NCERT Solutions Class 6th Science Chapter – 9 विद्युत तथा परिपथ (Electricity and Circuit)
Textbook | NCERT |
Class | 6th |
Subject | विज्ञान (Science) |
Chapter | 9th |
Chapter Name | विद्युत् तथा परिपथ (Electricity and circuit) |
Category | Class 6th विज्ञान (Science) |
Medium | Hindi |
Source | Last Doubt |
NCERT Solutions Class 6th Science Chapter – 9 विद्युत तथा परिपथ (Electricity and Circuit) Question Answer in Hindi विद्युत परिपथ का क्या अर्थ होता है?, विद्युत में कितने प्रकार के परिपथ होते हैं?, विद्युत परिपथ का सूत्र क्या है?, विद्युत परिपथ का मात्रक क्या होता है?, परिपथ किसे कहते हैं?, विद्युत परिपथ का क्या कार्य?, विद्युत परिपथ किससे मिलकर बनता है?, विद्युत परिपथ का क्या अर्थ है, घरेलू विद्युत धारा क्या है?, विद्युत परिपथ और उसके घटक क्या है?, विद्युत परिपथ के तीन भाग कौन से हैं?, घरों में कौन सी धारा बहती है?, विद्युत धारा कौन सी राशि है?, करंट की इकाई कौन सी है?, करंट और इलेक्ट्रिक करंट में क्या अंतर है?, विद्युत धारा कितने प्रकार के होते हैं?, बैटरी में कौन सा करंट रहता है?, आदि के बारे में पढ़ेंगे। |
NCERT Solutions Class 6th Science Chapter – 9 विद्युत तथा परिपथ (Electricity and Circuit)
Chapter – 9
विद्युत् तथा परिपथ
प्रश्न – उत्तर
प्रश्न 1. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
(क) एक युक्ति जो परिपथ को तोड़ने के लिए उपयोग की जाती है, …………… कहलाती है।
उत्तर – (क) स्विच
(ख) एक विद्युत – सेल में …………… टर्मिनल होते हैं।
उत्तर – (ख) दो
प्रश्न 2. निम्नलिखित कथनों पर ‘सही’ या ‘गलत’ का चिह्न लगाइए-
(क) विद्युत् धारा वस्तुओं से होकर प्रवाहित हो सकती है।
उत्तर – सही
(ख) विद्युत्-परिपथ बनाने के लिए धातु के तारों के स्थान पर जूट की डोरी प्रयुक्त की जा सकती है।
उत्तर – गलत
(ग) विद्युत्-धारा थर्मोकोल की शीट से होकर प्रवाहित हो सकती है।
उत्तर – गलत
प्रश्न 3. व्याख्या कीजिए कि चित्र 9.13 में दर्शाई गई व्यवस्था में बल्ब क्यों नहीं दीप्तिमान होता है?
उत्तर – चित्र 9.13 में दर्शाई गई वयवस्था में बल्ब के दीप्तिमान नहीं होने के निम्नलिखित कारण सम्भव है-
(i) उसका बल्ब फ्यूज हो सकता है।
(ii) परिपथ में लगाई गई तारो का कनेक्शन ढीला होगा।
(iii) सेल में संचित रासायनिक पदार्थ समाप्त हो चुका हो।
(iv) बैटरी डिस्चार्ज हो सकती है।
(v) बीकर में उपस्थित द्रव विद्युत का कुचालक होगा।
प्रश्न 4. चित्र 9.14 में दर्शाए गए आरेख को पूरा कीजिए और बताइए कि बल्ब को दीप्तिमान करने के लिए तारों के स्वतंत्र सिरों को किस प्रकार जोड़ना चाहिए?
उत्तर – चित्र में काली तार के एक छोर को सैल के खाली छोर से जोड़ने के बाद तार का दूसरा छोर बल्ब से जोड़ते ही विद्युत परिपथ पूरा होगा और बल्ब जलने लगेगा।
प्रश्न 5. विद्युत-स्विच को उपयोग करने का क्या प्रयोजन है ? कुछ विद्युत-साधित्रों के नाम बताइए जिनमें स्विच उनके अंदर ही निर्मित होते हैं?
उत्तर – विद्युत् स्विच की मदद से बल्ब को जलाना (दीप्तमान करना) या बंद करने में बहुत आसानी होती है। क्योंकि परिपथ को बार-बार तोड़ने के लिए बल्ब को उसके स्थान से हटाना पड़ता है। जबकि स्विच की मदद से परिपथ को जोड़ना और तोड़ना होता है।
प्रश्न 6. चित्र 9.14 में सुरक्षा पिन की जगह यदि रबड़ लगा दें तो क्या बल्ब दीप्तिमान होगा?
उत्तर – चित्र 9.14 में सुरक्षा पिन की जगह यदि रबड़ लगा दें तो बल्ब दीप्तिमान नहीं होगा। क्योंकि रबड़ विद्युत-रोधक वस्तु है। ये अपने अंदर से विद्युत-धारा को प्रवाहित नहीं होने देता है।
प्रश्न 7. क्या चित्र 9.15 में दिखाए गए परिपथ में बल्ब दीप्तमान होगा?
उत्तर – दिए गए परिपथ में बल्ब दीप्तमान होगा, क्योंकि दोनों तारों के दोनों सिरे बल्ब और सेल के टर्मिनलों से जुड़े हुए हैं। इसलिए विद्युत धारा आसानी से गुज़र सकती है।
प्रश्न 8. किसी वस्तु के साथ “चालक-परीक्षित्र” का उपयोग करके यह देखा गया कि बल्ब दीप्तमान होता है। क्या इस वस्तु का पदार्थ विद्युत्-चालक है या विद्युत् रोधक? व्याख्या कीजिए।
उत्तर – वस्तु का पदार्थ विद्युत् चालक है क्योंकि विद्युतधारा केवल चालकों में से ही प्रवाहित हो सकती है और रोधकों में से नहीं प्रवाहित हो सकती है।
प्रश्न 9. आपके घर में स्विच की मरम्मत करते समय विद्युत्-मिस्तरी रबड़ के दस्ताने क्यों पहनता है? व्याख्या कीजिए।
उत्तर – घर में स्विच की मरम्मत करते समय विद्युत् मिस्त्री रबड़ के दस्ताने इसलिए पहनता है क्योंकि रबड़ के दस्ताने विद्युत् रोधी हैं। मुरम्मत करते समय यदि उसका हाथ विद्युत् तार से यदि स्पर्श भी हो गया तो उसको विद्युत् धरा का झटका नहीं लगेगा।
प्रश्न 10. विद्युत्-मिस्तरी द्वारा उपयोग किए जाने वाले औजार, जैसे-पेचकर और प्लायर्स के हत्थों पर प्रायः प्लास्टिक या रबड़ के आवरण चढ़े होते हैं। क्या आप इसका कारण समझा सकते हैं?
उत्तर – विद्युत्-मिस्तरी द्वारा उपयोग किए जाने वाले औजार जैसे पेचकस और प्लायर के हत्थों पर हमेशा प्लास्टिक या रबड़ के आवरण चढ़े होते हैं क्योंकि प्लास्टिक या रबर विद्युत् रोधी हैं। इसलिए इनमें विद्युत् धारा नहीं बह सकती जिसके कारण आराम से विद्यु मिस्त्री बिजली का झटका लगने से बच जाते हैं।
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