NCERT Solutions Class 6th Science Chapter – 3 पदार्थों का पृथक्करण (Separation of Substances)
Textbook | NCERT |
Class | 6th |
Subject | विज्ञान (Science) |
Chapter | 3th |
Chapter Name | पदार्थों का पृथक्करण (Separation of Substances) |
Category | Class 6th विज्ञान (Science) |
Medium | Hindi |
Source | Last Doubt |
NCERT Solutions Class 6th Science Chapter – 3 पदार्थों का पृथक्करण (Separation of Substances) Question Answer in Hindi कक्षा 6 के पदार्थों के पृथक्करण से आप क्या समझते हैं?, कक्षा 6 के पदार्थों के पृथक्करण की क्या आवश्यकता है?, पदार्थों के पृथक्करण से आप क्या समझते है पृथक्करण की किन्ही चार प्रमुख विधियों का नाम लिखिए?, प्रोसेस क्लास 6 क्या है? कक्षा 6 के लिए पृथक्करण की विधि क्या है?, मिश्रण कक्षा 6 के पृथक्करण में प्रयुक्त सिद्धांत क्या है?, चावल और दालों से पत्थर कैसे अलग होते हैं?, कक्षा 6 के लिए जुदाई क्या है?, दाल में कीड़े से कैसे बचाए?, दालों का मुख्य स्रोत क्या है?, आहार में दालें क्या हैं?, जुदाई के 3 प्रकार क्या हैं?, जुदाई करने से क्या फायदा होता है?, जुदाई कब की जाती है?, दाल का राजा कौन है?, प्रोटीन का मुख्य स्रोत क्या है?, दाल के 3 प्रकार कौन से हैं? इत्यादि के बारे में पढ़ेंगे। |
NCERT Solutions Class 6th Science Chapter – 3 पदार्थों का पृथक्करण (Separation of Substances)
Chapter – 3
पदार्थों का पृथक्करण
प्रश्न – उत्तर
प्रश्न 1. हमें किसी मिश्रण के विभिन्न अवयवों को पृथक करने की आवश्यकता क्यों होती है? दो उदाहरण लिखिए।
उत्तर – हमें किसी पदार्थ का उपयोग करने से पहले उसमें से मिश्रित हानिकारक तथा उपयोगी पदार्थों को पृथक करने की आवश्यकता होती है। कभी-कभी हम उपयोगी पदार्थों को भी पृथक करते हैं जिनकी हमें अलग से उपयोग करने की आवश्यकता है। उदाहरण चाय बनाते समय चाय की पत्तियों को द्रव से चालन (छलनी) द्वारा पृथक किया जाता है। मक्खन को दही से मंथन क्रिया द्वारा अलग (पृथक) किया जाता है।
प्रश्न 2. निष्पावन से क्या अभिप्राय है? यह कहाँ उपयोग किया जाता है?
उत्तर – निष्पावन-यह वह विधि है जिसमें गेहूं के दाने को भूसे से उनकी घनता के आधार पर वायु द्वारा अलग किया जाता है। अनाज से भूसा पृथक करने के लिए निष्पावन विधि का प्रयोग किया जाता है। निष्पावन करते समय भूसे के हल्के कण पवन में उड़ कर दूर गिरते हैं जबकि भारी अन्न के कण पृथक होकर निकट एक ढेर बना लेते हैं किसी मिश्रण के अवयवों को इस प्रकार पृथक करने की विधि निष्पावन कहलाती है।
प्रश्न 3. पकाने से पहले दालों के किसी नमूने से आप भूसे एवं धूल के कण कैसे पृथक् करेंगे?
उत्तर – हस्तचयन की विधि का उपयोग करके हम गेहूं, चावल तथा दालों से बड़े मिट्टी के कणों, पत्थर तथा भूसे को अलग कर सकते हैं।
प्रश्न 4. छालन से क्या अभिप्राय है? यह कहाँ उपयोग होता है?
उत्तर – छालन भिन्न-भिन्न आकार के मिश्रण के घटकों के अलग करने की एक विधि है। जिसमें एक विशेष आकार के कणों को छननी के छोटे-छोटे छेदों से अलग किया जाता है। जबकि बड़े कण छननी में ही रह जाता है इसका उपयोग निम्न मिश्रण के घटकों को अलग करने के लिए किया जाता है।
(i) इसका उपयोग आटे से चोकर को अलग करने के लिए किया जाता है।
(ii) चाय से चायपत्ती को अलग करने के लिए।
प्रश्न 5. रेत और जल के मिश्रण से आप रेत तथा जल को कैसे पृथक करेंगे?
