार को समझाया कि मोहन को उनकी आँखों के सामने पीटा गया है। अगर वे उसे न बचाते तो उसे बहुत ही गंभीर चोटें आतीं। उन्होंने मामला दर्ज करने पर ज़ोर दिया। अंततः थानेदार राज़ी हो गया। उसने मोहन को अपनी शिकायत लिखकर देने को कहा। थानेदार ने वायदा किया कि अगले दिन एक हवलदार घटना की जाँच-पड़ताल के लिए उनके यहाँ पहुँचेगा।

राजस्व विभाग का काम – राजस्व विभाग सचिव( राजस्व) के पहले निर्देशन एवं नियंत्रण में काम करता है। यह प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष संघीय करों से संबंधित मामलों के संबंध में अपने अधीनस्थ दो कानूनी बोर्डों जिसका नाम केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड और केन्द्रीय उत्पाद शुल्क एवं सीमा शुल्क बोर्ड के माध्‍यम से नियंत्रण करता है।

प्रशासन – शासन के विभिन्न पहलुओं के विकास और उसके अमल को प्रशासन कहते हैं। प्रशासन का जो भाग जनता की भलाई के लिए होता है उसे लोक प्रशासन कहते हैं। गाँवों में प्रशासन के कई पहलू हैं। इनमे से कुछ नीचे दिये गये हैं।

• जन सुविधाओं का निर्माण जैसे सड़क, नाली, बांध, पेय जल, आदि।
• लोक कल्याण योजनाओं को लागू करना
• झगड़े का निबटारा
• जमीन के रिकॉर्ड को दुरुस्त रखना
• लगान (भूकर) की वसूली

विवाद का समाधान – जब दो लोग या लोगों के दो समूह किसी बात पर सहमत नहीं होते हैं तो विवाद खड़ा हो सकता है। ज्यादातर विवादों को शांति से हल किया जा सकता है। लेकिन कई बार विवाद को सुलझाने के लिए प्रशासनिक तंत्र की दखलंदाजी की जरूरत पड़ती है।

पुलिस की भूमिका – पुलिस का काम है कानून को लागू करना। पुलिस को अपने क्षेत्र में शांति और सौहार्द्र भी बहाल करना होता है। हर गाँव के लिए एक थाना होता है। एक थाने के क्षेत्र में कई गाँव आते हैं।

थानाध्यक्ष (एस एच ओ) – पुलिस थाने के मुखिया को थानाध्यक्ष या थानेदार कहते हैं। थानेदार का काम होता है शिकायत दर्ज करना। थाने में किसी भी शिकायत को अक्सर एफ आई आर (फर्स्ट इंफॉर्मेशन रिपोर्ट) के रूप में दर्ज किया जाता है। शिकायत दर्ज करने के बाद थानाध्यक्ष एक कॉन्स्टेबल को विवाद या अपराध के स्थल पर छान बीन के लिए भेजता है। समाधान के लिये थानेदार पंचायत या गाँव के बुजुर्गों की मदद भी ले सकता है। जरूरत पड़ने पर थानेदार कोर्ट भी जा सकता है।

ज़मीन के रिकॉर्ड अनिवार्य होते हैं और किसलिए जरूरी हैं?

• एक किसान दूसरे किसान से ज़मीन ख़रीदना चाहता है।
• एक किसान अपनी फसल दूसरे को बेचना चाहता है।
• एक किसान को अपनी ज़मीन में कुआँ खोदने के लिए बैंक से कर्ज चाहिए।
• एक किसान अपने खेतों के लिए खाद खरीदना चाहता है।
• एक किसान अपनी ज़मीन अपने बेटे एवं बेटियों में बाँटना चाहता है।

जमीन विवाद – ग्रामीण इलाकों में विवाद का मुख्य कारण जमीन से जुड़ा झगड़ा होता है। ऐसा अक्सर होता है कि एक आदमी जबरदस्ती किसी दूसरे आदमी की जमीन हड़प लेता है। गाँव के कुछ लोग अन्य लोगों से सामाजिक और आर्थिक रूप से अधिक शक्तिशाली होते हैं। अधिक शक्तिशाली आदमी कम शक्तिशाली आदमी की जमीन हड़पने की कोशिश कर सकता है। ऐसी स्थिति में अक्सर अनुसूचित जाति/जनजाति या पिछड़ा वर्ग का व्यक्ति शिकार होता है। कई बार एक ही जाति के लोगों के बीच भी जमीन का विवाद उठ खड़ा होता है।

