NCERT Solutions Class 12th Political Science (स्वतंत्र भारत में राजनीति) Chapter – 3 नियोजित विकास की राजनीति (Politics of Planned Development)
Textbook | NCERT |
Class | 12th |
Subject | Political Science (स्वतंत्रत भारत में राजनीति) |
Chapter | Chapter – 3 |
Chapter Name | नियोजित विकास की राजनीति (Politics of Planned Development) |
Category | Class 12th Political Science Question Answer in Hindi |
Medium | Hindi |
Source | Last Doubt |
NCERT Solutions Class 12th Political Science (स्वतंत्र भारत में राजनीति) Chapter – 3 नियोजित विकास की राजनीति (Politics of Planned Development) Question & Answer In Hindi प्रभुत्व संपन्न कौन है?, महत्व का मतलब क्या होता है?, प्रभुत्व का नियम क्या है?, अधूरा प्रभुत्व क्या होता है?, एपिस्टासिस क्या है और यह कैसे प्रभुत्व से अलग है?, मेंडल के पौधे में क्या पाया जाता है?, मेंडल का नियम कब दिया?, पृथक्करण का नियम क्या है?, मेंडल के कितने कानून हैं?, मेंडल की खोज किसने की थी?
NCERT Solutions Class 12th Political Science (स्वतंत्र भारत में राजनीति) Chapter – 3 नियोजित विकास की राजनीति (Politics of Planned Development)
Chapter – 3
नियोजित विकास की राजनीति
प्रश्न – उत्तर
प्रश्न 1. बॉम्बे प्लान’ के बारे में निम्नलिखित में कौन-सा बयान सही नही है। (क) यह भारत के आर्थिक भविष्य का एक ब्लू-प्रिंट था। (ख) इसमे उधोगो के उपर राज्य के स्वामित्व का समर्थन किया गया था। (ग) इसकी रचना कुछ अग्रणी उधोगपतियों ने की थी। (घ) इसमे नियोजन के विचार का पुरजोर समर्थन किया गया था। उत्तर – (ख) इसमे उधोगो के उपर राज्य के स्वामित्व का समर्थन किया गया था। |
प्रश्न 2. भारत ने शुरुआती दौर में विकास की जो नीति अपनाई उसमे निन्मलिखित में से कौन-सा विचार शामिल नही था ? (क) नियोजन |
प्रश्न 3. भारत में नियोजित अर्थव्यवस्था चलाने का विचार – ग्रहण किया गया था- (क) सिर्फ (ख) और (घ) उत्तर – (घ) उपर्युक्त सभी |
प्रश्न 4. निम्नलिखित का मेल करे-
उत्तर –
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प्रश्न 5. आजादी के समय विकास के सवाल पर प्रमुख मतभेद क्या थे ? क्या इन मतभेदों को सुलझा लिया गया? उत्तर – आजादी के समय विकास के सवाल पर प्रमुख मतभेद कायम था। आजादी के समय भारत के सामने विकास के दो मोडल थे पहला पूंजीवादी मोडल और दूसरा समाजवादी मोडल। विकास के सम्बन्ध में मुख्य मुद्दा यह था कि विकास के लिए कौन-सा मोडल अपनाया जाए? पूंजीवादी मोडल के समर्थक देश के औद्योगीकरण पर अधिक बल दे रहें थे, जबकि साम्यवादी मोदक के समर्थक कृषि के विकास एवं ग्रामीण क्षेत्र की गरीबी को दूर आवश्यक समझते थे। इन परिस्थितियों में सरकार दुविधा में पड़ गई, की विकास का कौन-सा मोडल अपनाया जाए परन्तु आपसी बातचीत तथा सहमती का रास्ता अपनाते हुए मिश्रित अर्थव्यवस्था को अपनाया। |
प्रश्न 6. पहली पंचवर्षीय योजना का किस चीज पर सबसे ज्यादा जोर था ? दुसरी पंचवर्षीय योजना पहली से किन अर्थो में अलग थी ? उत्तर – पहली पंचवर्षीय योजना में कृषि क्षेत्र में अधिक जोर दिया गया। क्योंकि भारत के विभाजन का सबसे बुरा प्रभाव कृषि पर पड़ा था, अतः प्रथम पंचवर्षीय योजना में कृषि के विकास को सर्वाधिक महत्व दिया गया। प्रथम पंचवर्षीय एवं दूसरी पंचवर्षीय योजना में प्रमुख अंतर यह था कि जहाँ प्रथम पंचवर्षीय योजना में कृषि- क्षेत्र पर अधिक जोर दिया गया, वहीं दूसरी योजना में भरी उद्दोगों के विकास पर अधिक जोर दिया गया। |