उत्तर – रेत और जल के मिश्रण से रेत और जल को निस्तारण विधि से अलग किया जाता है, रेत के भारी कण बर्तन के तली में बैठ जाता है इसे अवसादन विधि कहते है इससे पानी जो हल्का होता है ऊपर रह जाता है जिसे निस्तारण विधि से अलग कर लिया जाता है पानी को और साफ प्राप्त करने के लिए फ़िल्टर पेपर से छानने से अलग किया जा सकता है।
प्रश्न 6. आटे और चीनी के मिश्रण में से क्या चीनी को पृथक करना संभव है ? अगर हाँ, तो आप इसे कैसे करेंगे?
उत्तर – हाँ, आटे और चीनी के मिश्रण को पृथक किया जा सकता है। आटे और चीनी के मिश्रण को चालन विधि द्वारा पृथक किया जा सकता है।
प्रश्न 7. पंकिल जल के किसी नमूने से आप स्वच्छ जल कैसे प्राप्त करेंगे?
उत्तर – पंकिल जल के एक नमूने को गिलास में लीजिए इसको आधा घंटा बिना हिलाये पड़ा रहने दें। थोड़ी देर बाद गिलास की तली में कुछ मिट्टी बैठ जाती है, क्योंकि मिट्टी के कण भारी होते हैं। अब जल को बिना हिलाए गिलास को थोड़ा तिरछा कीजिए। उस गिलास के ऊपर के जल को दूसरे गिलास में उड़ेलिए। इस प्रक्रम को निस्तारण कहते हैं। यदि गिलास का जल अब भी पंकिल अथवा भूरे रंग का है तब इसका निस्यंदन करो। निस्यंदन करने के लिए फिल्टर पेपर का प्रयोग करके पंकिल जल को शुद्ध करिए। जल में अशुधियां फिल्टर पेपर पर रह जायेंगी। इस प्रकार पंकिल जल स्वच्छ हो जाता है।
प्रश्न 8. रिक्त स्थानों को भरिए –
(क) धान के दानों को डंडियों से पृथक करने की विधि को …………….. कहते हैं।
उत्तर – श्रेशिंग
(ख) किसी एक कपड़े पर दूध को उड़ेलते हैं तो मलाई उस पर रह जाती है। पृथक्करण की यह प्रक्रिया ………………… कहलाती है।
उत्तर – नियंदन
(ग) समुद्र के जल से नमक ………………… प्रक्रिया द्वारा प्राप्त किया जाता है।
उत्तर – वाष्पन
(घ) जब पंकिल जल को पूरी रात एक बाल्टी में रखा जाता है तो अशुद्धियाँ तली पर बैठ जाती हैं। इसके पश्चात स्वच्छ जल को ऊपर से पृथक कर लेते हैं। इसमें उपयोग होने वाली पृथक्करण की प्रक्रिया को ……………… कहते हैं।
उत्तर – निस्तारण
प्रश्न 9. सत्य अथवा असत्य –
(क) दूध और जल के मिश्रण को निस्यंदन द्वारा पृथक किया जा सकता है।
उत्तर – असत्य
(ख) नमक तथा चीनी के मिश्रण को निष्पावन द्वारा पृथक कर सकते हैं।
उत्तर – असत्य
(ग) चाय की पत्तियों को चाय से पृथक्करण निस्यंदन द्वारा किया जा सकता है।
उत्तर – सत्य
(घ) अनाज और भूसे का पृथक्करण निस्तारण प्रक्रम द्वारा किया जा सकता है।
उत्तर – असत्य
प्रश्न 10. जल में चीनी तथा नींबू का रस मिलाकर शिकंजी बनाई जाती है। आप बर्फ़ डालकर इसे ठंडा करना चाहते हैं, इसके लिए शिकंजी में बर्फ़ चीनी घोलने से पहले डालेंगे या बाद में? किस प्रकरण में अधिक चीनी घोलना संभव होगा?
उत्तर – शिकंजी बनाते समय चीनी पहले घोली जाती है और बर्फ बाद में डाली जाती है, क्योंकि यदि बर्फ डालने के बाद चीनी डालेंगे तो शिकंजी ठंडी हो जायेगी जिससे कम तापमान होने के कारण चीनी नहीं घुल पायेगी। इसलिए शिकंजी बनाते समय चीनी पहले घोलनी चाहिए, बर्फ बाद में डालनी चाहिए।
अति लघु प्रश्न उत्तर
प्रश्न 1. जल के किसी नमूने में से रेत को किस विधि द्वारा पृथक करेंगे?
उत्तर – किसी भी प्रकार के जल के नमूने से यदि आपको रेत से अलग करना है अर्थात पृथक करना है तो आप उसे अवसादन विधि के माध्यम से अलग कर सकते हैं।
प्रश्न 2. दूध से मक्खन निकालने के लिए किस विधि का प्रयोग किया जाता है?
