NCERT Solutions Class 12th Hindi अंतरा Chapter – 4 बनारस Question & Answer

NCERT Solutions Class 12th Hindi अंतरा Chapter – 4 बनारस

TextbookNCERT
ClassClass 12th
SubjectHindi
ChapterChapter – 4
Grammar Nameबनारस
CategoryClass 12th Hindi अंतरा 
MediumHindi
SourceLast Doubt

NCERT Solutions Class 12th Hindi अंतरा Chapter – 4 बनारस Question & Answer इस में हम पढेंगें बनारस क्यों मशहूर है?, बनारस में क्या क्या प्रसिद्ध है?, बनारस और काशी में क्या अंतर है?, बनारस का असली नाम क्या है?, बनारस घूमने का सबसे अच्छा समय क्या है?, काशी में कौन से भगवान हैं?, बनारस का फेमस मिठाई कौन सा है?, बनारस का सबसे मशहूर क्या है?, बनारस घूमने में कितना खर्चा आता है?, बनारस की शादी कैसे होती है?, मिठाइयों की रानी कौन है?, बनारस में क्या बनता है?, मिठाई का राजा कौन है?, बनारस कौन से जिले में आता है?, बनारस कौन सा जिला में आता है?

NCERT Solutions Class 12th Hindi अंतरा Chapter – 1 बनारस

Chapter – 4

बनारस

प्रश्न – उत्तर

प्रश्न 1. बनारस में वसंत का आगमन कैसे होता है और उसका क्या प्रभाव इस शहर पर पड़ता है?
उत्तर – कवि के अनुसार अचानक बनारस में वसंत का आगमन होता है। मुहल्लों के हर स्थानों पर धूल का बवंडर बनने लगता है। इस कारण चारों ओर धूल छा जाती है और लोगों के मुँह में धूल के होने से किरकिराहट उत्पन्न होने लगती है। प्राय: वसंत में फूलों की बहार छा जाती है, सुंगध सारे वातावरण में व्याप्त हो जाती है। नए पत्ते तथा कोपलें निकलने लगती है। परन्तु इस वसंत में ऐसा कुछ नहीं है। यहाँ तो बिलकुल अलग तरह का वसंत आता है, जो धूल से भरा होता है। भिखारी के कटोरों के मध्य वसंत उतरता दिखाई देता है। गंगा के घाट लोगों से भर जाते हैं। यहाँ तक इस मौसम में बंदरों की आँखों में नमी दिखाई देती है।
प्रश्न 2. ‘खाली कटोरों में वसंत का उतरना’ से क्या आशय है?
उत्तर – ‘खाली कटोरों में वसंत का उतरना’ का आशय है कि भिखारी को भीख मिलने लगी है। इससे पहले उन्हें भीख नसीब नहीं हो रही थी। गंगा के घाटों में भिखारी भिक्षा की उम्मीद पर आँखें बिछाए बैठे हुए थे लेकिन उनके भिक्षापात्र खाली ही थे। अचानक घाट पर भीड़ बढ़ने लगी है और लोग उन्हें भिक्षा दे रहे हैं। भिक्षा मिलने से उनके खाने-पीने संबंधी चिंताएँ कुछ समय के लिए समाप्त हो गई हैं और उनके मुख पर प्रसन्नता दिखाई देनी लगी है। अत: कवि इस स्थिति को खाली कटोरों में वसंत का उतरना कहता है।
प्रश्न 3. बनारस की पूर्णता और रिक्तता को कवि ने किस प्रकार दिखाया है ?
उत्तर – कवि बनारस की पूर्णता को उसके उल्लास भरे दिन से दर्शाता है। उसके अनुसार यह शहर हर स्थिति में प्रसन्न रहता है। यहाँ का हर दिन तकलीफों तथा कठिनाइयों के बाद भी उल्लास और आनंद से भरपूर होता है। बनारस की रिक्तता को वह मृत शरीरों के माध्यम से दर्शाता है। उसके अनुसार रोज़ ही यहाँ कितने शव दाह-संस्कार के लिए गंगा घाट की ओर जाते हैं। वे शव कंधों पर सवार होकर अपनी जीवन की अंतिम यात्रा पर निकल रहे होते हैं। यह रिक्तता बनारस का नित्य क्रम है, जो मृत्यु रूपी परम सत्य का अहसास दिलाती है।
प्रश्न 4. बनारस में धीरे-धीरे क्या होता है? ‘धीरे-धीरे’ से कवि इस शहर के बारे में क्या कहना चाहता है?
उत्तर – कवि के अनुसार बनारस शहर में धूल धीरे-धीरे उड़ती है, यहाँ लोग धीरे-धीरे चलते हैं, धीरे-धीरे ही यहाँ मंदिरों में घंटे बजते हैं तथा शाम भी यहाँ धीरे-धीरे होती है। कवि के अनुसार यहाँ सभी कार्य धीरे-धीरे होना इस शहर की विशेषता है। यह शहर को सामूहिक लय प्रदान करता है। धीरे-धीरे शब्दों द्वारा कवि बनारस में हो रहे बदलावों को दर्शाता है। उसके अनुसार सारी दुनिया में तेज़ी से बदलाव हो रहे हैं। इन बदलावों की रफ़्तार इतनी तेज़ है कि पुराना सब खो गया है। लोग स्वयं को इन बदलावों में झोंक रहे हैं। इससे हमारी सभ्यता और संस्कृति को नुकसान पहुँचता है। परन्तु बनारस इन बदलावों से अभी तक अछूता है। वहाँ बदलाव हो अवश्य रहे हैं परन्तु उनकी रफ़्तार बहुत कम है। इस प्रकार आज भी बनारस की संस्कृति, विरासत तथा धार्मिक मान्यताएँ वैसी की वैसी ही बनी हुई हैं। वह अपने पुराने स्वरूप को बनाए हुए है। तेज़ी के इस दौर में वह भूत तथा वर्तमान से बंधे हुए दृढ़तापूर्वक चल रहा है।
प्रश्न 5. धीरे-धीरे होने की सामूहिक लय में क्या-क्या बँधा है?
उत्तर – धीरे-धीरे की इस सामूहिक लय में पूरा बनारस बंधा हुआ है। यह लय इस शहर को मजबूती प्रदान करती है। धीरे-धीरे की सामूहिक लय में यहाँ बदलाव नहीं हुए हैं और चीज़ें प्राचीनकाल से जहाँ विद्यमान थीं, वहीं पर स्थित हैं। गंगा के घाटों पर बंधी नाव आज भी वहीं बँधी रहती है, जहाँ सदियों से बँधी चली आ रही हैं। संत कवि तुलसीदास जी की खड़ाऊ भी सदियों से उसी स्थान पर सुसज्जित हैं। भाव यह है कि धीरे-धीरे की सामूहिक लय के कारण शहर बँधा ही नहीं है बल्कि वह इस कारण से मजबूत हो गया है। अपने आस-पास हो रहे बदलावों से यह शहर अछूता है। यहाँ कि प्राचीन परंपराएँ, संस्कृति, मान्ताएँ, धार्मिक आस्थाएँ, ऐतिहासिक विरासत वैसी की वैसी ही हैं। लोग आज वैसे ही गंगा को माता की संज्ञा देकर उसकी पूजा अर्चना करते हैं, उनमें आधुनिक सभ्यता का रंग नहीं चढ़ा है इसलिए यह शहर अपने पुराने स्वरूप को संभाले हुए बढ़ रहा है।