प्रश्न 7. हरित क्रांति क्या थी ? हरित क्रांति के दो सकारात्मक और दो नकारात्मक परिणामो का उल्लेख करें। हरित क्रांति के सकारात्मक प्रभाव-
हरित क्रांति के नकारात्मक प्रभाव-
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प्रश्न 8. दूसरी पंचवर्षीय योजना के दौरान औधोगिक विकास बनाम करीसी विकास का विवाद चला था इस विवाद में क्या-क्या तर्क दिए गए थे।
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प्रश्न 9. अर्थव्यवस्था में राज्य की भूमिका पर जोर देकर भारतीय नीति – निर्माताओ ने गलती की।अगर शुरूआत से ही निजी क्षेत्र को खुली छूट दी जाती तो भारत का विकास कहीं ज्यादा बेतर तरीकेसे होता। इस विचार के पक्ष विचार के पक्ष या में अपने तर्क दीजिए। उत्तर – आजादी के समय अर्थव्यवस्था पर राज्य की भूमिका पर अधिक जोर दिया गया था, अर्थात् आर्थिक गतिविधियों को राज्य नियंत्रित करता था। अतः कई विद्वानों द्वारा यह तर्क दिया जाता है, कि भारत को शुरुआत में ही निजी क्षेत्र को खुली छूट दी जनि चाहिए थीं। परन्तु इस कथन से सहमत नही हुआ जा सकता, क्योंकि आजादी के समज देश की आर्थिक एवं सामाजिक परिस्थितियाँ ऐसी नहीं थी कि सरकार निजी क्षेत्र को खुली छूट दे देती। उस समय कृषि क्षेत्र के विकास का कार्यक्रम सर्वप्रथम था तथा कृषि क्षेत्र का विकास राज्य के नियन्त्रणाधीन ही अधिक ठीक ढंग से हो सकता है। |
प्रश्न 10. निम्नलिखित अवतरण को पढ़े और इसके आधार पर पूछे गए प्रश्नों के उतर दे : आजादी के बाद के आरंभिक वर्षो में कांग्रेस पार्टी के भीतर दो परस्पर विरोधी प्रवीर्तिया पनपीं एक तरफ राष्ट्रीय पार्टी कार्यकारिणी ने राज्य के स्वामित्व का समाजवादी सिधात अपनाया, उत्पादकता को बढ़ाने के साथ – साथ आर्थिक संसाधनो के संकेंद्र्ण को रोकने के लिए अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण क्षेत्रों का नियंत्रण और नियमन किया। दुसरी तरफ कांग्रेस की राष्ट्रीय की राष्ट्रीय सरकार ने नीजी निवेश के लिए उदार आर्थिक नीतियाँ अपनाई और उसके बढ़ावे के लिए विशेष कदम उठाए। ऐसे उत्पादन में अधिकतम व्रीदी की अकेली कसौटी पर जायज ठहराया गया। (क) यहाँ लेखक किस अन्त्वीर्रोध की चर्चा करे रहा है ? ऐसे अन्त्वीर्रोध के राजनीतिक परिणामो क्या होगा? (ख) कांग्रेस इस नीति पर इसलिए चल रही थी क्योकि कांग्रेस में सभी विचारधाराओ के लोग शामिल थे तथा सभी लोगो के विचारो को ध्यान में रख कर ही कांग्रेस पार्टी इस प्रकार का कार्य कर रही थीं। इसके साथ-साथ कांग्रेस पार्टी ने इस प्रकार की नीति इसलिए भी अपनाई ताकि विपक्षी दलों के पास आलोचना का कोई मुद्दा न रहे। (ग) कांग्रेस के केन्द्रीय नेतृत्व एवं प्रान्तीय नेताओ में कुछ हद तक अन्तर्विरोध पाया जाता था। जहाँ केन्द्रीय नेतृत्व राष्ट्रिय एवं अंतरराष्ट्रीय मुद्दों को महत्व देता था, वही प्रान्तीय नेता प्रान्तीय एवं स्थानीय मुद्दों को महत्व देते थे। |
NCERT Solutions Class 12th Political Science All Chapter Question Answer
- Chapter – 1 राष्ट्र निर्माण की चुनौतियाँ
- Chapter – 2 एक दल के प्रभुत्व का दौर
- Chapter – 3 नियोजित विकास की राजनीति
- Chapter – 4 भारत के विदेशी सम्बन्ध
- Chapter – 5 कांग्रेस प्रणाली चुनौतियाँ और पुनर्स्थापन
- Chapter – 6 लोकतान्त्रिक व्यवस्था का संकट
- Chapter – 7 जन आंदोलन
- Chapter – 8 क्षेत्रीय आकांक्षाये
- Chapter – 9 भारतीय राजनीति नए बदलाव