NCERT Solutions Class 12th Hindi अंतरा Chapter – 17 शेर, पहचान, चार हाथ, साझा Question & Answer

NCERT Solutions Class 12th Hindi अंतरा Chapter – 17 शेर, पहचान, चार हाथ, साझा

TextbookNCERT
Class Class 12th
Subject Hindi
Chapter 17
Grammar Nameशेर, पहचान, चार हाथ, साझा
CategoryClass 12th  Hindi अंतरा 
Medium Hindi
SourceLast Doubt

NCERT Solutions Class 12th Hindi अंतरा Chapter – 17 शेर, पहचान, चार हाथ, साझा Question & Answer पाठ शेर पहचान चार हाथ साझा के लेखक कौन हैं? शेर लघु कथा में किसका प्रतीक है? पहचान लघु कथा का प्रतिपाद्य क्या है? दो शेर किसका प्रतीक हैं? चार हाथ कहानी का प्रतिपाद्य क्या है? गूंगे को किसका प्रतीक बताया गया है? राजा ने जनता को क्या हुक्म दिया? साझा कहानी में लेखक ने क्या बताना चाहा है?

NCERT Solutions Class 12th Hindi अंतरा Chapter – 17 शेर, पहचान, चार हाथ, साझा

Chapter -17

शेर, पहचान, चार हाथ, साझा

प्रश्न – उत्तर

अभ्यास प्रश्न – उत्तर 

प्रश्न. 1. लोमड़ी स्वेच्छा से शेर के मुँह में क्यों चली जा रही थी?
उत्तर – लोमड़ी बेरोजगार थी, उसने सुना था कि शेर के मुँह में रोज़गार का दफ्तर है। वहाँ नौकरी मिलती है। इसलिए वह नौकरी के लिए आवेदन करने जा रही थी। यही कारण था कि वह स्वेच्छा से शेर के मुँह में चली जा रही थी।
प्रश्न 2. कहानी में लेखक ने शेर को किस बात का प्रतीक बताया है?
उत्तर – कहानी में लेखक ने शेर को व्यवस्था का प्रतीक बताया है। इसके पेट में जंगल के सभी जानवरकिसी-न-किसी प्रलोभन के चलते समाते चले जा रहे हैं। लेखक कहना चाहता है कि सत्ता तभी तक खामोश रहती है जब तक सब उसकी आज्ञा का पालन करते रहें। विरोध होते ही वह खूंखार हो जाती है।
प्रश्न 3. शेर के मुँह और रोज़गार के दफ़्तर के बीच क्या अंतर है?
उत्तर – शेर का मुँह रोज़गार का दफ्तर है। वहाँ हर व्यक्ति को लोभ दिखाई देता है कि उसे रोज़गार मिलेगा। जब वह अंदर जाता है तो उसे पता चलता है कि वह छला गया है। उसे कम मज़दूरी पर काम करना पड़ता है। रोजगार के दफ्तर में योग्यतानुसार उचित पारिश्रमिक पर रोज़गार मिलता है।
प्रश्न 4. ‘प्रमाण से अधिक महत्वपूर्ण है विश्वास’ कहानी के आधार पर टिप्पणी कीजिए।
उत्तर – लेखक कहता है कि हर शासन व्यवस्था विश्वास पर चलती है। यदि उस व्यवस्था में विश्वास नहीं है। तो गुण होने के बावजूद वह स्वयं को बचा नहीं पाती। लेखक इस परंपरा से हटकर व्यवस्था से प्रमाण माँगता है। उसे लगता है कि उसे छला जा रहा है, परंतु ऐसा करने पर व्यवस्था उस पर प्रहार करती है।

पहचान

प्रश्न 1. राजा ने जनता को हुक्म क्यों दिया कि सब लोग अपनी आँखें बंद कर लें?
उत्तर – राजा ने जनता को हुक्म दिया कि सब लोग अपनी आँखें बंद कर लें। ऐसा करने से उन्हें शांति मिलेगी। प्रतीक रूप राजा अपने गलत कार्यों के प्रति जनता को उदासीन रहने के लिए कहता है।
प्रश्न 2. आँखें बंद रखने और आँखें खोलकर देखने के क्या परिणाम निकले?
उत्तर – आँखें बंद रखने से लोगों को शांति मिली। वे आँखें बंद करके सारा काम करते थे। इसका फायदा यह हुआ कि काम पहले की तुलना में बहुत अधिक और अच्छा हो रहा था। जब जनता ने आँखें खोलकर देखी तो उन्हें पता चला कि प्रगति सिर्फ राजा की हुई है, उनकी नहीं। वे बेहद दीन दशा में हैं।

