NCERT Solutions Class 12th Home Science Chapter – 11 आतिथ्य प्रबंधन (hospitality Management)Notes In Hindi

NCERT Solutions Class 12th Home Science Chapter – 11 आतिथ्य प्रबंधन (hospitality Management) 

TextbookNCERT
classClass – 12th
SubjectHome Science
ChapterChapter – 11
Chapter Nameआतिथ्य प्रबंधन
CategoryClass 12th Home Science Notes In Hindi 
MediumHindi
SourceLast Doubt

NCERT Solutions Class 12th Home Science Chapter – 11 आतिथ्य प्रबंधन (hospitality Management) 

Chapter – 11

आतिथ्य प्रबंधन

Notes

Introduction

भारतीय सभ्यता में अतिथियों को भगवान के समान माना जाता है और उनके साथ वैसा ही व्यवहार किया जाता है , जैसे कि “ अतिथि देवो भव ” शब्द में विदित है ।
 प्राचीन काल में प्रायः लोग अपने सम्बन्धियों या मित्रों के यहाँ या धर्मशलाओं में रुकते थे
परन्तु आज के आधुनिक समय में लोगों की विभिन्न उद्देश्यों से की जाने वाली यात्राओं की संख्या में वृद्धि हुई है
ऐसी स्थिति में सत्कार की मूलभूत सेवाओं की व्यवस्था की आधिक आवश्यकता हो गई है ।

 महत्त्व 

•  कुछ लोग विभिन्न स्थानों की यात्रा, विभिन्न संस्कृतियों का अनुभव करने, परम्परागत हमारतों को देखने के लिए, वन्य जीवन पर्यटन के लिए जाते हैं ।
•  लोग धार्मिक यात्राओं पर, धार्मिक स्थलों के दर्शन के लिए व धार्मिक उत्सवों में भाग लेने जाते हैं ।
 • आज के युग में लोग व्यापारिक उद्देश्य से भी भिन्न – भिन्न देशों की यात्रा करते हैं ।
•  चिकित्सकीय पर्यटन भी एक बढ़ता हुआ क्षेत्र है लोग दूसरे देशों में स्वास्थ्य सेवा प्राप्त करने के लिए यात्रा करते हैं ।
•  शिक्षा प्राप्त करने के लिए भी विद्यार्थी दूसरे देशों में यात्रा करते हैं । इस प्रकार के आयोजनों / समारोहों में भाग लेने के लिए आने वाले सभी लोग ऐसे स्थानों पर रुकना चाहते हैं
• जो आरामदायक, सुरक्षित तथा स्वच्छ हों । इस प्रकार आतिथ्य उद्योग ” एक घर से दूर घर ” की सुविधा के रूप में विकसित हुआ है और यह तीव्र गति से विकसित हो रहा उद्योग हैं ।

मूलभूत संकल्पनाएँ 

•  होटल ये बड़े व्यापारिक प्रतिष्ठान होते हैं जो अतिथियों को रहने का स्थान, भोजन तथा अन्य सेवाएँ प्रदान करते हैं |
मोटल मोटल, होटलों से छोटे होते हैं , होटल जैसी सेवाएँ प्रदान करते हैं और कमरे के पास पार्किंग की सुविधा प्रदान करते हैं|
•  ( लॉज ) – लॉज किराये पर स्थान प्रदान करता है, विशेष रूप से सोने के लिए और यह भी हो सकता है कि वहाँ भोजन और अन्य सेवाएँ उपलब्ध न करवाई जाएँ ।
•  सैरगाह / रिजार्ट – ये बड़े व्यवसायिक प्रतिष्ठान होते हैं । ये सुख – सुविधा के आकर्षण के लिए जाना जाता है । यहाँ अनेक प्रकार की सुविधाएँ / खेल की सुविधाएँ उपलब्ध होती हैं ।
•  सुसज्जित फ्लैट यहाँ अतिथियों की सभी अपेक्षित सुविधाएँ प्रदान की जाती हैं ।
•  यहाँ पर अतिथि अपना भोजन स्वयं बना सकते हैं ।
•  सुसज्जित शिविर ( कैंप ) – प्राय : ये उन लोगों का आतिथ्य प्रदान करते हैं जो ट्रैकिंग, रॉक क्लाइबिंग, राफिटिंग आदि जोखिम भरे खेलों में भाग लेते हैं ।
•  इनके अतिरिक्त आतिथ्य सेवाएँ सम्मेलनों, सभाओं, थीम पार्क, समुद्री पर्यटन आदि में प्रदान की जाती हैं । अतिथि गृह, अस्पताल, छात्रावास आदि में भी आतिथ्य सेवाएँ प्रदान की जाती हैं ।

