NCERT Solutions Class 11th Political Science (भारत का संविधान : सिद्धान्त और व्यवहार) Chapter – 9 संविधान एक जीवंत दस्तावेज़ (Constitution as a Living Document)
Textbook | NCERT |
Class | 11th |
Subject | Political Science (भारत का संविधान : सिद्धान्त और व्यवहार) |
Chapter | Chapter – 9 |
Chapter Name | संविधान एक जीवंत दस्तावेज़ |
Category | Class 11th Political Science |
Medium | Hindi |
Source | Last Doubt |
NCERT Solutions Class 11th Political Science (भारत का संविधान : सिद्धान्त और व्यवहार) Chapter – 9 संविधान एक जीवंत दस्तावेज़ (Constitution as a Living Document) Notes In Hindi कुल कितने संविधान हैं?, भारत में कुल कितने संविधान है?, संविधान को पवित्र किसने कहा?, 2024 में भारतीय संविधान में कितने अनुच्छेद हैं?, संविधान में कितने अंग होते हैं?, भारतीय संविधान में 2023 तक कितने संशोधन हैं?, संविधान का जनक कौन है?, संविधान के पिता का नाम क्या था?, संविधान दिवस के जनक कौन है?, अनुच्छेद 356 में क्या है?, अनुच्छेद 1 में क्या कहा गया है?, अनुच्छेद 355 में क्या है? |
NCERT Solutions Class 11th Political Science (भारत का संविधान : सिद्धान्त और व्यवहार) Chapter – 9 संविधान एक जीवंत दस्तावेज़ (Constitution as a Living Document)
Chapter – 9
संविधान एक जीवंत दस्तावेज़
Notes
संविधान (i) संविधान समाज की इच्छाओं और आकांक्षाओं का प्रतिबिम्ब होता है। यह एक लिखित दस्तावेज़ है जिसे समाज के प्रतिनिधि तैयार करते है। संविधान का अंगीकरण 26 नवम्बर 1949 को हुआ और इसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया। (ii) भारत के संविधान को 26 नवंबर, 1949 को अपनाया गया था और इसका कार्यान्वयन 26 जनवरी, 1950 से शुरू हुआ था। (iii) 1950 के बाद से, एक ही संविधान देश में संचालित होने वाले ढांचे के तहत कार्य करना जारी रखा है। (iv) हमारे संविधान की मूल संरचना को बदला नहीं जा सकता है और इसे देश की उपयुक्तता के अनुसार बनाया गया है। |
संविधान में जीवंतता है
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लचीला संविधान – जिसमें संशोधन सरलता से वैसे ही किया जाता है जैसे कानून बनाया जाता है उदाहरण के लिए – राज्यों के नाम बदलना, उनकी सीमाओं में परिवर्तन करना आदि । संसद के दोनों सदनों द्वारा उपस्थित सदस्यों के साधारण बहुमत से बदल सकते हैं। |
कठोर संविधान – संविधान की कुछ धाराओं को बदलने के लिए संसद के दोनों सदनों का दो तिहाई बहुमत आवश्यक है और कुछ के लिए बहुमत के साथ – साथ कम से कम आधे राज्यों के विधानमंडल द्वारा संशोधन पर समर्थन आवश्यक है। |
संविधान में संशोधन
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संविधान में संशोधन – संविधान में संशोधन करने के तरीके- • संसद में सामान्य बहुमत के आधार पर। • संसद के दोनों सदनों में अलग – अलग विशेष बहुमत के आधार पर संविधान में संशोधन का प्रस्ताव। • विशेष बहुमत और आधे राज्यो के समर्थन द्वारा संशोधन |
संविधान में संशोधन – संविधान में संशोधन करने के तरीके- |
संसद में सामान्य बहुमत के आधार पर प्रावधान
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विशेष बहुमत और आधे राज्यो के समर्थन द्वारा संशोधन का प्रावधान
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साधारण बहुमत व विशेष बहुमत में अंतर साधारण बहुमत – मतदान करने वाले सदस्यों का संख्या 50 % +1 है। विशेष बहुमत – सदन के कुल सदस्यों का 2/3 बहुमत है । |
अनुच्छेद 368 – अनुच्छेद 368 में कहा गया है कि संसद अपने संविधान संशोधन के माध्यम से अपने संसदीय शक्ति संशोधन को लागू कर सकती है , इस लेख में निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार इस संविधान के किसी प्रावधान को निरस्त कर सकती है। |