उत्तर – कई बार आपने देखा होगा कि दूध से मक्खन निकालने के लिए कई विधियों का उपयोग किया जाता है लेकिन ज्यादातर दूध से मक्खन निकालने के लिए जो विधि हम उपयोग करते है उसे मंथन विधि के नाम से जाना जाता हैं।
प्रश्न 3. चावल से बारीक रेत के कणों को किस विधि द्वारा पृथक किया जाता है?
उत्तर – चावल से बारीक रेत के कणों को अलग करने के लिए अक्सर हमारे घरों में हस्तचयन विधि का उपयोग किया जाता है क्योंकि यह एक ऐसा माध्यम है जिससे आसानी से चावल में उपलब्ध किसी भी प्रकार के कंकड़, पत्थर, भूसा इत्यादि को चावल से अलग किया जा सकता है।
प्रश्न 4. गेहूं से भूसे-को पृथक करने के लिए किस विधि का प्रयोग किया जाता है?
उत्तर – अक्सर गेहूं के फसल के कटाई के बाद उसे भूसे से अलग किया जाता है इसके कई सारे तरीके हैं लेकिन गेहूं के भूसे को अलग अथवा पृथक करने की विधि को हम निष्पादन विधि के नाम से जानते हैं जिसका उपयोग गांव में अनाज को भंडारित करने से पहले किया जाता है।
प्रश्न 5. चाय बनाते समय चाय की पत्तियों को द्रव से कैसे पृथक किया जाता है?
उत्तर – अभी के समय में हर घर में चाय बनना आम बात है क्योंकि ज्यादातर लोग हमारे भारत में चाय को बहुत पसंद करते हैं। तो ऐसे में यदि आपने देखा होगा कि चाय बनाते समय चाय के पत्ती को चाय से अलग किया जाता है अर्थात पृथक किया जाता है इसमें सबसे ज्यादा छन्नी का उपयोग किया जाता है क्योंकि छन्नी ही एकमात्र ऐसा साधन है जो प्रत्येक घर में आपको चाय से पति को अलग करने की प्रक्रिया में शामिल होता हुआ दिखाई देगा।
प्रश्न 6. हम पदार्थों को पृथक क्यों करते हैं?
उत्तर – यह बहुत ही महत्वपूर्ण प्रश्न है कि हम पदार्थों को पृथक क्यों करते हैं इसका सबसे महत्वपूर्ण उत्तर या होगा कि हम उपयोगी पदार्थों में से हानिकारक पदार्थों को अलग करने के लिए पदार्थों का पृथक्करण करते हैं।
प्रश्न 7. पृथक्करण की कौन-सी विधियाँ हैं?
उत्तर – यदि आपसे प्रश्न पूछा जाए कि पृथक्करण करने की कौन-कौन सी विधियां हैं तो आप बताएंगे पृथक्करण करने की निम्नलिखित विधियां हैं जिसमें हस्तचयन, थ्रेसिंग, निष्पादन, अवसादन, निस्तारण एवं नियंदन विधि को उपयोग में लाया जाता है।
प्रश्न 8. हस्तचयन विधि क्या है?
उत्तर – हस्तचयन विधि में हाथों से चुनकर किसी भी पदार्थ के अंदर से अशुद्धियों को बाहर किया जाता है उदाहरण के लिए आप गेहूं चावल दाल इत्यादि को ले सकते हैं क्योंकि इसके अंदर मिट्टी के बड़े-बड़े टुकड़े या पत्थर के टुकड़े या फिर भूसा इत्यादि मौजूद होता है इसे हाथों से अलग किया जाता है अथवा इनके अशुद्धियों को दूर किया जाता है इस तरह के विधि को हस्तचयन विधि कहते हैं।
प्रश्न 9. थ्रेशिंग क्या है?
उत्तर – थ्रेसिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जिसका उपयोग अनाज को डंडी से अलग करने के लिए किया जाता है इसमें मुख्यता हम जब अनाज को खेतों से काटते हैं उसके बाद अनाज के दाने को साफ कर लेते हैं। इसी प्रक्रिया को थ्रेसिंग का नाम दिया जाता है। आजकल के समय में अर्थात वर्तमान समय में थ्रेसिंग का कार्य अलग-अलग प्रकार के मशीनों से किया जाता है।
प्रश्न 10. निष्पावन किसे कहते हैं?
उत्तर – पृथक्करण की बहुत सारी प्रक्रियाओं का उपयोग किसानों के माध्यम से किया जाता है लेकिन बात अगर निष्पावन की हो तो इस प्रक्रिया में हवा के माध्यम से मिश्र पदार्थों को अलग अलग किया जाता है इसका इस्तेमाल किसानों द्वारा हलके अनाज के अंदर से दूसरे भारी और अन्य पदार्थों को पृथक करने के लिए किया जाता है।
प्रश्न 11. चालन विधि क्या है?