प्रश्न 3. राजा ने कौन-कौन से हुक्म निकाले? सूची बनाइए और इनके निहितार्थ लिखिए।
उत्तर – राजा ने निम्नलिखित हुक्म निकाले:
1. लोगों को आँखें बंद करने के लिए कहा गया।
2. फिर कानों में पिघला सीसा डालने के आदेश हुए।
3. फिर उन्हें होंठ सिलवाने के आदेश जारी हुए।
इन सभी आदेशों का निहितार्थ यह था कि जनता अंधी बहरी व गूंगी  रहे ताकि काम करता रहे। प्रजा का काम राजा के आदेशों का पालन करना था।

प्रश्न 4. जनता राजा की स्थिति की ओर से आँखें बंद कर ले तो उसका राज्य पर क्या प्रभाव पड़ेगा? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर – यदि जनता राज्य की स्थिति की ओर से आँखें बंद कर ले तो यह राज्य के हित में होगा क्योंकि राज्य में उत्पादन बढ़ जाएगा। इसके विपरीत,जनता की हालत दयनीय हो जाएगी क्योंकि राजा निरंकुश  से राज करेगा। उसके खिलाफ विरोध करने की क्षमता समाप्त हो जाएगी।
प्रश्न 5. खैराती, रामू और छिद्दू ने जब आँखें खोली तो उन्हें सामने राजा ही क्यों दिखाई दिया?
उत्तर – खैराती, रामू और छिद्दू ने जब आँखें खोलीं तो उन्हें सिर्फ राजा ही दिखाई दिया। इसका कारण यह था कि राजा के आदेशों के पालन से सिर्फ राजा की प्रगति हुई। जनता को उससे कोई लाभ नहीं मिला

चार हाथ

प्रश्न 1. मज़दूरों को चार हाथ देने के लिए मिल मालिक ने क्या किया और उसका क्या परिणाम निकला?
उत्तर – मजदूरों को चार हाथ देने के लिए मिल मालिक ने बड़े वैज्ञानिकों को भारी वेतन पर रखा। वे उसकी  नौकरी करने लगे। उन वैज्ञानिकों का काम था कि वे ऐसी तकनीक निकाले कि आदमी के चार हाथ हो जाएँ। कई सालों के प्रयोग तथा शोध के बाद वैज्ञानिकों ने कहा कि यह असंभव है कि आदमी केचार हाथ हो जाए। उसने उन्हें नौकरी से निकाल दिया। उसने स्वयं इस काम को पूरा करने का बीड़ा उसने कटे हाथ मज़दूरों को फिट करवाए। परंतु असफल रहे। लकड़ी व लोहे के हाथ भी नहीं लग सके।
प्रश्न 2. चार हाथ न लग पाने पर मिल मालिक की समझ में क्या बात आई?
उत्तर – मिल मालिक ने मजदूरों को चार हाथ लगाने की कोशिश की,परंतु असफल रहा। फिर उसको समझ में एक बात आई। उसने मज़दूरों का वेतन आधा कर दिया और दोगुने मज़दूर नौकर रख लिए। इससे  उसका लक्ष्य पूरा हो गया।

