NCERT Solutions Class 6th Hindi Grammar (व्याकरण) समास
Textbook | NCERT |
Class | 6th |
Subject | Hindi |
Chapter | हिन्दी व्याकरण (Grammar) |
Grammar Name | समास |
Category | Class 6th Hindi हिन्दी व्याकरण |
Medium | Hindi |
Source | Last Doubt |
NCERT Solutions Class 6th Hindi Grammar (व्याकरण) समास जिस में हम समास, समास के भेद, तत्पुरुष समास, कर्मधारय समास, विगु समास, अव्ययीभाव समास, बहुब्रीहि समास, द्वंद्व समास, पक्षी कौन सा समास है, बहुव्रीहि समास क्या होता है, तत्पुरुष समास क्या होता है, अव्ययीभाव समास क्या होता है, जितेंद्र में कौन सा समास है, पंचवटी में कौन सा समास होता है, चतुर्भुज में कौन सा समास होता है, माता और पिता कौन सा समास है, रसोई घर में कौन सा समास होता है, वनवास में कौन सा समास है, आदि इसके बारे में हम बिस्तार से पढ़ेगे। |
NCERT Solutions Class 6th Hindi Grammar (व्याकरण) समास
हिन्दी व्याकरण
समास
समास – समास शब्द-रचना की ऐसी प्रक्रिया है जिसमें अर्थ की दृष्टि से परस्पर भिन्न तथा स्वतंत्र अर्थ रखने वाले दो या दो से अधिक शब्द मिलकर किसी अन्य स्वतंत्र शब्द की रचना करते हैं। जैसे–चौराहा, पीतांबर आदि।
समास के भेद – समास के मुख्यतः 6 भेद होते हैं-
तत्पुरुष समास
कर्मधारय समास
विगु समास
अव्ययीभाव समास
बहुब्रीहि समास
द्वंद्व समास
तत्पुरुष समास – जिस समास में उत्तरपद प्रधान होता है और पूर्वपद गौण होता है। तत्पुरुष समास की रचना में समस्त पदों के बीच में आने वाले परसर्गों; जैस- का, से घर आदि का लोप हो जाता है; जैसे- रसोई घर = रासोई + घर = रसोई के लिए घर। पुस्तकालय = पुस्तक + आलय = पुस्तक का आलय।
कर्मधारय समास – कर्मधारय समास में पूर्वपद विशेषण तथा उत्तरपद विशेष्य होता है। अथवा पूर्वपद और उत्तर पद में उपमेप| उपमान का संबंध होता है; जैसे- नीलकमल = नील + कमल = नीलाकमल। कमलनयन = नयन + कमल = कमल के समान नयन।
द्विगु समास – दुबे का शाब्दिक अर्थ है-‘दो’ इस समास का पहला शब्द संख्यावाचक विशेषण तथा दूसरा पद संज्ञा होता है। इस समास का बोध कराता है तथा इसका दूसरा पद प्रधान होता है; जैसे–त्रिलोक, पंचवटी, अठन्नी, चौराहो, पखवारा, शताब्दी।
अव्ययीभाव समास – जिसका पद प्रधान हो और समस्त पद अव्यय हों, उसे अव्ययीभाव कहते हैं; जैसे- प्रत्येक, यथाशक्ति, रातोंरात, आजन्म।
बहुव्रीहि समास – जिस समास में पूर्वपद तथा उत्तरपद दोनों में से कोई भी पद प्रधान न होकर कोई अन्य पद ही प्रधान हो, वह बहुव्रीहि समास कहलाता है; जैसे- लंबोदर, मुरलीधर, मृगनयनी, त्रिलोचन, पीतांबर।
द्वंद्व समास – इस समास में दोनों ही पद प्रधान होते हैं तथा दोनों पदों को जोड़ने वाले समुच्चयबोधक अव्यय का लोप होता है; जैसे- सुख-दुख, भाई-बहन, पाप-पुण्य, भला-बुरा, रात-दिन आदि।
‘यथाशक्ति’ दूसरों की सहायता करो ?
श्रीकृष्ण’ ने ‘पीतांबर’ धारण किया है ?
‘पीतांबर’ भगवान सर्वत्र है ?
राम ने ‘दशानन’ का वध किया ?
“चरण कमल’ बंदौ हरिराई ?
समास के कितने भेद होते हैं ?
तत्पुरुष समास का उदाहरण इनमें से कौन-से विकल्प में है ?
जिस समास में पहला पद संख्यावाचक कौन-सा होता है ?
समास के भेदों का नाम लिखिए ?
तत्पुरुष समास का एक उदाहरण दीजिये ?
NCERT Solution Class 6th Hindi Grammar Vyaakaran |
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