NCERT Solutions Class 12th अर्थशास्त्र (Economics) Part – 2 Chapter – 9 पर्यावरण एवं धारणीय विकास (Environment and Sustainable Development)
Textbook | NCERT |
Class | 12th |
Subject | अर्थशास्त्र (Economics) |
Chapter | 9th |
Chapter Name | पर्यावरण एवं धारणीय विकास (Environment and Sustainable Development) |
Category | Class 12th Economics |
Medium | Hindi |
Source | Last Doubt |
NCERT Solutions Class 12th अर्थशास्त्र (Economics) Part – 2 Chapter – 9 पर्यावरण एवं धारणीय विकास (Environment and Sustainable Development) Notes In Hindi जिसमे हम पर्यावरण क्या है, पर्यावरण के घटक, मुख्य मुद्दे, वैश्विक उष्णता, ओजोन क्षय, धारणीय विकास, पर्यावरण संकट के कारण, जैविक आदि के बारे में पढ़ेंगे।
NCERT Solutions Class 12th अर्थशास्त्र (Economics) Part – 2 Chapter – 9 पर्यावरण एवं धारणीय विकास (Environment and Sustainable Development)
Chapter – 9
पर्यावरण एवं धारणीय विकास
Notes
पर्यावरण क्या है – पर्यावरण को समस्त भूमंडलीय विरासत और सभी संसाधनों की समग्रता के रूप में परिभाषित किया जाता है। |
पर्यावरण के घटक – जैविक तथा अजैविक। |
पर्यावरण संकट – जब संसाधनाके का निष्कर्षण पुनर्जनन की दर से अधिक हो जाता है। |
पर्यावरण संकट के कारण – बढ़ती जनसंख्या, निर्धनता, अत्यधिक ओद्योगीकरण। पर्यावरण संकट से निपटने की लागतें बहुत अधिक होती है। इसलिए, पर्यावरण संकट की अवसर लागत ऊँची होती है। |
मुख्य मुद्दे – वैश्विक उष्णता, ओजोन क्षय |
वैश्विक उष्णता- वायुमंडल में कार्बनडाइऑक्साइड तथा अन्य ग्रीनहाउस गैसेस के स्तर में वृद्धि से विश्व के औसत तापमान में वृद्धि।
- ध्रुवीय हिम का पिघलना, समुद्री स्तर में वृद्धि।
- तूफानों की बारंबारता
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ओजोन क्षय- क्लारोफ्लोरोकार्बन्स के कारण वायुमंडल में ओजोन की मात्रा में कमी से संबंधित।
- जीव जंतुओं को क्षति
- मनुष्यों में त्वचा – कैंसर का कारण माना जाता है
- जलीय जीव तथा स्थलीय पौधों की संवृद्धि पर प्रभाव।
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भारत की पर्यावरण समस्याएँ- वायु प्रदूषण
- दूषित जल
- मृदा-क्षरण
- वन कटाव
- वन्य जीवन की विलप्ति
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धारणीय विकास – संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण तथा विकास सम्मेलन (UNCED) ने इसे इस प्रकार परिभाषित किया ऐसा विकास जो वर्तमान पीढ़ी की आवश्यकताओं को भावी पीढ़ियों की आवश्यकताओं की पूर्ति क्षमता का समझौता किये बिना पूरा करे। |
हरमन डेली द्वारा धारणीय विकास की प्राप्ति के लिए दिए गए सुझाव- बढ़ती जनसंख्या पर नियंत्रण
- कुशल तकनीकी प्रगति
- धारणीय आधार पर नवीकरणीय संसाधनों का निष्कर्षण।
- गैर – नवीकरणीय संसाधनों के अपक्षय की दर नवीकरणीय । विकल्प के निर्माण की दर से अधिक नहीं होनी चाहिए |
- प्रदूषण से उत्पन्न होने वाली अक्षमताओं को ठीक किया जाना चाहिए।
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भारत द्वारा अपनाई गयी धारणीय विकास की रणनीतियाँ- सौर तथा वायु ऊर्जा का उपयोग ।
- परिवहन ईंधन के रूप में CNG का उपयोग।
- ग्रामीण क्षेत्रों में LPG तथा गोबर गैस का उपयोग।
- लघु जलीय प्लांट।
- स्वास्थ्य देखभाल के लिए पारंपरिक पर्यावरण हितकारी प्रणाली का उपयोग।
- जैविक कम्पोस्ट खाद का उपयोग
- जैविक कीट नियंत्रण
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