एक संगठन के आतिथ्य प्रबंधन में सम्मिलित विभाग 

•  प्रमुख / फ्रंट कार्यालय ( Front Office ) प्रतिथि चक्र के लगभग सभी चरण फ्रंट ऑफिस के अधीन ही आते है ।
होटल में अतिथि का आगमन फ्रंट ऑफिस क्षेत्र में ही होता हैं और वहीं पर उसका पहली बार प्रतिष्ठान / होटल के स्टाफ  कर्मचारियों से संपर्क होता है ।
•  अतिथि और होटल / प्रतिष्ठान के बीच अच्छे संबंध विकसित करना तथा बाजार में प्रतिष्ठान की अच्छी छवि बनाने के लिए मुख्य रूप से फ्रंट ऑफिस ही जिम्मेदार होता है, इसलिए फ्रंट ऑफिस / प्रमुख कार्यालय किसी भी होटल का केंद्र बिंदु होता है ।
•  गृह व्यवस्था विभाग ( Housekeeping Department ) गृह व्यवस्था विभाग मुख्य रूप से होटल अथवा प्रतिष्ठान के हर हिस्से की स्वच्छता को सुनिश्चित करने और साफ – सफाई के उच्चतम मानकों को बनाए रखकर स्वस्थ परिवेश प्रदान करने के लिए उत्तरदायी होता है ।
•  इसके अतिरिक्त प्रतिष्ठान के सौंदर्य को बनाए रखना भी इसी विभाग की जिम्मेदारी होती है ।
•  अतिथियों का होटल में रहने तथा भविष्य में भी बार – बार उसी होटल में आने का निश्चय, मुख्यत :
•  होटल द्वारा प्रदान की गई सेवाओं की गुणवत्ता तथा होटल के कमरे की साज – सज्जा, कमरे में प्रदान की गई सुविधाओं, सुरक्षा, स्वच्छता तथा सफाई पर निर्भर करता है ।

 खाद्य तथा पेय पदार्थ विभाग ( Food and Beverages Department )

•  खाद्य तथा पेय पदार्थ विभाग का मुख्य कार्य खाद्य तथा पेय पदार्थों का उत्पादन तथा बिक्री करना होता है ।
होटल या संस्थान में सभी प्रकार के रसोईघर, भोजन- कक्ष / दावतखाना, रेस्तराँ, रूम सर्विस, कॉफी शॉप तथा बार इत्यादि इसी विभाग के अंतर्गत आते है ।
•  रसोईघर ( Kitchen ) रसोईघर वह स्थान होता है, जहाँ भोजन तैयार किया जाता है । आजकल सभी बड़े होटलों में विभिन्न प्रकार के खाद्य तथा पेय पदार्थों को तैयार करने के लिए अलग – अलग अनुभाग होते है,
जैसे कि- अलग बूचड़खाना, बेकरी तथा मिष्ठान भंडार, सब्जियाँ तैयार करना , सूप विभाग , पेंट्री , चूल्हे आदि के स्वतंत्र अनुभाग हो सकते हैं ।
•  हालांकि छोटे होटलों में ये सभी अनुभाग रसोईघर से ही जुड़े होते हैं । सभी बड़े होटलों तथा संस्थानों के रसोईघरों में बहुत से कर्मचारी काम करते हैं ।
•  रेस्तराँ यह एक व्यापारिक सुविधा है जो ग्राहकों को खाद्य और पेय पदार्थ उपलब्ध करवाता है ।
•  ये खाने की मेज , कुर्सियों तथा अन्य आवश्यक फर्नीचर और साथ क्रॉकरी व लिनेन के साथ सुसज्जित होते हैं ।
•  रेस्तराँ के विभिन्न कर्मचारी प्रबन्धक सम्पूर्ण कार्य संचालन के लिए उत्तरदायी होता है ।
•  सहायक सेवा विभाग संस्थानों में कुछ अन्य विभाग होते हैं जो संस्थानों के प्रबन्धन व सुचारू रूप से कार्य संचालन के लिए महत्त्वपूर्ण होते हैं । इन्हें ‘ बँक ऑफिस ‘ भी कहा जाता है ।

Scope (कार्यक्षेत्र)

•  कार्यक्षेत्र आतिथ्य प्रबन्धन के क्षेत्र में कार्य करने वाली संगठनात्मक संरचना में निम्न पद आते हैं । शीर्ष प्रबन्धन, मध्य प्रबंधन, अवर प्रबन्धन पर्यवेक्षक तथा प्रचालन स्टाफ आते हैं ।
•  इन सभी स्तरों पर नौकरी के अवसर उपलब्ध हैं ।
•  युवाओं को इस क्षेत्र में वरीयता प्राप्त होती है क्योंकि वे कई घण्टों तक कार्य कर सकते हैं ।
•  शिक्षा में प्रगति होने से अधिक जानकारी तथा अधिक सामर्थ्य होती है ।
•  वे नवीनतम प्रौद्योगिकियों तथा नए विचारों को अपनाने के लिए तत्पर रहते हैं । उनके अन्दर सफलता और अधिक पैसा कमाने की महत्त्वाकांक्षा होती हैं ।
•  आतिथ्य प्रबन्धन केवल होटल उद्योगों तक ही सीमित नहीं है बल्कि यह छात्रावासों एवं अस्पतालों जैसे बड़े छात्रों में भी लागू होता है ।

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