साझा

प्रश्न 1. साझे की खेती के बारे में हाथी ने किसान को क्या बताया?
उत्तर – साझे की खेती के बारे में हाथी ने किसान को समझाया कि साझे की खेती से यह लाभ होगा कि जंगल के छोटे-मोटे जानवर उसकी खेती को नुकसान नहीं पहुँचा सकेंगे। उसके खेतों की रखवाली अच्छी तरह हो जाएगी। ‘हाथी’ यहाँ प्रभावी लोगों का वर्ग है। वह किसानों का शोषण करता है।
प्रश्न 2. हाथी ने खेती की रखवाली के लिए क्या घोषणा की?
उत्तर – हाथी ने किसान से साझे की खेती शुरू की। उसने पूरे जंगल में घोषणा करवा दी कि गन्ने में उसका साझा है, इसलिए कोई जानवर खेत को नुकसान न पहुँचाए। जो नुकसान पहुँचाने की कोशिश करेगा उसका परिणाम अच्छा नहीं होगा।
प्रश्न 3. आधी-आधी फसल हाथी ने किस तरह बाँटी?
उत्तर – फसल तैयार होने पर किसान चाहता था कि फसल आधी-आधी बाँट ली जाए। उसने हाथी से इस बारे में बात की तो वह क्रोधित हो गया। उसने कहा कि बटवारे की बात छोटी है। हम दोनों ने इसे तैयार किया है,आओ मिलकर खाए। किसान के कुछ कहने से पहले हाथी ने सूँड से गन्ना तोड़ा और उसे खाने के लिए कहा। गन्ने का एक छोर हाथी की सूँड में था तथा दूसरा आदमी के मुँह में। गन्ने के साथ-साथ आदमी हाथी के मुँह की तरफ खिंचने लगा तो उसने गन्ना छोड़ दिया। इस पर हाथी ने कहा कि देखो हमने एक गन्ना खा लिया। इस तरह फसल बँट गई।

योग्यता विस्तार

शेर

प्रश्न 1  इस कहानी में हमारी व्यवस्था पर जो व्यंग्य किया गया है, उसे स्पष्ट कीजिए।
उत्तर – इस कहानी में लेखक ने हमारी शासन व्यवस्था पर करारा व्यंग्य किया है। शेर के माध्यम से उसने यह व्यंग्य किया है। पहली बार में कहानी स्पष्ट नहीं हो पाती है। जब हम गंभीरता से इसे पुनः पढ़ते हैं, तो समझ आता है कि लेखक ने शासन व्यवस्था की खिल्ली उड़ाई है। उसे पढ़कर हँसने लगते हैं। शेर का मुँह उस शासन व्यवस्था को दर्शाता है, जिसमें लोग जाकर कभी लौट नहीं पाते हैं। वे मुँह में समाकर मर जाते हैं या उनका अस्तित्व नष्ट हो जाता है। यहाँ पर बस विश्वास के सहारे ही खाई में गिरने को तैयार हो जाते हैं। नेताओं द्वारा चुनाव जीतने से पहले आम जनता को विभिन्न प्रकार के प्रलोभन दिए जाते हैं। उन्हें विश्वास दिलाया जाता है कि वह उनका पूरा ख्याल रखेंगे। जनता उस झाँसे को सच मान लेती है और अपना मत देकर उन्हें विजयी बना देती है। इस प्रकार वे विश्वास में अपना शोषण करवाती है और गलत उम्मीदवार को चुन लेती है। उम्मीदवार भी अंत तक उन्हें विश्वास के धोखे में रखता है और उनका जमकर शोषण करता है।
प्रश्न 2. यदि आपके भी सींग निकल आते तो आप क्या करते?
उत्तर – यदि मेरे सींग निकल आते तो मैं डॉक्टर के पास जाता और उसके उगने का कारण पूछता। उसके बाद प्रयास करता कि इसका इलाज करवाया जा सके ताकि समय रहते मैं इस समस्या से मुक्ति पा जाऊँ।