संविधान में संवैधानिक संशोधनों द्वारा दिए गए कुछ परिवर्तनों 1. 1951 :- संपत्ति के अधिकार का संशोधन संविधान मे नौवीं अनुसूची जोड़ी गई। 2. 1969 :- उच्चतम न्यायालय का निर्णय कि संसद संविधान में संशोधन नहीं कर सकती जिससे मौलिक अधिकारों का हनन हो। 3. 1989 :- 61 वां संशोधन – मतदान की आयु 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष। 4. 73वां, 74वां संशोधन :- स्थानीय स्वशासन। 5. 93वां संशोधन :- (2005) उच्च शिक्षा संस्थानों में पिछड़ा वर्ग के लिए स्थान आरक्षित। 6. 42 वां संशोधन :- (1976) प्रस्तावना में पंथ निरपेक्ष व समाजवादी शब्द का जुड़ना। 7. 52 वां संशोधन :- (1985) दल बदल पर रोक। |
संविधान में इतने संशोधन क्यों (i) हमारा संविधान द्वितीय महायुद्ध के बाद बना था उस समय की स्थितियों में यह सुचारू रूप से काम कर रहा था पर जब स्थिति में बदलाव आता गया तो संविधान को संजीव यन्त्र के रूप में बनाए रखने के लिए संशोधन किए गए। (ii) इतने ( लगभग 100 ) अधिक संशोधन हमारे संविधान में समय की आवश्यकतानुसार लोकतंत्र को सुचारू रूप से चलाने के लिए किए गए। |
संविधान में किए गए संशोधनों का विभाजन – संविधान में किए गए संशोधनों का तीन श्रेणियों में- • विभाजन-प्रशासनिक संशोधन • संविधान की व्याख्या से संबंधित • राजनीतिक आम सहमति से उत्पन्न संशोधन |
विवादस्पद संशोधन – वे संशोधन जिनके कारण विवाद हो । संशोधन 38वां , 39वां 42वां विवादस्पद माने जाते है। ये आपातकाल में हुए संशोधन इसी श्रेणी में आते हैं । विपक्षी सांसद जेलों में थे और सरकार को असीमित अधिकार मिल गए थे। |
संविधान की मूल संरचना का सिद्धान्त – यह सिद्धान्त सर्वोच्च न्यायालय ने केशवानंद भारती मामले में 1973 में दिया था। इस निर्णय ने संविधान के विकास में निम्नलिखित सहयोग दिया-
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संविधान एक जीवंत दस्तावेज – संविधान एक गतिशील दस्तावेज है। भारतीय संविधान का अस्तित्व 67 वर्षों से है इस बीच यह अनेक तनावों से गुजरा है। भारत में उतने परिवर्तनों के बाद भी यह संविधान अपनी गतिशीलता और बदलती हुई परिस्थितियों के अनुसार सामंजस्य के साथ कार्य कर रहा है। परिस्थितियों के अनुकुल परिवर्तनशील रह कर नई चुनौतियों का सफलतापूर्वक मुकाबला करते हुए भारत का संविधान खरा उतरता है यहीं उसकी जीवतंता का प्रमाण है। |
स्वतंत्रता के लिए प्रतिबंधों की आवश्यकता क्यों है ?
अगर स्वतंत्रता पर प्रतिबंध न होंगे तो समाज अव्यवस्था की गर्त में पहुंच जाएगा। लोगों के बीच टकराव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
प्रतिबंधों के स्रोत क्या है?
कानून द्वारा, बल के आधार पर
नकारात्मक स्वतंत्रता से आप क्या समझते है ?
एक ऐसा क्षेत्र जिसमें व्यक्ति अबाधित रूप से व्यवहार कर सके।
एक व्यक्ति के लिए स्वतंत्रता क्यों आवश्यक है ?
आत्म अभिव्यक्ति की योग्यता का विस्तार करना तथा प्रतिभा का विकास करना।
जान स्टुअर्ट मिल ने व्यक्ति के कार्यों को कितने भागों में विभाजित किया है?
दो भागों में – स्वसंबद्ध कार्य, परसबंद्ध कार्य
नेल्सन मंडेला की आत्मकथा का शीर्षक क्या है।
लॉग वाक टू फ्रीडम’ (स्वतंत्रता के लिए लंबी यात्रा)
आग सान सू किस देश में स्वतंत्रता के लिए संघर्ष कर रही है ?
म्यांमार में
उदारवादियों के अनुसार स्वतंत्रता का अर्थ लिखिए।
उदारवादियों के अनुसार स्वतंत्रता का केन्द्र बिन्दू व्यक्ति है। व्यक्ति को अधिक, आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक स्वतंत्रता पर बल तथा राज्य की कल्याणकारी भूमिका को बढ़ावा देना।
भारतीय राजनीतिक विचारों में स्वतंत्रता की समानार्थी अवधारण क्या है?
