NCERT Solutions Class 12th Hindi अंतरा Chapter – 2 सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ जीवनी

NCERT Solutions Class 12th Hindi अंतरा Chapter – 2 सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ जीवनी

TextbookNCERT
Class 12th
Subject Hindi
Chapter2nd
Grammar Nameसूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ जीवनी
CategoryClass 12th Hindi अंतरा
Medium Hindi
SourceLast Doubt

NCERT Solutions Class 12th Hindi अंतरा Chapter – 2 सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ जीवनी इस में हम पढेंगें जन्म, मृत्यु, बचपन का नाम, संघर्षपूर्ण जीवन, शिक्षा, रचनाएँ, काव्य संग्रह, कहानी संग्रह, उपन्यास, निबंध संग्रह, समीक्षा, संपादन कार्य, साहित्यिक विशेषताएँ आदि के बारे में पढ़ेंगे।

NCERT Solutions Class 12th Hindi अंतरा Chapter – 2 सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ जीवनी

Chapter – 2

सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ जीवनी

जन्म – सन् 1898 – मेदिनीपुर, पश्चिम बंगाल।

मृत्यु – सन् 1961 – इलाहाबाद।

बचपन का नाम – सूर्यकुमार

संघर्षपूर्ण जीवन – बहुत छोटी आयु में ही उनकी माँ का निधन हो गया। जिस पत्नी की प्रेरणा से उनकी साहित्य व संगीत में रुचि पैदा हुई, उनका भी सन् 1918 में निधन हो गया। उसके बाद पिता और अन्य परिवार जन भी एक-एक करके चल बसे। अंत में पुत्री सरोज की मृत्यु ने उन्हें तोड़ दिया। मृत्यु के इस साक्षात्कार की अभिव्यक्ति उनकी कई रचनाओं में दिखाई देती है।

शिक्षा – उनकी विधिवत स्कूली शिक्षा नवीं कक्षा तक ही हो पाई। स्वाध्याय के द्वारा उन्होनें अनेक भाषाओं, भारतीय इतिहास, दर्शन, पुराण आदि का ज्ञान प्राप्त किया।

रचनाएँ –

  1. काव्य संग्रह – परिमल, गीतिका, अनामिका, बेला, अर्चना, तुलसीदास, कुकुरमुत्ता, नए पत्ते, अर्चना, आराधना, गीतगुंज।
  2. कहानी संग्रह – लिली, चतुरीचमार, सुकुल की बीवी, सखी, देवी।

उपन्यास – बिल्लेसुर बकरिहा, अप्सरा, अलका, प्रभावती, इरावती, निरुपमा आदि।

निबंध संग्रह – प्रबंध पद्म, प्रबंध प्रतिमा, चाबुक, चयन।

समीक्षा – पंत और पल्लव, रवींद्र कविता – कानन।

संपादन कार्य – रामकृष्ण मिशन द्वारा प्रकाशित पत्रिका ‘समन्वय’ का संपादन, ‘मतवाला’ पत्रिका का संपादन।

साहित्यिक विशेषताएँ – भाव एवं विचार पक्ष-

  1. निराला जी के काव्य में भावों और विचारों की व्यापकता और विविधता के दर्शन होते हैं।
  2. वे एक ओर भारतीय इतिहास, दर्शन और परंपरा को रचना का आधार बनाते हैं तो दूसरी ओर आधुनिक जीवन के यथार्थ का चित्रण भी करते हैं।
  3. छायावादी विशेषताएँ जैसे गंभीर प्रेम, प्रकृति चित्रण और रहस्यवाद का चित्रण।
  4. शोषितों, दीन-हीन जनों और किसानों के जीवन का चित्रण।
  5. उनकी कविताओं में छायावाद, प्रगतिवाद एवं प्रयोगवाद– तीनों की विशेषताएँ मिलती हैं।

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