पहचान

प्रश्न 1. गांधी जी के तीनों बंदर आँख, कान, मुँह बंद करते थे किंतु उनका उद्देश्य अलग था कि वे बुरा न देखेंगे, न सुनेंगे, न बोलेंगे। यहाँ राजा ने अपने लाभ के लिए या राज्य की प्रगति के लिए ऐसा किया। दोनों की तुलना कीजिए।
उत्तर – गांधी जी के तीनों बंदरों का उद्देश्य बहुत ही अलग और शुद्ध है। वे आँख बंद किए रहते हैं ताकि बुराई को न देखें। बुराई को देखकर मनुष्य स्वयं बुराई करने के लिए प्रेरित होता है। अतः इस तरह बुराई की तरफ मनुष्य को जाने से रोका गया है। दूसरा बंदर बुराई न सुनने के लिए कहता है। दूसरे की बुराई सुनने वाला व्यक्ति अच्छा नहीं होता है। दूसरे की बुराई सुनकर उसके मन में भी बुराई आ सकती है। अतः उसे ऐसा करने से रोका गया है। इसी तरह तीसरा बंदर मुँह बंदर करके बताना चाहता है कि हम बुराई नहीं बोलेंगे। इस तरह बुराई को मुँह से नहीं निकालने के लिए प्रेरित किया गया है। इस तरह मनुष्य को पवित्रता की ओर बढ़ाया गया है। राजा द्वारा प्रजा की आँखें बंद करवाना, कानों में सीसा डलवाना तथा मुँह को सिलवा देना प्रतीक है कि प्रजा को इस कार्य के लिए दबाव बनाया जा रहा है। यह कार्य प्रजा अपनी स्वेच्छा से और अपनी प्रगति के लिए नहीं कर रही है। यह राजा द्वारा उन्हें बहकाकर या जबरदस्ती करवाया जा रहा है। इसमें प्रजा का नुकसान है। उसकी खुशहाली और प्रगति की बातें मात्र झूठ और धोखा है। अतः दोनों में बहुत अंतर है।
प्रश्न 2. भारतेंदु हरिशचंद्र का ‘अंधेर नगरी चौपट राजा’ नाटक देखिए और उस राजा से ‘पहचान’ के राजा की तुलना कीजिए।
उत्तर – भारतेंदु हरिशचंद्र द्वारा रचित नाटक ‘अंधेर नगरी चौपट राजा’ नाटक में राजा निरा मूर्ख है। उसके पास ऐसी बुद्धि ही नहीं है कि वह प्रजा की सोच को बंद कर सके। वह अपने अजीब फैसलों से जनता को परेशान करता रहता है। उसके यहाँ रबड़ी से लेकर सोना तक एक आना सेर मिलता है। अर्थात वह कीमती और मूल्यविहिन वस्तुओं की कीमत एक-सी रखता है। उसे प्रजा की प्रगति और विकास से कोई सरोकार नहीं है। न्याय के नाम पर किसी ओर के स्थान पर किसी दूसरे को फांसी चढ़ा देता है। यहाँ तक की अंत में अपनी मूर्ख बुद्धि के कारण स्वयं ही फांसी पर लटक जाता है। इस पाठ का राजा बहुत बुद्धिमान है। वह जानता है कि जनता को अपने फायदे के लिए कैसे गुलाम बनाया जा सकता है? अपनी शक्ति का कैसे गलत फायदा उठाया जा सकता है? वह जनता को विवश कर देता है कि प्रगति तथा विकास के लिए अपनी आँख, कान तथा मुँह को बंद करके रखे। वह जनता का फायदा भी उठता है, उन्हें पता भी नहीं चलने देता। अतः यह राजा अधिक चतुर है।

चार हाथ

प्रश्न 1. आप यदि मिल मालिक होते तो उत्पादन दो गुना करने के लिए क्या करते?
उत्तर – यदि मैं मिल मालिक होता तो उत्पादन दो गुना बढ़ाने के लिए मज़दूरों को बोनस देता। ऐसे उपहार रखता, जिससे लोगों को काम करने के लिए प्रोत्साहन मिले। उनको ओवर टाइम देता। इसके अतिरिक्त उनकी हर सुख-सुविधा का ध्यान रखता। मुझे यकीन है कि इसके बाद मेरा उत्पादन दो गुना नहीं बल्कि चार गुना बढ़ जाता।

साझा

प्रश्न 1. कहानी और लघुकथा में अंतर जानिए।
उत्तर – कहानी और लघुकथा में अंतर इस प्रकार है-
(क) कहानी के अंदर आरंभ, मध्य तथा अंत होता है। लघुकथा में ऐसा नहीं होता है।
(ख) कहानी में कथा का गठन तथा पात्रों का चरित्र-चित्रण होता है। लघुकथा में ऐसा नहीं होता है।
(ग) कहानी का आकार लघुकथा से बड़ा होता है।
(घ) लघुकथा संक्षिप्त होती है। कहानी लघुकथा की तुलना में बहुत बड़ी होती है।

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