स्वराज की अवधारणा।
“तुम जो कहते हो मैं उसका समर्थन नहीं करता परन्तु मैं मरते दम तक तुम्हारे कहने के अधिकार का बचाव करूंगा।” यह कथन किसका है और इसमें किस प्रकार की स्वतंत्रता की बात कहीं गई है?
यह कथन ‘वाल्तेयर’ का है और इसमें ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की बात कही गयी है।
स्वतंत्रता संबंधी नेताजी सुभाष चन्द्र जी के विचार क्या है ?
ऐसी सर्वांगीण स्वतंत्रता से है- जो व्यक्ति और समाज की हो, अमीर और गरीब की हो, स्त्रियो और पुरूषों की हो तथा सभी लोगों और सभी वर्गों की हो।
‘स्वराज’ शब्द से क्या अभिप्राय है?
स्वराज का अर्थ ‘स्व’ का शसन भी हो सकता है और ‘स्व’ के उपर शासन भी हो सकता है। स्वराज केवल स्वतंत्रता नहीं है बल्कि ऐसी संस्थाओं से मुक्ति भी है, जो मनुष्य को उसकी मनुष्यता से वंचित करती है।
स्वतंत्रता की एक विशेषता का वर्णन कीजिए?
उचित बंधनों का होना।
लोकमान्य तिलक ने स्वराज्य के बारे में क्या कहा था?
स्वाराज मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा”।
सलमान रुश्दी की कौन-सी पुस्तक पर प्रतिबंध लगाया गया था?
द सेटानिक वर्सेस
व्यक्तिगत स्वतंत्रता से आप क्या समझते है ?
मनुष्यों का व्यक्तिगत मामलों में पूरी तरह से स्वतंत्रता होनी चाहिए। भोजन, वस्त्र, शादी-विवाह, रहन-सहन आदि मामलों में राज्य को दखल नहीं देना चाहिए।
राजनीतिक स्वतंत्रता पर अपने विचार प्रकट कीजिए ?
राज्य के नागरिकों को-
1. अपनी सरकार में भाग लेना।
2. मताधिकार का प्रयोग करना।
3. चुनाव लड़ना आदि।
1. अपनी सरकार में भाग लेना।
2. मताधिकार का प्रयोग करना।
3. चुनाव लड़ना आदि।
राष्ट्रीय स्वतंत्रता पर अपने विचार दीजिए ?
राष्ट्र को विदेशी नियंत्रण से स्वतंत्रता प्राप्त होती है। एक स्वतंत्र राष्ट्र ही अपने नागरिकों को अधिकार तथा स्वतंत्रता प्रदान कर सकता है। जिससे नागरिकों अपना सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, आर्थिक तथ राजनैतिक विकास कर सके।
नागरिक स्वतंत्रता का अर्थ बताइए?
एक व्यक्ति को किसी राज्य का नागरिक होने के कारण मिलती है। ऐसी स्वतंत्रता को राज्य के माध्यम से दिया जाता है। राज्य के संरक्षण में ही व्यक्ति इस स्वतंत्रता का प्रयोग अपने विकास के लिए करता है, बिना किसी की स्वतंत्रता को बाधित किए हुए।
आर्थिक स्वतंत्रता का अर्थ स्पष्ट कीजिए ?
अपनी रूचि व योग्यातानुसार व्यवसाय करने की स्वतंत्रता।
देश में उद्योग-धंधों को चलाने की स्वतंत्रता।
धन का उत्पादन व वितरण ठीक ढंग से हो।
बेरोजगारी न हो।
देश में उद्योग-धंधों को चलाने की स्वतंत्रता।
धन का उत्पादन व वितरण ठीक ढंग से हो।
बेरोजगारी न हो।
स्वतंत्रता से आपका क्या अभिप्राय है?
स्वतंत्रता अभिप्राय व्यक्ति पर बाहरी प्रतिबंधों का अभाव है। इसका आशय व्यक्ति की आत्म अभिव्यक्ति की योग्यता का विस्तार करना और उसके अंदर की संभावनाओं को विकसित करना भी है, जिसमें व्यक्ति की रचनात्मकता और क्षमताओं का विकास हो सकें।
फिल्म निर्माता दीपा मेहता को काशी में विधवाओं पर फिल्म बनानें से किस आधार पर रोका गया? यह किस स्वतंत्रता का उल्लंघन था?
भारत की दशा का बुरा चित्रण होना।
विदेशी पर्यटकों की आवश्यकता को पूरा करने के लिए।
काशी नगरी की बदनामी होनी।
यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन था।
विदेशी पर्यटकों की आवश्यकता को पूरा करने के लिए।
काशी नगरी की बदनामी होनी।
यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन था।
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