प्रश्न 6. ‘सई साँझ’ में घुसने पर बनारस की किन-किन विशेषताओं का पता चलता है?
उत्तर – कवि के अनुसार सई-साँझ के समय यदि कोई बनारस शहर में जाता है, तो उसे निम्नलिखित विशेषताओं का पता चलता है।-

(क) यहाँ मंदिरों में हो रही आरती के कारण सारा वातावरण आलोकित हो रहा होता है।

(ख) आरती के आलोक में बनारस शहर की सुंदरता अतुलनीय हो जाती है। यह कभी आधा जल में या आधा जल के ऊपर सा जान पड़ता है।

(ग) यहाँ प्राचीनता तथा आधुनिकता का सुंदर रूप दिखाई देता है। अर्थात जहाँ एक ओर यहाँ प्राचीन मान्यताएँ जीवित हैं, वहीं यह बदलाव की ओर भी अग्रसर है।

(घ) गंगा के घाटो में कहीं पूजा का शोर है, तो कहीं शवों का दाहसंस्कार होता है, जो हमें जीवन के कड़वे सत्य के दर्शन कराता है।

प्रश्न 7. बनारस शहर के लिए जो मानवीय क्रियाएँ इस कविता में आई हैं, उनका व्यंजनार्थ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर – बनारस शहर के लिए दो जगह मानवीय क्रियाएँ अभिलक्षित हुई हैं। वे इस प्रकार हैं।-

(क) इस महान और पुराने शहर की जीभ किरकिराने लगती है- इसमें व्यंजनार्थ है कि बनारस में धूल भरी आँधी चलने से इस शहर के गली मौहल्लों में धूल ही धूल नज़र आ रही है। जिसके कारण पूरा शहर धूल से अट गया है।

(ख) अपनी एक टाँग पर खड़ा है यह शहर अपनी दूसरी टाँग से बिल्कुल बेखबर!- इसमें व्यंजनार्थ है कि बनारस आध्यात्मिकता में इतना रत है कि उसे हो रहे बदलावों के विषयों में ज्ञान ही नहीं है। बनारस अब आधुनिकता की तरफ भी अग्रसर है। वह बस आध्यात्मिकता के रंग में रंगा हुआ दूसरे पक्ष से बिल्कुल अनजान खड़ा है।

प्रश्न 8. शिल्प-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए-
(क) ‘यह धीरे-धीरे होना …………. समूचे शहर को’
(ख) ‘अगर ध्यान से देखो ………….. और आधा नहीं है’
(ग) ‘अपनी एक टाँग पर ……………. बेखबर’
उत्तर – (क) ‘धीरे-धीरे’ होना में पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार है। इसके माध्यम से कवि ने बनारस में हो रहे बदलावों की गति को व्यक्त किया है। धीरेपन को बनारस की विशेषता बताया गया है। लाक्षणिकता का भाव भाषा में समाहित है।

(ख) इन पंक्तियों के माध्यम से कवि ने बनारस की विचित्रता को दर्शाया है। उसे यहाँ जब कुछ पूर्ण नहीं दिखाई देता। वह आधा बोलकर इस अधूरेपन को व्यक्त करता है। प्रतीकात्कता का भाव विद्यमान है तथा अनुप्रास अलंकार की छटा भी बिखरी हुई है। आधा शब्द पंक्तियों में चमत्कार उत्पन्न करता है।

(ग) प्रस्तुत पंक्तियों में कवि बनारस की आध्यात्मिकता का परिचय देता है। वह बस आध्यात्मिकता के रंग में रंगा हुआ है और दूसरे पक्ष से बिल्कुल अनजान है। अनुप्रास की छटा दिखाई देती है। एक टाँग पर खड़ा होना मुहावरा है। प्रस्तुत अंश में इसका प्रभावी प्रयोग है। प्रतीकात्मकता तथा लाक्षणिकता का समावेश है।

NCERT Solutions Class 12th Hindi अंतरा Chapter – 4 केदारनाथ सिंह

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