पटवारी – पटवारी को कई अन्य नामों से भी जाना जाता है जैसे तहसीलदार, कानूनगो और ग्रामीण अधिकारी। पटवारी का काम होता है लगान वसूल करना। राजस्व वसूली तंत्र में पटवारी सबसे अगली पंक्ति का कर्मचारी होता है। पटवारी के सिस्टम को सबसे पहले शेरशाह सूरी ने लागू किया था। बाद में इसे अकबर ने और बेहतर किया।

भू राजस्व या लगान – भारत में शुरु के राजाओं और महाराजाओं के जमाने से ही भू राजस्व सरकार के लिए राजस्व का एक मुख्य स्रोत रहा है। आज सरकार किसी भी किसान के पास की कुल जमीन पर सालाना टैक्स लगाती है। जिला स्तर पर राजस्व वसूली तंत्र का मुखिया कलक्टर होता है। टैक्स के कलेक्शन से जुड़े होने के कारण जिलाधिकारी को कलक्टर भी कहा जाता है।

पटवारी के काम – भूमि पर उगने वाली फसल का रिकॉर्ड रखना, जमीन के मालिक का ताजा रिकॉर्ड रखना। पहले जमीन के रिकॉर्ड को कागजों पर लिखकर रखा जाता था। इससे जमीन के मालिकाना हक को लेकर अक्सर दुविधा उठती थी। पटवारी अक्सर भ्रष्ट होते थे और रिकॉर्ड में तोड़ मरोड़ कर देते थे। लेकिन अब भारत के अधिकांश हिस्सों में जमीन के रिकॉर्ड को कम्प्यूटर में रखा जाने लगा है। कंप्यूटर के कारण जमीन से जुड़े विवादों की संख्या काफी हद तक घट गई है।

जमीन के रिकॉर्ड में जानकारी – जमीन के रिकॉर्ड को खसरा भी कहा जाता है। खसरे की महत्वपूर्ण बातें नीचे दी गई हैं

• जमीन का वर्तमान मालिक
• जमीन का क्षेत्रफल
• उगने वाली फसल
• जमीन पर कोई अन्य सुविधा
• जमीन की चौहद्दी
• जमीन के रिकॉर्ड का महत्व

खसरा निकलवाना – कोई भी आदमी उचित शुल्क देकर तहसील से किसी जमीन का खसरा निकलवा सकता है। आप तहसील ऑफिस से जमीन का नक्शा भी ले सकते हैं। कंप्यूटराइजेशन के बाद जमीन का रिकॉर्ड प्राप्त करना बहुत आसान हो गया है।

हिंदू अधिनियम धारा, 2005 – पहले किसी व्यक्ति की जमीन को उसके बेटों में बराबर बांटा जाता था। सरकार ने 2005 में इस नियम में संशोधन किया। अब नये नियम के अनुसार, किसी व्यक्ति की जमीन में उसकी बेटियों का भी हिस्सा रहता है। ऐसा इसलिए किया गया ताकि स्त्रियों का सशक्तिकरण हो सके।

स्वास्थ्य सेवाएँ – कुछ गाँवों में छोटे तो कुछ गाँवों में बड़े अस्पताल होते हैं। जिस गाँव में अस्पताल नहीं होता वहाँ कुछ स्वास्थ्य कर्मचारी जाया करते हैं।

दूध को – ऑपरेटिव – दूध उत्पादकों द्वारा सहकारी समिति या को-ऑपरेटिव बनाई जाती है। ऐसी सोसाइटी का काम है आस पास के गांवों से मिलने वाले दूध को एक जगह इकट्ठा करना। वहाँ से दूध को प्रॉसेसिंग प्लांट में भेजा जाता है।

आंगनवाड़ी केंद्र – गरीब बच्चों की देखभाल के लिए आंगनवाड़ी केंद्र बनाए गये हैं। ऐसे केंद्रों पर छोटे बच्चों की देखभाल होती है। उन्हें मुफ्त भोजन और कुछ दवाएँ दी जाती हैं।

अन्य सार्वजनिक सेवाएँ – एक सर्वेक्षण – इस पाठ में हमने सरकार के कुछ प्रशासनिक कार्यों के बारे में पढ़ा, खासकर ग्रामीण क्षेत्र के संदर्भ में। पहला उदाहरण कानून व्यवस्था बनाए रखने के बारे में था और दूसरा, ज़मीन के अभिलेखों की व्यवस्था के बारे में। पहले मामले हमने पुलिस की भूमिका का परीक्षण किया और दूसरे में पटवारी की भूमिका का। इनके काम का विभाग के अन्य लोगों द्वारा निरीक्षण किया जाता है जैसे पुलिस अधीक्षक या तहसीलदार । हमने यह भी देखा कि लोग कैसे इन सुविधाओं का इस्तेमाल करते हैं और उन्हें किस तरह की समस्याएँ आती हैं। इन सेवाओं का उपयोग कानूनों के अनुसार होना चाहिए। आपने संभवतः सरकार के अन्य विभागों द्वारा दी जा रही सार्वजनिक सेवाओं को देखा होगा।