उत्तर – चालन की विधि के माध्यम से पत्थर, डंडियों या भूसे जो निष्पादन और थ्रेसिंग के बाद भी गेहूं और किसी अन्य प्रकार के अनाजों में रह जाते हैं उन्हें छन्नी के माध्यम से अलग करके साफ किया जाता है। जिसे चालन की विधि से ज्यादातर करते हुए देखा जाता है, इसका उपयोग भवन निर्माण के समय भी होता है जब रेत में मौजूद कंकर या पत्थर को अलग करने के लिए किया जाता है।
प्रश्न 12. आटे से अशुद्धियों को किस विधि से निकाला जाता है?
उत्तर – आइए जानते हैं आटे से अशुद्धियों को किस प्रकार निकाला जाता है आटे से किसी भी प्रकार की अशुद्धियों को निकालने के लिए चालन विधि का उपयोग किया जाता है क्योंकि चालन विधि एकमात्र ऐसा माध्यम है जो आटे से चोकर, पत्थर, मिट्टी या किसी अन्य प्रकार के अपशिष्ट पदार्थ जिसका उपयोग आटे में नहीं किया जा सकता है उसे अलग करने के लिए किया जाता है।
प्रश्न 13. चावल तथा दालों को पकाने से पहले हल्की अशुधियों को किस विधि से पृथक किया जा सकता है?
उत्तर – चावल एवं दाल को पकाने या फिर खाना बनाने से पहले जो हल्की अशुद्धियां हमारे खाद्य पदार्थों में होती है उसे हटाने के लिए हम हस्तचयन या अवसादन विधि का उपयोग करते हैं इस विधि के माध्यम से जो हल्की अशुद्धियां हमारे भोज्य पदार्थों में बच जाती है उसे अलग करने के लिया किया जाता है।
प्रश्न 14. अवसादन किसे कहते हैं?
उत्तर – जब हम किसी भी प्रकार के द्रव वाले मिश्रण में यदि किसी दूसरे मिश्रण को मिलाते हैं तो अक्सर देखा जाता है कि इसके अंदर जो भारी अवयव होते हैं वह उसके तली अर्थात पेंदी में जाकर बैठ जाते हैं इस पूरी प्रक्रिया को हम अवसादन के नाम से जानते हैं।
प्रश्न 15. निस्तारण किसे कहते हैं?
उत्तर – जब हम अवसादित मिश्रण को बिना हिलाए जल को मिट्टी सहित उड़लने से अशुद्धियां को पृथक कर लेते हैं अर्थात अलग कर लेते हैं तो इस तरह के विधि को हम निस्तारण विधि के नाम से जानते हैं।
प्रश्न 16. घरों में पनीर छानने के लिए कौन – सी विधि का उपयोग किया जाता है?
उत्तर – घरों में पनीर को छानने के लिए जिस प्रकार के पृथक्करण विधि का उपयोग किया जाता है उसे हम निस्पंदन विधि कहते हैं क्योंकि निस्पंदन विधि के माध्यम से पनीर को छान के अलग अर्थात पृथक कर सकते है।
प्रश्न 17. जल में नमक को पृथक करने के लिए किस विधि का प्रयोग किया जाता है?
उत्तर – जल में नमक को पृथक करने के जिस विधि का उपयोग करते है उसे वाष्पन विधि कहते हैं क्योंकि वाष्पन एकमात्र ऐसा साधन है जिसके माध्यम से जल और नमक के मिश्रण को आसानी से पृथक किया जा सकता है।
प्रश्न 18. वाष्पण किसे कहते हैं?
उत्तर – जब हम द्रव को गर्म करते हैं तो उसके अंदर से वाष्प बाहर आने लगता है द्रव के वाष्प में परिवर्तन होने की इस प्रक्रिया को वाष्पण प्रक्रिया या वाष्पण विधि कहते हैं।
प्रश्न 19. संघनन किसे कहते हैं?
उत्तर – वस्तु को ठंडा करके उसे द्रव अवस्था में परिवर्तित करने की विधि को संघनन कहा जाता है जब किसी भी प्रकार के वस्तु को ठंडा किया जाए तो वापस वह द्रव की अवस्था में आ जाता है तो इस प्रक्रिया को संघनन की प्रक्रिया के नाम से जानते हैं।
प्रश्न 20. रिक्त स्थान भरिए।
1. दूध से मक्खन ………….. विधि द्वारा अलग किया जाता है।
उत्तर – मंथन
2. चावल से बारीक रेत के कणों को ………….. द्वारा अलग किया जा सकता है।
उत्तर – हस्तचयन
3. गेहूँ से भूसा अलग करने के लिए …………….. विधि का प्रयोग किया जाता है।
उत्तर – निष्पावन
4. रेत तथा मसाले को ……………..द्वारा अलग कर सकते हैं।
उत्तर – छाननी
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