अपने गाँव या क्षेत्र के लिए दी जा रही सार्वजनिक सेवाओं की एक सूची बनाइए दुग्ध उत्पादक समिति, राशन की दुकान, बैंक, पुलिस थाना, बीज और खाद के लिए कृषक समिति, डाक बंगला, आँगनवाड़ी, बालवाड़ी, सरकारी स्कूल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, अस्पताल इत्यादि।

तीन सार्वजनिक सेवाओं पर जानकारी इकट्ठी कीजिए और अपनी अध्यापिका के साथ चर्चा कीजिए कि इनकी कार्य प्रणाली में कैसे सुधार किया जा सकता है। आपके लिए एक उदाहरण आगे दिया जा रहा है।

एक बिटिया की चाह – विरासत में मिला यह घर पापा को अपने पिता से यही घर मिलेगा भैया को मेरे पिता से पर मैं और मेरी माँ, हमारा क्या ? बता दिया गया है मुझे, पिता के घर में हिस्से की बात औरतें नहीं किया करतीं लेकिन मुझे चाहिए एक घर अपना बिलकुल मेरा अपना नहीं चाहिए दहेज में रेशम और सोना

प्रश्न 1. ग्रामीण प्रशासन क्या है?

यह सुनिश्चित करता है कि रिकॉर्ड ठीक से रखे जाते हैं और भूमि राजस्व एकत्र किया जाता है।

प्रश्न 2. मोहन और रघु का झगड़ा क्यों हुआ था?

रघु ने मोहन के खेत के कुछ भाग को अपने खेत में मिला लिया था।

प्रश्न 3. भारत में गाँवों की संख्या कितनी है?

भारत में लगभग 6 लाख से भी अधिक गाँवों हैं।

प्रश्न 4. जाति प्रमाण-पत्र कौन जारी करता है?

जाति प्रमाण-पत्र तहसीलदार जारी करता है।

प्रश्न 5. तहसील स्तर पर सबसे बड़ा राजस्व (भूमि सम्बन्धी) अधिकारी कौन होता है?

तहसीलदार।

प्रश्न 6. ज़िले का सबसे बड़ा पुलिस अधिकारी कौन होता है?

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक।

प्रश्न 7. किसानों से भूमि कर कौन इकट्ठा करता है पटवारी या थानेदार?

पटवारी।

प्रश्न 8. गाँव में भूमि का रिकॉर्ड कौन रखता है?

गाँव में भूमि का रिकॉर्ड कौन रखता है?

प्रश्न 9. पुलिस थाने के मुखिया को क्या कहते हैं?

पुलिस थाने के मुखिया को थानेदार कहते हैं।

प्रश्न 10. अगर आपके घर में चोरी हो जाती है तो आप किस थाने में जाकर अपनी शिकायत दर्ज करवाएँगे?

अगरहमारे घर में चोरी हो गए तो हम अपने क्षेत्र के थाने मेंजाकर अपनी शिकायत दर्ज करवाएँगे।
NCERT Solution Class 6th Civics All Chapters Notes In Hindi
Chapter – 1 विविधता की समझ
Chapter – 2 विविधता एवं भेदभाव
Chapter – 3 सरकार क्या है
Chapter – 4 पंचायती राज
Chapter – 5 गांव का प्रशासन
Chapter – 6 नगर प्रशासन
Chapter – 7 ग्रामीण क्षेत्र में आजीविका
Chapter – 8 शहरी क्षेत्र में आजीविका
NCERT Solution Class 6th Civics All Chapters Question Answer In Hindi
Chapter – 1 विविधता की समझ
Chapter – 2 विविधता एवं भेदभाव
Chapter – 3 सरकार क्या है
Chapter – 4 पंचायती राज
Chapter – 5 गांव का प्रशासन
Chapter – 6 नगर प्रशासन
Chapter – 7 ग्रामीण क्षेत्र में आजीविका
Chapter – 8 शहरी क्षेत्र में आजीविका
NCERT Solution Class 6th Civics All Chapter MCQ In Hindi
Chapter – 1 विविधता की समझ
Chapter – 2 विविधता एवं भेदभाव
Chapter – 3 सरकार क्या है
Chapter – 4 पंचायती राज
Chapter – 5 गांव का प्रशासन
Chapter – 6 नगर प्रशासन
Chapter – 7 ग्रामीण क्षेत्र में आजीविका
Chapter – 8 शहरी क्षेत्र में आजीविका

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